22/12/2024
सब कह रहे है कि अब ये कहानी खत्म हो गई है
नहीं ये कहानी न खत्म हुई है और न ही ये कहानी अधूरी है
इस कहानी का एक पात्र (हिस्सा) चला गया है लेकिन प्रेम की कहानी निभाने के लिये कोई भी एक रहेगा तब भी चलती रहेगी
ये महिला अपनी हर एक सांस के साथ अपना प्रेम लिख रही है ज़िन्दगी की किताब में।
बदनसीब तो वो लोग हैं जो वक़्त को लड़ने और झगड़कर दूर रहने में बिता देते हैं। अगर आपके पास एक भी लम्हा है किसी के साथ होने का.. किसी को महसूस करने का, किसी से प्रेम करने का तो कीजिये।
मेरा मानना है कि ज़िन्दगी अनमोल है और समय सबसे ज़्यादा बलवान किसी के बुरे समय में उसका साथ निभाना ही सबसे भारी काम है
इस धरती पर जब भी प्रेम की बात की जाती है उदाहरण के रूप में हीर रांझा, रोमियो जूलियट और सीरी फरहाद की बात ही क्यों हो
आज भी ... शाश्वत प्रेम है .. नेपाल के विवेक पंगेनी और श्रीजना सुबेदी पति और पत्नी के बीच में जो प्रेम, समर्पण, निष्ठा, भाव, अहसास, था वहीं शाश्वत प्रेम हैं
कहानी चलती रहेगी... वो याद रखेंगीं तो आप हर दिन ज़िन्दा रहेंगे
अलविदा 💔🥲