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Shout out to my newest followers! Excited to have you onboard! Pahadasing Thakur, Rakesh Parmar, रोशन पारगी रोशन पारगी
10/02/2024

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02/02/2024
I have reached 500 followers! Thank you for your continued support. I could not have done it without each of you. 🙏🤗🎉
08/10/2023

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21/10/2022

*बिना आरक्षण के*
*“ ब्राह्मणोका कहर“*

No.1- *राष्ट्रपति सचिवालय* --- कुल पद 49' है जिसमे 'ब्राह्मण : 45
SC'ST- 4"
OBC- 00 "

No.2- *उप राष्ट्रपति सचिवालय* कुल पद 7'
जिसमे 7 के 7 पदों पर ब्राह्मण हैं
"SC/St : 00''
OBC- 00 "

No.3- *मंत्रियो के कैबिनेट सचिव* ----- कुल पद 20 ' जिसमे 19 ब्राह्मण "SC'ST-1 "OBC-00 "

No.4- *प्रधानमंत्री कार्यालय*---कुल पद 35 जिसमे 33 ब्राह्मण "SC'ST-2 OBC-00 "

No.5- *कृषि एवं सिचंन विभाग*-----कुल पद 274 जिसमे 259 ब्राह्मण "SC'ST-15" OBC-00"

No.6- *रक्षा मंत्रालय*---- कुल पद है 1379 जिसमे 1331 ब्राह्मण SC'ST-48 " OBC-00 है "

No.7- *समाज कल्याण एवं हैल्थ मंत्रालय* ------ कुल पद 209 जिनमे 192 ब्राह्मण "SC'ST-17 OBC-00 है

No.8- *वित्त मंत्रालय*---- कुल पद है 1008 जिसमे 942 ब्राह्मण "SC'ST- 66 " OBC- 00 है

No.9- *गृह मंत्रालय*---- कुल पद है 409 जिसमें 377 ब्राह्मण " SC'ST-19" OBC-13 है

No.10- *श्रम मंत्रालय*---- कुल पद है 74 जिसमे 70 ब्राह्मण "SC'ST-4" OBC-00 है

No.11- *रसायन एवं पेट्रोलियम मंत्रालय*----- कुल पद है 121 जिसमे 112 ब्राह्मण " SC'ST-9" OBC-00 है

No.12- *राज्यपाल एवं उपराज्यपाल* -------- कुल पद है 27 जिसमे 25 ब्राह्मण SC'ST-00" OBC-2

No.13- *विदेश मे राजदूत*---- 140 जिसमे 140 ही ब्राह्मण है "SC'ST-00 " OBC-00 है

No.14- *विश्वविद्यालय के कुलपति* ------- कुल पद 108 जिसमे 108 ही ब्राह्मण है " SC'ST-00" OBC-00 है

No.15- *प्रधान सचिव* ---- पद है 26 जिसमे 26 ही ब्राह्मण है " SC'ST-00" OBC-00 है

No.16- *हाइकोर्ट के न्यायाधीश* --- कुल पद 330 जिसमे 326-ब्राह्मण " SC'ST-4" OBC-00 है

No.17- *सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश* ------- कुल पद 23 जिसमे 23 ही ब्राह्मण " SC'ST-00" OBC-00 है

No.18- *IAS अधिकारी*---- 3600 जिसमे 2950 ब्राह्मण " SC'ST-600 " OBC-50 है

No.19- *PTI* ------- कुल पद 2700 जिसमे 2700 ब्राह्मण " SC'ST-00" OBC-00 है "

No.20- *शंकराचार्य* ----- कुल 05 जिसमे 05 ही ब्राह्मण है" SC'ST-00 OBC-00 है ।



*आरक्षण का स्वरूप*

👉 आरक्षण में आपको चावल, गेहूँ, नमक मिल गया और चपरासी, मास्टर, पटवारी आदि में नौकरी लग जाये तो इसे आरक्षण न समझें ...!

