IMC AMIT JHA

IMC AMIT JHA A modern personality with sense of family love and responsibility. Health Care Beauty Care , Personal Care, Home Care, Agriculture & Garments Products.
(1)

A Healthcare professional social influencer associated on various platform Health beauty daily lifestyle IMC is an Indian Direct Selling is first in India to introduce Organic, Patented, WHO & HALAL Certify Herbal & Organic Products. IMC Free Join Whatsapp +91-7033443464

14/11/2024
समझ लेते हैं गाय तथा गोपाष्टमी का महत्वगोपाष्ठमी-2024 का पर्व 9 नवंबर शनिवार को मनाया जाएगा। गोपाष्ठमी का त्यौहार दीपावल...
10/11/2024

समझ लेते हैं गाय तथा गोपाष्टमी का महत्व

गोपाष्ठमी-2024 का पर्व 9 नवंबर शनिवार को मनाया जाएगा। गोपाष्ठमी का त्यौहार दीपावली के बाद आने वाला सबसे बड़ा त्यौहार है। भारत में गोपाष्ठमी के पर्व का सदियों से बड़ा महत्व रहा है। इसी कारण गोपाष्ठमी को बड़ा त्यौहार माना जाता है। गोपाष्ठमी के त्यौहार के विधि-विधान तथा गोपाष्ठमी मनाने के कारण को हम यहां विस्तार से बता रहे हैं। गाय हमारी माता है गाय हमारी माता है, जन्म-जन्म का नाता है। भारत में हजारों साल से यही मान्यता रही है कि गाय हमारी माता है। गाय के साथ भारत का सैकड़ों जन्म का नाता है। गाय के पूजन के लिए ही भारत में गोपाष्ठमी का त्यौहार पूरे विधि-विधान के साथ मनाया जाता है। गोपाष्टमी का त्योहार दिवाली के समय होने वाली गोवर्धन पूजा के सात दिन बाद मनाया जाता है। यह मान्यता है कि गोवर्धन पूजा के सात दिन बाद नंद बाबा ने श्रीकृष्ण और गऊ माता के लिए एक समारोह का आयोजन किया था। भगवान श्रीकृष्ण और उनके बड़े भाई बलराम बाल्यावस्था में इसी दिन पहली बार गाय को चराने ले गए थे। गोपाष्टमी का त्योहार हम इसलिए मनाते हैं क्योंकि हम लोग अपने पालन के लिए गाय पर निर्भर हैं इसीलिए गाय हिंदू धर्म में पूज्यनीय है। गाय का दूध,गाय के दूध से निर्मित घी,दही व छाछ मनुष्य के लिए लाभदायक है। गाय का मूत्र भी मनुष्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। इसका प्रयोग कई बीमारियों के निवारण के लिए किया जाता है। गाय के दूध को तो अमृत के समान माना जाता है।

अनेक पौराणिक कारण हैं गोपाष्टमी मनाने के
गोपाष्टमी (Gopasthami ) मनाने के पीछे अलग-अलग पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। एक कथा के मुताबिक भगवान श्रीकृष्ण (Lord Krishna) 6 वर्ष की आयु में माता यशोदा से जिद करने लगे कि वह अब बड़े हो गए हैं और बछड़े की जगह गाय को चराने ले जाएंगे। उनकी जिद को देखकर माता यशोदा ने उन्हें पिता नंद बाबा से इसकी अनुमति लेने भेज दिया। भगवान श्रीकृष्ण ने नंद बाबा से भी यही जिद की कि वह अब गाय चराएंगे। नंद बाबा गाय चराने के शुभ मुहूर्त के लिए शांडिल्य ऋषि के आश्रम पहुंचे। शांडिल्य ऋषि ने बड़े अचरज से कहा कि अभी इस समय के अलावा अगले साल तक कोई शुभ मुहूर्त नहीं है। वह दिन गोपा अष्टमी का दिन था। उस दिन माता यशोदा ने श्रीकृष्ण को अच्छे से तैयार किया मोर मुकुट लगाया, पैरों में घुंघरु पहनाए व चरण पादुकाएं दी। लेकिन उन्होंने पादुकाएं पहनने से इंकार कर दिया,वे बोले कि वह पादुकाएं तभी पहनेंगे जब आप गाय को भी पादुकाएं पहनाएंगी। उस दिन भगवान श्रीकृष्ण बिना पादुकाओं के ही गाय चराने गए।

