BIHAR WASI News

BIHAR WASI News Bihar Definition of the news

# You need breaking news or historical perspectives on a topic (what people were saying at the time).

# You need to learn more about a culture, place, or time period from its own sources.

# You want to keep up with what is going in the world today.

# You need very detailed analysis by experts.

need sources that must be scholarly or modern views on a historical topic

27/05/2023

सेवामें
श्रीमान नरेंद्र मोदी ज़ी
माननीय प्रधानमंत्री
मोदी सरकार।

मान्यवर

विषय :- मोदी सरकार के ‌पांच वर्ष पूर्ण होंने पर जनहित में
निम्नलिखित बिन्दुबार
सूचनाओं का जबाब देने
के सम्बध में -

● 1. पांच शहरों के नाम बताओ जो स्मार्ट सिटी बने ?

● 2. सांसदो के गोद लिए हुए पांच गांवों के नाम बताओ जो आदर्श गांव बने ?

● 3. पांच जिलों के नाम बताओ जहां हर घर में शौचालय है ?

● 4. पांच जिलों के नाम बताओ जहां नया अस्पताल खुला ?

● 5. पांच राज्यों के नाम बताआे जहां एक हजार कि.मी. सडक बनी ?

● 6. पांच बैंक शाखाओं के नाम बताओ जहां खोले गए जनधन के सारे खाते जीवित हैं ?

● 7. पांच देशों के नाम बताओ जहां से भारत में निवेश आ रहा हो ?

● 8. पांच ऐसे सेक्टर बताओ जहां एक लाख नौकरियां दी गई हो ?

● 9. पांच प्रदेश बताओ जहां बीजली उत्पादन के नए संयन्त्र लगे ?

● 10. पांच मंत्रीयों के नाम बताओ जिनके बच्चे सरकारी स्कुल में पड़ते हों ?

● 11. पांच एेसे शहरों के नाम बताओ जो पहले से ज्यादा स्वच्छ बने ?

● 12. पांच ऐसे राज्य बताओ जहां किसान पहले आत्म हत्या करते थे अब नहीं कर रहे हैं ?

● 13. पांच कि.मी. का क्षेत्र बताओ जहां गंगा साफ हुई ?

● 14. पांच लोगों के नाम बताओ जिन से काला धन बरामद हुआ ?

● 15. पांच घोटाले बाजों के नाम बताओ जिनको जेल पहुंचाया ?

● 16. पांच राज्यों के नाम बताओ जिनके सारे गावों में बिजली पहुंच गई ?

● 17. पांच जिलों के नाम बताओ जिनमें नई सिंचाई योजनाओं का निर्माण शुरू किया ?

● 18. पांच अस्पतालों के नाम बताओ जहां सौ नए डाक्टर दिए ?

● 19. पांच ऐसे विभाग बताओ जहां से भ्रष्टाचार समाप्त हुवा ?

● 20. पांच सांसदों या विधायको के नाम बताओ जिनमें कोई दाग नहीं है ?

● 21. पांच शहरों के नाम बताओ जहां महिलाऐं सुरक्षित हैं ?

● 22. पांच हप्तों के नाम बताओ जब आतंक की कोई घटना नहीं हुई ?

● 23. पांच ऐसे महीने बताओ जब बलात्कार की कोई घटना नही हुई ?

● 24.पांच ऐसे राज्य बताओ जहां हिंदुओं का उत्पीडन नहीं हुआ हो ?

● 25. पांच महिलाओं के नाम बताओ जिनको शून्य रुपये में रसोई गैस दी गई ?

● 26. पांच खाद्य सामग्री के नाम बतायें जिनकी कीमत नही बढी ?

● 27. पांच राज्यों के नाम बताओ जहां एक नई हवाई पट्टी बनी ?

● 28.पांच देश का पैसा लेकर भागे डिफाल्टरों के नाम बताएं जिनको वापस लाया जायेगा ?

● 29. पांच खरब पतियों जो सरकारी सम्पति लूट रहे हे ऐसे नाम बताओ जिनके साथ सरकार के सम्बन्ध नहीं हैं ?

● 30. पांच बीजेपी नेता बताओ जो नोटीबंदी में कइ समय लाइन में लगा हो ?

● 31. पांच ऐसे ATM बताऐं जहां महीने भर पैसे रहते हो ?

● 32. पांच ऐसी तारीखें बतायें जब सीमा पर गोली बारी न हुई हो ?

● 33. भाजपा के पांच ऐसे प्रवक्ताओं के नाम बताऐं जो हिंदू हिन्दू न चिल्लाता हो ?

● 34 . संसद के पांच ऐसे सत्र बतायें जिनमें कामकाज हुवा हो ?

● 35. पांच केन्द्रीय मंत्रियों के नाम बतायें जो अपने मंत्रालय के फैसले खुद लेते हों ?

● 36. पांच उत्पादन क्षेत्रों के नाम बताऐं जिनमें निर्यात बढा हो ?

● 37. पांच ऐसी विधान सभाओं के चुनाव प्रचार जहां मंत्री न भेजे गऐ हों ?

● 38. पांच ऐसे दिन बताऐं जब प्रधानमंत्री ने पांच से कम बार कपडे न बदले हो ?

● 39. प्रधानमंत्री के पांच ऐसे भाषण बतायें जिन में दस से कम झूठ बोले गये हों ?

● 40 . प्रधानमंत्री की पांच विदेश यात्रायें जिसमें देश का 1 करोड से कम खर्च हुआ हो ?

● 41. प्रधानमंत्री की पांच ऐसी चुनावी रेलियां बताये जिनमें करोड़ो न खर्च हुवा हो ?

● 42. पैट्रोल डीजल से हर महीने होने वाली आय दो लाख तीस हजार करोड कहां जा रही है ?

● 43. काले धन, महंगाई, लोकपाल, धारा 370 का क्या हुआ?

● 44. अमित साह का लड़का सीर्फ 50 हजार इन्वेस्ट करके 80 करोड़ इतनी भयंकर मंदी मे कैसे कमाया वो भी सीर्फ 6 महीने मे ? और इस पर मोदी ने अपना मुँह क्यों नहीँ खोला ?

● 45. बाबा रामदेव की सम्पत्ति 13 हजार करोड से बढकर 123000 हजार करोड कैसे हो गई ? वो भी भयंकर मंदी मे ?

● 46. मुकेश अम्बानी का मुनाफा इतनी मंदी मे पांच सौ साठ गुना कैसे हो गया ?

