मम भाषा संस्कृतम्

मम भाषा संस्कृतम् संस्कृतप्रचार:
भारतस्य प्रतिष्ठे द्वे संस्कृतं संस्कृतिस्तथा
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26/12/2023
शिक्षक प्रतिभागियों को मिलेगी  गुणवत्तापूर्ण  #नईशिक्षानीति हेतु यथोचित दिशा: प्रो अन्नपूर्णा नौटियाल।( #यूजीसीमालवीयमिश...
25/12/2023

शिक्षक प्रतिभागियों को मिलेगी गुणवत्तापूर्ण #नईशिक्षानीति हेतु यथोचित दिशा: प्रो अन्नपूर्णा नौटियाल।

( #यूजीसीमालवीयमिशनटीचरट्रेनिंगकेंद्र, #हेनबगढ़वालविश्वविद्यालयश्रीनगरगढ़वाल, #उत्तराखंड द्वारा द्वितीय प्रशिक्षण कार्यक्रम हुआ प्रारंभ: दक्षिण और पूर्वोत्तर राज्यों के शिक्षक भी लेंगे प्रशिक्षण)

भारत सरकार द्वारा लागू की गई दूरदर्शी नई शिक्षा नीति के विभिन्न पक्षों पर केंद्रित दूसरा पंद्रह दिवसीय कार्यक्रम हे न ब गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर गढ़वाल, उत्तराखंड के मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग सेंटर द्वारा 18 दिसंबर, 2023 से प्रारंभ हो चुका है। जिसमें उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सेवारत 10 राज्यों के शिक्षक प्रतिभागी प्रशिक्षण लेंगे। ये राज्य हैं - उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, उड़ीसा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, त्रिपुरा, कर्नाटक, तमिलनाडु और हरियाणा।

राजकुमारी  #विद्योत्तमा के शब्द बाणों से पीड़ित  #कालिदास जी ज्ञान प्राप्ति के लिए  #दुर्गा देवी के बीज मंत्रों का जप करत...
25/12/2023

राजकुमारी #विद्योत्तमा के शब्द बाणों से पीड़ित #कालिदास जी ज्ञान प्राप्ति के लिए #दुर्गा देवी के बीज मंत्रों का जप करते थें । जगदीश्वरी की अनुकंपा से कालिदास जी विद्वता की उस पराकाष्ठा को प्राप्त कर लिए थें कि अन्य समकालीन विद्वान तो इनसे बराबरी के विषय में विचार भी नही करतें थें । कालिदास जी में कवित्व के ऐसे विलक्षण गुण थें कि स्वयं भगवती को आकर कालिदास जी को अपने इस गुण को सर्वथा प्रकट करने से रोकना पड़ा था ताकि अन्य विद्वानों का निरादर न हो । वैसे भी #महादेवी तो जगत माता हैं इन्हें तो अपने सभी संतान एकसमान प्रिय हैं तभी तो कालिदास जी को गुप्त रहने का आदेश दे दिया था ताकि इससे कालिदास जी के आध्यात्मिक जीवन की रक्षा भी हो जाए और अन्य विद्वानों का समाज में सम्मान भी बना रहे ।

जिन कालिदास जी के मेघदूत सरीखे उपन्यास आज के पीढ़ी से अंजान हैं, जिन कालिदास जी को भारतीय इतिहास के सुनहरे पन्ने से नष्ट करने का प्रयत्न उनके अपने ही देश मे किया जा रहा है उन कालिदास जी की प्रातिम #शंघाई(चीन) थिएटर एकेडमी में लगी है । भारत का सबसे बड़ा प्रतिद्वंदी चीन है और आधिकारिक रूप से यह देश स्वयं को #नास्तिक घोषित कर चुका है पर भी उसने उन कालिदास जी की प्रतिमा को स्थापित किया है जो आजीवन #आस्तिक रहे हों । #भारत के पतन का कारण अगर जानना हो तो इसी से जान लीजिये कि यहाँ के लोग अपने स्वार्थ के लिए समस्त मानबिन्दुओं को तिलांजलि देकर अपने ही उन महापुरुषों से #जाति व #राजनैतिक कारणों से द्वेष करने लगते हैं, जिन्होंने अपने सम्पूर्ण जीवन को उनके हित के लिए समर्पित कर दिया हो । वहीं #चीन जैसे देशों के उत्थान का प्रमुख कारण यही है कि यह अपने #कम्युनिस्ट व #नास्तिकता के मानबिंदु को भी तिलांजलि देकर भारत जैसे शत्रु देश के आस्तिक महापुरुषों को भी सफलता के लिए सम्मान देता है

