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10/12/2023
08/12/2023

छात्रा के साथ छेड़खानी का विरोध करने पर बदमाशों ने शिक्षक को रॉड से मार कर किया जख़्मी । मामले की जांच में जुटी पुलिस !
छात्रा के साथ छेड़खानी का विरोध करना कोचिंग संस्थान के शिक्षक को महंगा पड़ गया । पांच से छह की संख्या में असमाजिक तत्वो ने दो शिक्षकों की जमकर पिटाई कर जख्मी कर दिया । मामला समस्तीपुर ज़िले के नगर थाना क्षेत्र के मगरदही बनारस स्टेट परिसर के पास की है । घटना के बाद जख़्मी को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया ।
जख्मी की पहचान नगर थाना क्षेत्र के मगरदही मोहल्ला के वार्ड 35 के त्रिभुवन कुमार और जयप्रकाश के रूप में हुई हैं ।
घटना के संबंध में जख़्मी शिक्षकों का बताना है कि कुछ असामाजिक तत्व के लड़के शराब पीकर कोचिंग से छुट्टी के बाद छेड़खानी करने लगे । जिसके बाद छात्राओं ने इसकी शिकायत शिक्षक से की । कोचिंग के शिक्षक बाहर निकलकर जब उन बदमाशों का विरोध किया तब उन सब ने शिक्षक की पिटाई कर दिया । शोरगुल सुन अन्य शिक्षकों को इकट्ठा होता देख बदमाश वंहा से भाग निकले । लेकिन बीस - पच्चीस मिनट बाद दुबारा बदमाश वापस कोचिंग पर हथियार और लोहे का रॉड लेकर आ धमके । और वंहा मौजूद शिक्षक के साथ बुरी तरह पिटाई कर दिया । इधर घटना की सूचना मिलते ही नगर थाना पुलिस मौके पर पहुंच कर मामले की जांच में जुट गई है ।

19/10/2023
02/10/2023

आपने लंगट सिंह कॉलेज, मुज़फ़्फ़रपुर का नाम सुना होगा। इसके संस्थापक थे लंगट सिंह। सन 1899 में इस कॉलेज की नींव उन्होंने रखी मगर तब इसका नाम 'भूमिहार ब्राह्मण कॉलेजियट स्कूल' था।

चौंकाने वाली बात यह कि जिस जमाने में राजा जमींदार लोग शिक्षण संस्थान बनवाते थे, उस समय लंगट सिंह नामक मुज़फ़्फ़रपुर के धरहरा ग्राम में जन्मे तथा रेलवे कुली की नौकरी कर रहे 49 वर्षीय व्यक्ति ने इस कॉलेज की स्थापना की। इतना ही नहीं, BHU की स्थापना में उन दिनों 1,00,000 रुपये की मदद दी। वहां ये महाराजाधिराज रामेश्वर सिंह के बुलावे पर गए थे।

मात्र कक्षा 4 तक पढ़ाई करनेवाले इन महापुरुष ने उच्च शिक्षा प्राप्त करने वालों के लिए इतना कुछ किया।

ये किसान परिवार में जन्म लिए थे। अल्प शिक्षा के बाद दरभंगा समस्तीपुर रेल लाइन पर टेलीफोन सेक्शन में काम करने लगे। शरीर से हृष्टपुष्ट और सुंदर इन आर्यपुत्र ने ग्रीयर विल्सन नामक अंग्रेज इंजीनियर को अपनी मेहनत और मितभाषिता से मोह लिया। इस कारण उनकी कृपादृष्टि बन गई। उनकी पत्नी ने भी इन्हें मदद की और रेलवे-टेलीफोन की ठेकेदारी मिल गई। लगभग साढ़े 7 वर्ष की इस नौकरी में वे कमाई की ऊंचाई पर थे।

