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*रविवार, 28 दिसम्बर 2025 के मुख्य समाचार*       *देवभूमि न्यूज 24.इन*🔶अरावली मामले का SC ने लिया स्वत: संज्ञान, 3 जजों क...
28/12/2025

*रविवार, 28 दिसम्बर 2025 के मुख्य समाचार*
*देवभूमि न्यूज 24.इन*
🔶अरावली मामले का SC ने लिया स्वत: संज्ञान, 3 जजों की बेंच सोमवार को करेगी सुनवाई

🔶नवी मुंबई: मराठी की जगह हिंदी बोलने पर भड़की मां, 6 साल की मासूम बेटी को उतारा मौत के घाट

🔶कंपकंपा देने वाली ठंड में भी कड़ा पहरा: कश्मीर में सेना का शीतकालीन ऑपरेशन तेज, जम्मू में 35 आतंकी निशाने पर

🔶Kogilu Demolition: कर्नाटक में 400 घर गिराने पर घिरी कांग्रेस, सिद्धारमैया-शिवकुमार को दिल्ली से गया फोन;

🔶Guatemala: ग्वाटेमाला में भीषण सड़क हादसा, गहरी खाई में गिरी यात्री बस; 15 यात्रियों की मौत, 19 लोग घायल;

🔶शिवराज बोले- हर भारतीय को एक दक्षिण भारतीय भाषा सीखनी चाहिए: मैं भी एक सीख रहा हूं; इससे राष्ट्रीय एकता मजबूत होगी

🔶अलवर में बैरिकेडिंग पर चढ़े कांग्रेसी: अरावली बचाने के लिए सिर मुंडवाया, अजमेर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस में झड़प

🔶दिग्विजय ने मोदी की फोटो पोस्ट की: X पर लिखा- नेताओं के चरणों में बैठने वाला सीएम-पीएम बना, ये "संघटन" की शक्ति

🔶मनरेगा की बहाली के लिए कांग्रेस चलाएगी पांच जनवरी से देशव्यापी आंदोलन

🔶ताइवान को हथियार बेचने के मामले में चीन ने 20 अमेरिकी कंपनियों और 10 अधिकारियों पर लगाए प्रतिबंध

🔶जयपुर साइबर पुलिस की बड़ी सफलता : 10,000 यूएसडीटी की क्रिप्टो ठगी करने वाले आरोपी गिरफ्तार, पूरी क्रिप्टो एसेट्स बरामद

🔶बांग्लादेश में सिंगर जेम्स का कॉन्सर्ट रद्द : हमलावरों ने फेंके ईंट-पत्थर, 25 छात्र घायल

🔶'बिना वोट के राज कर रहे यूनुस' हसीना ने चेताया- कट्टरपंथी खा जाएंगे पूरा देश!

🔶SIR में कितने बांग्लादेशियों के नाम हटाये गये, खुलासा करे चुनाव आयोग, टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी की मांग

🔶Grant: मोदी सरकार ने झारखंड और राजस्थान के लिए खोला खजाना, ग्रामीण निकायों के लिए 723 करोड़ जारी

🔶सिंधु जल संधि को निलंबन के बाद चेनाब नदी पर दुलहस्ती जलविद्युत परियोजना को मिली मंजूरी

🔶युवा सफेद रंग के कब्रिस्तान को देखने के बजाए अयोध्या जा रहे, ताजमहल पर बोले कुमार विश्वास

🔶VB-G RAM G: शिवराज ने कहा- कांग्रेस बहा रही 'मगरमच्छ के आंसू', सुधांशु बोले- भ्रामक प्रचार कर रहा विपक्ष

🔶गैंगस्टर विनय की मौत, बदमाशों ने 3 गोली मारी थी: हरिद्वार में पुलिस कस्टडी में किया था हमला, बहन बोली- 750 करोड़ का राज दबा

🔷AUS vs ENG: 'यह वाकई खास है', ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऐतिहासिक चौथा एशेज टेस्ट जीतने पर बोले बेन स्टोक्स

🔷AUS-ENG एशेज टेस्ट 2 दिन में खत्म: माइकल वॉन बोले-पिच है या मजाक, पीटरसन बोले- ये भारत में होता तो आलोचना होती

*आपका दिन शुभ और मंगलमय हो सुप्रभात..!!*

*सुबह की देश राज्यों से बड़ी खबरें..*     *देवभूमि न्यूज 24.इन*     *28 - दिसम्बर - रविवार**1* मन की बात का 129वां एपिसो...
28/12/2025

*सुबह की देश राज्यों से बड़ी खबरें..*
*देवभूमि न्यूज 24.इन*
*28 - दिसम्बर - रविवार*
*1* मन की बात का 129वां एपिसोड, 2026 की चुनौतियों-संभावनाओं पर चर्चा कर सकते हैं; पिछले कार्यक्रम में वोकल फॉर लोकल की चर्चा की थी

*2* नितिन नबीन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सकते हैं, चुनाव 18 जनवरी से शुरू होंगे, 20 को ऐलान होगा, इसी महीने कार्यकारी अध्यक्ष बने

*3* VB-G RAM G: शिवराज ने कहा- कांग्रेस बहा रही 'मगरमच्छ के आंसू', सुधांशु बोले- भ्रामक प्रचार कर रहा विपक्ष

*4* ‘कांग्रेस के पास न नीयत है, न नीति...’, राहुल गांधी ने मनरेगा खत्म करने के फैसले पर उठाए सवाल तो भड़के शिवराज चौहान

