साहित्योदय

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*साहित्योदय-अंतरराष्ट्रीय साहित्य-कला संस्कृति न्यास*
(पंजीकृत)


● साहित्य कला और संस्कृति का अनूठा संगम "साहित्योदय"

● अपनी प्रतिभा-कला को दर्शाने का भरपूर अवसर देता अनूठा मंच
● साहित्य और कला जगत का एक बेमिसाल अंतर्राष्ट्रीय मंच
● मशहूर हस्तियों के साथ-साथ गुमनाम और नए कलाकारों को अपनी बेहतरीन प्रस्तुति का अवसर

◆ 3 साल से भारतीय साहित्य-कला और संस्कृति के विविध रूपों को बढ़ावा देने और समृद्

ध करने का एक प्रयास

★कोरोना से जंग साहित्योदय के संग ★
(22 मार्च से लगातार जारी)

● वैश्विक आपदा कोरोना काल में सबसे पहला साहित्य सृजन, जनजागरण अभियान
● अब तक दो हजार से अधिक ऑनलाइन कवि सम्मेलन, सैकड़ों एकल काव्यपाठ, प्रेम रत्न, कलम सारथी, श्रमिक साहित्य, साहित्योदय सारथी, साहित्योदय सृजन सहित दर्जनों प्रतियोगिता एवं सैकड़ों सम्मान
● लॉकडाउन पीरियड में लोगों का हौसला बढ़ाने, सम्बल प्रदान करने और कोरोना कर्मवीरों को धन्यवाद देने, कोरोना से बचाव को लेकर साहित्य सृजन के ज़रिए जागरूक करने में साहित्योदय की अग्रणी भूमिका

*साहित्योदय साहित्य संग्राम*
(अंतर्राष्ट्रीय विचार गोष्ठी सह कवि सम्मेलन)
◆ POJO (POETRY Journalism)
मोबाइल के ज़रिए अनूठा टीवी लाइव शो
◆ समसामयिक ज्वलंत विषयों पर ज्ञानवर्धक स्वस्थ चर्चा और कवि सम्मेलन
◆ विशेषज्ञों के साथ-साथ सुप्रसिद्ध रचनाकारों की बेमिसाल प्रस्तुतियां शामिल
*काव्यधारा*- अंतर्राष्ट्रीय कवि सम्मेलन *अंतर्नाद*-दिल की बात-अपने दम पर अपनी पहचान बनाने वाली शख्सियत से रूबरू
*बोलती कहानियां*
यूट्यूब चैनल पर हर कहानी लेखक की ज़ुबानी

*तेरे गीत मेरे बोल*
कविता, गीत, ग़ज़लों को स्वरबद्ध कर यूट्यूब चैनल पर वीडियो का प्रसारण

*तेरे गीत मेरे नृत्य*
मैं नाचूँ तू नचा (कविता, गीत ग़ज़लों पर आधारित नृत्य प्रतियोगिता)

*साहित्योदय सरगम*
गीत, संगीत और गायन का संगीतमय कार्यक्रम

*नई कलम*
नवोदित और नवांकुरों के प्रशिक्षण और उन्हें विशाल अंतर्राष्ट्रीय मंच देने का अभिनव प्रयोग
*साथी हाथ बढ़ाना*- साहित्योदय सहयोग के तहत गरीब, असहाय और बीमार लोगों मदद हेतु एक दूसरे का हाथ थामकर साथ देने की पहल।

*साहित्योदय स्वच्छता अभियान*- साहित्य, सिनेमा और सोशल मीडिया में व्याप्त अश्लीलता/ गन्दगी की सफाई का वृहद अभियान।
*साहित्योदय सत्याग्रह*-न्याय और इंसाफ़ के लिए सत्याग्रह अभियान अभी सुशान्त सिंह को न्याय दिलाने हेतु हमारी भारत और यूके की टीम कई कार्यक्रम चला रही है।

*साहित्योदय शक्ति*
विभिन्न क्षेत्रों में अपना परचम लहरा रही नारी शक्तियों से रूबरू कराने का अनूठा कार्यक्रम

*साहित्योदय किलकारी*
बाल साहित्य प्रतिभाओं को निखारने और मंच प्रदान करने का सुनहरा अवसर