जब दरभंगा नरेश उन्हें बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना से पूर्व होनेवाली मीटिंग में लेकर गए तब लंगट सिंह की पहचान एक छोटी मोटी हस्ती के रूप में थी। बैठक के समय जब विश्वविद्यालय निर्माण हेतु चंदे की बात चलने लगी तब महामना पंडित मदन मोहन मालवीय प्रभृति विद्वानों और कुछ समर्थवान लक्ष्मीपुत्रों के सामने उन्होंने एक लाख रुपये दान देने का प्रस्ताव रखा। उस समय उस सभा में उपस्थित सभी विद्वतजनों की आंखें फटी रह गई थी।

सन 1899 में जब मुज़फ़्फ़रपुर में भूमिहार ब्राह्मण महासभा की बैठक इनके नेतृत्व में चल रही थी तब इन्होंने भूमिहार ब्राह्मण कॉलेजियट के लिए 13 एकड़ जमीन और आर्थिक सहायता देने का भी वचन दिया।

ऐसी विभूतियों की चर्चा कम ही होती है। बिहार इन्हें सिर्फ कॉलेज के नाम से ही जानता है। इनकी जीवनी प्रथम बार रामवृक्ष बेनीपुरी ने लिखा। इस लंगट सिंह कॉलेज में कभी रामधारी सिंह दिनकर व्याख्याता के पद पर नौकरी करते थे।

03/09/2023

समस्तीपुर रोसड़ा रेल पथ के अंगारघाट व भगवानपुर देसुआ रेलवे स्टेशन के बीच डढ़िया रेलवे गुमती के पास जानकी एक्सप्रेस से गिरने से आज सुबह एक महिला की मौत हो गई। मृत महिला शरीर पर बोलबम जैसा वस्त्र है। मृतका की पहचान नहीं हो सकी है। रेल व स्थानीय अंगारघाट पुलिस को इसकी सूचना लोगों ने दे दी है।
सूचना अवनी मिश्रा बबलू ,जागरण, अतुल यदुवंशी Virnama

23/08/2023

प्रतिकूल मौसम रहने के वावजूद भी राष्ट्रीय लोक जनता दल समस्तीपुर प्रखंड इकाई के संगठन विस्तार का करवा आज हाकिमाबाद पंचायत निवासी अर्जुन सहनी के आवासीय परिसर पे की गई। प्रदेश महासचिव लालबाबू महतो एवं धर्मेंद्र कुमार राय पंचायत अध्यक्ष के मौजूदगी में सर्वसम्मति से प्रखंड अध्यक्ष अशोक मेहता के द्वारा अर्जुन सहनी को प्रखंड उपाध्यक्ष एवं भोला सहनी को महासचिव के पद मनोनित कर नियुक्ति पत्र दिया गया। मौके पे उपस्थित अशोक पासवान,लखन सहनी, मो0 मुननी,कुंदन कुमार,अखिलेश कुमार, तेतरी देवी,अजय कुमार, कृष्णदेव पासवान, तेजू सहनी आदि लोगों ने भी रालोजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय उपेंद्र कुशवाहा के विचारो से प्रभावित होकर रालोजद की प्राथमिक सदस्यता ली।बैठक को संबोधित करते हुए प्रदेश महासचिव लालबाबू महतो ने सभी लोगों से आगामी 31 अगस्त को कर्पूरी सभागार सर्किट हाउस के पीछे होने वाले जिला कार्यकर्ता सम्मेलन में अधिक से अधिक संख्या में भाग लेकर सफल बनाने की अपील की।

17/08/2023

*पूर्व मध्य रेल से संबंधित 03 परियोजनाएं हैं:*

*1. गोरखपुर कैंट-वाल्मिकीनगर दोहरीकरण:*
लंबाई: 106.96 किमी
लागत: 1269.82 करोड़ रूपए
मंडल: समस्तीपुर

2. *चोपन-चुनार दोहरीकरण:*
लंबाई: 112.74 किमी
लागत: 1553.28 करोड़ रूपए
मंडल: धनबाद