*5* शिवराज बोले- हर भारतीय को एक दक्षिण भारतीय भाषा सीखनी चाहिए, मैं भी एक सीख रहा हूं; इससे राष्ट्रीय एकता मजबूत होगी

*6* कांग्रेस पांच जनवरी से शुरू करेगी ‘मनरेगा बचाओ अभियान’, राहुल बोले- संघीय ढांचे पर हमला

*7* 'कैबिनेट से पूछे बिना PMO ने खत्म किया मनरेगा', राहुल गांधी बोले- नोटबंदी जैसा विनाशकारी फैसला

*8* 8वां वेतन आयोग; 12 लाख तक की आमदनी टैक्स फ्री और GST सुधार, 2025 बना आर्थिक बदलावों का गवाह

*9* प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य और वरिष्ठ अर्थशास्त्री संजीव सान्याल ने देश की आर्थिक नीतियों, विशेषकर 'मुफ्त की रेवड़ी' कल्चर और पुरानी पेंशन योजनाओं की वापसी को लेकर एक गंभीर चेतावनी जारी की है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा है कि बिना सोचे-समझे बांटी जा रही सब्सिडी और पेंशन के भारी-भरकम वादे आने वाली पीढ़ियों के लिए एक ऐसा वित्तीय बोझ तैयार कर रहे हैं, जो भविष्य की अर्थव्यवस्था को खतरे में डाल सकता है

*10* चुनाव आयोग ने विशेष पुनरीक्षण के बाद असम की ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी की है, जिसमें 10.56 लाख नाम हटाए गए हैं। राज्य में अब 2.51 करोड़ पंजीकृत मतदाता हैं। मतदाता 22 जनवरी तक आपत्ति दर्ज करा सकते हैं और अंतिम सूची 10 फरवरी को जारी होगी

*11* उन्नाव रेप केस में बड़ा अपडेट, कुलदीप सेंगर की सजा सस्पेंड के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई

*12* अरावली हिल्स में खनन मामले का सुप्रीम कोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान, 3 जजों की बेंच सोमवार को करेगी सुनवाई

*13* केरल CM बोले- कर्नाटक में बुलडोजर नीति, मुस्लिमों के घर तोड़े, डीके शिवकुमार ने कहा- बाहरी नेता दखल न दें; बेंगलुरु में 200 घर तोड़े गए हैं

*14* अतिक्रमण के खिलाफ अभियान का CM सिद्धारमैया ने किया बचाव, बोले- अवैध कब्जे के खिलाफ कार्रवाई जरूरी, सिद्धारमैया ने यह टिप्पणी तब की, जब उनके केरल के समकक्ष पिनरई विजयन का बयान सामने आया। विजयन ने बंगलूरू में कथित बुलडोजर कार्रवाई की निंदा की थी।

*15* PM मोदी की तस्वीर साझा कर दिग्विजय सिंह ने मचाई हलचल, बीजेपी बोली- यह राहुल के नेतृत्व के खिलाफ खुला विरोध

*16* बिहार के जुमई में भीषण ट्रेन हादसा, मालगाड़ी के 3 डिब्बे नदी में गिरे, कई पुल से लटके

*17* मां बनी कसाई, मराठी नहीं बोल पाने पर बेटी को मार डाला; महाराष्ट्र में खौफनाक घटना

*18* वैभव सूर्यवंशी अंडर-19 टीम इंडिया के कप्तान बने, साउथ अफ्रीका दौरे के लिए कमान मिली; वर्ल्ड कप में आयुष म्हात्रे ही कप्तान होंगे

*19* 2025 में शेयर बाजार से विदेशी-निवेशकों का सबसे बड़ा एग्जिट, रिकॉर्ड ₹1.58 लाख करोड़ निकाले; 2026 में FII की वापसी की उम्मीद

*20* चीनी ट्रेन 2 सेकेंड में 700 kmph की स्पीड तक पहुंची, रफ्तार का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया, इंजीनियर्स को 10 साल बाद मिली सफलता

शिमला आईजीएमसी मारपीट प्रकरण: डॉक्टर राघव नरूला के साथ हुआ अन्याय, निष्पक्ष जांच की मांग:किशन सिंह तोमर     *देवभूमि न्य...
28/12/2025

