Devesh Pandey

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बहुत बहुत बधाई आपको आशा है पंचर सही बना होगा💐🤭😄
04/05/2024

बहुत बहुत बधाई आपको आशा है पंचर सही बना होगा💐🤭😄

28/04/2024

जिसका हृदय विराट,नीयत साफ और कर्म निश्छल होते हैं, ईश्वरीय शक्तियां उस पर अनंत कृपा की दिव्य वृष्टि करती रहती हैं।

26/04/2024

शादी में मैने नोटिस किया कि कुछ आदमी हलवाई के पास कुर्सी लगाकर बैठे है । पूछने पर पता चला ये लड़की पक्ष के
मामाजी , मौसाजी , फूफाजी या बड़े जीजाजी लोग हैं । ये कुछ भी जानते नहीं है , फिर भी चार पांच बार दोनों हाथ पीछे बांधकर हर चीज को देखते हैं और हलवाई को रटे रटाए प्रश्न पूछते हैं ...
पकौड़ी में बेसन कम है ? पूड़ी थोड़ी नरम रखना , दूध पैतीस लीटर कहाँ गया ??
जलेबी थोड़ी पतली बनाना , गुलाबजामुन मे मैदा थोड़ा और बढ़ा , इतने काजू बादाम दिये थे कहां गये ।।

इन्हें ये काम सौंपने के पीछे बेसिक राज ये होता है कि शादी का काम शांति से निपट जाये ... और ये ज्यादा उछल कूद ना मचा सकें
😁😁😁😁😁😁😁😁😁😁😁

Celebrating my 9th year on Facebook. Thank you for your continuing support. I could never have made it without you. 🙏🤗🎉
26/04/2024

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26/04/2024

सृजनात्मक संकल्पनाओं से अवतरित सकारात्मक सोच मनोयोगपूर्ण क्रियान्वयन को आकार प्रदान करती है।

मैंने इश्क़ किया उस लड़की से जिसे प्रेम की बिल्कुल तहज़ीब नहीं थी। ❣️रो पड़ती थी बस इतनी बात पर कि उसके गाँव में मेरे नाम ...
13/04/2024

मैंने इश्क़ किया उस लड़की से जिसे प्रेम की बिल्कुल तहज़ीब नहीं थी। ❣️

रो पड़ती थी बस इतनी बात पर कि
उसके गाँव में मेरे नाम के किसी लड़के की शादी हो गयी।

हंस पड़ती थी बस इतनी बात पर कि
आज उसकी बाली कल वाली से ज्यादा खूबसूरत है,
और माँ की बिंदी उसके माथे पर बड़ी नहीं लगती।

खुश हो जाती थी बस इतनी बात पर कि
उसने मुझे तीन बार फोन किया और मैंने तीनों बार उठाया।
और चहक कर बताती थी आज उसका दुपट्टा सर से एक बार भी नहीं सरका।

मैंने इश्क़ किया उस लड़की से जिसे तमीज़ नहीं थी, तहजीब नहीं थी।

जो रात को सोते वक्त भी कपड़े उघड़ने का ख्याल रखती थी।
जो मंदिर में प्रेमी की तरफ देखना भी भगवान का अनादर समझती थी।
जो बोलती थी मंदिर में ये शोभा नहीं देता।

मैंने इश्क़ किया उस लड़की से जिसे पसंद था फिल्मों से ज्यादा मुझे देखना।
और एक बार देखकर हफ्तों तक खुशी से इंतजार करना अगली बार देखने का।

और जो उतावली रहती थी ये बताने को कि
आज मैंने कल से एक रोटी ज्यादा खाई। इसलिए आज मेरा पेट फूल के ऐसा हो गया जैसे पाँचवाँ महीना हो।

मैंने इश्क़ किया उस अल्हड़ लड़की से
जो किसी के पैरों की आवाज़ सुनकर फोन काट देती थी।

वो अल्हड़ लड़की जिसने माँ की मार खाई और पापा का तिरस्कार सहा

फिर भी निभाती रही मोहब्बत
करती रही इश्क़ बेहद, बेहिसाब, बेबाक, बिना तहजीब के।

फिर अचानक बदल गई और रुआंसी होकर एक दिन बोली
जी सको तो जी लो, मर जाओ तो बेहतर होगा।
ये दुनिया प्रेम के लायक बिल्कुल नहीं है।

जो चली गयी बिना हाल बताए, बिना हाल सुनें। एक सजी कार में बैठकर
अपना घर बर्बाद करके एक घर आबाद करने।

और हम

हम रोते रहे बेहद, होते रहे बर्बाद बिना बात
देते रहे किस्मत को गालियाँ बेबाक, पीते रहे शराब बेहिसाब...❤️🌻

12/04/2024

अपनी मृत्यु और अपनों की मृत्यु डरावनी लगती है!
बाकी तो मौत को enjoy ही करता है इंसान ...

