13/01/2025
मुनि की रेती, नगर निकाय चुनाव की तिथि जैसे जैसे नजदीक आ रही है वैसे वैसे बेतुके बोल बोलकर धैर्य और सयम की सीमा लाँघने का कुत्सित प्रयास तनाव उत्पन्न करने की गहरी साजिश चल रही है। इस बार का चुनाव जनता बनाम राष्ट्रीय दल बनता दिख रहा है। उल्लेखनीय है कि सामान्य सीट होने के बाद एकायक परिवर्तन कर इस नगर निकाय अध्यक्ष सीट को सामान्य महिला घोषित कर दिया गया। महिला सीट होने पर मतदाताओं को सकून मिला कि अब की बार चुनाव शालीनता ओर सयंम से बिना किसी फसाद क़े सम्पन्न होने।परन्तु इस चुनाव में कुछ अलग ही नजारा देखने को मिल रहा है।4 उम्मीदवार उत्तराखण्ड के मूल निवासी है कोई भी बाहरी नही है फिर भी एक दल विशेष के लोग बहु , बेटी, बहिन का नारा बुलंद कर रही है वही उसी दल के लोग कहते दिख रहे है कि उनको सरल, ईमानदार, शालीनता का क्या करना है क्या उन्हें घर का दामाद ओर बहू बनाकर लाना है।ये कैसी फूहड़ भाषा है।लड़ाई मुद्दों ओर विकास पर केंद्रित होनी चाहिये। परन्तु जब कुछ कहने को नही तो बार अरसे, रोट, उड़द की दाल के पकोड़े, स्वाले तक नही बल्कि बाहरी बताकर बिगड़ैल बोल बोलने की मर्यादा लाँघने की सीमा खत्म कर दी है।ये तो जग जाहिर है कि दीपावली, होली के त्यौहार पर अपने आस पड़ोस ओर निजी जनो को मिष्ठान आपस मे बांटने का कार्य परस्पर होता है।तो फिर उसमें इन्हें बुराई कँहा नजर आई। नगर चुनाव से इसका क्या लेना देना।अपनी पहचान के रूप में अरसे, रोट ओर अपने गढवाली व्यंजन को भावी पीढ़ी को अवगत कराने के लिये अपनी संस्कृति, अपनी पहचान के लिये ये सब होना जरूरी है। आज निकाय में ट्रिपल इंजन की सरकार कार्यरत रही परन्तु सड़को, पार्किंग, सफाई व्यवस्था समेत सभी मूलभूत आवश्यकताओं का अभाव पाया गया है। आज सभी उम्मीदवार अपना विजन बताए ओर अगर उनकी नगर निकाय में पूर्व भागेदारी रही हैं तो कौन से कारण है कि उपरोक्त कार्य पूर्ण नही हुई।जनता रिमोट कंट्रोल से नगर निकाय चुनाव को संचालित नही होने देना चाहती है।
मुनि की रेती, नगर निकाय चुनाव की तिथि जैसे जैसे नजदीक आ रही है वैसे वैसे बेतुके बोल बोलकर धैर्य और सयम की सीमा लाँघन.....