Suman Sonu Creation

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गांवों का देशी मकान का कार्य प्रगति पर है 🥰🥰
14/06/2024

गांवों का देशी मकान का कार्य प्रगति पर है 🥰🥰

चार भुजाओ वाले योद्धा :– जयमल और कल्ला जी राठौर कल्ला जी राठौड़ वे शूरवीर थे, जिन्होंने चित्तौड़ पर अकबर के आक्रमण के सम...
13/06/2024

चार भुजाओ वाले योद्धा :– जयमल और कल्ला जी राठौर

कल्ला जी राठौड़ वे शूरवीर थे, जिन्होंने चित्तौड़ पर अकबर के आक्रमण के समय महाराणा उदयसिंह की सेना में शामिल होकर अपनी वीरता का परिचय दिया था। युद्ध में सेनापति जयमल सिंह राठौड़ थे। उनके पांव घायल हुए तो 24 साल के कल्ला जी ने उन्हें कंधों पर बिठाकर चार भुजाओं के साथ युद्ध किया। दो भुजाएं कल्ला जी की और दो जयमल की जिसे देख कर उन्हे चतुर्भुज देवता की संज्ञा मिली उन्हे देख कर अकबर को लगा मानो युद्धभूमि में चार भुजाओं बाला कोई देवता युद्ध कर रहा हो , माना जाता हे उनके सर कट जाने के बाद भी उनके धड़ युद्धभूमि में लड़ते रहे 🗡️ *जय राजपूताना*

शहर के पक्के मकान भी फीके पड़ जाते है जब गांव के कच्चे मकान याद आते है 👀❤️
13/06/2024

शहर के पक्के मकान भी फीके पड़ जाते है जब गांव के कच्चे मकान याद आते है 👀❤️

मिस्र के दूर-दराज के रेगिस्तान में एक अविश्वसनीय खोज की गई है!
13/06/2024

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सुना है उसने खरीद लिया है करोड़ों का घर शहर में मगर आँगन दिखाने बच्चों कों आज भी गांव लेकर आता है 👀❤️
12/06/2024

सुना है उसने खरीद लिया है करोड़ों का घर शहर में मगर आँगन दिखाने बच्चों कों आज भी गांव लेकर आता है 👀❤️

अरे बेटा इतनी जल्दी भी क्या थी छठवीं के विद्यार्थी होकर M.A. की किताब पढ़ने की...🧐😄😄
16/05/2024

अरे बेटा इतनी जल्दी भी क्या थी छठवीं के विद्यार्थी होकर M.A. की किताब पढ़ने की...🧐😄😄

With Sonu Kachawa – I just got recognized as one of their top fans! 🎉
11/05/2024

With Sonu Kachawa – I just got recognized as one of their top fans! 🎉

दुधवा खूर्द वासीयो का एक ही कहना स्वास्थ्य के लिए सागरी ओर सैव ही बेस्ट है 🍎🍎🙏🙏
10/05/2024

दुधवा खूर्द वासीयो का एक ही कहना स्वास्थ्य के लिए सागरी ओर सैव ही बेस्ट है 🍎
🍎🙏🙏

इस लिए Ajay Mohar रडवा डोल रहा है Aarav Meena
06/05/2024

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क्या बोलती है पब्लिक😱 सिंगल_डबल में डील करेगा या 😱 छक्के_चौके लगाकर शतक बना देगा..😱🤣 या पहली बॉल पे ही ऑउट हो जायेगा..😱🤣...
05/05/2024

क्या बोलती है पब्लिक😱 सिंगल_डबल में डील करेगा या 😱 छक्के_चौके लगाकर शतक बना देगा..😱🤣 या पहली बॉल पे ही ऑउट हो जायेगा..😱🤣
Ajay Mohar

कैमरामैन द्वारा लिए गए इस नजारे के बारे में आप क्या कहना चाहेंगे 🤩🤔?
05/05/2024

कैमरामैन द्वारा लिए गए इस नजारे के बारे में आप क्या कहना चाहेंगे 🤩🤔?

दुल्हे राजा करे तो क्या करे आज सारी रात जागा है और अभी आने वाली रात को भी जागना है  अब यह सोच रहा है की आज आने वाली रात ...
05/05/2024

दुल्हे राजा करे तो क्या करे आज सारी रात जागा है और अभी आने वाली रात को भी जागना है
अब यह सोच रहा है की आज आने वाली रात को नही जागा तो ।।❤️❤️❤️❤️
#दुल्हे
Ajay Mohar

भानगढ़ की बावड़ी के बारे में सायद कुछ ही जानकार जानते है की भानगढ़ के क़िले के पास एक बावड़ी बनी हुई है जिसे जिंद बाबा क...
03/05/2024