मौत के स्वाद का
चटखारे लेता मनुष्य ...

थोड़ा कड़वा लिखा है पर मन का लिखा है,
मौत से प्यार नहीं, मौत तो हमारा स्वाद है,

बकरे का,
गाय का,
भेंस का,
ऊँट का,
सुअर,
हिरण का,
तीतर का,
मुर्गे का,
हलाल का,
बिना हलाल का,
ताजा बकरे का,
भुना हुआ,
छोटी मछली,
बड़ी मछली,
हल्की आंच पर सिका हुआ।
न जाने कितने बल्कि अनगिनत स्वाद हैं मौत के।
क्योंकि मौत किसी और की, और स्वाद हमारा....

स्वाद से कारोबार बन गई मौत।
मुर्गी पालन, मछली पालन, बकरी पालन, पोल्ट्री फार्म्स।
नाम "पालन" और मक़सद "हत्या"❗

स्लाटर हाउस तक खोल दिये। वो भी ऑफिशियल।

गली गली में खुले नान वेज रेस्टॉरेंट, मौत का कारोबार नहीं तो और क्या हैं ? मौत से प्यार और उसका कारोबार इसलिए क्योंकि मौत हमारी नही है।

जो हमारी तरह बोल नही सकते,
अभिव्यक्त नही कर सकते, अपनी सुरक्षा स्वयं करने में समर्थ नहीं हैं,
उनकी असहायता को हमने अपना बल कैसे मान लिया ?
कैसे मान लिया कि उनमें भावनाएं नहीं होतीं ?
या उनकी आहें नहीं निकलतीं ?

डाइनिंग टेबल पर हड्डियां नोचते बाप बच्चों को सीख देते है, बेटा कभी किसी का दिल नही दुखाना !
किसी की आहें मत लेना !
किसी की आंख में तुम्हारी वजह से आंसू नहीं आना चाहिए !

बच्चों में झुठे संस्कार डालते बाप को, अपने हाथ मे वो हडडी दिखाई नही देती, जो इससे पहले एक शरीर थी, जिसके अंदर इससे पहले एक आत्मा थी, उसकी भी एक मां थी ...??
जिसे काटा गया होगा ?
जो कराहा होगा ?
जो तड़पा होगा ?
जिसकी आहें निकली होंगी ?
जिसने बद्दुआ भी दी होगी ?

कैसे मान लिया कि जब जब धरती पर अत्याचार बढ़ेंगे तो
भगवान सिर्फ तुम इंसानों की रक्षा के लिए अवतार लेंगे ..❓

क्या मूक जानवर उस परमपिता परमेश्वर की संतान नहीं हैं .❓
क्या उस ईश्वर को उनकी रक्षा की चिंता नहीं है ..❓
धर्म की आड़ में उस परमपिता के नाम पर अपने स्वाद के लिए कभी ईद पर बकरे काटते हो, कभी दुर्गा मां या भैरव बाबा के सामने बकरे की बली चढ़ाते हो।
कहीं तुम अपने स्वाद के लिए मछली का भोग लगाते हो।

कभी सोचा ...??
क्या ईश्वर का स्वाद होता है ? ....क्या है उनका भोजन ?

किसे ठग रहे हो ?
भगवान को ?

मंगलवार को नानवेज नही खाता ...!
आज शनिवार है इसलिए नहीं ...!

नवरात्रि में तो सवाल ही नही उठता ....!

झूठ पर झूठ...
झूठ पर झूठ
झूठ पर झूठ ..

हमारे बच्चों को अगर कोई ऐसे खाए तो हमें कैसा लगेगा ??