शिमला आईजीएमसी मारपीट प्रकरण: डॉक्टर राघव नरूला के साथ हुआ अन्याय, निष्पक्ष जांच की मांग:किशन सिंह तोमर
*देवभूमि न्यूज 24.इन*
शिमला स्थित इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (IGMC) में हुए मारपीट प्रकरण को लेकर पूर्व NSUI जिला सचिव सिरमौर किशन सिंह तोमर ने प्रेस बयान जारी कर अपना पक्ष स्पष्ट किया है। उन्होंने कहा कि इस पूरे घटनाक्रम की शुरुआत में डॉक्टर राघव नरूला की कोई गलती नहीं थी।
किशन सिंह तोमर ने बताया कि डॉक्टर राघव नरूला अपनी ड्यूटी के दौरान मरीज अर्जुन सिंह का रूटीन चेकअप कर रहे थे। इसी दौरान सामान्य बातचीत में डॉक्टर द्वारा कही गई एक बात को लेकर मरीज आक्रोशित हो गया और डॉक्टर के माता-पिता के लिए अपशब्द कहने लगा। इसके बाद मरीज वार्ड में जोर-जोर से चिल्लाने लगा और डॉक्टर को धमकाते हुए कहा “तू जानता नहीं मैं कौन हूं।”
उन्होंने आरोप लगाया कि मरीज अर्जुन सिंह ने डॉक्टर पर IV स्टैंड से हमला किया, लात-घूंसे मारे और गाली-गलौच की। डॉक्टर ने केवल आत्मरक्षा में स्वयं को बचाने का प्रयास किया। इस दौरान मरीज के साथ मौजूद लोगों द्वारा बनाई गई वीडियो के आधार पर प्रशासन ने जल्दबाजी में कार्रवाई की।
किशन सिंह तोमर का कहना है कि बेहद कम समय में अधूरी जांच पूरी कर ली गई और डॉक्टर राघव नरूला का पक्ष सुने बिना ही उन्हें दोषी ठहराते हुए सीधे सेवाओं से हटा दिया गया, जो कि कठोर, अन्यायपूर्ण और एकतरफा निर्णय है।
उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए था कि डॉक्टर और मरीज दोनों पक्षों को सुनकर निष्पक्ष और पारदर्शी जांच करवाई जाती। पूर्व NSUI जिला सचिव ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि इस पूरे मामले की दोबारा निष्पक्ष जांच कराई जाए तथा डॉक्टर राघव नरूला की टर्मिनेशन को तुरंत रिवॉक किया जाए, ताकि उन्हें न्याय मिल सके।

‘ग्रीन टू गोल्ड’ पहल: औद्योगिक भांग की खेती से हिमाचल को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम     *देवभूमि न्यूज 24.इन*...
28/12/2025

‘ग्रीन टू गोल्ड’ पहल: औद्योगिक भांग की खेती से हिमाचल को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम

*देवभूमि न्यूज 24.इन*

हिमाचल प्रदेश को वर्ष 2027 तक आत्मनिर्भर बनाने के संकल्प को साकार करने की दिशा में मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने एक ऐतिहासिक ‘ग्रीन टू गोल्ड’ पहल की शुरुआत की है। इस दूरदर्शी योजना के तहत राज्य सरकार ने औद्योगिक भांग की खेती को वैध एवं विनियमित करने का निर्णय लिया है, जिससे हिमाचल प्रदेश को वैश्विक बायो-इकोनॉमी के अग्रणी राज्यों में शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है।
दशकों से कुल्लू, मंडी और चंबा जैसी घाटियों में जंगली रूप से उगने वाली भांग को अब तक नशे और अवैध व्यापार से जोड़कर देखा जाता रहा है, लेकिन वर्तमान प्रदेश सरकार ने इसके औषधीय और औद्योगिक गुणों को पहचानते हुए इसे एक बहुमूल्य आर्थिक संसाधन के रूप में स्थापित करने की पहल की है।
औद्योगिक भांग का उपयोग पर्यावरण अनुकूल कपड़ा उद्योग, पेपर व पैकेजिंग, कॉस्मेटिक, बायो-फ्यूल, ऊर्जा उद्योग के साथ-साथ बायो-प्लास्टिक जैसे अत्याधुनिक उत्पादों के निर्माण में किया जा सकेगा। इससे हिमाचल प्रदेश पर्यावरण हितैषी औद्योगिक विकास का प्रमुख केंद्र बनकर उभरेगा।
इस नीति का एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि औद्योगिक उपयोग के लिए उगाई जाने वाली भांग में टेट्राहाइड्रोकैनाबिनोल (THC) की मात्रा 0.3 प्रतिशत से कम रखी जाएगी। वैज्ञानिक मानकों के तहत नशा रहित पौधों की खेती सुनिश्चित की जाएगी, ताकि किसी भी प्रकार के दुरुपयोग की संभावना न रहे, जबकि उच्च गुणवत्ता वाले फाइबर और बीज उत्पादन की क्षमता बनी रहे।
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि 24 जनवरी 2025 को आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में भांग की नियंत्रित खेती के पायलट अध्ययन प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई थी। इस रणनीति का उद्देश्य भांग की नशीली छवि को बदलकर इसे एक वैध औद्योगिक संसाधन के रूप में स्थापित करना है।
सरकारी अनुमानों के अनुसार, इस योजना के पूर्ण रूप से लागू होने पर राज्य को प्रति वर्ष 500 से 2000 करोड़ रुपये तक का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हो सकता है। राज्य सरकार एक मजबूत कानूनी और वैज्ञानिक ढांचा तैयार कर उस बाजार पर अधिकार करना चाहती है, जिस पर वर्तमान में अवैध व्यापार या अंतरराष्ट्रीय आयातों का कब्जा है।
यह पहल किसान समुदाय के लिए भी लाभकारी सिद्ध होगी। भांग एक जलवायु-अनुकूल फसल है, जिसे कपास जैसी पारंपरिक फसलों की तुलना में लगभग 50 प्रतिशत कम पानी की आवश्यकता होती है। इसके अलावा इस फसल को जंगली जानवरों से नुकसान की आशंका भी नहीं रहती, जिससे किसानों को अतिरिक्त सुरक्षा मिलेगी।
इस योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए चौधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय, पालमपुर और डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी को उच्च उपज और कम THC वाले बीज विकसित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस विषय पर राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने उत्तराखंड के डोईवाला तथा मध्य प्रदेश में हो रही औद्योगिक भांग की खेती का अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है।
मुख्यमंत्री का दीर्घकालिक लक्ष्य हिमाचल प्रदेश को पर्यावरण अनुकूल निर्माण सामग्री, विशेष वस्त्र और आयुर्वेदिक दवाओं के निर्माण केंद्र के रूप में विकसित करना है। इससे न केवल वर्ष 2032 तक हिमाचल को देश के सबसे समृद्ध राज्यों में शामिल करने का मार्ग प्रशस्त होगा, बल्कि युवाओं के लिए नए स्टार्टअप और रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार नशे को नहीं, बल्कि उद्योग और रोजगार को बढ़ावा दे रही है।

