पंच्चाक्षर पहाड़ी #तुलसी

पंच्चाक्षर पहाड़ी #तुलसी Our Land Of gods Uttarakhand State in India lmportance of 5 Numbers like "PANCHAKSHAR"

जब मैं शांति से अपनी आंखें बंद करता हूं मुझे कुछ अलग दिख रहा है जब मैं हिमालय में अपनी आँखें खोलता हूँ मुझे कुछ अलग दिख ...
21/10/2023

जब मैं शांति से अपनी आंखें बंद करता हूं मुझे कुछ अलग दिख रहा है जब मैं हिमालय में अपनी आँखें खोलता हूँ मुझे कुछ अलग दिख रहा है
When I close my Eyes in peace
I see something different
When I open my eyes in Himalayas
I see something different
ध्यान की मुख्यतः चार 3-विधियाँ देखना, सुनना, सांस लेना और आँखें बंद करना
Mainly four methods of meditation
seeing,hearing,breathing and
closing eyes
लगभग सभी विधियों में कहा गया है कि आंख बंद करके दोनों भौहों के मध्य बिंदु पर देखने का प्रयास करें और मन को केन्द्रित करें.
In almost all the methods, it is said that by closing the eyes, try to look at the middle point of the eyebrows and concentrate the mind.
एकाग्रता में सबसे बड़ी रुकावट आती है – मन का भटकना, जो लोग भटकते मन पर नियंत्रण पाने में नाकाम रहते उनके लिए ध्यान कभी भी सरल नहीं हो सकता।
The biggest hindrance in concentration is the wandering of the mind, meditation can never be easy for those who fail to control the wandering mind.
ध्यान की शुरुआत सबसे पहले एक एकांत वातावरण की जरूरत होती है जहां कहीं शोरगुल ना हो और बैठने के लिए एक साफ सुधरा या कह लीजिए चटाई नुमा आसन के ऊपर रखा हो
To start meditation, first of all a secluded environment is required where there is no noise and a clean or mat-like seat is placed on top of the seat to sit.
प्राणायाम करना या थोड़ी थोड़ी देर तक लम्बी सांस धीरे-धीरे लेना और धीरे-धीरे छोड़ना दिमाग और शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा को बढाता है.
Doing Pranayama or taking deep breaths slowly and exhaling slowly for a short while increases the amount of oxygen in the brain and body.
इसमें आपको बहुत जोर नहीं लगाना है कि आँखों या सिर में दर्द होने लगे. बस बंद आँखों में आराम से दृष्टि ऊपर को रखनी है.
You don't have to exert too much force in this that it causes pain in the eyes or head. Just keep your gaze upward with closed eyes.
नियमित रूप से ध्यान करने के सभी तरीके ध्यान करने की सभी विधियां और ध्यान के सभी तरीके और सभी फायदे बताने की एक कोशिश
An attempt to tell all the ways to meditate regularly, all the methods of meditation and all the methods of meditation and all the benefits.
वैसे सभी ध्यान क्रियाओं का मूल एक ही है। इसलिए सभी ध्यान विधियों को अच्छा माना जाता रहा है।
Well, the root of all meditation activities is the same. Therefore all meditation methods are considered good.
इससे मष्तिष्क सक्रिय (Charge) होता है और विचारों को कण्ट्रोल करना सम्भव होता है.ध्यान में मन को विचारों से हटा कर एक बिंदु या एक विचार पर स्थिर करना होता है.
This activates the brain and it becomes possible to control the thoughts. In meditation, the mind has to be removed from the thoughts and fixed on one point or one thought.
इसके साथ ही ध्यान लगाने से मन में पूर्ण आत्मविश्वास जाग्रत होता है जिससे वह असाधारण कार्य भी शीघ्रता से संपन्न कर लेता है।
Along with this, meditation awakens
complete self-confidence in the mind due to which itcan complete even extraordinary
tasks quickly.
कुछ माह बाद व्यक्ति को भूत, भविष्य-वर्तमान तीनों प्रत्यक्ष दिखने लगते हैं। ऐसे व्यक्ति को भविष्य में घटित होने वाली घटनाओं के पूर्वाभास भी होने लगते हैं।
After a few months, the person starts seeing the past, future and present clearly. Such a person also starts having premonitions of events happening in the future.
कुछ योगीजन कहते हैं कि नीला रंग में आज्ञा चक्र और जीवात्मा का रंग और इसी नीले रंग के रूप में जीवात्मा ही दिखाई पड़ती है।
Some Yogis say that blue color is the color of Ajna Chakra and thesoul and the soul itself is visiblein the form of this blue color.
वैसे योग करने की कई विधियाँ बताई जाती रही हैं जिनमें कुछ न कुछ बेसिक समानताएं होती हैं।
However, many methods of doing yoga have been suggested which have some basic similarities.
ऐसा व्यक्ति भूत और भविष्य की कल्पनाओं में जीवन नहीं जीता है ध्यान हमें संसार के सारे दुखों से आज़ाद कराकर आध्यात्म की ओर ले जाता है.
Such a person does not live his life in imaginations of past and future. Meditation frees us from all the sorrows of the world and leads us towards spirituality.
पीला रंग जीवात्मा का प्रकाश है। इस प्रकार के रंगों के गोले दिखना आज्ञा चक्र के जाग्रत होने का लक्षण माना गया है।
Yellow color is the light of the soul. Seeing balls of this type of color is considered a symptom of the awakening of the Ajna Chakra.
दिव्य ध्यान के लक्षणों में साधक को कठोर साधना के बाद ही सूर्योदय वाली दिव्यता अथवा दिव्य ज्योति पुंञ्ज का सूक्ष्मता से दिव्य तेजपुंञ्जता का आभास होने लगता है।
In the symptoms of divine meditation, the seeker begins to perceive the divinity of the sunrise or the subtle divine brilliance of the divine light beam only after rigorous sadhana.