कर्म का फल मिल कर रहता है ये याद रखना ।

ईश्वर ने बुद्धि सिर्फ तुम्हे दी!
ताकि तमाम योनियों में भटकने के बाद मानव योनि में तुम जन्म मृत्यु के चक्र से निकलने का रास्ता ढूँढ सको!
लेकिन तुमने इस मानव योनि को पाते ही स्वयं को भगवान समझ लिया!

प्रकृति के साथ रहो।
प्रकृति के होकर रहो।

09/04/2024

तेरे बाद मैंने जाना होती है क्या "अयोध्या"
तूने तो ज़िंदगी की "लंका" लगा रखी थी

हर्फ़ ए तल्ख़🍁

09/04/2024

खुली हवा में चरित्र के भ्रष्ट होने की उससे कम संभावना है, जितना बन्द कमरे में।

- मुंशी प्रेमचंद

[ स्रोत : 'निर्मला' उपन्यास से ]

03/04/2024

पैराशूट से कूदने पर यदि पैराशूट ना खुले
तो दुकान वाला बदल कर
दुसरा दे देता है क्या
🤔🙈

तुम प्रीलिम्स फेल हो गए हो और प्रेमिका पूछ रही है कि अब क्या करोगे ? तुम खैनी रगड़ते हुए कह रहे हो कि शक्ति पैदा करेंगे ...
31/03/2024

तुम प्रीलिम्स फेल हो गए हो और प्रेमिका पूछ रही है कि अब क्या करोगे ?

तुम खैनी रगड़ते हुए कह रहे हो कि शक्ति पैदा करेंगे साहब और राज करेंगे क्योंकि राजा है हम और तुम हो हमारी रानी

इतना कहकर आप इतनी विषम परिस्थिति में भी मुस्कुरा रहे हो

कोने में फंसी खैनी दिख रही है

घर वाले गाली दे रहे है कि भग तोरी मैय्यां के.....और आप मुस्कुरा रहे हो

ये होता है साहब जज्बा, राजा बनने का

यकीन मानिए जिस दिन ये कर लिया न, राजा बन जाएंगे

Note : मेरी आवाज में न पढ़े आंख से चिंगारी निकलने की शिकायतें मिल रही हैं।

26/02/2024

उच्च कोटि की बुद्धि मनुष्य को असामाजिक बना देती है।

शोफेनहॉवर्र

06/12/2023

जिन्दगी मे एक बेहतरीन व्यक्ति होने के लिए आप मे धैर्य की आवश्यकता होती है, और वो धैर्य किसी को सुनने के लिए, समझने के लिए, कुछ पढने के लिए या फिर कुछ कहने के लिए और सबसे बडी बात की बुरे हालात मे अच्छे की उम्मीद के लिए धैर्य बहुत जरूरी होता है
दुनिया अपने दर्द से ज्यादा इस बात से दुःखी है की उनको सुनने और समझने वाला कोई नहीं है अगर गलती से जो सुनता भी है या समझता है वो पुरी सुने बिना आधी बात को सुन के आधे पे अपना खुद का फैसला दे देता है या फिर ध्यान देता ही नहीं फैसले या राय तो अपने मुँह से देना है न, दे दो वाली फितरत है
खैर ऐसे समाज मे दर्दों को समेट लेना ही उचित रहता क्योकी कोई सुनने वाला है नहीं और अगर कोई सुन रहा है तो क्या वो उसपे ध्यान दे रहा है ये वाला मुद्दा भी बनता है....
तो अगर आपकों अपना दुःख अपनी बात किसी से शेयर करनी हो तो धैर्यवान को चुने ना की पसंदीदा व्यक्ति को जिसमे तुम्हे सुनने की शक्ति ही ना हो....
ये बात मेरे पे, आप पे और सब पे अप्लाई होता है

'राधे राधे'

29/10/2023

रामायण में एक बड़ा सुंदर प्रसंग है जो हमें वर्तमान परिप्रेक्ष्य में बहुत गहरी शिक्षा देता है ,

जब हनुमान जी समुद्र लांघ रहे थे तो सुरसा नामक राक्षसी उनको खाने के लिए ललकारने लगी,

हनुमान जी छोटा रूप कर समुद्र लांघ रहे थे ,तुरन्त हनुमान जी ने अपना आकार बढ़ाया जिससे सुरसा उनका भक्षण न कर सके।