हिमाचल में 108-102 एंबुलेंस कर्मचारियों का आंदोलन चरम पर, मंडी में आत्मदाह का प्रयास      *देवभूमि न्यूज 24.इन*हिमाचल प्...
28/12/2025

हिमाचल में 108-102 एंबुलेंस कर्मचारियों का आंदोलन चरम पर, मंडी में आत्मदाह का प्रयास

*देवभूमि न्यूज 24.इन*

हिमाचल प्रदेश में आपातकालीन सेवाओं से जुड़ी 108 और 102 एंबुलेंस कर्मचारियों का संघर्ष अब चरम पर पहुंच गया है। बीते दो दिनों से जहां प्रदेशभर में आपातकालीन एंबुलेंस सेवाएं पूरी तरह ठप पड़ी हैं, वहीं शनिवार को 108 और 102 एंबुलेंस कर्मचारियों ने पूरे प्रदेश में जोरदार प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन के दूसरे दिन मंडी जिला में उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब सीटू के बैनर तले एंबुलेंस कर्मचारी यूनियन ने मंडी शहर में प्रतीकात्मक शव यात्रा निकाली। इसी दौरान एक एंबुलेंस कर्मचारी ने अपने ऊपर डीजल छिड़ककर आत्मदाह का प्रयास किया। हालांकि मौके पर मौजूद अन्य कर्मचारियों ने तुरंत हस्तक्षेप करते हुए उसे धक्का देकर गंभीर रूप से झुलसने से बचा लिया। घटना के बाद क्षेत्र में तनाव का माहौल बन गया।
बताया जा रहा है कि सरकार और प्रबंधन के रवैये से आहत होकर कर्मचारी बेहद मानसिक दबाव में हैं, जिसके चलते आंदोलन लगातार उग्र होता जा रहा है। यह प्रदर्शन केवल मंडी तक सीमित नहीं रहा, बल्कि पूरे प्रदेश में लगातार दो दिनों से जारी है।
गौरतलब है कि 108 और 102 एंबुलेंस कर्मचारियों ने पहले ही 26 और 27 दिसंबर को दो दिवसीय हड़ताल का ऐलान किया था। इसके चलते प्रदेश में एक भी 108 या 102 एंबुलेंस सड़कों पर नजर नहीं आई, जिससे आम जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने 108-102 एंबुलेंस प्रबंधन और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। यूनियन के जिला प्रधान सुमित कपूर और महासचिव पंकज कुमार ने बताया कि प्रदेशभर में करीब 1300 कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं। उनका आरोप है कि प्रबंधन द्वारा कर्मचारियों का लगातार शोषण किया जा रहा है।
कर्मचारियों का कहना है कि उनसे नियमानुसार 8 घंटे की बजाय 12 घंटे की ड्यूटी करवाई जा रही है, जबकि अन्य विभागों में कार्य अवधि 8 घंटे निर्धारित है। इसके अलावा जो वेतन उन्हें दिया जा रहा है, उससे परिवार का भरण-पोषण करना मुश्किल हो गया है।
यूनियन पदाधिकारियों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि जल्द उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं किया गया, तो आंदोलन और उग्र रूप ले सकता है तथा 108 और 102 एंबुलेंस कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को मजबूर होंगे।
कर्मचारियों ने दो टूक कहा कि यह स्थिति कंपनी और व्यवस्था के शोषण की पराकाष्ठा है और यदि समाधान नहीं निकाला गया तो उन्हें लंबा संघर्ष करने के लिए विवश होना पड़ेगा।

केंद्र सरकार ने हिमाचल को अब तक लगभग 6000 करोड़ की आपदा राहत दी, राज्य सरकार धनराशि का सही उपयोग नहीं कर पा रही : जयराम ...
28/12/2025