भानगढ़ की बावड़ी के बारे में सायद कुछ ही जानकार जानते है की भानगढ़ के क़िले के पास एक बावड़ी बनी हुई है जिसे जिंद बाबा की बावड़ी बोलते है, लोगो की बड़ी आस्था है यहाँ पूज़ा करने आते है लोग यहाँ। भानगढ़ दुर्ग ( कुशवाहा क्षत्रियों की विरासत ) भारत के राजस्थान में स्थित 16वीं शताब्दी में निर्मित एक दुर्ग है।इसे मान सिंह प्रथम कुशवाहा ने अपने छोटे भाई माधो सिंह कुशवाहा प्रथम के लिए बनवाया था।

Shout out to my newest followers! Excited to have you onboard! Sher Singh Saini, Citykingjai Dixit, बिष्णु सैनी पन्नीबाल
02/05/2024

Shout out to my newest followers! Excited to have you onboard! Sher Singh Saini, Citykingjai Dixit, बिष्णु सैनी पन्नीबाल

जवाब,,,,
02/05/2024

जवाब,,,,

तुरजी का झालरा 👌😱 Jodhpurइतिहास के अनुसार जोधपुर के महाराजा अभयसिंह की महारानी जैकंवर तूवरजी रानी ने सन 1740 में झालरा ब...
01/05/2024

तुरजी का झालरा 👌😱 Jodhpur
इतिहास के अनुसार जोधपुर के महाराजा अभयसिंह की महारानी जैकंवर तूवरजी रानी ने सन 1740 में झालरा बनवाया था जिसके कारण उसका नाम तुरजी का झालरा पड़ा। झालरे के पानी का प्रयोग मुख्य रूप से महिलाएं ही करती थीं। क्योंकि पानी भर कर लाना और एकत्रित करना महिलााओं का ही काम था। यह झालरा दशकों से गहरे पानी में डूबा हुआ है। जीर्णोद्धार से 200 फीट गहरी बेमिसाल विरासत सामने आई है। यह जोधपुर का घाटू लाल पत्थर तराश कर बनाई गई है। इसमें आकर्षक नृत्य करते हाथियों की महीन लुभावनी नक्काशी, पानी के मध्यकालीन शेर और गाय मुख्य स्रोत नल हैं।

“आभ फटे धर उलटे कटे बखत रा कोरसिर कटे धर लडपडे जद छूटे जालोर ”12 वीँ शताब्दी के अँतिम वर्षो मे जालोर दुर्ग पर चौहान राजा...
30/04/2024

“आभ फटे धर उलटे कटे बखत रा कोर
सिर कटे धर लडपडे जद छूटे जालोर ”

12 वीँ शताब्दी के अँतिम वर्षो मे जालोर दुर्ग पर चौहान राजा कान्हडदेव का शासन था इनका पुत्र कूँवर विरमदेव चौहान समस्त राजपूताना मे कुश्ती का प्रसिद्ध पहलवान था एवँ कूशल यौद्धा था छोटी आयू मे भी कई यूद्धो मे कुशल सैन्य सँचालन कर अपनी सैना को विजय दिलाई थी ।

बादशाह अलाउदीन खिलजी ने गुजरात पर चढाई की वहा की प्रजा को मारा और सोमनाथ मंदिर से सोमनाथ ज्योतिलिंग को उठा कर गीले चमड़े में बांध कर, राजपुताना को लूटने के इरादे से जालोर पहूचा, उसने जालोर से 09 कोस दूर सकराणे गाँव में अपना डेरा डाला, जालोर के शासक राव कान्हडदेव चौहान ने जब ये बात सुनी तो उसने अपने 04 अच्छे राजपूत बादशाह के पास अपना सन्देश ले कर भेजा और कहलवाया “तुमने इतने हिन्दुओ को मारा और कैद किया, सोमनाथ महादेव को भी बांध कर ले आये, ये तुमने अच्छा नहीं किया और फिर तुमने मेरे ही गढ़ के नीच आ कर डेरा डाला, क्या तुमने हमें क्या राजपूत नहीं समझा”, बादशाह को सन्देश पहूचा गया चारो राजपूतो को दरबार में बुलाया गया, राव कान्हडदेव का खास राजपूत कांधल आपने साथियों के साथ दरबार में हाज़िर हुए पर उन्होंने बादशाह के सामने सर नहीं झुकाया,

