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"जब अत्याचार इंसान के जीवन में अशांति लाती है,
तब कलम उठा लिया करो, यह भी क्रांति लाती है.!!

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🚩राधे राधे🙏

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05/01/2025

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" #रत्ती" यह शब्द लगभग हर जगह सुनने को मिलता है। जैसे - रत्ती भर भी परवाह नहीं, रत्ती भर भी शर्म नहीं, रत्ती भर भी अक्ल ...
06/12/2024

" #रत्ती" यह शब्द लगभग हर जगह सुनने को मिलता है। जैसे - रत्ती भर भी परवाह नहीं, रत्ती भर भी शर्म नहीं, रत्ती भर भी अक्ल नहीं...!!

आपने भी इस शब्द को बोला होगा, बहुत लोगों से सुना भी होगा। आज जानते हैं 'रत्ती' की वास्तविकता, यह आम बोलचाल में आया कैसे?

आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि रत्ती एक प्रकार का पौधा होता है, जो प्रायः पहाड़ों पर पाया जाता है। इसके मटर जैसी फली में लाल-काले रंग के दाने (बीज) होते हैं, जिन्हें रत्ती कहा जाता है। प्राचीन काल में जब मापने का कोई सही पैमाना नहीं था तब सोना, जेवरात का वजन मापने के लिए इसी रत्ती के दाने का इस्तेमाल किया जाता था।

सबसे हैरानी की बात तो यह है कि इस फली की आयु कितनी भी क्यों न हो, लेकिन इसके अंदर स्थापित बीजों का वजन एक समान ही 121.5 मिलीग्राम (एक ग्राम का लगभग 8वां भाग) होता है।

तात्पर्य यह कि वजन में जरा सा एवं एक समान होने के विशिष्ट गुण की वजह से, कुछ मापने के लिए जैसे रत्ती प्रयोग में लाते हैं। उसी तरह किसी के जरा सा गुण, स्वभाव, कर्म मापने का एक स्थापित पैमाना बन गया यह "रत्ती" शब्द।

रत्ती भर मतलब जरा सा ।

अक्सर लोग दाल या सब्जी में ऊपर से नमक डालते रहते हैं । पुराने समय में माँग हुआ करती थी - - रत्ती भर नमक देना । रत्ती भर का मतलब जरा सा होता है । अब रत्ती भर कोई नहीं बोलता । सभी जरा सा हीं बोलते हैं , लेकिन रत्ती भर पर आज भी मुहावरे प्रचलित हैं । "रत्ती भर" का वाक्यों में प्रयोग के कुछ नमूने देखिए --

1)तुम्हें तो रत्ती भर भी शर्म नहीं है ।

2)रत्ती भर किया गया सत्कर्म एक मन पुण्य के बराबर होता है.

3) इस घर में हमारी रत्ती भर भी मूल्य नहीं है ।

कुछ लोग" रत्ती भर " भी झूठ नहीं बोलते ।

आपको जानकर आश्चर्य होगा कि जिस रत्ती की बात यहाँ हो रही है , वह माप की एक ईकाई है । यह माप सुनार इस्तेमाल करते हैं । पुराने जमाने जो माप तौल पढ़े हैं , उनमें रत्ती का भी नाम शामिल है । विस्तृत वर्णन इस प्रकार है -

8 खसखस = 1 चावल,
8 चावल = 1 रत्ती
8 रत्ती = 1 माशा
4 माशा =1 टंक
12 माशा = 1 तोला
5 तोला= 1 छटाँक
16 छटाँक= 1 सेर
5 सेर= 1 पंसेरी
8 पंसेरी= एक मन

हाँलाकि उपरोक्त माप अब कालातीत हो गये हैं , पर आज भी रत्ती और तोला स्वर्णकारों के पास चल रहे हैं । 1 रत्ती का मतलब 0.125 ग्राम होता है । 11.66 ग्राम 1 तोले के बराबर होता है । आजकल एक तोला 10 ग्राम होता है ।

इन सभी माप में रत्ती अधिक प्रसिद्ध हुई, क्योंकि यह प्राकृतिक रुप से पायी जाती है। रत्ती को कृष्णला, और रक्तकाकचिंची के नाम से भी जानी जाता है। रत्ती का पौधा पहाड़ों में पाया जाता है । इसे स्थानीय भाषा में गुंजा कहते है ।

रत्ती के बीज लाल होते हैं , जिसका ऊपरी सिरा काला होता है । सफेद रंग के भी बीज होते हैं , जिनके ऊपरी सिरे भी काले होते हैं । यह बीज छोटा बड़ा नहीं होता , बल्कि एक माप व एक आकार का होता है । प्रत्येक बीज का वजन एकसमान होता है । इसे आप कुदरत का करिश्मा भी कह सकते हैं ।

रत्ती के इस प्राकृतिक गुण के कारण स्वर्णकार इसे माप के रुप में पहले इस्तेमाल करते थे , शायद आजकल भी करते होंगे ।