केंद्र सरकार ने हिमाचल को अब तक लगभग 6000 करोड़ की आपदा राहत दी, राज्य सरकार धनराशि का सही उपयोग नहीं कर पा रही : जयराम ठाकुर
*देवभूमि न्यूज 24.इन*
मंडी से जारी बयान में हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार लगातार हिमाचल प्रदेश की आर्थिक सहायता कर रही है, ताकि आपदा ग्रस्त प्रदेश को समय पर राहत मिल सके। उन्होंने बताया कि इसी क्रम में भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा पोस्ट डिजास्टर नीड्स असेसमेंट (PDNA) के तहत हिमाचल प्रदेश को 601 करोड़ 92 लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की गई है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि यह धनराशि राज्य में प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान की भरपाई और प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस सहायता के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि केंद्र सरकार हर कठिन समय में हिमाचल के साथ मजबूती से खड़ी रही है।
नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि इससे पूर्व भी PDNA के तहत केंद्र सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश को 451 करोड़ रुपये की राशि दी जा चुकी है। वर्ष 2023 से अब तक आई विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के लिए केंद्र सरकार ने आपदा राहत मद में ही लगभग 6000 करोड़ रुपये से अधिक की सहायता प्रदेश को प्रदान की है। इसके अतिरिक्त प्रधानमंत्री द्वारा घोषित अन्य विशेष सहायता पैकेज और घोषणाएं अलग से हैं।
उन्होंने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इतनी उदार केंद्रीय सहायता मिलने के बावजूद प्रदेश सरकार अब तक इस धनराशि को प्रभावी ढंग से आपदा प्रभावितों तक नहीं पहुंचा पाई है। वर्ष 2023 से लेकर अब तक की सभी आपदाओं को मिलाकर भी राज्य सरकार प्रभावित परिवारों को कुल मिलाकर 500 करोड़ रुपये की सहायता भी वितरित नहीं कर पाई है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति राज्य सरकार की प्राथमिकताओं और प्रशासनिक क्षमता पर गंभीर प्रश्न खड़े करती है।
जयराम ठाकुर ने राज्य सरकार से आग्रह किया कि केंद्र से प्राप्त आपदा राहत राशि का शीघ्र, पारदर्शी और प्रभावी उपयोग सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि यह धनराशि किसी सरकार की नहीं, बल्कि आपदा से पीड़ित हिमाचल के लोगों की है और इसका प्रत्येक रुपया प्रभावित परिवारों की पीड़ा कम करने तथा प्रदेश के पुनर्निर्माण में खर्च होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा बार-बार केंद्र सरकार पर सहयोग न देने के आरोप लगाए जाना अत्यंत दुखद है। मुख्यमंत्री और उनके पूरे मंत्रिमंडल को इस आर्थिक सहायता के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का सार्वजनिक रूप से आभार व्यक्त करना चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष ने प्रदेश में रेजिडेंट डॉक्टरों और एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल पर भी गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि इन हड़तालों के कारण प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है, जो आम जनता के जीवन और स्वास्थ्य के साथ सीधा खिलवाड़ है। उन्होंने इसके लिए राज्य सरकार और मुख्यमंत्री को पूरी तरह जिम्मेदार ठहराया और कहा कि सरकार की लापरवाही, अदूरदर्शी नीतियों और संवादहीनता के कारण यह संकट उत्पन्न हुआ है।
जयराम ठाकुर ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि इस अव्यवस्था के कारण किसी व्यक्ति के साथ कोई अनहोनी होती है, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार और मुख्यमंत्री की होगी। उन्होंने सरकार से राजनीति और प्रचार से ऊपर उठकर प्रदेशवासियों की सेहत और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की अपील की।
बयान में उन्होंने जानकारी दी कि जयराम ठाकुर आज मंडी से चलकर नूरपुर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने जोगिंदर नगर, पालमपुर, धर्मशाला और नूरपुर में रुककर स्थानीय लोगों, भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों, विधायकों, पूर्व विधायकों एवं प्रत्याशियों से मुलाकात की। उन्होंने सभी से भेंट कर उनका हालचाल जाना तथा मिले स्नेह और सम्मान के लिए आभार व्यक्त किया।

केंद्र सरकार ने हर आपदा में हिमाचल का साथ निभाया, 5800 करोड़ से अधिक की राहत राशि जारी : सुरेश कश्यप          *देवभूमि न...
28/12/2025

केंद्र सरकार ने हर आपदा में हिमाचल का साथ निभाया, 5800 करोड़ से अधिक की राहत राशि जारी : सुरेश कश्यप
*देवभूमि न्यूज 24.इन*
भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप ने कहा कि केंद्र सरकार ने हर आपदा की घड़ी में हिमाचल प्रदेश की भरपूर सहायता की है। अब तक प्रदेश को 5800 करोड़ रुपये से अधिक की राहत राशि प्रदान की जा चुकी है, जो यह दर्शाती है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार हिमाचल प्रदेश के साथ मजबूती से खड़ी रही है।
सुरेश कश्यप ने कहा कि भाजपा केंद्र सरकार की आभारी है, जिसने आपदा के समय कभी हिमाचल का हाथ नहीं छोड़ा। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने हिमाचल प्रदेश के लिए किसी भी प्रकार की कमी नहीं आने दी।
उन्होंने कहा कि चाहे वर्ष 2023 की भीषण प्राकृतिक आपदा हो या वर्ष 2025 में आई आपदाएं, केंद्र सरकार ने हर बार त्वरित निर्णय लेते हुए राहत एवं पुनर्वास कार्यों के लिए उदारतापूर्वक सहायता उपलब्ध करवाई है।
सांसद कश्यप ने जानकारी दी कि वर्ष के अंत में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के लिए केंद्र सरकार से राहत भरी खबर सामने आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने आपदा राहत एवं पुनर्वास के लिए 601.92 करोड़ रुपये की दूसरी किश्त जारी कर दी है। इस संबंध में ऑफिस मेमोरेंडम भी जारी कर दिया गया है तथा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को यह राशि तुरंत राज्य सरकार के खाते में स्थानांतरित करने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि यह राशि पोस्ट डिजास्टर नीड असेसमेंट (PDNA) के अंतर्गत नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फंड की रिकवरी एंड रीकंस्ट्रक्शन विंडो से जारी की गई है। कुल 601.92 करोड़ रुपये की यह दूसरी किश्त है। इससे पूर्व केंद्र सरकार हिमाचल प्रदेश को 400 करोड़ रुपये से अधिक की पहली किश्त भी जारी कर चुकी है।

अरावली संकट: एक खामोश मानव जनित आपदा      *देवभूमि न्यूज 24.इन*दुनिया की सबसे पुरानी भूवैज्ञानिक संरचनाओं में से एक, अरा...
28/12/2025