*आरक्षण किसे कहते हैं ?*
इसे कुछ उदाहरणों से समझने का प्रयास करें :-

1. जब अपने स्कूल की क्रिकेट टीम में भी चयनित न होने वाले जय साह को सीधे BCCI के सचिव बनाते हैं, -इसे कहते हैं आरक्षण।

2. जब बिना किसी परीक्षा और इंटरव्यू के सीधा हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अपनी पारिवारिक पृष्ठभूमि एवं रिस्तेदारी के कारण जज नियुक्त होते हैं, उसे कहते हैं आरक्षण।

3. जब तमाम स्कूल और कॉलेज खोलने वाले मैनेजर अपने रिस्तेदारों, बहू-बेटों को, बिना किसी योग्यता और पात्रता के आधार पर और सरकारी अनुदान पर नियुक्त करा लेते हैं, तो इसे कहते हैं आरक्षण।

4. जब तमाम अकेडमिक परिक्षाएं पास करने तथा पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद भी सिर्फ जाति के आधार पर अयोग्य घोषित कर दिया जाता है अर्थात "नाट फाउंड सूटेबल"( कोई पद के योग्य नहीं मिला)। ताकि आगे उन पदों पर अपने वर्ग के हितों के अनरूप नियुक्ति की जा सके तो उसे कहते हैं आरक्षण।

5. जब केन्द्रीय मंत्री के पुत्र को बिना किसी प्रतियोगी परीक्षा के राज्य सरकार बड़े पद पर नियुक्त कर देती है तो इसे कहते हैं आरक्षण।

6. जब पहली बार सांसद अथवा विधायक बनने पर कैबिनेट मंत्रालय में अहम मंत्रालय सौंपा जाता है तो इसे कहते हैं आरक्षण।

7. जब बिना IAS की परीक्षा पास किए किसी वर्ग-विशेष के लोगों को सीधे संयुक्त-सचिव बना दिया जाता है तो इसे कहते हैं आरक्षण।

8. जब लोकडाउन में भी मुख्यमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री मंदिरों में जाते हैं या विवाह-पार्टी अटैंड करते हैं जबकि दूसरी तरफ मरीजों व मजदूरों को सड़क पर मुर्गा बनाकर पीटा जाता है तो इस विशेषाधिकार को कहते हैं आरक्षण।

9. आज तक तीर-कमान भी न बनाने का अनुभव रखने वाली कम्पनी को सीधे राफेल लड़ाकू विमान बनाने का ठेका दे दिया जाता है तो उसे कहते हैं आरक्षण।

10. *जब एक ही तरह् के मुकदमे में यादव को जेल और मिश्रा को बेल (रिहाई) मिल जाती है तो यहाँ दिखाई देता है वर्ग और जाति विशेष का आरक्षण*

11. जब हजारों-करोड़ों रूपयों का कर्जा माफ और दस-बीस हज़ार रूपये के लिये कुर्की की जाती है तो उसे कहते हैं आरक्षण।

12. प्राईमरी स्कूल खोलने लायक भी इंफ्रास्ट्रक्चर न होने के बावज़ूद " कागज़ी जियो यूनिवर्सिटी" को 10,000 करोड़ रूपये मिलते हैं वो भी "सेंटर आफ एक्सीलेंस" बनाने के लिये तो इसे कहते हैं आरक्षण

13. जब राष्ट्रपति के अंगरक्षकों की भर्ती चुनिन्दा जातियों से की जाती है तो उसे कहते हैं आरक्षण।

14. सारे मंदिर के पुजारी एक वर्ग विशेष को बनाया जाता है तो उसे कहते है आरक्षण

15. जब सेनाध्यक्षों की पूरी टोली एक वर्ग से आती है इसे कहते है आरक्षण

16. जब राम मंदिर ट्रस्ट में वर्ग विशेष को ही ट्रस्टी बनाया जाय तो उसे कहते है आरक्षण

17. जब पिछड़े वर्ग के बदमाशों को अपराधी और सवर्ण वर्ग के बदमाशों को बाहुबली कहा जाय तो उसे कहते है आरक्षण !