● 47. पांच वर्ष पूर्व के आपके घोषणा पत्र में किये गए वादे में कोई पांच कार्य जो पूर्ण हुए हो।

● 48. किन्ही पांच मंत्रियों के नाम बताओ जिनमी जिम्मेदारी तय हो?

मात्र दो साल में बनकर तैयार सात सितारा BJP कार्यालय निर्माण के लिए 4000 करोड ₹ कहां से आये ?.

● 50. राफेल का रेट क्या है? फाइल का चोर कौन है?

कृपया सभी सवालों के जवाब निर्धारित समय में देने का कष्ट करें ? अगला वोट तभी मांगे।

प्रार्थी -भूतपूर्व

23/11/2022

अहमद बज़्मी साहब का खोजपरक लेख:

Homos*xuality / LGBTQ समलैंगिकता- इस्लाम और विज्ञान.......................

Table Of Content :

क्या कहता है विज्ञान?

LGBT:- Le***an, Gay, Bis*xual & Transgender

समलैंगिकता की सज़ा (Punishment Of Homos*xuality)

ट्रांसजेंडर (Transgender)

किन्नर (Inters*x/मुखन्नास/ख्वाजा सरा)

निष्कर्ष.......................

आज हम एक ऐसे मुश्किल दौर में जी रहे हैं जहां सच का सामना करना और कहना बहुत मुश्किल है वहीँ झूठ और धोखा चारो तरफ से हमें घेरे हुए है। मीडिया, सोशल मीडिया, टीवी, मैग्जीन और सिनेमा झूठ को सच साबित करने और ब्रैनवाश करने में बहुत ज़्यादा क़ामयाब हैं।
समलैंगिक विवाह भी एक फितना है जिसे आज के दौर में सच्चाई बता कर और ब्रैनवाश करके लोगों को उसे अपनाने और मान्यता देने के लिए मजबूर किया जा रहा है। जिस तरह आज के नए ज़माने के मॉर्डन लोग किसी बात पर तब तक विश्वास नहीं करते जब तक विज्ञान उसका सबूत ना खोज ले, मगर जब बात समलैंगिकता की आती है तो वैज्ञानिक आधार पर ना जाकर बस किसी के कहने भर से मान लिया जाता है के समलैंगिक लोग प्राकृतिक तौर पर पाए जाते हैं। ना सिर्फ़ उन लोगों को इससे कई तरह की मानसिक और शारीरिक परेशानियों का सामना करना पढ़ रहा है, मगर प्रोपेगैंडा की इन्तेहा इतनी है के लोग इस बात को स्वीकार करने मे भी डर रहें हैं।

कुछ पश्चिमी देशों में ये प्रोपेगैंडा स्कूल तक पहुंच चुका है। कच्ची उम्र के बच्चों को, जिन्हें अपना भला बुरा तक पता नहीं है उन्हें इस तरह की ट्रेनिंग स्कूल में दी जा रही है। उनके माता पिता को ये अधिकार भी नहीं के वे अपने बच्चों को इस चीज़ से दूर रखने की कोशिश भी करें। और हॉस्पिटल में यदि गलती से किसी ने इस बारे कोई भी पॉजिटिव बात कर दी तो डॉक्टर्स को हुकुम है के बच्चों को सेक्स बदलने के लिए उकसावे। और अगर किसी माता-पिता ने विरोध किया तो उन्हें उनके बच्चे से कानूनी तौर पे हमेशा के लिए अलग कर दिया जाएगा।

इसके बहुत से कारण हैं जिसमें से दो मुख्य कारण हैं-

सेक्स बदलना का ऑपरेशन और हार्मोंस की दवाइयाँ को बहुत बड़ा कारोबार है जिससे बेहिसाब कमाई के रूप में शुरू किया है।
चूँकि LGBT प्राकृतिक रूप से नहीं होते, ये प्रजनन क्रिया में सक्षम नहीं, इसलिए इनका कुनबा या जनसंख्या बढ़ना सम्भव नहीं। इसलिए ये आम बिल्कुल अच्छे भले बच्चों का ब्रैनवाश करके अपनी जनसंख्या को बढ़ाना चाहते हैं।
अब अहम सवाल है- पश्चिमी देशों में ये समस्या है इससे हमें क्या दिक्कत?

इसका जवाब आज के मीडिया में है। आज भारत में सोशल मीडिया पर इससे बेहतरीन बता कर दिखाया जा रहा है। और ऐसी सिनेमा बना कर लोगों को समझाया जा रहा है के ये बिल्कुल अच्छी बात है, मॉर्डन होने की निशानी है। और इसे आप टीवी, सिनेमा सब जगह आम तौर से देख सकते हैं।

और तो और हर तरह के कपड़ों, खिलौनों, गिफ्ट आइटम, गानो के लिरिक्स, बच्चों के कार्टून सीरीज और आम इस्तेमाल की छोटी बड़ी चीज़ों को इस प्रोपेगंडा और फितना को आम करने और आम लोगों का , ख़ास तौर पे बच्चो का ब्रेन वाश करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। ये इतना ज्यादा व्यापक तौर पे हो रहा है और सारी दुनिया में एक साथ के कब इंसान इसको अपनी जिंदगी हिस्सा मान बैठा है और इस पर सवाल करना भी ज़रूरी नहीं समझ रहा। बल्कि झूट की इन्तहा ये है के इस पर सवाल उठाने वालो को ही पिछड़ा , नैरो माइंडेड, बैक वर्ड और न जाने क्या क्या उपाधियाँ दी जा रही हैं। दीन ए इस्लाम के अलावा और कोई दीन दुनिया में दूसरा ऐसा नहीं है जिसके पास ऐसी वाज़ेह किताब हो जो क़ायनात के रब्ब की तरफ से हो, हालाँकि सभी को कभी न कभी किताब और शरीयत दी गयी है, जिसको सबने पीठ पीछे डाल दिया है और अपनी मर्ज़ी के नए नए कानून बना डाले।

ईसाई , यहूदी और हिन्दू धर्म की किताबों में इसके लिए साफ़ साफ़ लिखा है के ये गुनाह है, अधर्म है और इससे बचा जाये। मगर कहते हैं न विनाशकारी विपरीत बुद्धि।