सुरसा ने अधिक बड़ा मुख खोला,
हनुमान जी ने उससे बचने के लिए अधिक बड़ा शरीर धारण किया ,

सुरसा ने उनसे बड़ा मुख बनाया,
हनुमान जी ने उससे विनती की कि अभी उन्हें जाने दिया जाये ,क्योंकि वो बहुत महत्वपूर्ण कार्य से जा रहे हैं,

जब सुरसा नहीं मानी तो उन्होंने अति लघु रूप धारण कर उसके मुख में प्रवेश किया व तुरत बाहर निकल आये,

सुरसा अपने असली रुप में आ गयी व उन्हें आशीर्वाद दिया कि उनमें बल के साथ-साथ विवेक भी बहुत है अतः उन्हें उनके प्रयोजन में सफलता मिलेगी,

सुरसा नामक बाधा,
कष्ट कठिनाई अथवा परीक्षा हम सभी के जीवन में आती है।
इस धरा में दो तरह के लोग है,
एक वो जिनके जीवन का उच्च आध्यात्मिक लक्ष्य है, ऐसे लोग बहुत कम है।
दूसरे वो जो अपने पद प्रतिष्ठा,
मान सम्मान, घर परिवार व धन संचय तक सीमित हैं।
व्यक्ति जब भी उच्च लक्ष्य पर चलता है तो सुरसा नामक बाधाएँ उसके जीवन में बहुत आती है,
उससे ऐसे लोग टकराते रहते है जो व्यर्थ में उसका रास्ता रोकने का प्रयास करते है।
ऐसी परिस्थिति में व्यक्ति के पास दो मार्ग हैं या तो दूसरे अहम् के साथ टकराने में अपनी शक्ति व्यर्थ करता रहें या फिर दूसरे के अहम् को बड़ा रख स्वयं छोटा बन वहाँ से निकल जाए।

यदि हम दूसरों के अहम् से टकराते रहेंगें तो हमारी शक्ति व समय का बड़ा भाग इसी उलझन में व्यर्थ होता रहेगा,
कभी-कभी तो ऐसा होता है कि जिस लक्ष्य को लेकर हम चले थे वह पीछे छूट जाता है और आपसी टकराव व एक दूसरे से बदला लेने की भावना हमारे दिलोदिमाग पर हावी होती चली जाती है,

यदि हनुमान जी के इस प्रसंग से हम कुछ शिक्षा लें तो वह यह है कि अपने लक्ष्य के लिए दुसरे से छोटे भी बन जाओ तो उसमें बुद्धिमानी है।
कभी-कभी दूसरों को उनके अहम् पर छोड़ देने में ही जीवन का सार होता है...।

#श्रीसीताराम❤️🙏

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15/10/2023

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12/10/2023

कोशिश भी कर उमीद भी रख रास्ता भी चुन
फिर इस के ब'अद थोड़ा मुक़द्दर तलाश कर

~ निदा फ़ाज़ली ..

12/10/2023

वो लड़के जो चुन सकते थे जंग पर उन्होंने चुना इश्क़ का इंक़लाब।

वो लड़के जो बहा सकते थे खून मोहब्बत को पाने के लिए,
बेबस हो गए उनके आंखों से बहते आँसू की एक बून्द देखकर।
वो लड़के जिन्हे उठाना था खुद का सेहरा,
उठाई अर्थी खुद की, मुस्कुराते मुस्कुराते।

वो लड़के जो थे नालायक घर के पर
बनना चाहते थे प्रेमिका के लिए दुनिया के सबसे लायक प्रेमी।
वो लड़के जिन्होंने भरे थे तमाम उम्र सिर्फ रफ रजिस्टर,
बनाने लगे थे होम साइंस के प्रोजेक्ट किसी को इश्क़ का एहसास दिलाने के लिए।

वो लड़के जो निकलते तो दिल्ली के लिए थे पर कभी पहुँच नहीं पाते थे
मंज़िल कहीं और ही हुआ करती थी उनकी।
वो लड़के जिन्हें आता था सिर्फ मैगी बनाना,
जलेबी बनाई थी किसी की पसंद को जान के।

वो लड़के जो सब कुछ पाने के सपने देखते थे खुली आंखों से,
अपना सब कुछ जाते हुए देखा उन्ही आंखों से।
वो लड़के जिन्हें करछाता था बीयर का एक एक घूँट,
एक घूँट में बियर गटकना सीख लिया उन्होंने।