रत्ती का उपयोग पशुओं के घावों में उत्पन्न कीड़ों मारने के लिए किया जाता है । यह खुराक के रूप में प्रयोग किया जाता है। एक खुराक में अधिकतम दो बीज हीं दिए जाते हैं । दो खुराक दिए जाने पर घाव ठीक हो जाता है ।

रत्ती के बीज जहरीले होते हैं । इसलिए ये खाए नहीं जाते । इनकी माला बनाकर माएँ अपने बच्चों को पहनाती हैं । ऐसी मान्यता है कि इसकी माला बच्चों को बुरी नज़रों से बचाती है ।

जय श्री राधे कृष्ण 🚩🙏🌻Writer prabhu
28/11/2024

जय श्री राधे कृष्ण 🚩🙏🌻
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शरीर में कोई सुन्दरता नहीं है, सुन्दर होते है,व्यक्ति के कर्म, उसके विचार, उसकी वाणी, उसकाव्यवहार, उसके संस्कार और उसका ...
23/11/2024

शरीर में कोई सुन्दरता नहीं है, सुन्दर होते है,
व्यक्ति के कर्म, उसके विचार, उसकी वाणी, उसका
व्यवहार, उसके संस्कार और उसका चरित्र..!!
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मगर सुन्दर मन कहां मिलता है।Writer prabhu
23/11/2024

मगर सुन्दर मन कहां मिलता है।

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बोलो राधे कृष्ण 🚩🙏🚩 Writer prabhu
21/11/2024

बोलो राधे कृष्ण 🚩🙏🚩
Writer prabhu

20/11/2024

मैंने तीन लोगों को हमेशा परेशान देखा है मददगार ,वफादार और दिल के साफ़
बाक़ी चापलूस लोग हर जगह फिट और परफेक्ट होते देखा है 🙏🙏

जय श्री राम 🚩🙏🚩 Writer prabhu
19/11/2024

जय श्री राम 🚩🙏🚩
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यदि आप गांव से है देखते ही पहचान जायेंगे। बताइए यह कौन सा साग है?बहुत ही स्वादिष्ट और फायदेमंद होता है यह साग, बिहार में...
18/11/2024

यदि आप गांव से है देखते ही पहचान जायेंगे। बताइए यह कौन सा साग है?

बहुत ही स्वादिष्ट और फायदेमंद होता है यह साग, बिहार में बहुत खाया जाता है।

*🙏🏻जय श्री राम🙏🏻* *श्रीमद् भगवद्गीता का अध्याय 2 मूल श्लोकः55*                                           हिंदी अनुवाद स्...
17/11/2024

*🙏🏻जय श्री राम🙏🏻*
*श्रीमद् भगवद्गीता का अध्याय 2 मूल श्लोकः55* हिंदी अनुवाद स्वामी रामसुखदास जी महाराज द्वारा–


*मूल श्लोक*

श्री भगवानुवाच
प्रजहाति यदा कामान् सर्वान् पार्थ मनोगतान्।
आत्मन्येवात्मना तुष्टः स्थितप्रज्ञस्तदोच्यते।।2.55।।

*अर्थ*

।।2.55।। श्री भगवान् बोले - हे पृथ नन्दन ! जिस काल में साधक मनोगत सम्पूर्ण कामनाओं का अच्छी तरह त्याग कर देता है और अपने-आपसे अपने-आप में ही सन्तुष्ट रहता है, उस काल में वह स्थित प्रज्ञ कहा जाता है।

🙏💐🙏
जय सियाराम!!🙏🏻
जय बजरंग बली !!🙏🏻
🙏🏻राममंदिर🙏🏻

*(दिव्य दर्शन)*
आज 17 नवम्बर 2024 रविवार मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि (विक्रम संवत 2081) को अयोध्या🛕🚩 राजा श्री रामलला सरकार 🙏🏻जी के *अद्भुत एवं अलौकिक दर्शन।।*
*श्री राम जन्म भूमि अयोध्या धाम🚩🛕 से प्रभु श्रीराम लला जी*
हम सभी को सदैव सुखमय और सुरक्षित जीवन प्रदान करें।🙏🏻

जीवन में संगत का विशेष ध्यान रखें।💯🌄✍️सुप्रभात मित्रों 🙏जय श्री सीताराम जय श्री राधे कृष्ण Writer prabhu
17/11/2024

जीवन में संगत का विशेष ध्यान रखें।💯🌄✍️
सुप्रभात मित्रों 🙏
जय श्री सीताराम
जय श्री राधे कृष्ण

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16/11/2024

(1) अल्बर्ट #आइंस्टीन की पत्नी अक्सर उन्हें सलाह देती थीं कि वह काम पर जाते समय अधिक प्रोफेशनल तरीके से कपड़े पहनें। आइंस्टीन हमेशा कहते, "क्यों पहनूं? वहाँ सब मुझे जानते हैं।" लेकिन जब उन्हें पहली बार एक बड़े सम्मेलन में जाना था, तो उनकी पत्नी ने उनसे थोड़ा सज-धजकर जाने का अनुरोध किया। इस पर आइंस्टीन बोले, "क्यों पहनूं? वहाँ तो मुझे कोई नहीं जानता!"