3. *सोननगर-अंडाल मल्टी ट्रैकिंग प्रोजेक्ट:*
लंबाई: 814.38 किमी
लागत: 13,605.98 करोड़ रूपए
मंडल: पंडित दीन दयाल उपाध्याय, धनबाद

15/06/2023

भूखे पेट पढ़ी, एक वक्त चटनी-रोटी खाकर NEET पास की:ऑटो ड्राइवर पिता की मौत के बाद घर खाली करने की आ गई थी नौबत। साभार Chandan Singh Bhati

कोटा

'मुश्किलें हमें तब दिखती हैं, जब हमारा ध्यान लक्ष्य पर नहीं होता' कोटा की प्रेरणा सिंह (20) ने भी ऐसा ही करके दिखाया। ऑटो ड्राइवर पिता की मौत के बाद जब बैंक ने घर खाली करने का नोटिस थमा दिया तो मानों प्रेरणा की दुनिया लुट गई हो।
चार भाई-बहन की जिम्मेदारी और 27 लाख के लोन को चुकाने की जिम्मेदारी मां को निभाता देख केवल एक प्रण किया कि जिंदगी में कुछ बनकर दिखाना है।
नीट में सफल होने वाली प्रेरणा की आंखें आज खुशी से भरी हैं, लेकिन उसे वो दिन आज भी याद है जब पिता की मौत के बाद एक वक्त की रोटी खाने के लिए भी सोचना पड़ता था।
परिवार एक वक्त चटनी से रोटी खाकर गुजारा करता था, लेकिन इन सबके बीच प्रेरणा अपने लक्ष्य पर डटी रही। भूखे पेट रहकर पढ़ाई की और आखिर नीट क्लीयर कर लिया।
कोटा के महावीर नगर में रहने वाली प्रेरणा ने नीट यूजी में 686 नंबर हासिल किए हैं। इन नंबरों से उसे सरकारी मेडिकल कॉलेज में आसानी से एडमिशन मिल जाएगा।

आगे पढ़िए प्रेरणा की सफलता की कहानी उसी की जुबानी...

पहले पिता की मौत, आर्थिक स्थिति खराब, बैंक का कर्ज और फीस की परेशानी, लेकिन इन सब मुश्किलों ने प्रेरणा को नई हिम्मत दी।

दसवीं में थी तब हुई पिता की मौत
2018 मैं दसवीं क्लास में पढ़ रही थी। तब पिता बृजराज सिंह की कैंसर के कारण मौत हो गई थी। पापा का जगह-जगह इलाज करवाया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। करीब तीन लाख रूपए खर्च हो गए, लेकिन आखिरकार उन्होंने दुनिया छोड़ दी। वो ऑटो चलाते थे। यही परिवार की कमाई का जरिया था। हम चार भाई-बहनों की परवरिश इसी से हो रही थी।
पिता की मौत ने परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया था। फिर आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। मैं भी टूट गई थी, लेकिन मां ने सभी को संभाला। इसके बाद कोरोना आ गया। इससे परिवार के आर्थिक हालात और खराब हो गए। रिश्तेदारों के भरोसे घर चला। मां के परिवार और घरवालों ने मदद की। मां की पांच सौ रूपए पेंशन आती थी। जैसे-तैसे कर इससे हम भाई-बहनों को पढ़ाया।

पिता का ऑटो आज भी घर के बाहर खड़ा
प्रेरणा ने बताया- पिता का ऑटो आज भी मकान के बाहर ही खड़ा है। जब भी ऑटो को देखती हूं, पिता की याद आती है। पैसे बचाने के लिए कभी कोचिंग जाने के लिए कोई साधन का उपयोग नहीं किया।
बल्कि साइकिल से ही आया जाया करती थी। कोचिंग के बाद दस से बारह घंटे खुद पढ़ाई करती थी। पढ़ने वाले कमरे में एक बोर्ड लगा रखा है। जब भी कोई परेशानी आती बार-बार उसे सॉल्व करती। जब तक समझ नही आता, बार बार सवाल करती थी। टीचर्स का भी पूरा सपोर्ट मिला।
प्रेरणा का कहना है कि मां-बाप के आशीर्वाद से ही उसे ये सक्सेस मिली है। वो चाहती है कि किसी भी बच्चे की पढ़ाई पैसों की तंगी के कारण कभी ना रुके।