वो लड़के जिन्हें सिगरेट के धुंए से खासी आती थी,
सिगरेट का छल्ला बनाते पाए गए मीना बाजार में।

वो लड़के जो पाए जाते थे रात रात भर जागे हुए फोन की कॉल पे,
वो फोन को साइलेंट लगा के गुमशुदा पाए गए।
वो लड़के जो लिख सकते थे हुस्न पे शायरियाँ,
उन्होंने चुन लिया लिखना प्रेम कहानियाँ।

वो लड़के जो चाहते थे चांद को खीचना मांझे की डोर से,
उन्होंने डुबा दिया सूरज को चाकू की नोक से।
वो लड़के जो लिखते थे प्रेम पत्र, रुसवाई लिखने लगे।
वो लड़के जिनके बटुवे में छुपा होता था महबूब का एक फ़ोटो,
मिलने लगी हैं उनमें अब दवाइयां नींद की।

वो लड़के जो बन सकते थे डॉक्टर, इंजीनियर, या कोई प्रोफेसर,
वो बन गए इंसयोरेन्स एजेंट, सेल्समैन या कोई छोटे मोटे कलमकार।

“वो लड़के जो चुन सकते थे जंग पर उन्होंने चुना इश्क़ का इंक़लाब।”

06/10/2023

जीवन बिना किसी गणित में उलझे भी बहुत सकून से जिया जा सकता है ।
चैन की बंसी बजाइये और कन्हैया पर सब छोड़ दीजिए 🙏🙏

I've just reached 800 followers! Thank you for continuing support. I could never have made it without each one of you. 🙏...
06/10/2023

I've just reached 800 followers! Thank you for continuing support. I could never have made it without each one of you. 🙏🤗🎉

यह ब्रिटेन के इम्पीरियल वॉर म्यूजियम में रखी एक तस्वीर है.... प्रथम विश्व युद्ध मे अंग्रेजों की तरफ से लड़ने ब्रिटिश आर्म...
02/10/2023

यह ब्रिटेन के इम्पीरियल वॉर म्यूजियम में रखी एक तस्वीर है.... प्रथम विश्व युद्ध मे अंग्रेजों की तरफ से लड़ने ब्रिटिश आर्मी के एक हिन्दू सैनिक ने फ्रांस की एक भूखी महिला को अपना खाना दे दिया ।

जिसे ब्रिटेन ने अपने म्यूजियम में जगह दी....

कुछ ऐसा ही वाकया अंग्रेजो ने 1857 के समय का नोट किया था कि जमींदारों ने विद्रोह कर दिया किंतु उन्होंने वहां पर अकेले पड़े एक अंग्रेज को छोड़ दिया ये कहते हुए कि हमारी आपसे शत्रुता नही है उन केंद्र में बैठे विदेशियों से है जिन्होंने हमे गुलाम बनाया है

भारतीयों का किस प्रकार चरित्र हनन किया गया कभी दलित के नाम पर, कभी महिलाओं के नाम पर, किंतु वास्तविकता इससे बिल्कुल अलग थी

वरना कोई ब्राह्मण एक ऐसे समाज के व्यक्ति जिनको आज बताते है कि अछूत था उनको अपना उपनाम नही देता, कोई राजपूत उनको विदेश पढ़ने नही भेजता

कुछ तो नाइंसाफी हुई है हमारे इतिहास से

जब किसी का चरित्र हनन करना हो तो उसे जातियों में उलझा दो, वे एक दूसरे में लड़कर एक दूसरे की तमाम खामियां निकाल देंगे

चित्र: इंपीरियल युद्ध संग्राहलय मे आज भी इस अद्भुत दृश्य का चित्र रखा है ....🚩

28/09/2023

दिल की बस्ती पुरानी दिल्ली है
जो भी गुज़रा है उस ने लूटा है

17/09/2023

इश्क़ में पड़कर लगने लगते हैं ये कितने प्यारे लोग,
जगह को खा कर हो जातें हैं जैसे चांद सितारे लोग!
जलने लगतें प्रेम के दुश्मन आग में जलकर नफरत की,
रहतें हैं फिर दिलों में जिंदा ये उल्फत के मारे लोग!!
इश्क़ में पड़कर.................