(3) आइंस्टीन से अक्सर सापेक्षता के सिद्धांत को समझाने के लिए कहा जाता था। एक बार उन्होंने समझाया, "अपना हाथ एक गर्म चूल्हे पर एक मिनट के लिए रखो, तो वह एक घंटे जैसा महसूस होगा। एक खूबसूरत लड़की के साथ एक घंटे बैठो, तो वह एक मिनट जैसा लगेगा। यही है सापेक्षता!"

(4) जब अल्बर्ट आइंस्टीन प्रिंसटन विश्वविद्यालय में काम कर रहे थे, तो एक दिन घर जाते समय उन्हें अपना घर का पता भूल गया। टैक्सी ड्राइवर ने उन्हें पहचाना नहीं। आइंस्टीन ने ड्राइवर से पूछा कि क्या वह आइंस्टीन का घर जानता है। ड्राइवर ने कहा, "आइंस्टीन का पता कौन नहीं जानता? प्रिंसटन में हर कोई जानता है। क्या आप उनसे मिलना चाहते हैं?" आइंस्टीन ने उत्तर दिया, "मैं ही आइंस्टीन हूं। मैं अपना घर का पता भूल गया हूँ, क्या आप मुझे वहाँ पहुँचा सकते हैं?" ड्राइवर ने उन्हें उनके घर पहुँचा दिया और उनसे किराया भी नहीं लिया।

(5) एक बार आइंस्टीन प्रिंसटन से ट्रेन में यात्रा कर रहे थे। जब टिकट चेक करने वाला कंडक्टर उनके पास आया, तो आइंस्टीन ने अपनी जैकेट की जेब में हाथ डाला, लेकिन टिकट नहीं मिला। फिर उन्होंने अपनी पैंट की जेबें देखीं, लेकिन वहाँ भी नहीं था। इसके बाद उन्होंने अपने ब्रीफकेस में देखा, लेकिन टिकट नहीं मिला। फिर उन्होंने अपनी सीट के पास देखा, लेकिन फिर भी टिकट नहीं मिला।

कंडक्टर ने कहा, "डॉ. आइंस्टीन, हम जानते हैं कि आप कौन हैं। मुझे यकीन है कि आपने टिकट खरीदा है। चिंता मत कीजिए।" आइंस्टीन ने प्रशंसा में सिर हिला दिया। कंडक्टर आगे बढ़ गया। जब उसने दूसरी तरफ देखा, तो उसने देखा कि महान वैज्ञानिक नीचे झुककर सीट के नीचे टिकट खोज रहे थे।

कंडक्टर तुरंत लौट आया और कहा, "डॉ. आइंस्टीन, चिंता मत कीजिए। मैं जानता हूँ कि आप कौन हैं। आपको टिकट की आवश्यकता नहीं है। मुझे यकीन है कि आपने टिकट खरीदा है।" आइंस्टीन ने जवाब दिया, "युवा आदमी, मैं भी जानता हूँ कि मैं कौन हूँ। पर मैं ये नहीं जानता कि मैं कहाँ जा रहा हूँ।"

(6) जब आइंस्टीन की मुलाकात चार्ली चैपलिन से हुई:

#आइंस्टीन ने कहा,
"आपकी कला में जो मुझे सबसे अधिक प्रभावित करता है, वह उसकी सार्वभौमिकता है। आप एक शब्द नहीं कहते, फिर भी दुनिया आपको समझती है।"

इस पर चार्ली चैपलिन ने उत्तर दिया,
"यह सच है, लेकिन आपकी प्रसिद्धि तो इससे भी बड़ी है। दुनिया आपकी प्रशंसा करती है, जबकि कोई आपको समझता नहीं।"R u agree 👍💯🙏👉✅

जय श्री हनुमान 🙏🌺 दिनांक 16 नवंबर के संध्याकाल श्रृंगार दर्शन लेटे हुए बड़े हनुमान जी का प्रयागराज संगम से 🙏🌺
16/11/2024

जय श्री हनुमान 🙏🌺 दिनांक 16 नवंबर के संध्याकाल श्रृंगार दर्शन लेटे हुए बड़े हनुमान जी का प्रयागराज संगम से 🙏🌺

जय श्री राधे कृष्ण 🚩🙏💙Writer prabhu
16/11/2024

जय श्री राधे कृष्ण 🚩🙏💙

Writer prabhu

जय श्री सीताराम 🚩🙏🌅जय श्री राम Writer prabhu
16/11/2024

जय श्री सीताराम 🚩🙏🌅
जय श्री राम

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जीवन अमावस और पूर्णिमा की तरह है,कभी अंधेरा कभी उजाला,अभी अधूरा कभी पूर्ण, कभी आधा कभी पूरा..!!💯🌝✍️
15/11/2024

जीवन अमावस और पूर्णिमा की तरह है,
कभी अंधेरा कभी उजाला,
अभी अधूरा कभी पूर्ण,
कभी आधा कभी पूरा..!!💯🌝✍️


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