Bisht@kbcp
पंंच्चाक्षर पहाड़ी #तुलसी

present A GARHWALI COVER SONG -Singer-Actor : TULSI SINGH BISHTGates of the abode people come an...

खो गये वो घर परिवार करते थे बातें हमेशा संस्कारों की                                              साथ क्या होता जाना बंट...
10/08/2023

खो गये वो घर परिवार करते थे बातें हमेशा संस्कारों की साथ क्या होता जाना बंटवारे की गाथा अब सुन सुनकर

आदमी रोज जीता मरता अपनों का बोझा ढो ढ़ो ढो़कर इन्सानों में भगवान होते जाना था रिश्ते निभाते देखकर

जिन्दगी एक सी नहीं होती जाना जब मिले थे हम सफर बचपन गया जवानी गयी भागई अब वो निशानी बनकर

जागे रहे थे कभी सारी रात भीगे तकिया सरपर रखकर बरसात सा रोना क्या होता जाना था दर्द को सह सहकर

रिश्ते निभाना क्या होता जाना बचपन के उन सलीकों से
जमाना ना रहा अब उन सुनहरी यादों को जिन्दा रख कर

जज्बातों को दिल में पत्थर रखकर जीता रहा था उम्र भर
दिल टूटना क्या होता जाना गुम चोट का दर्द सह छुपकर

जमीन आसमां एक करने निकले थे ठोकरों को लगाकर खुले में उड़ना क्या होता जाना परों में जान को फूँक कर

कभी तपन को सहा कभी शीतलता में मिला निखरा पन धूप छाँव क्या होती है जाना था दुख सुख का जीवनसार

खुशियाँ क्या होती हैं जाना दुनिया से दूर रहा बिछड़ कर दुनिया अच्छाइयों को दूर रखते हैं लाते बुराइयां ढूंढ कर

अपनी ही सोच से लिखता जिन्दगी का एक पन्ना सोचकर
ज़ख्मों के सारे पन्ने अपनो को भी दिखाया पलट पलटकर

वक्त आखरी शाम आखरी वक्त महंगा लगा सद्पयोग कर जीवन का अनन्त प्रवाह रहा जाना था दुख दर्द भरा वक्त

हंसती रोती जिन्दगी हे मानव संभल कर्मों को भी देखकर तू स्वयं से अन्जान रहा अन्दर से अपनी जान पहचान कर
📑✒️ #तुलसी पँच्चाक्षर पहाड़ी

22/07/2023

Uttarakhand & my written pahdi poem in Garhwali language.
एक एक पत्थर तराशी छौ कबि मिस्त्रीयून बणै छा मकान
आज पहाड़ मा तुमरा विखर्यां घर खंडहर ही दिखेणा छन
जै माटा मा गुंदकली हथ्यूंल खुट्यून चली खड़ू ह्वै चलूणू रै
गरीबी मा दिन कटै छा पर हिम्मत हिमालै जना ऊंचा रैछा

भाग की भताक हित छै जु पहाड़ छोड़ी परदेसी ही ह्वैग्यां
जमना दगड़ी चलण ता हमथैं भैर हित निकल्ण प्वाडलौ
कश्मीर का रौंतेला सुन्दर पहाड़ श्रंगार रस देणवला छन
उत्तराखंड का रौंतेला सुन्दर पहाड़ शान्ति देणवला छन

जख श्रंगार रस प्रकृति थैं ब्रह्मानंद सहोदरमय बुल्येन्दन
वख शान्तरस प्रकृति थैं साक्षात ब्रह्मानन्द मय बुल्येंन्दन
ये पेटा बाना रोजी र्वटी खुणै पहाड़ म रोजगारै कमित रै
कभी घार बौड़ी की आणा भी छनत पर्यटकबणी आणा