पिता कहते थे बेटी नाम रोशन करेगी

प्रेरणा ने कहा- मेरे पापा हमेशा कहते थे कि मेरी बेटी प्रेरणा नाम रोशन करेगी। उस समय तो मैं पढ़ने में भी अच्छी नहीं थी। उन्हें मेरे पर खूब विश्वास था। वह थे तब तक कोई दिक्कत नहीं आने दी। उनके जाने के बाद मैनें ठान लिया कि पापा का सपना पूरा करना है। डॉक्टर बनना चाहती थी, पढ़ाई की।

कोचिंग की तरफ से भी आर्थिक मदद मिली। आज मैं गर्व से कह सकती हूं कि मैंने मेरे पापा का नाम रोशन कर दिया। हालांकि, यह देखने के लिए वह हमारे बीच में नहीं हैं, लेकिन आज वह जहां भी होंगे खुश होंगे।

चटनी के साथ रोटी खाकर रहे, बैंक ने घर पर लगा दिया था नोटिस

प्रेरणा की मां माया कंवर ने बताया- मैं ही हार जाती तो बच्चों का क्या होता। मैनें हिम्मत नहीं हारी। यह स्थिति थी कि घर में सब्जी भी नहीं होती थी।
एक समय रोटी के साथ प्याज या लहसुन की चटनी बनाकर एक वक्त का खाना खाते थे। पढ़ाई करते रहते थे। बच्चे भी बहुत जल्द समझदार हो गए। उन्हें अगर दस रूपए भी दिए तो वह कई दिन तक संभालकर रखते थे। ये सोचकर की घर में काम आ जाऐंगे।
चार बच्चे थे, चारों की पढ़ाई में कोई कमी नही आने दी। रिश्तेदारों से उधार लिया। करीब दो लाख का तो उधार ही है। इसके अलावा बैंक का केस भी चल रहा है। पति की मौत के बाद मकान की किस्त नही जा सकी। इसके चलते बैंक वाले नोटिस चिपका कर गए।
हालांकि, बाद में कुछ किश्तें इधर उधर से जमा करके दी। प्रेरणा के पिता के इंश्योरेंस का भी मामला चल रहा है। घर का केस भी चल रहा है। काफी परेशानियों में बच्चे पाले हैं।
मैं शब्दों में बता भी नही सकती कि कितनी परेशानियां आई। जो अभी भी चल रही हैं। अब जब बेटी ने नाम रोशन कर दिया तो सभी परेशानियां छोटी लगती हैं।

बैठने जितनी जगह में रहकर की पढ़ाई
प्रेरणा का परिवार पिता के बनाए मकान की तीसरी मंजिल पर रह रहा है। इस मकान के निचले हिस्से को हाल में ही किराये पर दिया है।
इस कमाई से फिलहाल परिवार का खर्चा चल रहा है। यहां ऊपरी मंजिल पर एक हॉल बना है। इसमें ईंटों पर प्लास्टर तक नहीं है। इसी एक हॉल में प्रेरणा का पूरा परिवार रह रहा है। रसोई भी इसी में है।
एक छोटा सा कमरा प्रेरणा के लिए है। इस कमरे में टेबल कुर्सी रखने के बाद बैठने के अलावा जगह नहीं बचती। इसी कमरे में रहकर प्रेरणा ने पढ़ाई की। प्रेरणा कहती है कि पढ़ाई के दौरान इसी कमरे में जैसे-तैसे सो जाती थी।

