07/05/2021
सोरेन के ट्वीट पर बवाल:झारखंड के CM ने लिखा- प्रधानमंत्री ने फोन कर अपने मन की कही, काम की बात करते तो अच्छा होता; रिजिजू का जवाब- महामारी में राजनीति न करें
देश में कोरोना महामारी से कई राज्यों में स्थिति बिगड़ी हुई है। ऐसे में अब गैर भाजपा शासित राज्य केंद्र पर भेदभाव करने का आरोप लगा रहे हैं। गुरुवार को झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत हुई। सोरेन ने इसके बाद एक ट्वीट किया, जिस पर बवाल हो गया है। सोरेन ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सिर्फ अपने मन की बात की। बेहतर होता यदि वे काम की बात करते और काम की बात सुनते।
सोरेन के इस ट्वीट के बाद कई भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और कई बड़े नेता सोरेन के विरोध में उतर आए। इन्होंने सोशल मीडिया पर सोरेन को नसीहत देनी शुरू कर दी। केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने लिखा, 'कृपया संवैधानिक पदों की गरिमा को इस निम्न स्तर तक न ले जाएं। महामारी के इस कठिन समय में कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। हम एक टीम इंडिया हैं।'
वहीं नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफी रियो ने लिखा, 'मुख्यमंत्री के तौर में मेरे कई सालों के कार्यकाल के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य के प्रति काफी संवेदनशील रहे हैं। मैं हेमंत सोरेन के इस बयान को पूरी तरह खारिज करता हूं।'
मिजोरम के मुख्यमंत्री जोराम थांगा ने लिखा, 'हम काफी खुशनसीब हैं जो हमें नरेंद्र मोदी जैसा जिम्मेदार प्रधानमंत्री मिला है, जब भी उनका फोन मुझे आता है तो मैं काफी अच्छा महसूस करता हूं।'
असम के मंत्री ने सोरेन से कहा- बहुत ओछी हरकत कर दी आपने
असम के मंत्री और भाजपा नेता हेमंत बिस्व शर्मा ने भी हेमंत सोरेन को जवाब दिया। उन्होंने लिखा, 'आपका यह ट्वीट न सिर्फ न्यूनतम मर्यादा के खिलाफ है बल्कि उस राज्य की जनता की पीड़ा का भी मजाक उड़ाना है जिनका हाल जानने के लिए माननीय प्रधानमंत्री जी ने फोन किया था। बहुत ओछी हरकत कर दी आपने। मुख्यमंत्री पद की गरिमा भी गिरा दी।'
झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री भी केंद्र सरकार पर सवाल उठा चुके
झारखंड सरकार वैक्सीनेशन और दवाओं को लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर है। स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता कई बार इस बात को सार्वजनिक तौर पर बोल चुके हैं कि केंद्र सरकार झारखंड के साथ भेदभाव कर कर रही है। उन्होंने कहा था कि झारखंड को जरूरत की आधी रेमडेसिविर भी नहीं मिल पा रही है। जबकि, यूपी और गुजरात को जरूरत से ज्यादा दी जा रही है।