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राष्ट्रीय उद्घोषक एसिस्टेंट प्रोफेसर राजेन्द्र शर्मा 'मधुकर'
व्यापार , शिक्षा, चिकित्सा, राजनीति एवं निजी प्रमोशन के लिए [email protected] पर मेल कीजियेगा।

31/12/2024

शेखावाटी में 'धूजणी' छूटी । चप्पे-चप्पे पर ठंड का पहरा । मानो चमड़ी पर नश्तर चुभ रहा हो ।

31/12/2024

नव वर्ष हमें स्वीकार नहीं

नव वर्ष हमे स्वीकार नहीं
है अपना ये त्यौहार नहीं
है अपनी ये तो रीत नहीं
है अपना ये व्यवहार नहीं
धरा ठिठुरती है सर्दी से

आकाश में कोहरा गहरा है
बाग़ बाज़ारों की सरहद पर
सर्द हवा का पहरा है
सूना है प्रकृति का आँगन
कुछ रंग नहीं , उमंग नहीं

हर कोई है घर में दुबका हुआ
नव वर्ष का ये कोई ढंग नहीं
चंद मास अभी इंतज़ार करो
निज मन में तनिक विचार करो
नये साल नया कुछ हो तो सही

क्यों नक़ल में सारी अक्ल बही
उल्लास मंद है जन -मन का
आयी है अभी बहार नहीं
ये नव वर्ष हमे स्वीकार नहीं
है अपना ये त्यौहार नहीं
रामधारी सिंह दिनकर

 #सीकर जिले में घर वापसी होने पर श्रीमाधोपुरवासियों ने डॉक्टर महेंद्र प्रताप तिवाड़ी के  नेतृत्व में खुशी प्रकट कर एक दू...
30/12/2024

#सीकर जिले में घर वापसी होने पर श्रीमाधोपुरवासियों ने डॉक्टर महेंद्र प्रताप तिवाड़ी के नेतृत्व में खुशी प्रकट कर एक दूसरे को मिठाई खिलाई।

30/12/2024

#सीकर होटल पर चला बुलडोजर

30/12/2024

सीकर होटल पर बोल्डोजर चला । अतिक्रमण वाले हिस्से को तोड़ा जा रहा है । अब ट्रैफिक जाम से मिलेगी मुक्ति।

29/12/2024

संभाग हटते ही सीकर में जमीनों के दाम धड़ाम से गिरे।

29/12/2024

जिले निरस्त होने के बाद अगर आपको 31 दिसंबर को फ्री भ्रमण का अवसर मिले तो राजस्थान के कौन-कौन-से जिलों में घूमना चाहेंगे ?

29/12/2024

#नीट में 720 में से 720 अंक पाने देवेश जोशी के साथ माता-पिता और दादाजी हैलिकॉप्टर से P*P, प्रिंस एजुहब,सीकर में उतरें तो संस्थान ने उनका किया भव्य स्वागत ।

29/12/2024

नीट में 720 में से 720 अंक पाने वाले देवेश के माता-पिता ने जयपुर से हेलिकॉप्टर के जरिए उड़ान भरकरऔर P*P, एजुहब ,सीकर पधारने पर हुआ भव्य स्वागत।
#नीट *P #सीकर

28/12/2024

सीकर संभाग निरस्त और नीमकाथाना अब फिर से सीकर में

28/12/2024

सीकर संभाग निरस्त और नीमकाथाना जिला निरस्त

गांधी ने मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए रघुपति राघव राजाराम के साथ ईश्वर अल्लाह तेरो नाम जोड़कर असफल प्रयास किया          आजकल...
28/12/2024

गांधी ने मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए रघुपति राघव राजाराम के साथ ईश्वर अल्लाह तेरो नाम जोड़कर असफल प्रयास किया

आजकल गांधीजी की सभाओं में गाया जाने वाला एक भजन " रघुपति राघव राजा राम " आम चर्चा और मत-विमत का विषय बना हुआ है। ओरीजनल भजन तो नीचे दिया जारहा है ,पर गांधीजी ने अपनी हिन्दू-मुस्लिम एकता की कोशिशों में इस भजन की एक पैरोडी बनाई थी। इस पैरोडी में उन्होंने ईश्वर और अल्लाह को एक समान और एक दूसरे का पर्याय बताया । " ईश्वर अल्ला तेरो नाम। सबको सन्मति दे भगवान।।" गांधीजी की कही हर बात की तरह, हिन्दू समाज ने तो इस पैरोडी को सहर्ष स्वीकार कर लिया और वे हर सभा में बडे प्रेम से इसे गाने लगे, पर मुसलमानों ने इसे कतई स्वीकार नहीं किया।उन्होंने अपने किसी भी एकत्रीकरण या जलसे में इसे नहीं गाया।यहां तक कि आम मुसलमानने इस- से गुरेज किया। गांधी ,पता नहीं क्यों ,इस बातको नहीं समझे कि इस्लाम अल्लाह के अलावा किसी अन्य ईश्वर को नहीं मानता और राजा राम को तो बिल्कुल नहीं। दिन में पांच बार खुले में और बार बार अकेले में अल्लाहो अकबर दोहराता है। केवल अल्लाह ही महान है ,दूसरा ईश्वर महान तो दूर , है ही नहीं। यहां तक कि अल्लाह के अलावा किसी ओर को ईश्वर मानने वाले को काफिर कहता है और कुरान की दुहाई देकर उसके कत्ल को मोहम्मद साहब का हुक्म बताता है। ऐसी स्थिति में सौमनस्य,सामाजिक सहृदयता और गंगा- जमनी तहजीब,सब हिन्दुओं के ही जिम्मे रह गई है।
हिन्दू समाज इस भजन के लोक लुभावन, मन भावन और मनोहारी शब्दों की जगह अल्लाह अल्लाह बोलते बोलते थक गया है।अपमानित महसूस कर रहे हैं लोग। आप श्री लक्ष्मणाचार्य जी द्वारा लिखित इस पैरोडी के मूल ललित भजन को पढिए और गाइए।
रघुपति राघव राजा राम।
पतित पावन सीताराम।।
सुन्दर विग्रह मेघाश्याम।
गंगा तुलसी शालिग्राम।।