त्याईस सालों मा भी ना चकबन्दी ना भूकानूनथैं लैसकां
यख तक कि पड़ोसी जन हिमाचल की नीति नि लैसाका
पहाड़ अर मैदान की विकास नीति भेद ही निकैर सक्यां
विकास का नाम फरैत पहाड़ की घोर उपेक्षा करैत किले

पहाड़ जन कठिन दिनचर्या सुख सविधौं की कमित छैंछे
जल जंगल जमीन से इन कटैग्यां कि आपदा ही दिखेणी
पलायन का भूतन इन झपटा मारी सब उन्दू बौगणा छन
सर्यू पहाड़ देहरादून हरिद्वार ऊधमसिंहनगर ही मा बस्यूँ

क्वी दिल्ली बम्बै चण्ढीगढ़ क्या सर्या देशी विदेशी ह्वैंगिन
इनी लंगत्यार लगीं रालीत उत्तराखंड पहाड़ खालीत रालू
हमरी परम्परा संस्कृति अब मोबाइलूँ मा ही दिखेणी छन
पहाड़ की असली जीवनधारा बौगी इतिहास होण फरैच

ब्वलदन समय एक सी नी रैन्दू धारा मा सब बौगीजंदिन
पहाड़ का नदी किनरा डांडा कांठा बुग्यालूं फरै नजर चा
वैई माटाकू मोलभौ कन वला गढ़कुमौ वासी नि रैनीबल
नेता सड़क बिजली पाणी कनात वोट देण वला कम रैन

खाली पहाड़ अपणी आंख्यूँ पाणी अब कैमु दिखालू बल
भाषा बोली सौसिंगार मेला खोला सेवा सौंली हरचि गिन
गंगा भागीरथी का किनरा भी छन त चारधाम सहारा छन
हमरा देवी देवता भी तबितलक जबतलक यख लोग छन

📑✒️तुलसी पँच्चाक्षर पहाड़ी

20/07/2023

🙏Jaibabakedar 🕉️Terohiaaadhaaar 🔥

22/03/2023
02/02/2023

🤔 The best employees & The best management. What will be happened ????

मैं कभी सीधा साधा पहाड़ी था जी ??? मेरा प्रिय व्यवसाय है भेड़ बकरी पालन जी ???मेरा प्रिय (जल)ठंडा पानी था ??? मेरे प्रिय...
27/01/2023

मैं कभी सीधा साधा पहाड़ी था जी ???
मेरा प्रिय व्यवसाय है भेड़ बकरी पालन जी ???
मेरा प्रिय (जल)ठंडा पानी था ???
मेरे प्रिय जंगल भी ???
मेरी प्रिय जमीन भी ???
मेरे प्रिय पहाड़ भी ???
मेरी प्रिय संस्कृति भी थी ???
क्या कारण है कि पहाड़ का पलायन हुआ तो क्यों हुआ किसी के पास कोई उचित ज़वाब नहीं ???
न किसी ने इस ज्वलंत प्रश्न पर कभी कोई गहन अध्ययन विषयक चर्चा का विषय केन्द्र बनाया ???
क्या कारण है जी मेरा पहाड़ लगातार दरक रहा है ???
और आपदाओं का दौर जारी है ???
देवभूमि में कभी भूकम्प कभी बाढ़ कभी दरारों पर विभिन्न माध्यमों से ऐसे प्रश्न उठाते आ रहे हैं और चर्चायें ऐसी होती जा रही है कि जैसे प्रतियोगिता हो रही हो ???
सब जानते हैं यहां दिव्यता लिए मां यमुना का धाम यमुनोत्री, मां गंगा का धाम गंगोत्री, शिव का केदारनाथ धाम और श्रीविष्णु का धाम श्रीबद्रीनाथ जी के नाम से प्रसिद्ध मंदिरों के साथ साथ पंच बद्री यहां पंच केदार यहां पंच प्रयाग यहां इन सभी के प्रचार प्रसार में कोई बोलने से कभी चूकता थकता भी तो नहीं ???
लेकिन आज मुख्य बात नर नारायण के मुख्य द्वार ज्योतिर्मय ज्योतिर्मठ की पद प्रतिष्ठा और आम जीवन बचाने के प्रयास में कोई ठोस समाधान अभी तक किसी के पास नहीं ???
क्या कोई चमत्कारी शक्ति से हल निकलेगा ???
जय हो नृसिंह भगवान की 🙏🙏🙏
📝✒️पंच्चाक्षर पहाड़ी

https://youtube.com/
25/12/2022

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🤔😊🙏Today 29/02/2020 I forward my first Garhwali own written song Bhajan Bhola Mahadev In future time to time I will try to sing Pa...

16/07/2022

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