्री_राम 🚩🚩🚩

श्रीयुत सांकृत्यान

राजस्थानविधानसभायां संस्कृतेन शपथसमारोह:
25/12/2023

राजस्थानविधानसभायां संस्कृतेन शपथसमारोह:

25/12/2023

आध्यात्म विहीन मोटिवेशन( प्रेरणा ) खोखला होता है।।आध्यात्मिक चिन्तन रहित मोटिवेश्नल स्पीकर से सावधान रहें।अग्नि, वायु,आदित्य, अंगिरा,गौतम,कपिल, कणाद, जैमिनी,उपनिषद् के विचार से बढकर प्रेरणा प्रदान करने वाले नहीं।।वेदानुमोदित शास्त्रो से तथा तदनुसार जीवन जीने वालो से ही प्रेरणा लें,उन्हे ही आदर्श बनाएं।। तन्मे मनः शिवसंकल्पमस्तु।।
सादरम्- डॉ प्रियंका

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24/12/2023

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आज विश्व के जानेमाने गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन जी का जन्म दिन है।इनका जन्म आज ही के दिन एक तमिल ब्राह्मण परिवार में हुआ...
23/12/2023

आज विश्व के जानेमाने गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन जी का जन्म दिन है।

इनका जन्म आज ही के दिन एक तमिल ब्राह्मण परिवार में हुआ था। हालाँकि इनकी शुरूआती पढ़ाई maths में नही थी और आगे चल कर इन्होंने "infinity law", "fraction theorem ", "number theory", "continued fraction ", "3900 equations of continuity", "algorithm to calulate pie", "theta function" और ना जाने कितने law और theory दुनिया को दिए जिससे दुनिया का विज्ञान और गणित हमेशा के लिए बदल गया।

इनके बारे में कहा गया कि यह ब्राह्मण आर्यभट्ट का पुनर्जन्म है। ये बेहद आस्तिक थे और एक अमेरिकन अखबार को interview में इन्होंने कहा था "An equation for me has no meaning, unless it expresses a thought of God."

ये मात्र 32 वर्ष की उम्र में दुनिया छोड़ गए। उस समय ये Cambridge University, London में senior professor के तौर पे नियुक्त थे।
जन्मदिवस पर नमन।
🙏🙏

पर कैसे? आज आप सब भी यह अद्भुत दृश्य अपनी आंखों से देख सकते हैं। चंद्रमा के साथ बृहस्पति स्पष्ट नजर आ रहा है और इस वक्त ...
22/12/2023

पर कैसे?

आज आप सब भी यह अद्भुत दृश्य अपनी आंखों से देख सकते हैं। चंद्रमा के साथ बृहस्पति स्पष्ट नजर आ रहा है और इस वक्त कुंडली में भी चंद्रमा और गुरु एक स्थान पर मौजूद है। वर्तमान समय में अनेकों यंत्रों की सहायता से इसे सरलता से देखा वह पहचाना जा सकता है। परंतु हजारों वर्ष पुराने ज्योतिष शास्त्र में भी बृहस्पति तथा अन्य ग्रहों की स्थिति स्पष्ट नजर आती है। टेलिस्कोप जैसे यंत्रों का आविष्कार तो कुछ समय पूर्व ही हुआ है तो हजारों वर्ष पहले ऋषि मुनियों के पास ऐसी कौन सी तकनीक अथवा विद्या थी जिससे करोड़ों किलोमीटर दूर इन ग्रहों की स्थिति को भी वे जान लेते थे? प्रश्न एक ही है.. कैसे?
हमारे ऋषि मुनि केवल वनों में तपस्या करने वाले साधु नहीं थे अपितु महान वैज्ञानिक भी थे। नमन🙏

श्रीमद्भगवद्गीता जयंती की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं🙏🙏🙌🙌🚩🚩
22/12/2023

श्रीमद्भगवद्गीता जयंती की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं

🙏🙏🙌🙌🚩🚩

22/12/2023

गीताजयन्त्यत्सवविशेष:
निश्चयेन श्रूयतां व्याख्यामिदम्

सर्वे उक्त्वा लिखित्वा च भाषाभ्यासं कुर्युः 🙏🙏🙏🙌🙌🚩🚩
22/12/2023

सर्वे उक्त्वा लिखित्वा च भाषाभ्यासं कुर्युः 🙏
🙏🙏🙌🙌🚩🚩

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