एक मशहूर टीवी कॉमेडी शो है जिसमें फिल्मी सितारे इंटरव्यू देने और अपनी फिल्म प्रमोशन के लिए आते हैं। उस में सभी लड़के, ल़डकियों का भेस बना कर कॉमेडी करते हैं। उसमें सब मिलके महिलाओं की गरिमा का अपमान करते हैं और इसे इतना सामान्य समझा जाने लगा है के स्वयं एक महिला इस तरह की गरिमा के हनन पर बेतहाशा हस्ती है। और दूसरे ये बात भी लड़कों के दिमाग़ में बिठा दी गई है के लड़कों का ल़डकियों जैसा बनना बहुत मजेदार बात है।

इसी तरह चंडीगढ़ करे आशिकी, बधाई दो- फिल्म में इस तरह के कैरेक्टर का महिमामंडन किया गया। ये बताने का मक़सद ये है के भारत में इसकी शुरुआत हो चुकी है। हम आज अगर अपने बच्चों को सही और ग़लत नहीं बतायेंगे तो मीडिया और दूसरे लोग उन्हें झूठ को सच बना कर बतायेंगे।

"ये क्या बात है कि तुम औरतों को छोड़ कर मर्दों के पास शहवत से आते हो? हक़ ये है कि तुम बड़ी ही नादानी कर रहे हो।" [कुरआन 27.55]

क्या कहता है विज्ञान?

यदि किसी इंसान का gender test किया जाए तो दो ही लिंग प्राकृतिक रूप से पाए जाते हैं। स्त्री या पुरुष। यानी लेस्बियन को नॉर्मल लडकि से अलग वैज्ञानिक रूप से साबित करना मुमकिन नहीं। biological, physical और chemical composition लेस्बियन की लडकियों जैसी ही है। और गे भी लड़कों जैसी। फिर?

ये ही मुश्किल है के ये बात सिर्फ नफ्सानी ख्वाहिशो को मान कर हकीकत से खिलवाड़ कर रहे हैं।

LGBT: Le***an, Gay, Bis*xual & Transgender :

1. लेस्बियन (Le***an) :
एक औरत का s*xual attraction दूसरी औरत की तरफ़ होना होना।

लेस्बियन के नुकसानात वैज्ञानिक दृष्टिकोण - इस तरह की प्रैक्टिस आपको anxiety, depression and body ache ही नहीं बल्कि बहुत बड़ी बड़ी बीमारियों में मुबताला कर देता है जैसे: cervical Cancer, endometrium cancer (uterus) and breast cancer हो जाते हैं।

क्योंकि अल्लाह ने औरत को जिस फितरत पे क़ायम रखा है अगर वो उस हट कर कोई practice करती है तो उसका असर उसके दिमाग़ पे भी पड़ता जिससे hormonal imbalance हो जाता या फिर वो hormones release होते हैं लेकिन functional ना होने से उनका deposition होने की वजह से cancer होने की संभावना बढ़ जाती है।

2. गे (Gay) :
एक मर्द का s*xual attraction दूसरे मर्द की तरफ़ होना।

गे के नुकसानात वैज्ञानिक दृष्टिकोण - Depression, anxiety and bodyache ये सब तो बहुत मामूली बात है इस तरह की प्रैक्टिस से, इससे ऐसे ऐसे रोग होते हैं शायद ही प्रैक्टिस करने वालो ने सुना हो। कुछ जो बहुत ही हानिकारक हैं ना कि सिर्फ मानव के लिए बल्कि मानवता के लिए भी।

जैसे: इस तरह की practice (Oral a**l in*******se) से गे (समलैंगिक पुरुष) में, G lamblia, E histolytica, Shigella, Salmonella and Campylobacter species के द्वारा gastrointestinal infection होने की संभावना रहती है।

Ge***al herpes simplex, hepatitis A, hepatitis b infection.

Eating disorder: anorexia and bulimia (life threatening).

"क्या तुम मर्दों के पास बदफाली के लिए आते हो और रास्ता बंद करते हो और अपनी आम महफ़िल में बेहायाई का काम करते हो।" [कुरआन 29.29]

3. बाइसेक्सुअल (Bis*xual) :
किसी (मर्द/औरत) का s*xual attraction मर्द और औरत दोनों की तरफ़ होना। वैसे तो जीव विज्ञान में, ये term (Bis*xual) उन जीवो के लिए प्रयोग किया जाता है जिसे रचयिता (creator) ने एक जीव (organism) पे दोनों (male & female) जनन अंग (reproductive organs) दिए हैं। जैसे: earthworm, leech etc. लेकिन रचयिता ने इंसानों को unis*xual organism बनाया जिसे अपनी s*xual needs अपने opposite gender से जायज़ तरीके से पुरा करना चाहिए और ये प्राकृति की अवधारणा (concept) भी है क्योंकि इसी तरह जनन प्रक्रिया (reproductive process) होती है लेकिन इन्सान अपनी ना जायज ख्वाहिशात की खातिर अपना नफा और नुक्सान (lose & benefits) भी भूल जाता है।

"फिर हमनें इन पर तुम्हारा गलबा दे कर तुम्हारे दिन फेरे और औलाद से तुम्हारी मदद की और तुम्हें बड़े जत्थे वाला बना दिया।" [कुरआन 17:6]

अल्लाह रब्बुल इज्ज़त ने औलाद को नेमत और ताक़त बनाया आप ख़ुद सोचे अगर आपके माता पिता ने भी यही काम किया होता तो आप दुनिया में कैसे आते और ख़ुद को सही साबित करने के लिए अपनी तुलना जानवरो से कैसे करते? जबकि अल्लाह रब्बुल इज्ज़त फरमाता है,

"यकीनन हमनें औलादे आदम को बड़ी इज्ज़त दी और इन्हें खुश्की और तरी की सवारियां दी और इन्हें पाकीज़ा चीजों की रोज़ी दी और अपनी बहुत सी मखलूक पर इन्हें फजीलत अता फरमाई।" [कुरआन 17.70]

अल्लाह रब्बुल इज्ज़त ने हमनें सिर्फ़ एक बेहतरीन मखलूक ही नहीं बल्कि हमें एक अजीम मकसद के लिए पैदा किया

"मैंने जिन्नात और इन्सान को महज़ इस लिए पैदा किया कि वो सिर्फ़ मेरी इबादत करें।" [कुरआन 51.56]

और इबादत का मतलब सिर्फ़ ये नहीं होता कि नमाज़, रोज़े जकात और हज अदा कर लिया जाय बल्कि सारी जिंदगी अल्लाह रब्बुल इज्ज़त के हुक्म मुताबिक जीना इबादत है।

और हम इंसानों ने क्या किया अपने जिंदगियों के मक़सद को भूला कर ख़ुद को गुनाहों के दलदल में ढकेल दिया और तो और अपने गुनाहों को सही साबित करने के लिए ख़ुद की तुलना जानवरों से करने लगे, जैसा कि समलैंगिक लोग दलील देते हैं कि "एक नर मछली मादा मछली की तरह स्वभाव करती है जिससे दूसरी नर मछलीयां उस मछली की तरफ़ आकर्षित होती है"

जीव जगत (animal kingdom) में एक और जीव (organism) का फ़ीचर है मादा मकड़ी, नर मकड़ी को mating (s*xual in*******se) के बाद नर को मार देती है। तो क्या आप इसे भी जीव जगत का फ़ीचर कह कर इसकी भी प्रैक्टिस शुरू करोगे?