बादशाह गुस्से से लाल हो गये, वजीर ने समझाया ये अखड़ दिमाग के राजपूत है ये राव कान्हडदेव के सिवा किसी के सामने सर नहीं झुकाते , बादशाह ने कहा “ हमारा ये नियम है की मार्ग में कोई गढ़ आ जावे तो उसको जीते बिना आगे नहीं बढ़ते क्योकि राव राव कान्हडदेव मुझे आखे दिखा रहा है तो अब तो जालोर फ़तेह करे बिना आगे नहीं जायेगे “ इतना कह कर बादशाह से एक उडती हुई चील पर तुक्का चलाया, जिसकी चोट से चील गिरने लगी, बादशाह का हुकुम हुआ ये चील नीचे नहीं गिरनी चाइये, तीरंदाजो तीर चलने लगे, कांधल वही खड़ा देख रहा था वो समझ गया की ये सब मुझे दिखने के लिए करा गया है, उसकी वक़्त एक सैनिक एक बड़े से भैसे को ले कर वह से निकला,

कांधल ने फुर्ती से अपनी तलवार निकली और एक ही झटके में भैसे के दो टुकड़े कर दिया, तभी तीरंदाजो ने अपने कमान की मुठ कांधल की तरफ की, वजीर के बीच में पड़ कर बादशाह से कहा ‘मैंने तो आप को पहले ही कहा था की ये अखड़ राजपूत है’ बादशाह तीरंदाजो को रोक देता है, और कांधल और उसके साथीयो को जाने देता है, कांधल जालोर पहुच कर कान्हडदेव के सामने सारी बात रखता है, तो कान्हडदेव कहता है

“जल पिए बिना तो रहा नहीं सकते परन्तु अन्न तो अब जब ही खायेगे जब सोमनाथ महादेव को छुड़ा कर लायेगे” हम रात को उनके डेरे पर छापा मारेंगे, तीसरे दिन रात को कान्हडदेव की सेना अलाउदीन खिलजी के डेरे पर हमला कर देते है,बादशाह के बहुत से आदमी मरे जाते है और बादशाह को अपनी जान बचा कर भागना पड़ता है,

सोमनाथ ज्योतिलिंग को तुर्कों से छुड़ा कर कान्हडदेव उन्हें जालोर ले आते है और उनको अपने जागीरी के गाँव मकराना (सरना गांव) मे शास्त्रोक्त रीती से ही प्राण प्रतिष्ठित कर एक बड़ा मंदिर बनवाते है ।
मुंहता नैन्सी की ख्यात के अनुसार इस युद्ध में जालौर के राजकुमार विरमदेव की वीरता की कहानी सुन खिलजी ने उसे दिल्ली आमंत्रित किया |

उसके पिता कान्हड़ देव ने अपने सरदारों से विचार विमर्श करने के बाद राजकुमार विरमदेव को खिलजी के पास दिल्ली भेज दिया जहाँ खिलजी ने उसकी वीरता से प्रभावित हो अपनी पुत्री फिरोजा के विवाह का प्रस्ताव राजकुमार विरमदेव के सामने रखा जिसे विरमदेव एकाएक ठुकराने की स्थिति में नही थे अतः वे जालौर से बारात लाने का बहाना बना दिल्ली से निकल आए और जालौर पहुँच कर खिलजी का प्रस्ताव ठुकरा दिया |

मामो लाजे भाटिया, कुल लाजे चव्हान |
जो हूँ परणु तुरकड़ी तो उल्टो उगे भान ||

शाही सेना पर गुजरात से लौटते समय हमला और अब विरमदेव द्वारा शहजादी फिरोजा के साथ विवाह का प्रस्ताव ठुकराने के कारण खिलजी ने जालौर रोंदने का निश्चय कर एक बड़ी सेना जालौर रवाना की जिस सेना पर सिवाना के पास जालौर के कान्हड़ देव और सिवाना के शासक सातलदेव ने मिलकर एक साथ आक्रमण कर परास्त कर दिया | इस हार के बाद भी खिलजी ने सेना की कई टुकडियाँ जालौर पर हमले के लिए रवाना की और यह क्रम पॉँच वर्ष तक चलता रहा लेकिन खिलजी की सेना जालौर के राजपूत शासक को नही दबा पाई आख़िर जून १३१० में ख़ुद खिलजी एक बड़ी सेना के साथ जालौर के लिए रवाना हुआ और पहले उसने सिवाना पर हमला किया और एक विश्वासघाती के जरिये सिवाना दुर्ग के सुरक्षित जल भंडार में गौ-रक्त डलवा दिया जिससे वहां पीने के पानी की समस्या खड़ी हो गई अतः सिवाना के शासक सातलदेव ने अन्तिम युद्ध का ऐलान कर दिया जिसके तहत उसकी रानियों ने अन्य क्षत्रिय स्त्रियों के साथ जौहर किया व सातलदेव आदि वीरों ने शाका कर अन्तिम युद्ध में लड़ते हुए वीरगति प्राप्त की |