अरावली संकट: एक खामोश मानव जनित आपदा
*देवभूमि न्यूज 24.इन*
दुनिया की सबसे पुरानी भूवैज्ञानिक संरचनाओं में से एक, अरावली पर्वत श्रृंखला आज एक अभूतपूर्व पर्यावरणीय संकट का सामना कर रही है। गुजरात, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली तक फैली अरावली श्रृंखला लंबे समय से मरुस्थलीकरण और जलवायु की चरम स्थितियों के खिलाफ एक प्राकृतिक ढाल का काम करती रही है। अब इसका तेज़ी से हो रहा क्षरण इस पारिस्थितिक खजाने को एक धीमी गति से आने वाली आपदा में बदलने की धमकी दे रहा है। अंधाधुंध खनन, बड़े पैमाने पर वनों की कटाई और लगातार शहरी विस्तार ने अरावली पारिस्थितिकी तंत्र को बुरी तरह कमज़ोर कर दिया है। विकास के नाम पर पहाड़ियों को समतल कर दिया गया है, जंगल साफ कर दिए गए हैं और प्राकृतिक जल निकासी प्रणालियों को बाधित कर दिया गया है। जिस बात पर अक्सर ध्यान नहीं दिया जाता, वह यह है कि यह विनाश अकेले नहीं होता - यह सीधे तौर पर जलवायु संबंधी आपदाओं में योगदान देता है। अरावली तापमान को नियंत्रित करने, बारिश में मदद करने और भूजल को रिचार्ज करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसके पतन से उत्तर भारत में लू की लहरें तेज़ हो गई हैं, दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण बढ़ गया है और रेगिस्तानी स्थितियों का पूर्व की ओर फैलाव तेज़ हो गया है। गुरुग्राम और फरीदाबाद जैसे शहरों में पानी की कमी इन प्राकृतिक रिचार्ज क्षेत्रों के नुकसान का सीधा परिणाम है। इस पर्यावरणीय क्षति ने आर्थिक हितों और पारिस्थितिक संरक्षण के बीच संघर्ष को भी जन्म दिया है। जबकि खनन और निर्माण अल्पकालिक विकास का वादा करते हैं, वे दीर्घकालिक आपदा जोखिम पैदा करते हैं - बाढ़, सूखा, जैव विविधता का नुकसान और जलवायु अस्थिरता। क्षतिग्रस्त पारिस्थितिकी तंत्र को बहाल करने की लागत अंधाधुंध शोषण के लाभों से कहीं अधिक है। हालांकि अदालती आदेश और संरक्षण नीतियां मौजूद हैं, लेकिन कमज़ोर प्रवर्तन संरक्षण प्रयासों को लगातार कमज़ोर कर रहा है। ज़रूरत सिर्फ़ नियमन की नहीं, बल्कि जन जागरूकता और राजनीतिक इच्छाशक्ति की है। अरावली संकट को धीमी गति से आने वाली आपदा के रूप में देखने से ध्यान प्रतिक्रिया से हटकर रोकथाम पर जा सकता है। अरावली को बचाना सिर्फ़ पहाड़ियों और जंगलों की रक्षा करना नहीं है - यह जलवायु लचीलेपन, जल सुरक्षा और लाखों लोगों के भविष्य की रक्षा करना है। आज इस चेतावनी को नज़रअंदाज़ करने से कल अपरिवर्तनीय परिणाम हो सकते हैं। समाधान (Quality-Based Solutions) अवैध खनन पर सख़्त रोक: सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का कड़ाई से पालन हो और ड्रोन व सैटेलाइट निगरानी से अवैध खनन पर नियंत्रण किया जाए। वन संरक्षण और पुनर्वनीकरण: स्थानीय प्रजातियों के वृक्षों का बड़े स्तर पर रोपण कर क्षतिग्रस्त पहाड़ियों और वन क्षेत्रों को पुनर्जीवित किया जाए। संतुलित विकास नीति: अरावली क्षेत्र में निर्माण और उद्योगों को पर्यावरणीय प्रभाव आकलन (EIA) के बिना अनुमति न दी जाए। जल संरक्षण उपाय: वर्षा जल संचयन, पारंपरिक जल संरचनाओं का पुनरुद्धार और भूजल दोहन पर नियंत्रण किया जाए। स्थानीय समुदाय की भागीदारी: ग्रामीण और आदिवासी समुदायों को संरक्षण योजनाओं से जोड़ा जाए ताकि आजीविका और पर्यावरण दोनों सुरक्षित रहें। अरावली पर्वतमाला केवल पहाड़ों की श्रृंखला नहीं, बल्कि उत्तर भारत की जलवायु, जल सुरक्षा और जैव विविधता की रीढ़ है। इसका निरंतर क्षरण एक खामोश आपदा को जन्म दे रहा है, जिसके प्रभाव भविष्य में भयावह हो सकते हैं। यदि आज ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो रेगिस्तान का विस्तार, जल संकट और जलवायु असंतुलन और गंभीर हो जाएगा। अरावली का संरक्षण केवल पर्यावरण की रक्षा नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के सुरक्षित भविष्य की जिम्मेदारी है।

लेखक:
राजन कुमार शर्मा
आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ, उपायुक्त कार्यालय, ऊना हिमाचल प्रदेश I

सिरमौर उपायुक्त प्रियंका वर्मा की अध्यक्षता में जिला रेडक्रॉस समिति की बैठक हुई आयोजितदेवभूमि न्यूज नेटवर्ककार्तिकेय तोम...
28/12/2025