अगर कोई बुरे ख्याल आपके दिल या दिमाग़ में आए तो आप उसे इंसान का फ़ीचर समझ कर उसकी प्रैक्टिस ना करें और ना ख़ुद को सही साबित करने के लिए अपनी तुलना जानवरों से करने लग जाये।

अल्लाह रब्बुल इज्ज़त ने इस दुनिया को इम्तेहान गाह बनाया और आपको पता है इम्तेहान में एक सही विकल्प के साथ साथ कई गलत विकल्प भी होते हैं कई बार तो वो आपस में इतने मिलते जुलते हैं कि लोग सही और गलत के चयन में उलझ जाते हैं जबकि अल्लाह ने इतना मुश्किल भी विकल्प नहीं रखा जिस तरह हर इम्तेहान कुछ सिद्धांतों पे आधारित होता है इसी तरह अल्लाह रब्बुल इज्ज़त ने भी हमें अपने सिद्धांत को बताने और सिखाने के लिए बा कायदा एक रहनुमा (ideal) भेजा जिन्होंने (नबी करीम) हमें हमारी फितरत के अनुसार ज़िंदगी के हर शोबे में रहती दुनिया तक के लिए हमारी तरबियत किया। जैसे :

नबी करीम ﷺ ने फ़रमाया:
"मुझे अपनी उम्मत में जिस चीज़ का सबसे ज़्यादा खौफ (fear) है वो है कौम ऐ लूत (Lot) का।"
[जामे तिरमिजी:1457]

नबी करीम ﷺ ने अपना डर भी हमारी फितरत की वाजह से ही ज़ाहिर किया और हमें इस किस्म की बुराई से रोकने के लिए हर चोर दरवाजों को बंद कर दिया।

नबी करीम ने फ़रमाया:
"सबसे अफ़ज़ल जिहाद, इन्सान अपने नफ्स के खिलाफ़ जिहाद करे।" [सहीह अल जामि :1099]

यानी हमारे दिल या जाहेन में आने वाले बुरे ख्यालात से लड़ना और उसे ख़ुद हावी नहीं होने देना ।

नबी करीम ने फ़रमाया:
"जब आपका बच्चा दस साल का हो जाय तो उसका बिस्तर अलग कर दें।" [सुन्न अबू दाऊद:495]

बचपन से ही हर वो रास्ता बंद कर दिया जो इस बुराई की तरफ़ ले जाय।

पैगम्बर मुहम्मद ﷺ ने फरमाया :
"कोई मर्द किसी मर्द के सतर को न देखे और कोई औरत किसी औरत के सतर को न देखे। और न कोई, मर्द किसी मर्द के साथ एक कपड़े में लेटे और न कोई औरत, किसी औरत के साथ एक कपड़े में लेटे।"
[सुन्नअबू दाऊद : 4018]

और अगर ये जीव जगत का feature है तो फिर इसे जीव विज्ञान में पढ़ाया क्यों नहीं जाता है। बल्कि अगर आप एड्स के वायरस (HIV) के संक्रमण का इतिहास देखें तो आपको पता चलेगा कि homos*xual लोगों ने heteros*xuality में लाया और फिर इस तरह ये पूरी दुनिया के लिए एक चुनौती (threat) बन गया।

जो कौम (लूत अलैहिस्सलाम/Lot) इस बुराई में थी उसका अंजाम भी जान लेना चाहिए। अल्लाह तआला फरमाता है :

"फिर जब हमारा हुक्म आ पहुंचा हमनें इस बस्ती को जेरो ज़बर कर दिया ऊपर का हिस्सा नीचे कर दिया और इन पर कांकरीले पत्थर बरसाए जो तह बा तह थे।" [कुरआन 11.8]

(माउंट सोडोम पहाड़ आज भी उलट कर रख दिया गया नजर आता है ।)*

और ये इतना सख़्त अजाब था कि आज तक यहां कोई बस्ती नहीं बसी और रहती दुनिया तक के लिए इबरत बना दिया, अल्लाह तआला फरमाता है-

"अलबत्ता हमने इस बस्ती को सरीह (clear) इबरत (sign) बना दिया इन लोगों के लिए जो अकल रखते हैं।" [कुरआन 29:35]

मानव में एक ग्रन्थि (hypothalamus) होती है जिससे GnRH (Gonadotropin releasing hormone) निकलता है जो जनन प्रक्रिया कराता है जिसका आकार नर में मादा से बड़ा होता है लेकिन में नर और मादा के बीच का हो जाता है जिसे पहले एक homos*xual का feature बताया जाता था लेकिन अब ये भी गलत साबित हो गया। और भी बहुत सी theory दी गई इसे सही साबित करने के लिए लेकिन सब गलत साबित हो गई उन सब का ज़िक्र करना हमारा मक़सद नहीं हमारा मक़सद सिर्फ़ बुराइयों के परिणाम बता कर लोगों को बुराइयों से रोकना है।

आप लोग ख़ुद ही एक बार सोचे आप कर क्या रहे है?

