06/10/2024
IIT बॉम्बे के एक प्रोफ़ेसर चेतन सिंह सोलंकी जी हैं जिनको सोलर मैन ऑफ़ इंडिया के नाम से भी जाना जाता है। कुछ दिन पहले नई दिल्ली के पांच सितारा होटल हयात में एक सेमिनार में हिस्सा लेने पहुंचे और वहां किसी ने उनके फटे हुए मोजे (socks) की फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया की पांच सितारा होटल में फटे हुए मोजे वाले अथिति। जिसे देश के सभी बड़े मीडिया प्लेटफार्म के द्वारा एक हास्य का समाचार बनाकर प्रकाशित किया गया।
लेकिन इससे भी आश्चर्यजनक बात तब हो गई जब श्री चेतन सिंह सोलंकी ने अपने फटे हुए मुझे के पीछे का कारण बताया। इस बात ने, ना केवल भारत बल्कि दुनिया के कई लोगों का ध्यान आकर्षण किया।
उन्होंने कहा, " मेरे फटे हुए मुझे पब्लिक में एक्सपोज हो गए, मुझे उसे बदलने की जरूरत है मैं ऐसा कर भी सकता हूं और मैं आर्थिक रूप से सक्षम भी हूं लेकिन प्रकृति इसे अफोर्ड नहीं कर सकती क्योंकि मानव के पैसे कमाने की कोई सीमा नहीं परंतु इस प्रकृति और धरती की एक सीमा है।"
ऐसा कहने की पीछे उनका तर्क था की कपास एवं वस्त्र उद्योग व डेनिम के उत्पादन में बहुत अधिक जल एवं अन्य संसाधनों की आवश्यकता होती है इसलिए हमें बुद्धिमत्ता पूर्ण तरीके से अपने जीवन में संसाधनों का उपयोग करना चाहिए यह धरती आने वाली पीढ़ियों के लिए रहने लायक नहीं होगी। पूरी दुनिया उनके इस दृष्टिकोण की प्रशंसा कर रही है और इस घटना ने उन्हें सस्टेनेबिलिटी का ब्रांड एंबेसेडर बना दिया।
जब नियत ठीक होगी तो आपके ऊपर पड़ने वाली फब्तियां भी वरदान बन जायेंगी। वास्तव में समाज को ऐसे लाखों ब्रांड एंबेसेडर की आवश्यकता है जो सादगी और मिनिमलिज्म को प्रमोट करें। प्रोफ़ेसर चेतन हमारे समाज के एक हीरो हैं।