चारों भाई बहनों ने नहीं हारी हिम्मत

प्रेरणा की सबसे बड़ी बहन अनामिका बीएड कर रही हैं। भाई मानवेन्द्र ने जेईई मेन से एनआईटी में जगह हासिल की। वहीं, सबसे छोटा भाई विजय बीएससी कर रहा है। प्रेरणा ने बताया- उसकी 1033वीं रैंक है।
वह एमबीबीएस करने के बाद पीजी करेगी। उसके बाद मेडिकल फील्ड में ही रिसर्च करना चाहती है। वह चाहती है कि कैंसर जैसी बीमारियों में और खोज हो और मरीजों को बचाया जा सके।

15/06/2023

दिनांक 18.06.2023 को मुजफ्फरपुर से खुलने वाली
गाड़ी सं. 19270 मुजफ्फरपुर-पोरबंदर एक्सप्रेस का परिचालन रद्द

हाजीपुर: 15.06.2023

बिपरजॉय चक्रवर्ती तुफान के कारण दिनांक 18.06.2023 को मुजफ्फरपुर जं. से खुलने वाली गाड़ी सं. 19270 मुजफ्फरपुर-पोरबंदर एक्सप्रेस का परिचालन रद्द रहेगा ।


(वीरेन्द्र कुमार)
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी

07/03/2023

फरवरी माह में कौन सी सब्जी बोई जाती है? उत्तर: पालक, बैंगन, टमाटर, फूलगोभी, बंद गोभी, लोबिया, भिन्डी, खरबूजा, तरबूज, नेनुआ, कोहड़ा, लौकी, खीरा, गाजर, मुली, चुकंदर और बंडा इत्यादि सब्जियां फरवरी में बोई जाती हैं.

15/01/2023
देश का एक मजबूत समाजवादी किला ढह गया जिसकी भरपाई असंभव है विनम्र श्रद्धांजलि शरद दादा
14/01/2023

देश का एक मजबूत समाजवादी किला ढह गया जिसकी भरपाई असंभव है विनम्र श्रद्धांजलि शरद दादा

https://onenewslivein.wordpress.com/2022/12/30/1759/
30/12/2022

https://onenewslivein.wordpress.com/2022/12/30/1759/

कई महीनों से चल रहे राजनीतिक चर्चाओं के बीच मेयर और उप मेयर का चुनाव संपन्न , महागठबंधन के पाले में गई दोनों सीट, भाज....

30/12/2022

समस्तीपुर उप मेयर का परिणाम घोषित

रामबालक पासवान 17279
सुजय कुमार 8669
रामबालक पासवान की 8610 वोट से जीत घोषित

30/12/2022

समस्तीपुर नगर निगम उप मेयर का परिणाम

रामबालक पासवान 16416
सुजय कुमार 8379
मनोज पासवान
समस्तीपुर मेयर
1अनिता राम 21126 वोट
2किरण कुमारी 9234 वोट
3 संध्या हजारी 9925 वोट

कुल 216 ईवीएम में से 157 ईवीएम की हुई है गिनती

26/12/2022

जनवरी महीने में लगाई जाने वाली सब्जियां – Vegetables grown in January month in Hindi
टमाटर (Tomato) खरीदें
धनिया (Coriander) खरीदें
मटर (Peas) खरीदें
बैंगन खरीदें
फ्रेंच बीन्स खरीदें
प्‍याज (onions) खरीदें
मूली (Radish) खरीदें
करेला (Bitter gourd) खरीदें
ज़्यादा आइटम...

https://mysamastipur.com/%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%9c%e0%a5%8d%e0%a4%af-%e0%a4%b5%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%be%e0%a4%aa%e0%...
06/12/2020

https://mysamastipur.com/%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%9c%e0%a5%8d%e0%a4%af-%e0%a4%b5%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%be%e0%a4%aa%e0%a5%80-%e0%a4%86%e0%a4%a8%e0%a5%8d%e0%a4%a6%e0%a5%8b%e0%a4%b2%e0%a4%a8-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%a4/

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