ये सब सिर्फ़ जवानी तक ही सही लगता जब उम्र ढलेगी तो फिर आपको ऐसी इन्सान की तलाश होगी जो आपको समझ सके आपका सहारा बने अब आप ही बताए आप जिसके तफ़री का सामान बने थे क्या वो आपको ये सब कुछ देगा उसे ख़ुद इन्हें चीजों की तलाश होगी तो फिर एक दुसरे दुश्मन बन जाओगे अभी भी वक्त तौबा कर लो और खुद को अपने रब के सुपुर्द ऐसा कर दो की आपके खयालात और आपकी तन्हाई भी पाकीज़ा हो जाय क्योंकि हर अमल के साथ साथ हमें अपनी तन्हाइयो का भी हिसाब देना है इस लिए हमें चाहिए कि हम अपनी तन्हाइयों को भी पाकीज़ा रखें और अल्लाह रब्बुल इज्ज़त ने भी हमारे लिए पाकीज़ा चीजों को जायज़ किया और वही कामयाब भी होंगे। अल्लाह तआला फरमाता है,

"बेशक इसने फलाह (success) पाई जो पाक हो गया।" [कुरआन 87:14]

किसी भी गलत अमल आज़ादी के नाम पे सही और लीगलाईज़ करने के लिए media (main stream media, social media and print media including entertainment industries) का सहारा लिया जाता और इसके(homos*xuality) साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ है।

जबकि हमनें इतने नकारात्मक प्रभाव (negative impact) देखा। पूरे जीव जगत कोई organism में तीन प्रकार के लिंग नहीं होते हैं और मानव भी जीव जगत का एक प्राणी है उसमें भी दो प्रकार के लिंग होते हैं। तीसरा chromosomal disorders होता है इसे भी समझेंगे।

समलैंगिकता की सज़ा (Punishment Of Homos*xuality) :

दुनिया के कानूनों के नज़र में भले ही ये इंसान की अपनी मर्ज़ी हो लेकिन वास्तव में ये एक बहुत ही बड़ी तबाही की तरफ़ ले जाने वाला अमल है जिसके परिणाम को हमनें समझा भी है और इस्लाम हमें हमारे फितरत के अनुसार एक कानून और सिद्धांत का पाबंद बनाता है जब कोई इस कानून के विरूद्ध काम करता है तो फिर वो सजा का हक़दार होगा। शरीया कानून में इसकी सजा मृत्यु दण्ड है ।

ट्रांसजेंडर (Transgender) :

जो लोग operation के ज़रिए अपना जींस (लिंग/gender) बदलते हैं उसे transgender कहते हैं। नबी करीम ﷺ के ज़माने में ये अमल तो नहीं होता था लेकिन जो लोग जाहिरी तौर पर ये काम करते थे तो उनके हवाले से हज़रत इब्न ए अब्बास (رَضِيَ ٱللَّٰهُ عَنْهُ) से रिवायत है:

"नबी करीम पैगम्बर मुहम्मद ﷺ ने उन मर्दों पर लानत भेजी जो औरतों जैसा चाल चलन इख्तियार करें उन औरतों पर लानत भेजी जो मर्दों जैसा चाल चलन इख्तियार करें।" [सही बुखारी: 5885]

तो सोचे ये अमल कितना बुरा है की लोग सिर्फ़ अपनी फितरत इस लिए बदलते हैं क्योंकि उन्हें, उन्हीं के जैसे (हम जींस/same gender) से लगाव हो और ऐसे लोग सिर्फ़ और सिर्फ़ लानत के हकदार हैं जो लोग अपनी जिंदगियों के मक़सद को भूला कर ख़ुद को सिर्फ़ किसी की तफ़री का सामान बना ले उनके हिस्से और आना भी चाहिए?

ऊपर ज़िक्र किये गए बातो पे गौर करें ये सब सिर्फ़ और सिर्फ़ वक्ति तौर पर ही सही लगता है बाद में आपको अनगिनत बीमारियों में मुबतला कर देता है। क्योंकि अल्लाह रब्बुल इज्ज़त ने हमें जिस फितरत पे क़ायम रखा है उसे बदलने में हमारा ही नुकसान है।

अल्लाह रब्बुल इज्ज़त की वो फितरत जिस पे उसने लोगों को पैदा किया, उसको बदलना नहीं। [कुरआन 30:30]

सेक्स बदलना का ऑपरेशन और हार्मोंस की दवाइयाँ को बहुत बड़ा कारोबार है जिससे बेहिसाब कमाई के रूप में शुरु किया है

इसका जवाब आज के मीडिया में है। आज भारत में सोशल मीडिया पर इससे बेहतरीन बता कर दिखाया जा रहा है। और ऐसी सिनेमा बना कर लोगों को समझाया जा रहा है के ये बिल्कुल अच्छी बात है, मॉर्डन होने की निशानी है। और इसे आप टीवी, सिनेमा सब जगह आम तौर से देख सकते हैं।

किन्नर (Inters*x/मुखन्नास/ख्वाजासरा :

इनके यौन अंग विकसित नहीं होते। यानी वैज्ञानिक दृष्टि से ये स्त्री और पुरूष दोनों से भिन्न होते हैं। ये बिल्कुल नॉर्मल हैं और इन्हें हेय दृष्टि से नहीं देखना चाहिए। लेकिन समाज में इन्हें सम्मान जनक दृष्टि से नहीं देखा जाता।

ये एक तरह का chromosomal disorders, जो non disjunction (during gametes formation) से होता है यानि Allosomes (gender determining/s*x chromosomes) अच्छे से अलग अलग नहीं हो पाते तो इस तरह की संभावना पैदा हो जाती है।

जैसे: Turner's Syndrome (44+X0 =45) इनमें go**ds (o***y and mammary gland) का विकास नहीं होता है is लिए sterile होती हैं।

Klinfelter's syndrom (44 + XXY = 47) दो xx chromosomes होने की वजह से इनमें कुछ मादा (female) के लक्षण विकसित हो जाते हैं जिसे gynaecomatia कहते हैं।

आम तौर पे इंसान में chromosomes (44+XX=46) है मादा होगी और अगर (44+XY=46) नर होगा।

किन्नर (मुखन्नस) - इस्लाम की नज़र में

उम्मे सलमा (رَضِيَ ٱللَّٰهُ عَنْهَا) से रिवायत है:

एक दफा रसूल ﷺ इनके घर में थे एक शख्स (मुखन्नास) उम्मे सलमा (رَضِيَ ٱللَّٰهُ عَنْهَا) के भाई से कह रहा था,
"कल तुम्हें तायफ पे फतह हासिल हो जाय तो मैं तुम्हें बिन्त गिलान (बादिया नामी) को दिखाऊंगा वो जब सामने आती तो (इसके मोटापे की वजह से) चार सलवाटे दिखाई देती हैं और जब पीठ फेरती है तो आठ सलवाटे दिखाई देती हैं।"