भद्र गिरीश्वर सीताराम।
भगत जनप्रिय सीताराम।
जानकी रमणा सीताराम जय जय राघव सीताराम।।

आजकल हिन्दू समाज के प्रबुद्ध लोग इस पैरोडी के प्रति विमत प्रकट कर रहे हैं।कुछ वोटोंके भिखारियों को छोड़ ,बाकी लोग चापलूसी के इस नाकाम नुस्खे को नकार रहे हैं।अभी एक जलसे में एक महिला ने यह पैरोडी गाई। लोगों ने इस का विरोध किया और मूल भजन गाने की मांग की। महिला ने इसे स्वीकार करके यह पैरोडी नहीं गाई । बात खत्म। पर तुष्टीकरण के राजनीतिक चमचे कह रहें हैं कि इससे गांधीजी का अपमान होगया। लो भाई ! गांधी इसे गाते गाते स्वर्ग चले गये,मुसलमानों ने इसे गाना तो दूर,
इसकी ओर तक कि इधर देखा ही नहीं ।यह गांधी का अपमान नहीं था और इधर मूल भजन गाने की मांग की और गांधी का घोर अपमान होगया ?
गांधी ने मुस्लिम तुष्टीकरण के लिए कई उपाय किये ,कई नाकाम नुस्खे अपनाए । सफेद पजामा कुर्ता और टोपी को कौमी ड्रेस बनाया , संस्कृत शब्द समावेष्टित हिन्दी की जगह उर्दू और फारसी शब्द मिश्रित हिन्दुस्तानी को कौमी जबान कहा , राष्ट्रीय ध्वज को कौमी झंडा ,राष्ट्रीय संविधान को कौमी आईन और राष्ट्रगीत को कौमी तराना कहा। पर उनकी किसी बात पर मुसलमान संतुष्ट नहीं हुआ। मुस्लिम समाज को उनकी संख्या के आधार पर नापजोख कर जमीन दे दी और 90 % मुसलमानों को भारत की मुसलमानेतर जनता की जमीन पर रख भी लिया। हिन्दू बेचारा सब कुछ मानता गया। गांधी की हर भारत विरोधी बात को भी सहता रहा । पर उनकी एक न चली । हारकर गांधी ने जिन्ना को एक पत्र लिखा " Mr.Jinna ! With bended knees ( घुटने टेककर) I request you that please take what ever you like, but don't persuade for the partition of India. जिन्ना ने इसे नकार ही नहीं, दुत्कार दिया और मुसलमानों के लिए एक पवित्र (पाक) स्थान बना लिया, पर मुसलमान फिर भी संतुष्ट नहीं हुआ। गांधी के चेले आज भी उसे संतुष्ट करने में लगे हुए हैं। देश की संपदा पर पहला हक उसका बता रहे हैं। मुसलमान काशी , मथुरा ,संभल और भोपाल में हिन्दू की छाती पर पांव रखकर भी धर्मनिरपेक्ष, धर्मप्राण और शान्ति प्रिय समाज है। यह बात स्वीकार करने के बाद भी मुसलमान असंतुष्ट है और छाती पर रखे पैर को जरा ढीला करने की बात करने वाले हिन्दू को साम्प्रदायिक बता रहा है। गांधी के चेले हिंदू को गरिया रहे हैं।

चलो अब लोग गांधी की पैरोडी न गाकर मूल भजन गायेंगे।
पंडित श्रीराम शर्मा, खाचरीयावास
लेखक,शिक्षक और चिंतक

27/12/2024

परसों सीकर होटल पर चलेगा बुल्डोजर। नगर परिषद् ने आम रास्ते पर अतिक्रमण को लेकर दिए आदेश।

श्री लक्ष्मणाचार्य द्वारा रचित भजन जिसको  लोक गायिका देविका देवी ने पटना में गाया । यह भजन गांधीजी को प्रिय था मगर यह भज...
27/12/2024

श्री लक्ष्मणाचार्य द्वारा रचित भजन जिसको लोक गायिका देविका देवी ने पटना में गाया । यह भजन गांधीजी को प्रिय था मगर यह भजन मूलस्वरूप में ऐसा नहीं था जैसा आज गाया जा रहा है ।
श्री नमः रामायणम् नामक पुस्तक में इसका उल्लेख है ।

हजारों जवाबों से अच्छी है मेरी ख़ामोशी,न जाने कितने सवालों की आबरू रखी...पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह हमेशा के ...
27/12/2024

हजारों जवाबों से अच्छी है मेरी ख़ामोशी,
न जाने कितने सवालों की आबरू रखी...
पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह हमेशा के लिए मौन

26/12/2024

पिछले चार दिन से वायरल से पीड़ित हूं। खांसी ऐसी कि जक नहीं ले रही है । एक जमाने में वायरल तीन दिन ही ठहरता था ,अब तो घर जंवाई की तरह हो गया है।

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