जिसको भारत में आरक्षण नजर आता है, वो सिर्फ प्रतिनिधित्व है। जो सभी यूरोपीय, अमेरिकी, अफ्रीकी और जापान आदि देशों में भी अपनाया गया है।

" संख्या के अनुपात मे प्रतिनिधित्व " लोकतंत्र का प्राण होता है, जिसे "भारतीय संविधान " ने अपने प्रत्येक नागरिक को प्रदान किया है ...!

*भारत में ब्राह्मणकी*
*जनसंख्या : 3% प्रतिशत*
लोकसभा में ब्राह्मण : 80%
राज्यसभा में ब्राह्मण : 96 %
ब्राह्मण राज्यपाल : 50 %
कैबिनेट सचिव : 33 %
मंत्री सचिव में ब्राह्मण : 54%
अतिरिक्त सचिव ब्राह्मण : 62%
पर्सनल सचिव ब्राह्मण : 70%
यूनिवर्सिटीमें ब्राह्मण वाईस
चांसलर : 91%
सुप्रीम कोर्टमें ब्राह्मण जज: 96%
हाई कोर्टमें ब्राह्मण जज : 80 %
भारतीय राजदूत ब्राह्मण : 81%
पब्लिक अंडरटेकिंग ब्राह्मण :
केंद्रीय : 87%
राज्य : 82 %
बैंक में ब्राह्मण : 57 %
एयरलाइन्स में ब्राह्मण : 61%
IAS ब्राह्मण : 72%
IPS ब्राह्मण : 61%
टीवी कलाकार एव बॉलीवुड : 83%
CBI, CEx & Customs ब्राह्मण 72%
मंदिरों में ब्राह्मण- 100%
मिडिया में ब्राह्मण- 90%
ये देखो ब्राह्मणों का आरक्षण!!!
इसका विरोध आज तक किसीने क्यू नही
किया???
SC व ST को 22.5% आरक्षण नौकरी और
राजनीति में मिला है, बाकी क्षेत्रों में नहीं।
अब हम देखते हैं कि देश में आरक्षण और जनसंख्या
का अनुपात क्या है?
जनसंख्या आरक्षण 100% में
एस सी 15% आरक्षण15%
एस टी 7.5% आरक्षण 7.5%
ओबीसी 52% आरक्षण 27 %
अल्पसंख्यांक 10.5% आरक्षण 0%
कुल्ल संख्या 85 % आरक्षण 49.5 %
अर्थात, SC, ST, OBC और MINORITY's की
जनसंख्या 85% है और उन्हें आरक्षण है सिर्फ 49.5%.
जनरल या ओपन कैटेगिरी की जनसंख्या है 15%
और उन्हें आरक्षण है 50.5%.
अब इन आंकडों को देख कर बताइए की वास्तव में
तथाकथित आरक्षण (ओपन के नाम पर) कोन ले
रहा है ?.....अर्थात, ब्राह्मण !!!
देश में ओपन या जनरल कैटिगरी की लोकसंख्या है
सिर्फ 15% और उन्हें आरक्षण दिया जा रहा है
50%.
उन 15% में विदेशी ब्राह्मण है सिर्फ 3.5% और
यही अल्पसंख्यांक ब्राह्मण लोग वास्तव में 80 से
90% आरक्षण खाये जा रहे हैं। मतलब, ब्राह्मण
ओपन के नाम पर बनिया और राजपूतों का ही
आरक्षण तो खा ही रहा है,
साथ ही साथ वह

SC/ST/OBC का भी आरक्षण खा रहा है।
यही कारण है कि, SC/ ST/ OBC का कोटा
पिछले 65 सालों से आजतक भरा हुआ नहीं है।

OBC की स्थिति अत्यंत दयनीय है। उनकी
लोकसंख्या है 52% और उनको आरक्षण मिला है
सिर्फ 27.5%!! उपर से क्रिमिलेयर का आर्थिक
आधार लगाकर ब्राह्मणों ने OBC के आरक्षण को
Zero बना दिया है। इसलिए, OBC का कोटा
सिर्फ 4.1% ही भरा हुआ है और उनका बचा हुआ
आरक्षण ब्राह्मणों ने हडप लिया है :

