04/12/2024
श्रीमद् भागवत कथा श्रवण से मनुष्य जीवन सार्थक होता है: स्वामी विनोद कृष्ण
सफीदों, (महाबीर मित्तल)
नगर के गीता कालोनी स्थित मंदिर में स्वामी परम मुक्तानंद महाराज भिक्षु: के सानिध्य में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा अमृत महोत्सव में श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए श्री बांके बिहारी भगवत धाम, चित्रकुट से पधारे स्वामी विनोद कृष्ण महाराज ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करने से मनुष्य का जीवन सार्थक होता है। जन्म तो हर प्राणी एवं मनुष्य लेता है लेकिन उसे अपने जीवन का अर्थ बोध नहीं होता है। बाल्यावस्था से लेकर मृत्यु तक वह सांसारिक गतिविधियों में ही लिप्त होकर इस अमूल्य जीवन को नश्वर बना देता है। श्रीमद् भागवत ऐसी कथा है जो जीवन के उद्देश्य एवं दिशा को दर्शाती है। इसलिए जहां भी भागवत होती है इसे सुनने मात्र से वहां का संपूर्ण क्षेत्र दुष्ट प्रवृत्तियों से खत्म होकर सकारात्मक ऊर्जा से सशक्त हो जाता है। उन्होंने कहा श्रीकृष्ण का जन्म मनुष्य जीवन के उद्धार के लिए हुआ है। उन्होंने बताया मनुष्य जीवन सबसे उत्तम माना जाता है। इसी योनी में भगवान भी जन्म लेना चाहते हैं। जिससे वे अपने आराध्य ईश्वर की भक्ति कर सके। श्रीकृष्ण ने भागवत के माध्यम से बुराई व सदाचार के बीच अंतर बताया। ईश्वर को धन दौलत व यज्ञों से कोई सरोकार नहीं है। वह तो केवल स्वच्छ मन से की गई आराधना के अधीन होता है। उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा की सार्थकता जब सिद्ध होगी जब हम इसे अपने जीवन में व्यवहार में धारण करके निरंतर हरि स्मरण करेंगेे। भागवत कथा से मन का शुद्धिकरण होता है। इससे संशय दूर होता है और शांति व मुक्ति मिलती है। कथा के संयोजक समाजसेवी सतनारायण मित्तल ने स्वामी परम मुक्तानंद महाराज भिक्षु: व स्वामी विनोद कृष्ण महाराज का माल्यार्पण करके अभिनंदन किया।
फोटो कैप्शन.: श्रीमद् भागवत का रसपान करवाते हुए स्वामी विनोद कृष्ण महाराज।