o बस्तर में मेलों और मड़ाई का महत्वपूर्ण स्थान है, जहां जनजातीय संस्कृति की अनूठी छटा देखने को मिलती है।
o बस्तर में दिसंबर माह से ही बस्तर में मड़ाई आरंभ हो जाते है।
o मड़ाई के पहले दिन को देवता मड़ाई और दूसरे दिन को बासी मड़ाई कहते है।
o मड़ाई में आंगा देव का विशेष महत्व होता है। यहाँ देवी देवताओं के प्रति श्रद्धा, भक्ति और मनौतियाँ अर्पित होती है।
o बस्तर संभाग में केशरपाल, अंतागढ़, नारायणपुर, भानुप्रतापपुर, कोंडागांव, केशकाल, भोपालपटनम में मड़ाई प्रसिद्ध है।
o नारायणपुर का मेला विश्व प्रसिद्ध है, यह फरवरी माह में आयोजित होता है।
दक्षिण कोसल हमारी चिरन्तन संस्कृति का संवाहक🚩🇮🇳
#bastar #madyi #bastarculture #bastarmadyi #festival #narayanpur #kesharpal #antagarh #bhanupratap #kondagaon #angadev
चित्रकोट जलप्रपात
📍इन्द्रावती नदी का यह प्रपात भारत का सबसे चौड़ा जलप्रपात है। इसकी चौड़ाई 980 फीट है और यह 90 फीट की ऊंचाई से प्रपात बनाता है।
📍इसका नामकरण हल्बी भाषा से हुआ है। इस जलप्रपात के आस-पास पहले हिरणों के झुंड रहा करते थे।
📍हिरण को हल्बी में चितर कहा जाता है। हिरणों का निवासस्थल होने के कारण यह चितरकोट कहलाया जो आगे चलकर चित्रकोट हो गया।
📍चित्रकोट जलप्रपात छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में जगदलपुर से 40 किमी दूर इंद्रावती नदी पर स्थित है।
📍देश-विदेश में प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में इसे जाना - पहचाना जाता है। पर्यटन के लिए परिवार के साथ जाने का यह उत्तम स्थान है।
दक्षिण कोसल हमारी चिरन्तन संस्कृति का संवाहक🚩🇮🇳
दक्षिण कोसल टुडे के अपडेट्स के लिए अपने नाम एवं स्थान के साथ 9238505478 पर व्हाट्सएप करें
#chitrkoot #bastar #jagdalpur #rain #waterfall #chhattisgarh #toursim
भीमबेटका : भारतीय संस्कृति का प्राचीन शैलचित्रण
📍भीमबेटका शैलाश्रय मध्यप्रदेश के रायसेन जिले में स्थित है।यहां मानव जीवन के आदिकाल से लेकर ऐतिहासिक काल तक के चित्र प्राप्त हुए है।
📍यह स्थान महाभारत के चरित्र भीम से संबन्धित है एवं इसी से इसका नाम भीमबैठका (कालांतर में भीमबेटका) पड़ा।
📍इस स्थल में 700 से अधिक शैलाश्रय हैं, जिनमें से लगभग 400 प्रागैतिहासिक गुफा चित्रों से सुसज्जित हैं।
📍ये चित्र शिकार, नृत्य, संगीत, पशु युद्ध और दैनिक जीवन के दृश्य दर्शाते हैं, जो लगभग आज से 30,000 साल पहले हमारे पूर्वजों द्वारा बनाए गए।
📍2003 में भीमबेटका को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया, क्योंकि इसने आदिकाल के मानव जीवन, संस्कृति और कला के विकास को समझने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
दक्षिण कोसल हमारी चिरन्तन संस्कृति का संवाहक🚩🇮🇳
दक्षिण कोसल टुडे के अपडेट्स के ल
छत्तीसगढ़ के फणीनाग राजवंश का वैभव वीडियो
दक्षिण कोसल-चिरन्तन संस्कृति का संवाहक
Dakshin Kosal Today के अपडेट्स के लिए अपने नाम एवं स्थान के साथ 9238505478 पर व्हाट्सएप करे।
छत्तीसगढ़ के फणीनाग राजवंश का वैभव वीडियो
दक्षिण कोसल-चिरन्तन संस्कृति का संवाहक
Dakshin Kosal Today के अपडेट्स के लिए अपने नाम एवं स्थान के साथ 9238505478 पर व्हाट्सएप करे।
#bhoramdev #kawardha_chattisgarh #kawardha #bhoramdeotemple #cg #chhattisgarh #tourism #tourists #touristattraction #rajvansh