इसलिए लोकसंख्या के अनुसार सभी जातियों को
आरक्षण मिलना चाहिए...।

ब्राह्मण अगर 3.5% है,
तो उन्हें सिर्फ 3.5% ही आरक्षण मिलना चाहिए और 3.5% से ज़्यादा जगहों पर से ब्राम्हणों को हटाकर उन जगहों पर SC/ ST/ OBC की भर्ती करनी चाहिए।
अगर ऐसा हुआ तो मराठा, जाट, अहिर,लिंगायत, रेड्डी, पटेल ऐसे सभी जाति समुदायों को उनकी संख्या के अनुपात में आरक्षण मिलेगा ...!

ये जानकारी हमारे दूसरे भाइयो तक पहुँचाओ जागो OBC,SC, ST,NT, अल्प-संख्यक भाइयोंजागो

जय भारत
जय संविधान
ब्राह्मण हटाओ आरक्षण बचाओ

#जयआदिवासीयुवाशक्ति #महेंद्रकन्नौज #हीरालालअलावा

ये फोटो ग्राम - निर्गुड़िया, ग्राम पंचायत- धोलीबावाडी, जंप. - उमरबन, तहसील मनावर, जिला-धार, की है यहां करिब 30 - 35 सालो...
18/10/2022

ये फोटो ग्राम - निर्गुड़िया, ग्राम पंचायत- धोलीबावाडी, जंप. - उमरबन, तहसील मनावर, जिला-धार, की है यहां करिब 30 - 35 सालो से नाले पर पुलिया का निर्माण नहीं कर वाया गया ! जनप्रतिनिधि सिर्फ वोट के लिए आते हैं, जितने के बाद आज तक किसी भी जनप्रतिनिधि ने ध्यान नहीं दिया है, पूर्व विधायक और तत्काललिन विधायक को भी लिखित और मोखिक रूप से कई बार अवगत करवा चुके है लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है, पंचायत के जिम्मेदार अधिकारी, जनप्रतिनिधियों का कहना है हमारे पास बजत नहीं है, आगे से पेसा आएगा तब बनाएंगे! क्या यहा निवासरत लोगो ने कोई गुना किया है?
पुलिया नहीं होने से यहां के रहवासियों के साथ साथ पशुओ को भी पानी से होकर गुजराना पड़ रहा है। क्या यहाँ के लोगों को उनकी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना नहीं चाहते हैं? या फिर जान बुझ के एसा किया जा रहा है, क्या अच्छा जीवन जिन का अधिकार नहीं है?
शासन-प्रशासन के द्वारा कोई ध्यान नहीं दी जा रहा है के मुखिया और विधायक #हीरालालअलावा बोलते हैं आखिरी पंक्ति में खड़े व्यक्तियों आवाज है जरा बताये कि पिछले 4 साल से विधायक है क्यों नहीं गए इस गाव मे क्यों नहीं करवा पुलिया निर्माण, क्या यहाँ के लोग आखिरी पंक्ति के नहीं हैं?

#महेंद्रकन्नौज #कलेक्टरधार CM Madhya Pradesh

01/10/2022

*दुनिया का सब से बडा खुलासा*

*ईश्वर का कोई अस्तित्व नहीं*

रिपोर्ट

#स्विटजरलैंन्ड जेनेवा वैज्ञानिक शोध संस्था ने कल यह खुलासा किया है कि दुनिया किसी ईश्र्वर ने नहीं बनाई है, बल्कि #कवाकॅ_लेबोनेन नाम के कणों से निर्मित हुई है, जिसकी वजह से #ब्रह्मांड* यानि कि दुनिया निर्मित हुई है, दुनिया बनाने वाला इस कण की शोध को वैज्ञानिक दुनिया की सबसे बडी शोध बताते हैं ।