*प्रकाशन*: *काव्य सागर* 560 पेज का रिकार्ड साझा काव्य संग्रह
*शब्द मुसाफ़िर*
◆ साझा गद्य संग्रह,
रूदाली(एकल काव्य संग्रह),
*लफ्ज़ मुसाफ़िर*
◆ साझा ग़ज़लसंग्रह
और
*कोरोना काल*
◆ कोरोना महामारी विषय पर साझा कविता और लेख-विचार संग्रह का प्रकाशन
*बाबा बैद्यनाथ अंतर्राष्ट्रीय साहित्य महोत्सव* में विमोचन
*जन रामायण*- *जनमानस के राम*---560 पृष्ठों की सुंदर हार्डबॉण्ड कवर के साथ विश्वभर के 108 रचनाकारों की द्वारा एक अनूठे रामायण की सृजन जिसका भव्य विमोचन 2022 में *आयोजन अयोध्या-रामलला अंतर्राष्ट्रीय साहित्योत्सव* में होगा।
◆ साहित्य-कला-संस्कृति और समसामयिक विषयों पर आधारित त्रैमासिक पत्रिका *साहित्योदय* करीब 100 पृष्ठों की रंगीन पत्रिका जिसमें दुनियाभर के लब्धप्रतिष्ठ और नवोदित रचनाकारों की गद्य-पद्य रचनाएँ शामिल है।

◆ साहित्योदय में दुनिया के 100 से ज़्यादा देशों के हजारों ख्याति प्राप्त और नवोदित साहित्यकार, कलाकार, पत्रकार, डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, जज, ब्यूरोक्रेट्स, राजनीतिज्ञ, शिक्षक-विद्यार्थी हर वर्ग के लोगों का जुड़ाव

◆ साहित्योदय की पहुँच दुनिया भर के लाखों दर्शकों तक
◆ इसके प्रशंसक, फ़ॉलोअर्स पूरी दुनिया में हैं।
◆ हर सप्ताह ढाई लाख से अधिक दर्शक, हज़ारों व्यूज़, लाइक और कमेंट्स

*साहित्योदय*
अंतर्राष्ट्रीय साहित्य-कला संगम

*कार्य एवं उद्देश्य*
● साहित्य-कला और संस्कृति का उत्थान, पत्र-पत्रिका और पुस्तकों का प्रकाशन-प्रसारण

● नव सृजन, नवलेखन को प्रोत्साहन, नवांकुर,नवोदित रचनाकारों को मंच
● ग्रामीण इलाकों की साहित्य-कला प्रतिभा को तलाश कर उन्हें स्थापित करने की मुहिम

● आर्थिक और सामाजिक रुप से पिछड़े, कमज़ोर रचनाकार और कला प्रतिभाओं को निःशुल्क प्रशिक्षण, उनकी पुस्तकों का प्रकाशन और मंच प्रदान करना

● आर्थिक-सामाजिक कारणों से गुमनाम रचनाकारों को साहित्य के पटल पर स्थापित करना

● हिंदी एवं क्षेत्रीय भाषा-बोलियों के उत्थान हेतु कवि सम्मेलन, गोष्ठी, कार्यशाला, प्रशिक्षण और प्रकाशन

● महिला, अनुसचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक, दलित और आर्थिक रूप से पिछड़े बच्चों को साहित्य और कला का प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाना

● साहित्य और कला प्रतियोगिता के माध्यम से प्रतिभा की पहचान कर उन्हें मानद उपाधि, अलंकार और सम्मान देना

● विलुप्त हो रही कला-साहित्य और संस्कृति का संरक्षण और संवर्द्धन करना

● ग़रीब और असहाय लोगों की मदद हेतु चैरिटी शो जैसे आयोजन

● हिंदी साहित्य और क्षेत्रीय जनजातीय भाषाओं के विकास हेतु प्रशिक्षण केंद्र का संचालन

*साहित्योदय डिजिटल*
साहित्योदय विभिन्न डिजिटल मंचों पर भी उपलब्ध
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संस्थापक-अध्यक्ष
कवि पंकज प्रियम

23/03/2024

बसंतोत्सव

12/03/2024

बसंतोत्सव -फगुआ

11/03/2024

बसंतोत्सव

10/03/2024

बसंतोत्सव तृतीय दिवस

03/03/2024

शिवायन 20 सत्र

03/03/2024

शिवायन अखण्ड काव्यार्चन सत्र 13 से प्रारंभ (रात्रि 9 बजे से)