इस युद्ध के बाद खिलजी अपनी सेना को जालौर दुर्ग रोंदने का हुक्म दे ख़ुद दिल्ली आ गया | उसकी सेना ने मारवाड़ में कई जगह लूटपाट व अत्याचार किए सांचोर के प्रसिद्ध जय मन्दिर के अलावा कई मंदिरों को खंडित किया | इस अत्याचार के बदले कान्हड़ देव ने कई जगह शाही सेना पर आक्रमण कर उसे शिकस्त दी और दोनों सेनाओ के मध्य कई दिनों तक मुटभेडे चलती रही आखिर खिलजी ने जालौर जीतने के लिए अपने बेहतरीन सेनानायक कमालुद्दीन को एक विशाल सेना के साथ जालौर भेजा जिसने जालौर दुर्ग के चारों और सुद्रढ़ घेरा डाल युद्ध किया लेकिन अथक प्रयासों के बाद भी कमालुद्दीन जालौर दुर्ग नही जीत सका और अपनी सेना ले वापस लौटने लगा तभी कान्हड़ देव का अपने एक सरदार विका से कुछ मतभेद हो गया और विका ने जालौर से लौटती खिलजी की सेना को जालौर दुर्ग के असुरक्षित और बिना किलेबंदी वाले हिस्से का गुप्त भेद दे दिया | विका के इस विश्वासघात का पता जब उसकी पत्नी को लगा तब उसने अपने पति को जहर देकर मार डाला | इस तरह जो काम खिलजी की सेना कई वर्षो तक नही कर सकी वह एक विश्वासघाती की वजह से चुटकियों में ही हो गया और जालौर पर खिलजी की सेना का कब्जा हो गया |

खिलजी की सेना को भारी पड़ते देख वि.स.१३६८ में कान्हड़ देव ने अपने पुत्र विरमदेव को गद्दी पर बैठा ख़ुद ने अन्तिम युद्ध करने का निश्चय किया | जालौर दुर्ग में उसकी रानियों के अलावा अन्य समाजों की औरतों ने १५८४ जगहों पर जौहर की ज्वाला प्रज्वलित कर जौहर किया तत्पश्चात कान्हड़ देव ने शाका कर अन्तिम दम तक युद्ध करते हुए वीर गति प्राप्त की |

कान्हड़ देव के वीर गति प्राप्त करने के बाद विरमदेव ने युद्ध की बागडोर संभाली | विरमदेव का शासक के रूप में साढ़े तीन का कार्यकाल युद्ध में ही बिता | आख़िर विरमदेव की रानियाँ भी जालौर दुर्ग को अन्तिम प्रणाम कर जौहर की ज्वाला में कूद पड़ी और विरमदेव ने भी शाका करने हेतु दुर्ग के दरवाजे खुलवा शत्रु सेना पर टूट पड़ा और भीषण युद्ध करते हुए वीर गति को प्राप्त हुआ | विरमदेव के वीरगति को प्राप्त होने के बाद शाहजादी फिरोजा की धाय सनावर जो इस युद्ध में सेना के साथ आई थी विरमदेव का मस्तक काट कर सुगन्धित पदार्थों में रख कर दिल्ली ले गई | कहते है विरमदेव का मस्तक जब स्वर्ण थाल में रखकर फिरोजा के सम्मुख लाया गया तो मस्तक उल्टा घूम गया तब फिरोजा ने अपने पूर्व जन्म की कथा सुनाई..

तज तुरकाणी चाल हिंदूआणी हुई हमें |
भो-भो रा भरतार , शीश न धूण सोनीगरा ||

फिरोजा ने उनके मस्तक का अग्नि संस्कार कर ख़ुद अपनी माँ से आज्ञा प्राप्त कर यमुना नदी के जल में प्रविष्ट हो गई..
जय राजपूताना🚩
#इतिहासनामा #इतिहास

तारागढ़ दुर्ग खंडार सवाई माधोपुर  🚩🚩🚩
30/04/2024

तारागढ़ दुर्ग खंडार सवाई माधोपुर 🚩🚩🚩

पाकिस्तान में स्थित देरावर किला, जिसको भाटी राजपूतों ने बनवाया था
30/04/2024

पाकिस्तान में स्थित देरावर किला, जिसको भाटी राजपूतों ने बनवाया था

बस पर लिखा गया ये कोई नहीं बता पाया 🙏
29/04/2024

बस पर लिखा गया ये कोई नहीं बता पाया 🙏

17/03/2024

🤟🤟🤟

14/12/2023

राजस्थान

17/11/2022

Support plz

09/02/2022

थारी भाभी होवे नाराज मैने पीनी झोड़ दी

09/02/2022

तेरी भाभी होवे नाराज मैने पिनी झोड़ दी

06/02/2022

❤️❤️❤️❤️❤️❤️

02/02/2022

मीणा सॉन्ग

31/01/2022

Sonu kachawa

30/01/2022

😍😍🤘🤘😍🤘🤘🤘

28/01/2022

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