यह खोज 1980 से शुरू की थी जिसमें विश्र्व भर के वैज्ञानिकों की टीम कार्यरत थी, जिसमें #भारत से #बलदेवराज नामक वैज्ञानिक भी शामिल थे और महा वैज्ञानिक #हीगबोशन* भी शामिल थे, उन्होंने यह परीक्षण दो बार किया और नतीजा एक जैसा ही आया और सिद्ध किया कि #कवाकॅ #लेबेनोन* नाम के कणों ने एक प्रचंड शक्ति से #पृथ्वी, #जल, #हवा, #सूरज, #चांद, #पेंड #पौधे स्वयं निर्मित किए है, इसके पीछे कोई ईश्वर का करिश्मा या चमत्कार नहीं है ।

हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि आज से 2500 साल पहले *तथागत #बुद्ध* ने बताया था कि दुनिया स्वयं संचालित है, इसको चलाने वाला कोई नहीं है, लेकिन बुद्ध की वैज्ञानिक बातों को दबाकर सभी #धर्मों ने काल्पनिक *ईश्वरीय स्वर्ग/नर्क* की सत्ता को लोगों पर थोप दिया ।

तथागत #गौतम बुद्ध ने पहले इस बात का जिक्र किया था कि हमारा शरीर चार तत्वों से बना है और 'चेतना' की वजह से हम जीवित हैं, किसी ईश्वर की वजह से नहीं ।

वैज्ञानिक शोध के अनुसार यही चार तत्व पृथ्वी, हवा, जल और अग्नि हैं, और इन चार तत्वों का निर्माण *कवाकॅ लेबेनोन* नाम के कण से हुआ है,

इन चार तत्वों को अलग-अलग करोगे तो वैज्ञानिक दृष्टकोण सामने आएगा, जैसे---
*जल* = हाइड्रोजन + ऑक्सीजन,
*वायु* = ऑक्सीजन + नाइट्रोजन + अन्य
*अग्नि* = ऊष्मा,
*पृथ्वी* = कार्बन + फॉस्फोरस + कैलसियम + आयरन + अनेक तत्व ।

धार्मिक धूर्तों ने *सुपर साइंटिस्ट बुद्ध* के बताए इन चार तत्वों में आकाश को जोड़कर पांच तत्व बना दिया जबकि आकाश तो खाली ( #स्पेस) है जो सूर्य के प्रकाश के कारण नीला दिखता है।

ईश्वर को धर्मों ने पैदा किया है, धर्म के धूर्त ठेकेदार काल्पनिक ईश्वर की दो काल्पनिक दुनिया *"स्वर्ग का लालच"* और *"नर्क का डर"* दिखाकर भोले-भाले लोगों को अपने-अपने ईश्वर की भक्ति के लिए मजबूर करते हैं फिर ये ईश्वरीय #दलाल #पण्डित #मौलवी और #पादरी बनकर अपने-अपने ईश्वरीय भक्तो का जमकर आर्थिक, शारीरिक और मानसिक शोषण करते हैं ।

उपरोक्त वैज्ञानिक #शोध से यह #सिद्ध होता है कि ईश्वर का कोई #अस्तित्व नहीं है, दुनिया के सभी धर्म #गुरूओं ने यही गलत #प्रचार किया था कि सृष्टि की रचना उसके अपने #मसीहा ने की थी हालांकि यह बात आज वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी सरासर गलत साबित हो चुकी है, लेकिन धार्मिक मान्यताओं का मैनजमेंट इतना जबरदस्त है कि हम चाहते हुए भी ईश्वरीय झूँठ की सत्ता से आजाद नहीं हो पा रहे हैं ।

अतः अपने दिमाग से काल्पनिक ईश्वरीय लालच और डर को बिल्कुल निकाल दीजिए और मानसिक रूप से स्वतंत्र हो जाइए फिर सत्य अहिंसा प्रेम और समानता का जीवन जिएं और ऐसा जीवन जीने के लिए अन्य लोगों को भी प्रेरित करें, यही आनन्द का जीवन है, इसी में प्रकृति और मानवता का कल्याण निहित है ।