सिरमौर उपायुक्त प्रियंका वर्मा की अध्यक्षता में जिला रेडक्रॉस समिति की बैठक हुई आयोजित

देवभूमि न्यूज नेटवर्क
कार्तिकेय तोमर -नाहन
सिरमौर, हिमाचल प्रदेश

जिला रेडक्रॉस समिति द्वारा गैर सरकारी सदस्यों की नई कार्यकारी समिति तथा प्रबंध समिति का किया गया गठन
नाहन, 27 दिसंबर। पीड़ित मानवता की सेवा के लिए रेड क्रॉस सोसाइटी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है जिसके लिए समाज के सभी नागरिकों को स्वेच्छा से आगे आकर पैटर्न, वाइस पैटर्न तथा आजीवन सदस्य बनकर अंशदान करना चाहिए ताकि जरूरतमंदों की आर्थिक तौर पर मदद की जा सके।
यह उद्गार उपायुक्त एवं अध्यक्ष जिला रेडक्रास सोसायटी सिरमौर प्रियंका वर्मा ने आज उपायुक्त कार्यालय के सभागार में जिला रेडक्रॉस सोसाइटी की वार्षिक बैठक की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि जिला रेडक्रास सोसायटी द्वारा एकत्रित धन से जरूरतमंद, गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवार के सदस्यों की बिमारी के ईलाज के लिए आर्थिक मदद की जाती है। उन्होंने समाज के सभी वर्गों से आह्वान किया कि वह सोसाइटी के सदस्य बनकर पुनीत कार्य में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करे।
बैठक में वित्त वर्ष 2025-26 की जिला रेडक्रॉस सोसाइटी की वार्षिक वित्तीय विवरण, विश्व रेडक्रॉस दिवस पर जिला में रेडक्रॉस मेले के आयोजन, रेडक्रॉस भवनों के किराया संबंधी, रेड क्रॉस सोसाइटी की आय बढोतरी संबंधित मुद्दों पर चर्चा व सहमति बनाई गई।
जिला रेडक्रॉस समिति द्वारा गैर सरकारी सदस्यों की नई कार्यकारी समिति तथा प्रबंध समिति का गठन भी किया गया जिसमें कार्यकारी समिति में मनीष जैन, संजय गोयल, अशोक सिकंद व अल्का तथा प्रबंध समिति में राजेंद्र कुमार, असलम खान, पंकज अग्रवाल, भरत भूषण मोहिल, नवनीत गुप्ता व डॉ0 सबलोक को नामित किया गया।
सहायक आयुक्त एवं सचिव जिला रेडक्रॉस सोसाइटी सिरमौर विवेक शर्मा ने बैठक में मद क्रमवार प्रस्तुत किए तथा सोसाइटी की गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी।
इस अवसर पर एसडीएम नाहन राजीव सांख्यान, जिला कल्याण अधिकारी विवेक अरोड़ा, तथा विभिन्न विभागों के अधिकारी सहित सोसाइटी के गैर सरकारी सदस्य उपस्थित रहे।

गरीबों के हक की आवाज़ बनी जनहित याचिका, हाईकोर्ट में दायर पत्रकारों से सहयोग की अपीलदेवभूमि न्यूज नेटवर्कहिमाचल प्रदेश श...
28/12/2025

गरीबों के हक की आवाज़ बनी जनहित याचिका, हाईकोर्ट में दायर पत्रकारों से सहयोग की अपील

देवभूमि न्यूज नेटवर्क
हिमाचल प्रदेश
शिमला

हिमाचल प्रदेश में गरीब, वंचित और शोषित वर्गों के अधिकारों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए माननीय उच्च न्यायालय हिमाचल प्रदेश में जनहित याचिका संख्या 70516/2025 दायर की गई है। यह जनहित याचिका 27 दिसंबर 2025 को प्रदेश के सिरमौर सहित समूचे हिमाचल में रहने वाले गरीब, भूमिहीन, अनुसूचित जाति/जनजाति एवं अन्य वंचित समुदायों के संवैधानिक अधिकारों की सुरक्षा और बहाली के उद्देश्य से दाखिल की गई।
यह याचिका गाँवों की सामुदायिक शामलात भूमि को अवैध कब्जों, निजीकरण और अनुचित बंटवारे से मुक्त कराकर पुनः ग्राम समाज को सौंपने की मांग करती है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि यह लड़ाई केवल जमीन की नहीं, बल्कि रोटी, रोज़गार, सम्मान और आने वाली पीढ़ियों के भविष्य की लड़ाई है। जो भूमि कभी चरागाह, जलस्रोत और गरीबों का सहारा थी, उसे फिर से वंचितों के हाथों में लौटाना इस याचिका का मूल उद्देश्य है।
याचिका के माध्यम से प्रदेश में रहने वाले लाखों गरीब और श्रमिक वर्ग चाहे वे किसी भी समुदाय से संबंध रखते हों को उनका न्यायोचित अधिकार दिलाने का प्रयास किया गया है। इस जनहित आंदोलन को सामाजिक सरोकारों से जुड़े बुद्धिजीवियों का सहयोग प्राप्त हो रहा है, वहीं डॉ. नीरज कुमार के मार्गदर्शन को इस संघर्ष की बड़ी शक्ति बताया गया है।
इस अवसर पर एडवोकेट अनिल कुमार मंगेट, उच्च न्यायालय हिमाचल प्रदेश ने प्रदेश के सभी पत्रकारों एवं मीडिया बंधुओं से अपील करते हुए कहा कि यह संघर्ष किसी एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि सिरमौर और पूरे हिमाचल की सामूहिक आवाज़ है। उन्होंने मीडिया से इस जनहित याचिका को जन-जन तक पहुँचाने में सहयोग और सहभागिता की अपील की।
उन्होंने कहा, “डरिए मत, आगे आइए। आज यदि हम सब साथ देंगे, तो कल न केवल ज़मीन बचेगी, बल्कि गरीबों का सम्मान और अधिकार भी सुरक्षित रहेगा।”
यह जनहित याचिका प्रदेश में सामाजिक न्याय की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है, जिस पर अब सभी की निगाहें माननीय उच्च न्यायालय के आगामी निर्णय पर टिकी हैं

