26/01/2023
कप्तान परिवार का सरल और मिलनसार स्वभाव,दलित और अल्प संख्यक वोट बैंक के सहारे हमेशा लहराते आये है रेवाड़ी विधानसभा सीट पर अपना परचम
एक से ज्यादा प्रतिद्वन्दी का चुनाव लड़ना और व्यापारिक पकड़ भी कप्तान हॉउस को जिताने में निभाती है अहम् भूमिका
रेवाड़ी,26 जनवरी (पवन कुमार )I अपनी राजनैतिक विश्लेषण में हम आज कैप्टन हॉउस कि बात करते है I आजादी के बाद रेवाड़ी विधानसभा पर अधिकांश कप्तान हॉउस (सहरानवास) का ही कब्ज़ा रहा I दो बार कप्तान अजय यादव के पिता अभय सिंह यादव, लगातार 6 बार कप्तान अजय यादव स्वयं खुद और अब एक बार चिरंजीव राव विधायक है I आखिर ऐसा क्या है कि रेवाड़ी की जनता कप्तान अजय यादव से नाराजगी के बावजूद भी उन्हें जिताती आ रही है I अभी तक ऐसा भी प्रतीत नहीं होता कि जनता ने कप्तान परिवार को राजनीति से बाहर करने का मन बना लिया हो,अगर ऐसा होता तो चिरंजीव राव रेवाड़ी विधायक नहीं बनते I परिवार के तीनों विधायकों में एक चीज तो समान्य है ,वह है उनका सरल स्वभाव,भोलापन और मिलनसार होना,जो एक बड़ा गुण रहा है और साबित हो भी रहा है , जो उनको जनता से दूर नहीं होने देता I जहां कप्तान जनता के बीच बने रहते है वहीं राव इंद्रजीत से मिलने के लिए समय लेना पड़ता है और कप्तान का कार्यालय जहां शहर के बीचो बीच है वहीं राव इंद्रजीत का कार्यालय शहर के बाहर है I कहते है कि कप्तान अगर बैडरूम में भी हो तो वहां भी मिला जा सकता है लेकिन राव इंद्रजीत से मिलने के लिये काफ़ी मशक्क्त करनी पड़ती है I दूसरा कारण उनके परिवार का राजनीति में कायम होने का यह भी है कि वह स्वयं तो कांग्रेस में है ही और उनका परिवार भी कांग्रेसी विचारधारा का रहा है I आजादी के बाद अधिकांश कांग्रेस ही प्रदेश में सत्ता रही है और अगर प्रदेश में कोई और सरकार भी रही हो तो भी कप्तान परिवार ने उनसे अपना संतुलन बनाये रखा है I सत्ता किसी भी पार्टी की रही हो, वे रेवाड़ी के विधायक बने I सही मायने में रेवाड़ी विधानसभा सीट में कांग्रेस का दलित वोट बैंक,कप्तान परिवार का व्यापारियों को दुखी ना करना,सरल स्वभाव और मॉडल टाउन में निवास स्थान होना ही कप्तान परिवार कि जीत को सुरक्षित करता है I यह तो सच है कि पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा के दो फाड़ (असली भाजपा और नकली भाजपा) के बीच तनातनी के कारण चिरंजीव राव बाजी मार गये I लेकिन इसके साथ पका हुआ कप्तान का वोट बैंक भी था,जिस कारण चिरंजीव राव विधायक बने I आखिर वह स्थाई वोट बैंक क्या है जिसके सहारे वह उम्मीद से ज्यादा वोट ले जाते है,चाहे कांग्रेस की सत्ता रहे या ना रहे I सब को पता है कि कप्तान परिवार की कांग्रेस की टिकट किसी भी सूरत में नहीं कटेगी,जिस कारण कांग्रेस विचारधारा के लोग एक जुट रहते है और कप्तान परिवार के अलावा कोई अन्य कांग्रेस से टिकट लेने कि सोचता भी नहीं और प्रयास भी नहीं करता I कप्तान अजय यादव के पी ए महावीर यादव ने दीपेंद्र हुड़्डा से नजदीकयां बनाई पर वह कहीं काम ना आई I जहां कांग्रेस से रेवाड़ी विधानसभा से एक ही परिवार टिकट के दावेदार है वहीं भाजपा में हर नेता टिकट का दावेदार है, मानो गरीब की बहु सबकी भाभी हो I नौबत यहां तक आ जाती है कि वह बहु अपने पति की भी नहीं रहती I लोग कहते है कि कप्तान की किस्मत है कि वह लगतार 6 बार विधायक बने I लेकिन ऐसा नहीं है, सचाई यह है कि अगर किसी पार्टी की लहर ना हो और दो से ज्यादा बराबर के उम्मीदवार चुनाव में हो तो कांग्रेस का पलड़ा भारी हो ही जाता क्योंकि दलित वोट बैंक का रुझान हमेशा कांग्रेस की तरह ही होता है जो कहीं नहीं जाता I भाजपा ने राष्ट्रवाद और हिन्दू राष्ट्र बनाने के दम पर इसे खत्म करने कि कोशिश कि पर भाजपा से ज्यादा आम आदमी पार्टी कांग्रेस के वोट बैंक पर मुफ्त देने के सहारे काबिज हो रही है,जो कांग्रेस के लिए कहीं ना कहीं नुकसान दायक है I अरविंद केजरीवाल कांग्रेस से ज्यादा दलितों और मुसलमानों के शुभचिंतक बनते जा रहे है जो अगले विधानसभा चुनाव में रेवाड़ी विधायक चिरंजीव राव की कुर्सी को हिला सकते बेशक़ आम आदमी पार्टी उम्मीदवार उस पर बैठ ना पाये और यह आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार के लिए एक सुनेहरा अवसर होगा, अगर भाजपा एक जुट रही तो, लेकिन अगर भाजपा के बेर बिखर गये तो फिर ढाक के वहीं तीन पात्र रहेंगे I
पवन कुमार (संपादक)
एसएसपी टाइम्स रेवाड़ी
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