30/08/2023

अपनी नौकरी लगते ही देश की बेकारी की समस्या आधी समाप्त हो जाती है| शेष बचती है आधी, छोटे भाई की नौकरी लगते ही वह भी खत्म|

~

30/08/2023

कभी क़तरा कभी समंदर लगता है
कभी सहरा कभी बंजर लगता है

30/08/2023

मुसीबत की लहरों को रोक नहीं सकते,
किंतु तैरना तो ज़रूर सीख सकते हैं ll

आज का दिन ऐतिहासिक है, इतिहास के पन्नों में भारत का नाम स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो गया है. 🇮🇳जय हिंद🇮🇳
23/08/2023

आज का दिन ऐतिहासिक है, इतिहास के पन्नों में भारत का नाम स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो गया है.
🇮🇳जय हिंद🇮🇳

15/08/2023

७७वें स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई एवं मंगलकामनाएं... आईए प्रण लें कि देश की एकता एवं अखंडता को अक्षुण्ण बनाये रखने हेतु अनवरत प्रयत्नशील रहकर
एक जागरूक नागरिक होने के नाते हम अपने उत्तरदायित्व एवं कर्तव्यबोध के प्रति जागरूक होकर समाज एवं देश के विकास हेतु सदैव प्रयत्नशील रहेगें।

I've received 600 reactions to my posts in the past 30 days. Thanks for your support. 🙏🤗🎉
13/08/2023

I've received 600 reactions to my posts in the past 30 days. Thanks for your support. 🙏🤗🎉

09/08/2023

..

कुछ बातों को हमें अपने तक ही रखना चाहिए, क्योंकि हमें ये मान लेना चाहिए कि ज़्यादातर लोग हमारी ख़ुशी से ख़ुश नहीं होते बल्कि कोशिश करते हैं कि हमारी ख़ुशी को नष्ट कैसे किया जाए. इसीलिए ज़रूरी है कि कुछ बेहद ख़ुशी देने वाली बातों को अपने तक ही रखें हम.

जब लोगों को पता ही नहीं होगा कि हम क्यों ख़ुश हैं, तो उस वजह को नष्ट भी नहीं कर पायेंगे. दुनिया में सुखी होकर ख़ुश रहने की ये एक बेहतरीन बात है. ❤️

ये गर्भस्थ शिशु की प्रस्तर प्रतिमा "कुंददम वादककुनाथ स्वामी मन्दिर" की दीवारों पर उत्कीर्ण हैं।कल्पना करें कि X-RAY की ख...
08/08/2023

ये गर्भस्थ शिशु की प्रस्तर प्रतिमा "कुंददम वादककुनाथ स्वामी मन्दिर" की दीवारों पर उत्कीर्ण हैं।

कल्पना करें कि X-RAY की खोज से हजार साल पहले ये जानकारी उस समय के लोगों को कैसे मिली होगी??

उत्तर है - #दिव्यदृष्टि !!

मन्दिर की दूसरी दीवारों पर भी गर्भस्थ शिशु के हर महीने की स्थिति की प्रतिमा उकेरी हुई है।

सनातन धर्म संसार का सबसे प्राचीन पहला और आखिरी वैज्ञानिक धर्म है।
सनातन ने ही विश्व को विज्ञान दिया, दृष्टि दी, जीवन जीने की कला दी, सहित्य दिया, संस्कृति दी, विज्ञान दिया, विमान शास्त्र दिया, चिकित्सा शास्त्र दिया, अर्थ शास्त्र दिया, व्याकरण दिया, दर्शनशास्त्र दिया।

सनातन धर्म करोड़ों वर्षों से वैज्ञानिक अनुसंधान करता आया है। हमारे ऋषि मुनियों (विज्ञानियों) ने विज्ञान की नींव रखी है।
सनातन ऋषियों (विज्ञानियों) ने अपनी हड्डियां गलाकर विश्व को विज्ञान और अनुसंधान के दर्शन कराए हैं। सम्पूर्ण विश्व कभी सनातन के ऋषी मुनियों (विज्ञानियों) के ऋण से उऋण नहीं हो पाएगा। इतना दिया है विश्व को हमारे सनातनी पूर्वजों ने।

कुंददम कोयम्बटूर से करीब ८० किलोमीटर की दूरी पर है।

साभार 🧡🙏
सत्य सनातन धर्म

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