पृथ्वी पर तीन प्रकार का पॉल्यूशन होता है, सोइल पॉल्यूशन, वाटर पॉल्यूशन और एयर पॉल्यूशन, इनके अलावा एक और चौथा प्रकार का पॉल्यूशन होता है जो हमें दिखाई नही देता, वह पॉल्यूशन है, *माइंड पॉल्यूशन* जिसे धर्मों के धूर्त ठेकेदार फैलाते हैं । जो पहले तीन प्रकार के पॉल्यूशन का कारण है, माइंड पॉल्यूशन की वजह से ब्रह्मांड में सबसे सुंदर अनूठी 'हमारी पृथ्वी' आज नष्ट होने के कगार पर खड़ी हुई है ।

यदि आपको अपनी 'सुंदर पृथ्वी' को बचाना है तो पण्डित, मौडे बाबा, मौलवी और पादरी की हर बात को तार्किक दृष्टिकोण से परखना होगा, काल्पनिक ईश्वरीय सत्ता के स्वर्ग-नर्क के लालच/डर को नकारना होगा तथा हर व्यक्ति को वैज्ञानिक दृष्टिकोण और अपने विवेक को अपनाना होगा ।

  में मतदाता जागरूकता अभियान के तहत रैली और नुक्कड़ नाटक के माध्यम से वोटर को जागरूक किया।       #मतदाता
30/06/2022

में मतदाता जागरूकता अभियान के तहत रैली और नुक्कड़ नाटक के माध्यम से वोटर को जागरूक किया।
#मतदाता

मे और मेरी बेटी 27 मई 2022 शुक्रवार को मेरी बहन की शादी में खुशियो के पल.............
03/06/2022

मे और मेरी बेटी 27 मई 2022 शुक्रवार को मेरी बहन की शादी में खुशियो के पल.............

27/04/2022

स्त्रियों के अर्धनग्न और छोटे कपडो़ में घूमने पर जो लोग या स्त्रियाँ ये कहते हैं कि कपड़े नहीं सोच बदलो
उन लोगों से कुछ प्रश्न हैं !! आशा है आप जवाब देंगे 🙏

1)पहली बात - हम सोच क्यों बदलें?? सोच बदलने की नौबत आखिर आ ही क्यों रही है??? आपके अनुचित आचरण के कारण ??? और आपने लोगों की सोच का ठेका लिया है क्या??

2) दूसरी बात - आप उन लड़कियों की सोच का आकलन क्यों नहीं करते?? कि उन्होंने क्या सोचकर ऐसे कपड़े पहने कि उसके स्तन पीठ जांघे इत्यादि सब दिखाई दे रहा है....इन कपड़ों के पीछे उसकी सोच क्या थी?? एक निर्लज्ज लड़की चाहती है की पूरा पुरुष समाज उसे देखे, वहीँ दूसरी तरफ एक सभ्य लड़की बिलकुल पसंद नहीं करेगी की कोई उसे इस तरह से देखे।

3)अगर सोच बदलना ही है तो क्यों न हर बात को लेकर बदली जाए??? आपको कोई अपनी बीच वाली ऊँगली का इशारा करे तो आप उसे गलत मत मानिए......सोच बदलिये..वैसे भी ऊँगली में तो कोई बुराई नहीं होती....आपको कोई गाली बके तो उसे गाली मत मानिए...उसे प्रेम सूचक शब्द समझिये..... ???
हत्या ,डकैती, चोरी, बलात्कार, आतंकवाद इत्यादि सबको लेकर सोच बदली जाये...सिर्फ नग्नता को लेकर ही क्यों? क्या ये सारे कार्य अभिव्यक्ति की आज़ादी की श्रेणी में ही आते हैं????

4) कुछ लड़कियां कहती हैं कि हम क्या पहनेगे ये हम तय करेंगे....पुरुष नहीं.....
जी बहुत अच्छी बात है.....आप ही तय करें....लेकिन हम पुरुष भी किन लड़कियों का सम्मान/मदद करेंगे ये भी हम तय करेंगे, स्त्रियां नहीं.... और

"हम किसी का सम्मान नहीं करेंगे इसका अर्थ ये नहीं कि हम उसका अपमान करेंगे।"

5)फिर कुछ विवेकहीन लड़कियां कहती हैं कि हमें आज़ादी है अपनी ज़िन्दगी जीने की.....
जी बिल्कुल आज़ादी है, ऐसी आज़ादी सबको मिले, व्यक्ति को चरस गंजा ड्रग्स ब्राउन शुगर लेने की आज़ादी हो, गाय भैंस का मांस खाने की आज़ादी हो, वैश्यालय खोलने की आज़ादी हो, पोर्न फ़िल्म बनाने की आज़ादी हो... हर तरफ से व्यक्ति को आज़ादी हो।????