आईजीएमसी रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल का असर शिलाई अस्पताल में भी, मरीज रहे परेशान      *देवभूमि न्यूज 24.इन*इंदिरा गांधी...
28/12/2025

आईजीएमसी रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल का असर शिलाई अस्पताल में भी, मरीज रहे परेशान
*देवभूमि न्यूज 24.इन*
इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) शिमला के सभी रेजिडेंट डॉक्टरों ने 27 दिसंबर 2025 को सुबह 9:30 बजे से अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। हड़ताल के चलते नियमित सेवाएं, वैकल्पिक ऑपरेशन थिएटर तथा आउट पेशेंट विभाग (ओपीडी) पूरी तरह बंद कर दिए गए हैं, जबकि आपातकालीन सेवाएं जारी रखी गई हैं।
इस हड़ताल का असर आज शिलाई अस्पताल में भी देखने को मिला। आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर अस्पताल की अन्य सभी सेवाएं बंद रहीं। उपचार के लिए पहुंचे मरीज सुबह से ही ओपीडी में लंबी कतारों में खड़े नजर आए, लेकिन हड़ताल की जानकारी मिलने पर उन्हें बिना इलाज के लौटना पड़ा। कई मरीज मजबूरन निजी क्लीनिकों में उपचार करवाने को विवश हुए।
शिलाई अस्पताल के डॉ. विवेक शर्मा ने बताया कि हिमाचल डॉक्टर्स एसोसिएशन के आह्वान पर अस्पताल में केवल आपातकालीन सेवाएं ही दी जा रही हैं। उन्होंने बताया कि शिलाई अस्पताल की ओपीडी में प्रतिदिन 130 से अधिक मरीज उपचार के लिए आते हैं, ऐसे में सेवाएं बंद रहने से आम जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
हड़ताल के कारण ग्रामीण क्षेत्रों के मरीज सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं और लोग जल्द समाधान की उम्मीद लगाए बैठे हैं।

“एक समय की बात” कहानी वाचन से बच्चों में सृजनात्मकता का विकास      *देवभूमि न्यूज 24.इन*भाषा एवं संस्कृति विभाग हिमाचल प...
28/12/2025

“एक समय की बात” कहानी वाचन से बच्चों में सृजनात्मकता का विकास
*देवभूमि न्यूज 24.इन*
भाषा एवं संस्कृति विभाग हिमाचल प्रदेश तथा गेयटी ड्रामेटिक सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में “एक समय की बात” कार्यक्रम के अंतर्गत कहानी वाचन के माध्यम से स्कूली बच्चों एवं बाल आश्रमों में रह रहे बच्चों को सृजनात्मक गतिविधियों से जोड़ने का सराहनीय प्रयास किया जा रहा है। यह आयोजन पिछले कई सप्ताह से प्रत्येक सप्ताहांत नियमित रूप से आयोजित किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य बच्चों को उनकी सांस्कृतिक पृष्ठभूमि से जोड़ना तथा रचनात्मक सोच को प्रोत्साहित करना है।
इस कार्यक्रम का विस्तार प्रदेश के अन्य जिलों सोलन, ऊना, मंडी आदि में भी किया गया है, ताकि बच्चों में कहानी पढ़ने की रुचि विकसित हो तथा वे अपने समय का सदुपयोग करना सीख सकें। इसी कड़ी में हाल ही में सर्वोदय बाल आश्रम, रॉकवुड शिमला-1 में कहानी वाचन कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम के दौरान आश्रम के 30 से अधिक बच्चों को वरिष्ठ साहित्यकार एवं कहानीकार ओम प्रकाश शर्मा द्वारा “सुरेश” तथा “कालू” नामक दो प्रेरणादायक कहानियाँ सुनाई गईं। दोनों कहानियों ने बच्चों को नैतिक मूल्यों, आत्मविश्वास और जीवन के सकारात्मक दृष्टिकोण से परिचित कराया।
ओम प्रकाश शर्मा ने बच्चों को कहानी लेखन की बारीकियों से अवगत करवाते हुए उन्हें स्वयं लेखन के लिए भी प्रेरित किया। इस अवसर पर उन्होंने बच्चों के साथ संवाद करते हुए कहानी की परिभाषा, उसका महत्व तथा जीवन में उसकी भूमिका के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
कार्यक्रम में कस्तूरबा गांधी राष्ट्रीय स्मारक ट्रस्ट की प्रतिनिधि मीना देवी, केस वर्कर नीला कुमारी चौहान, अन्य कार्यकर्ता, जिला भाषा अधिकारी शिमला सरोजना नरवाल तथा सहायक शिवम ठाकुर भी उपस्थित रहे।

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