03/03/2024

shivayan slot 5 se

20/02/2024

झारखंड राज्य साहित्यानुरागियों का शहर है।कई साहित्यकारों की जड़ें यहां से जुड़ी हैं ।मुझे जब भी राजधानी रांची आना होता है तो लगता है कि जो 'वैक्यूम' बना है वह भर नहीं पाएगा । लेकिन यहां तो हर पीढ़ी में हर विधा के लेखक प्रतिदिन कुछ न कुछ लिख रहे हैं , सम्मानित भी हो रहे हैं,पुरस्कारों से नवाजे भी जा रहे हैं ।कुछ ने तो राष्ट्रीय पहचान भी बना ली है,पुरोधा कहला रहे हैं ।
साहित्य की विभिन्न विधाओं में आज जो लेखन झारखंड में हो रहा है मुझे लगता है कि सार्थक लेखन का स्वर्णकाल है....जिसमें कहानी ,लघुकथा ,कविता ,आलेख ,व्यंग्य , नाटक सहित टेली फिल्म के निर्माण और प्रस्तुतियों ( रंगमंच भी ) से झारखंड का नाम रौशन कर रहे हैं। हां,कुछ पुरोधा अपनी राष्ट्रीय पहचान के बोझ तले दंभित भी हैं तो कुछ रचनाकारों को प्रोत्साहित करते हुए नवाचारों को नई राह की प्रेरणा भी देते हैं ।कुछ नवांकुर उचित ' प्लेटफार्म ' न मिल पाने के कारण नेयथ्य में हैं ।
सार्थक लेखन के इस स्वर्णकाल में दर्जनों नामचीन लेखकों की पुस्तकें ' 2024 के विश्व पुस्तक मेला ' के स्टालों में देखी गयीं जिससे झारखंड का हिन्दी जगत काफी गर्वित भी है --- हो भी क्यों न यहां के रचनाकार सृजनशील जो हैं ।
मुझे लगता है कि साहित्य में सृजनात्मक लेखन के वर्तमान दौर में चार पीढ़ियां काम कर रही हैं।इसमें एक पीढ़ी ठहराव की स्थिति में है तो दूसरी और तीसरी पीढ़ी के सृजनशील रचनाकार अपने स्वाभाविक लेखन की रफ्तार में मंचीय प्रस्तुतियों से आगे बढ़ रहे हैं-- इसमें साहित्यिक माहौल बनाए रखनेवाली कुछ संस्थाएं भी अपनी जिम्मेदारियां निभाने में काफी प्रयासरत हैं ।

संजय 'करुणेश'
प्रबंध निदेशक
साहित्योदय

11/01/2024

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है दर्द जुदा औ राहें जुदाठहरे हम तो कलम के साथीमिल रहे हैं यहां मिल रहे वहां...!गम समेटे सारबिखेरता मुस्कुराहटकुछ को लग ...
07/01/2024

है दर्द जुदा
औ राहें जुदा
ठहरे हम तो कलम के साथी
मिल रहे हैं यहां
मिल रहे वहां...!

गम समेटे सार
बिखेरता मुस्कुराहट
कुछ को लग रहा
बांट रहे कलम से
सुकून हम यहां...!

जी हां ,
औरों की तरह
कभी न कभी
हम भी एक दिन
रचनाओं के वृक्ष से
उड़ जाएंगे परिंदे की तरह ..

रह जाएंगे
तो केवल अल्फाजों के
कदम कदम निशां यहां...!

________________________________'करुणेश'

16/09/2023
13/09/2023

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01 और 02 दिसम्बर 2023 को वात्सल्यग्राम ,वृंदावन में "साहित्योदय"  का भव्य आयोजन  !================================साहित्...
04/09/2023

01 और 02 दिसम्बर 2023 को वात्सल्यग्राम ,
वृंदावन में "साहित्योदय" का भव्य आयोजन !
================================

साहित्योदय के 'कृष्णायण' में संग संग चलिए ,
फिर राधे - राधे कहिए , और आनंद से रहिए !

___________________________________'करुणेश'

( जय हिंद , जय भारत )जिस देश की धरती पर बहती ,सरयू ,यमुना औ गंगा है ,उसकी शान में तीन रंगों का हर पल लहराता तिरंगा है ।_...
15/08/2023

( जय हिंद , जय भारत )
जिस देश की धरती पर बहती ,सरयू ,यमुना औ गंगा है ,
उसकी शान में तीन रंगों का हर पल लहराता तिरंगा है ।

______________________________'करुणेश'

कोईलवर थानान्तर्गत दौलत पुर के निवासी श्री गजेन्द्र सिंह ( आरा ) के यहां  सात दिन तक दस महा विद्या का पाठ सहित रुद्राभिष...
07/07/2023

कोईलवर थानान्तर्गत दौलत पुर के निवासी श्री गजेन्द्र सिंह ( आरा ) के यहां सात दिन तक दस महा विद्या का पाठ सहित रुद्राभिषेक और महा मृत्युंजय जाप आमी ( छपरा ) मन्दिर के ख्यातिप्राप्त पुजारी पंडित नीलू बाबा के देख रेख में वाराणसी के कुछ पंडित श्री विमल पाठक जी .श्री रंजन मिश्र ,अभय मिश्र. अमृत तिवारी. रंजीत तिवारी नन्हें तिवारी वगैरह... !

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