6) लड़कों को संस्कारो का पाठ पढ़ाने वाला कुंठित स्त्री समुदाय क्या इस बात का उत्तर देगा कि क्या भारतीय परम्परा में ये बात शोभा देती है की एक लड़की अपने भाई या पिता के आगे अपने निजी अंगो का प्रदर्शन बेशर्मी से करे ??? क्या ये लड़कियां पुरुषों को भाई/पिता की नज़र से देखती हैं ??? जब ये खुद पुरुषों को भाई/पिता की नज़र से नहीं देखती तो फिर खुद किस अधिकार से ये कहती हैं कि

"हमें माँ/बहन की नज़र से देखो"???

कौन सी माँ बहन अपने भाई बेटे के आगे नंगी होती हैं??? भारत में तो ऐसा कभी नहीं होता था....

सत्य यह है की अश्लीलता को किसी भी दृष्टिकोण से सही नहीं ठहराया जा सकता। ये कम उम्र के बच्चों को यौन अपराधों की तरफ ले जाने वाली एक नशे की दुकान है और इसका उत्पादन स्त्री समुदाय करता है।
मष्तिष्क विज्ञान के अनुसार 4 तरह के नशों में एक नशा अश्लीलता(से....) भी है।

आचार्य कौटिल्य ने चाणक्य सूत्र में वासना' को सबसे बड़ा नशा और बीमारी बताया है।।
यदि यह नग्नता आधुनिकता का प्रतीक है तो फिर पूरा नग्न होकर स्त्रियां पूर्ण आधुनिकता का परिचय क्यों नहीं देती????
गली गली और हर मोहल्ले में जिस तरह शराब की दुकान खोल देने पर बच्चों पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है उसी तरह अश्लीलता समाज में यौन अपराधों को जन्म देती है।इसको किसी भी तरह उचित नहीं ठहराया जा सकता है.।।
विचार करिए और चर्चा करिए.... या फिर मौन धारण कर लीजिए ।।
🙏🙏🙏जय जोहार 🙏🙏🙏
#जोहार

03/02/2022

हमारा भी एक जमाना था...

खुद ही स्कूल जाना पड़ता था क्योंकि साइकिल बस आदि से भेजने की रीत नहीं थी, स्कूल भेजने के बाद कुछ अच्छा बुरा होगा ऐसा हमारे मां-बाप कभी सोचते भी नहीं थे... उनको किसी बात का डर भी नहीं होता था,
🤪 पास/नापास यही हमको मालूम था... *%* से हमारा कभी संबंध ही नहीं था...
😛 ट्यूशन लगाई है ऐसा बताने में भी शर्म आती थी क्योंकि हमको ढपोर शंख समझा जा सकता था...
🤣🤣🤣
किताबों में पीपल के पत्ते, विद्या के पत्ते, मोर पंख रखकर हम होशियार हो सकते हैं ऐसी हमारी धारणाएं थी...
☺️☺️ कपड़े की थैली में...बस्तों में..और बाद में एल्यूमीनियम की पेटियों में...किताब कॉपियां बेहतरीन तरीके से जमा कर रखने में हमें महारत हासिल थी.. ..
😁 हर साल जब नई क्लास का बस्ता जमाते थे उसके पहले किताब कापी के ऊपर रद्दी पेपर की जिल्द चढ़ाते थे और यह काम...एक वार्षिक उत्सव या त्योहार की तरह होता था.....
🤗 साल खत्म होने के बाद किताबें बेचना और अगले साल की पुरानी किताबें खरीदने में हमें किसी प्रकार की शर्म नहीं होती थी..क्योंकि तब हर साल न किताब बदलती थी और न ही पाठ्यक्रम...
🤪 हमारे माताजी पिताजी को हमारी पढ़ाई का बोझ है..ऐसा कभी लगा ही नहीं....
😞 किसी दोस्त के साइकिल के अगले डंडे पर और दूसरे दोस्त को पीछे कैरियर पर बिठाकर गली-गली में घूमना हमारी दिनचर्या थी....इस तरह हम ना जाने कितना घूमे होंगे....