नबी करीम ﷺ ने फ़रमाया कि अब ये शख़्स (मुखन्नस) ना आया करे।
[सहीह बुखारी:5887]

इसको घर में दाख़िल होने से इस लिए मना किया क्योंकि ये बुरी तरह औरतों को देखता और उनकी बाते कर रहा था लेकिन इनसे पर्दा नहीं है और हरमैन (मस्जिद ऐ हरम) में ये लोग काम भी करते हैं जिससे आसानी हो जाती है ये मर्द और औरत दोनों में आ जा सकते हैं।

किन्नर (मुखन्नस) - का विरासत में हक़
अगर इनका स्वभाव (behaviour) मर्दों जैसा हो तो इन्हें मर्दों का हिस्सा मिलेगा और इनका स्वभाव औरतों जैसा हो तो इन्हें औरतों जितना हिस्सा मिलेगा।

इस्लाम इनसे एक आम इंसानों की तरह ही पेश आ रहा है तो हमें भी चाहिए की इन लोगों के साथ अपना स्वभाव वैसा ही रखें जैसा बाकियों के साथ रखते हैं। हमारा स्वभाव अच्छा ना होने की वजह से ये अपना समाज अलग बना कर नाच गाना और मांगने को अपना धंधा बना लिए हैं।

बुराइयों को तो हम justify के लिए कई तरीके अपना लेते हैं लेकिन इन लोगों के लिए उफ्फ भी नहीं कोई करता, क्या ये इंसान नहीं?

निष्कर्ष :

जैसा के हम देख चुके के विज्ञान के अनुसार इतने सारे gender का अस्तित्व नहीं बल्कि हमारी आने वाली पीढ़ी को गर्त में पहुंचाने की योजना है। कई तरह की बीमारियों से दो चार होना पड़ता है।

आज मंकी पाक्स गे सेक्स का नतीजा है। डिप्रेशन, Anxiety, HIV का हाई रिस्क पाया जा रहा है।

Oral a**l s*x कि वजह से Gastrointestinal infection के बहुत अधिक चांस हैं।

इसी तरह लेस्बियन में ब्रेस्ट और Endometrial कैंसर होने का रिस्क बहुत अधिक है।

महिला के प्रजनन क्षमता का उपयोग ना होने से बहुत से प्रजनन अंग और हार्मोंस महिला ही के शरीर को नुकसान पहुचाने लगते हैं। जिससे कई बार कैंसर की शक़्ल अख्तियार में आती है।

अल्लाह ही ने इंसान को और सारे जानदार को पैदा किया, अल्लाह अपनी मखलूक का भला बुरा और उसने हमे साफ़ तौर पे बता भी दिया है. यक़ीनन आज इस गुमराही से हमे खुद को और अपने बच्चो को इस फ़ितने से बचाना ही है।

इंशाल्लाह

----अहमद बज़्मी

02/04/2022

अब ये अफवाह कौन फैला रहा है

योगी जी ने कहा है कि हम वाटरप्रूफ पेपर बनाएंगे

जो कभी लीक नही होगा

26/03/2022

अपने हिन्दू होने पर गर्व कीजिये, लेकिन सावधान :

▪️मूर्खतापूर्ण नोटबन्दी हिंदुत्व नहीं है
▪️पेट्रोल डीजल पर बेतहाशा टैक्स थोपना हिंदुत्व नहीं है।
▪️बिना सोचे थोपा गया GST हिंदुत्व नही है
▪️रसोई गैस महंगा करना, सब्सिडी गायब करना हिंदुत्व नही है।
▪️खराब आर्थिक नीतियों से अर्थव्यवस्था का बंटाधार हिंदुत्व नही है।
▪️बिना तैयारी के लॉक डाउन हिंदुत्व नही है
▪️ऑक्सीजन की कमी से हुई मौत हिंदुत्व नही है
▪️खराब कृषि कानून से जमाखोरी और खाद्य पदार्थ महंगा होना हिंदुत्व नही है
▪️फायदे वाले सरकारी उपक्रम बेचना हिंदुत्व नही है।
▪️बैंकों का निजीकरण, विलय और छंटनी हिंदुत्व नही है।
▪️सरकारी नौकरियों में कटौती, बेरोजगारी हिंदुत्व नही है।
▪️पीएम केयर जैसा निजी ट्रस्ट और उसमें वसूला गया पैसा हिंदुत्व नही है।

🙏गर्व से कहिये कि हम हिन्दू हैं लेकिन बेवक़ूफ़ नहीं ! 🙏

22/03/2022

बिना परीक्षा 340 IAS बनाए गए
सभी सवर्ण जाति के हैं

बाकी जाट, सैनी, यादव,पाल SC-ST, OBC सबको सावन में काँवड़ लाते वक्त DJ बज़ाने की छूट दी जायेगी।

20/03/2022

बिना आरक्षण के
“ ब्राह्मणो का कहर “
ज़रा देखिये और समझिये शास्त्री जी (इसे लिखने मे 2 घंटे लगे हैँ पढ़ने मे 10 मिनट लगेंगे आपके जरूर पढ़े 🙏)


No.1- *राष्ट्रपति
सचिवालय*--- कुल पद 49' है जिसमे 'ब्राह्मण : 45
SC'ST- 4"
OBC- 00 "

No.2- *उप राष्ट्रपति सचिवालय* कुल पद 7'
जिसमे 7 के 7 पदों पर ब्राह्मण हैं
"SC/St : 00''
OBC- 00 "

No.3- *मंत्रियो के कैबिनेट सचिव* ----- कुल पद 20 ' जिसमे 19 ब्राह्मण "SC'ST-1 "OBC-00 "

No.4- *प्रधानमंत्री कार्यालय*---कुल पद 35 जिसमे 33 ब्राह्मण "SC'ST-2 OBC-00 "

No.5- *कृषि एवं सिचंन विभाग*-----कुल पद 274 जिसमे 259 ब्राह्मण "SC'ST-15" OBC-00"

No.6- *रक्षा मंत्रालय*---- कुल पद है 1379 जिसमे 1331 ब्राह्मण SC'ST-48 " OBC-00 है "

No.7- *समाज कल्याण एवं हैल्थ मंत्रालय* ------ कुल पद 209 जिनमे 192 ब्राह्मण "SC'ST-17 OBC-00 है

No.8- *वित्त मंत्रालय*---- कुल पद है 1008 जिसमे 942 ब्राह्मण "SC'ST- 66 " OBC- 00 है