🥸😎 स्कूल में सर के हाथ से मार खाना, पैर के अंगूठे पकड़ कर खड़े रहना, और कान लाल होने तक मरोड़े जाते वक्त हमारा ईगो कभी आड़े नहीं आता था.... सही बोले तो ईगो क्या होता है यह हमें मालूम ही नहीं था...
🧐😝घर और स्कूल में मार खाना भी हमारे दैनंदिन जीवन की एक सामान्य प्रक्रिया थी.....

मारने वाला और मार खाने वाला दोनों ही खुश रहते थे... मार खाने वाला इसलिए क्योंकि कल से आज कम पिटे हैं और मारने वाला है इसलिए कि आज फिर हाथ धो लिए😀......

😜बिना चप्पल जूते के और किसी भी गेंद के साथ लकड़ी के पटियों से कहीं पर भी नंगे पैर क्रिकेट खेलने में क्या सुख था वह हमको ही पता है...

😁 हमने पॉकेट मनी कभी भी मांगी ही नहीं और पिताजी ने भी दी नहीं.....इसलिए हमारी आवश्यकता भी छोटी छोटी सी ही थीं....साल में कभी-कभार एक हाथ बार सेव मिक्सचर मुरमुरे का भेल खा लिया तो बहुत होता था......उसमें भी हम बहुत खुश हो लेते थे.....
छोटी मोटी जरूरतें तो घर में ही कोई भी पूरी कर देता था क्योंकि परिवार संयुक्त होते थे ..
दिवाली में लोंगी पटाखों की लड़ को छुट्टा करके एक एक पटाखा फोड़ते रहने में हमको कभी अपमान नहीं लगा...

😁 हम....हमारे मां बाप को कभी बता ही नहीं पाए कि हम आपको कितना प्रेम करते हैं क्योंकि हमको आई लव यू कहना ही नहीं आता था...
😌आज हम दुनिया के असंख्य धक्के और टाॅन्ट खाते हुए......और संघर्ष करती हुई दुनिया का एक हिस्सा है..किसी को जो चाहिए था वह मिला और किसी को कुछ मिला कि नहीं..क्या पता..
स्कूल की डबल ट्रिपल सीट पर घूमने वाले हम और स्कूल के बाहर उस हाफ पेंट मैं रहकर गोली टाॅफी बेचने वाले की दुकान पर दोस्तों द्वारा खिलाए पिलाए जाने की कृपा हमें याद है.....वह दोस्त कहां खो गए वह बेर वाली कहां खो गई....वह चूरन बेचने वाली कहां खो गई...पता नहीं..

😇 हम दुनिया में कहीं भी रहे पर यह सत्य है कि हम वास्तविक दुनिया में बड़े हुए हैं हमारा वास्तविकता से सामना वास्तव में ही हुआ है...

🙃 कपड़ों में सिलवटें ना पड़ने देना और रिश्तों में औपचारिकता का पालन करना हमें जमा ही नहीं......सुबह का खाना और रात का खाना इसके सिवा टिफिन क्या था हमें मालूम ही नहीं...हम अपने नसीब को दोष नहीं देते....जो जी रहे हैं वह आनंद से जी रहे हैं और यही सोचते हैं....और यही सोच हमें जीने में मदत कर रही है.. जो जीवन हमने जिया...उसकी वर्तमान से तुलना हो ही नहीं सकती ,,,,,,,,

😌 हम अच्छे थे या बुरे थे नहीं मालूम पर हमारा भी एक जमाना था

🙏🏻☺😊
waskel

06/11/2021
My cute baby🤱
30/09/2021

My cute baby🤱

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