No.9- *गृह मंत्रालय*---- कुल पद है 409 जिसमें 377 ब्राह्मण " SC'ST-19" OBC-13 है

No.10- *श्रम मंत्रालय*---- कुल पद है 74 जिसमे 70 ब्राह्मण "SC'ST-4" OBC-00 है

No.11- *रसायन एवं पेट्रोलियम मंत्रालय*----- कुल पद है 121 जिसमे 112 ब्राह्मण " SC'ST-9" OBC-00 है

No.12- *राज्यपाल एवं उपराज्यपाल* -------- कुल पद है 27 जिसमे 25 ब्राह्मण SC'ST-00" OBC-2

No.13- *विदेश मे राजदूत*---- 140 जिसमे 140 ही ब्राह्मण है "SC'ST-00 " OBC-00 है

No.14- *विश्वविद्यालय के कुलपति* ------- कुल पद 108 जिसमे 108 ही ब्राह्मण है " SC'ST-00" OBC-00 है

No.15- *प्रधान सचिव* ---- पद है 26 जिसमे 26 ही ब्राह्मण है " SC'ST-00" OBC-00 है

No.16- *हाइकोर्ट के न्यायाधीश* --- कुल पद 330 जिसमे 326-ब्राह्मण " SC'ST-4" OBC-00 है

No.17- *सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश* ------- कुल पद 23 जिसमे 23 ही ब्राह्मण " SC'ST-00" OBC-00 है

No.18- *IAS अधिकारी*---- 3600 जिसमे 2950 ब्राह्मण " SC'ST-600 " OBC-50 है

No.19- *PTI* ------- कुल पद 2700 जिसमे 2700 ब्राह्मण " SC'ST-00" OBC-00 है "

No.20- *शंकराचार्य* ----- कुल 05 जिसमे 05 ही ब्राह्मण है" SC'ST-00 OBC-00 है ।

भाईयों इसे ज्यादा से ज्यादा बहुसंख्यक भाइयों को शेयर करें ...!!

आरक्षण का स्वरूप

आरक्षण में आपको चावल, गेहूँ, नमक मिल गया और चपरासी, मास्टर, पटवारी आदि में नौकरी लग जाये तो इसे आरक्षण न समझें ...!

आरक्षण किसे कहते हैं ?
इसे कुछ उदाहरणों से समझने का प्रयास करें :-

1. जब अपने स्कूल की क्रिकेट टीम में भी चयनित न होने वाले जय साह को सीधे BCCI के सचिव बनाते हैं, -इसे कहते हैं आरक्षण।

2. जब बिना किसी परीक्षा और इंटरव्यू के सीधा हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अपनी पारिवारिक पृष्ठभूमि एवं रिस्तेदारी के कारण जज नियुक्त होते हैं, उसे कहते हैं आरक्षण।

3. जब तमाम स्कूल और कॉलेज खोलने वाले मैनेजर अपने रिस्तेदारों, बहू-बेटों को, बिना किसी योग्यता और पात्रता के आधार पर और सरकारी अनुदान पर नियुक्त करा लेते हैं, तो इसे कहते हैं आरक्षण।

4. जब तमाम अकेडमिक परिक्षाएं पास करने तथा पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद भी सिर्फ जाति के आधार पर अयोग्य घोषित कर दिया जाता है अर्थात "नाट फाउंड सूटेबल"( कोई पद के योग्य नहीं मिला)। ताकि आगे उन पदों पर अपने वर्ग के हितों के अनरूप नियुक्ति की जा सके तो उसे कहते हैं आरक्षण।

5. जब केन्द्रीय मंत्री के पुत्र को बिना किसी प्रतियोगी परीक्षा के राज्य सरकार बड़े पद पर नियुक्त कर देती है तो इसे कहते हैं आरक्षण।

6. जब पहली बार सांसद अथवा विधायक बनने पर कैबिनेट मंत्रालय में अहम मंत्रालय सौंपा जाता है तो इसे कहते हैं आरक्षण।

7. जब बिना IAS की परीक्षा पास किए किसी वर्ग-विशेष के लोगों को सीधे संयुक्त-सचिव बना दिया जाता है तो इसे कहते हैं आरक्षण।

8. जब लोकडाउन में भी मुख्यमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री मंदिरों में जाते हैं या विवाह-पार्टी अटैंड करते हैं जबकि दूसरी तरफ मरीजों व मजदूरों को सड़क पर मुर्गा बनाकर पीटा जाता है तो इस विशेषाधिकार को कहते हैं आरक्षण।

9. आज तक तीर-कमान भी न बनाने का अनुभव रखने वाली कम्पनी को सीधे राफेल लड़ाकू विमान बनाने का ठेका दे दिया जाता है तो उसे कहते हैं आरक्षण।

10. *जब एक ही तरह् के मुकदमे में यादव को जेल और मिश्रा को बेल (रिहाई) मिल जाती है तो यहाँ दिखाई देता है वर्ग और जाति विशेष का आरक्षण*

11. जब हजारों-करोड़ों रूपयों का कर्जा माफ और दस-बीस हज़ार रूपये के लिये कुर्की की जाती है तो उसे कहते हैं आरक्षण।

12. प्राईमरी स्कूल खोलने लायक भी इंफ्रास्ट्रक्चर न होने के बावज़ूद " कागज़ी जियो यूनिवर्सिटी" को 10,000 करोड़ रूपये मिलते हैं वो भी "सेंटर आफ एक्सीलेंस" बनाने के लिये तो इसे कहते हैं आरक्षण

13. जब राष्ट्रपति के अंगरक्षकों की भर्ती चुनिन्दा जातियों से की जाती है तो उसे कहते हैं आरक्षण।

14. सारे मंदिर के पुजारी एक वर्ग विशेष को बनाया जाता है तो उसे कहते है आरक्षण

15. जब सेनाध्यक्षों की पूरी टोली एक वर्ग से आती है इसे कहते है आरक्षण

16. जब राम मंदिर ट्रस्ट में वर्ग विशेष को ही ट्रस्टी बनाया जाय तो उसे कहते है आरक्षण

17. जब पिछड़े वर्ग के बदमाशों को अपराधी और सवर्ण वर्ग के बदमाशों को बाहुबली कहा जाय तो उसे कहते है आरक्षण !

जिसको भारत में आरक्षण नजर आता है, वो सिर्फ प्रतिनिधित्व है। जो सभी यूरोपीय, अमेरिकी, अफ्रीकी और जापान आदि देशों में भी अपनाया गया है।

" संख्या के अनुपात मे प्रतिनिधित्व " लोकतंत्र का प्राण होता है, जिसे "भारतीय संविधान " ने अपने प्रत्येक नागरिक को प्रदान किया है ...!
! जय भारत !
!! जय संविधान !!
आरक्षण बचाओ

भारत में ब्राह्मण की
जनसंख्या : 3% प्रतिशत
लोकसभा में ब्राह्मण : 80%
राज्यसभा में ब्राह्मण : 96 %
ब्राह्मण राज्यपाल : 50 %
कैबिनेट सचिव : 33 %
मंत्री सचिव में ब्राह्मण : 54%
अतिरिक्त सचिव ब्राह्मण : 62%
पर्सनल सचिव ब्राह्मण : 70%
यूनिवर्सिटीमें ब्राह्मण वाईस
चांसलर : 91%
सुप्रीम कोर्टमें ब्राह्मण जज: 96%
हाई कोर्टमें ब्राह्मण जज : 80 %
भारतीय राजदूत ब्राह्मण : 81%
पब्लिक अंडरटेकिंग ब्राह्मण :
केंद्रीय : 87%
राज्य : 82 %
बैंक में ब्राह्मण : 57 %
एयरलाइन्स में ब्राह्मण : 61%
IAS ब्राह्मण : 72%
IPS ब्राह्मण : 61%
टीवी कलाकार एव बॉलीवुड : 83%
CBI, CEx & Customs ब्राह्मण 72%
मंदिरों में ब्राह्मण- 100%
मिडिया में ब्राह्मण- 90%
ये देखो ब्राह्मणों का आरक्षण!!!
इसका विरोध आज तक किसीने क्यू नही
किया???
SC व ST को 22.5% आरक्षण नौकरी और
राजनीति में मिला है, बाकी क्षेत्रों में नहीं।
अब हम देखते हैं कि देश में आरक्षण और जनसंख्या
का अनुपात क्या है?
जनसंख्या आरक्षण 100% में
एस सी 15% आरक्षण15%
एस टी 7.5% आरक्षण 7.5%
ओबीसी 52% आरक्षण 27 %
अल्पसंख्यांक 10.5% आरक्षण 0%
कुल्ल संख्या 85 % आरक्षण 49.5 %
अर्थात, SC, ST, OBC और MINORITY's की
जनसंख्या 85% है और उन्हें आरक्षण है सिर्फ 49.5%.
जनरल या ओपन कैटेगिरी की जनसंख्या है 15%
और उन्हें आरक्षण है 50.5%.
अब इन आंकडों को देख कर बताइए की वास्तव में
तथाकथित आरक्षण (ओपन के नाम पर) कोन ले
रहा है ?.....अर्थात, ब्राह्मण !!!
देश में ओपन या जनरल कैटिगरी की लोकसंख्या है
सिर्फ 15% और उन्हें आरक्षण दिया जा रहा है
50%.
उन 15% में विदेशी ब्राह्मण है सिर्फ 3.5% और
यही अल्पसंख्यांक ब्राह्मण लोग वास्तव में 80 से
90% आरक्षण खाये जा रहे हैं। मतलब, ब्राह्मण
ओपन के नाम पर बनिया और राजपूतों का ही
आरक्षण तो खा ही रहा है, साथ ही साथ वह
SC/ST/OBC का भी आरक्षण खा रहा है।
यही कारण है कि, SC/ ST/ OBC का कोटा
पिछले 65 सालों से आजतक भरा हुआ नहीं है।
OBC की स्थिति अत्यंत दयनीय है। उनकी
लोकसंख्या है 52% और उनको आरक्षण मिला है
सिर्फ 27.5%!! उपर से क्रिमिलेयर का आर्थिक
आधार लगाकर ब्राह्मणों ने OBC के आरक्षण को
Zero बना दिया है। इसलिए, OBC का कोटा
सिर्फ 4.1% ही भरा हुआ है और उनका बचा हुआ
आरक्षण ब्राह्मणों ने हडप लिया है :

इसलिए लोकसंख्या के अनुसार सभी जातियों को
आरक्षण मिलना चाहिए...।

ब्राह्मण अगर 3.5% है,
तो उन्हें सिर्फ 3.5% ही आरक्षण मिलना चाहिए और 3.5% से ज़्यादा जगहों पर से ब्राम्हणों को हटाकर उन जगहों पर SC/ ST/ OBC की भर्ती करनी चाहिए।
अगर ऐसा हुआ तो मराठा, जाट, अहिर,लिंगायत, रेड्डी, पटेल ऐसे सभी जाति समुदायों को उनकी संख्या के अनुपात में आरक्षण मिलेगा ...!

ये जानकारी हमारे दूसरे भाइयो तक पहुँचाओ जागो OBC,SC, ST,NT, अल्प-संख्यक भाइयोंजागो
ज़रा सोंचो ...!!

जिसको देखो कश्मीर फाइल देखकर रोना आ रहा है  लेकिन इस पर किसी को रोना आ रहा है?वह फिल्म है उसमें एक्टिंग की गई है ये सच्च...
20/03/2022

जिसको देखो कश्मीर फाइल देखकर रोना आ रहा है लेकिन इस पर किसी को रोना आ रहा है?
वह फिल्म है उसमें एक्टिंग की गई है ये सच्चाई है बच्चे के सामने पति के सामने गैंगरेप😢😢
देख लेना कोई नहीं कहेगा इस पर मुझे रोना आ रहा है।
90 के दशक और 2022 कुछ नहीं बदला ।

😭😭😭
20/03/2022

😭😭😭

आरोपी और मृतका लंबे समय से रिलेशनशिप में थे.

अगर आप भाजपाई है तो क्या आपको तिरंगे का अपमान करने की आज़ादी है इसकी जगह अगर कोई और झंडा होता तो मीडिया दलाली पर उतर आती...
20/03/2022

अगर आप भाजपाई है तो क्या आपको तिरंगे का अपमान करने की आज़ादी है इसकी जगह अगर कोई और झंडा होता तो मीडिया दलाली पर उतर आती

फिरोजाबाद घंटाघर पर सड़क पर गमले पर लपेटा राष्ट्रध्वज और उसके ऊपर भाजपा का झंडा
#देश के झंडे का सार्वजनिक अपमान #

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