Gopasthami :
गाय चराने की वजह से ही श्रीकृष्ण का नाम गोविंद व गोपाल पड़ा। दूसरी कथा यह है कि बरसाने में देवराज इंद्र के प्रकोप के कारण लगातार बारिश हो रही थी, बरसाना वासियों को बारिश से बचाने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठा लिया था। उस दिन से गोवर्धन पूजा का त्योहार मनाया जाने लगा था। गोपा अष्टमी के दिन देवराज इंद्र ने अपनी हार स्वीकार की थी। तब श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उंगली से उतार कर नीचे रखा था। गोपाअष्टमी से जुड़ी एक और बात यह है कि एक बार राधा गाय चराने के लिए वन जाना चाहती थीं, लेकिन लडक़ी होने के कारण उनसे कोई गाय चराने को नहीं कहता था। लेकिन राधा गाय चराने के लिए ग्वाला का वेश धारण कर श्रीकृष्ण के साथ गाय चराने वन चली गई। उस दिन को गोपाष्टïमी के रूप में मनाया जाता है।

गोपाष्टमी पर गाय और उसके बछड़े को नहला-धुलाकर उसका श्रंगार किया जाता है। उसके पैरों में घुंघरु बांधकर अन्य आभूषण पहनाए जाते हैं। सुबह जल्दी उठकर गौमाता के चरण स्पर्श किये जाते हैं व उनकी सींग पर चुनरी बांधी जाती है। गौमाता की परिक्रमा कर उन्हें चराने के लिए बाहर ले जाया जाता है। इस दिन ग्वालों को तिलक लगाया जाता है व उन्हें दान भी दिया जाता है। गाय शाम को चर कर जब घर लौटे तो फिर उनकी पूजा की जाती है। इस दिन अच्छा भोजन हरा चारा, गुड़ व हरा मटर खिलाया जाता है। जिन घरों में गाय नहीं होती है वो लोग गौशाला जाकर उनकी पूजा करते हैं, गंगाजल व फूल चढ़ाकर गुड़ भी खिलाते हैं। कुछ लोग इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करते हैं और श्री कृष्ण के भजन गाते हैं। इस प्रकार दीपावली के बाद आने वाले गोपाष्टमी त्यौहार को आप पूरी तरह से समझ गए होंगे। आइए 9 नवंबर 2024 शनिवार को पूरे देश के साथ हम भी गोपाष्टमी 2024 का पर्व मनाते हैं।

गोपाष्टमी ( Gopasthami ) पर पूजा से मिलता है बड़ा फल
धर्माचार्यों के मुताबिक गोपाष्टमी पर गाय की पूजा करने से बड़ा फल प्राप्त होता है। अधिकतर धर्मग्रंथों में गोपाष्टमी की पूजा का महत्व बताया गया है। धर्मग्रंथ कहते हैं कि गोपाष्टमी की विधि पूर्वक पूजा करने से हर प्रकार के ग्रह दोष दूर हो जाते हैं। गोपाष्टमी पर गाय की पूजा करने मात्र से ही नवग्रहों के सारे दोष दूर हो जाते हैं तथा दन-दौलत की प्राप्ति होती है। Gopasthami :

गोपाष्टमी पर विश्व स्तरीय गो चिकित्सालय की चर्चा जरूरी

साभार

24/10/2024

Go Kabutar Go

15/10/2024

राज्य स्तरीय रोल प्ले प्रतियोगिता 2024

आप सभी को दशहरा की हार्दिक शुभकामना
12/10/2024

आप सभी को दशहरा की हार्दिक शुभकामना

07/10/2024

नशे की लत को छोड़े जीवन से नाता जोड़े l #नशा_मुक्त_अभियान

Happy birthday Admin❤️
07/09/2024

Happy birthday Admin❤️

06/09/2024
"गुरु ब्रह्मा गुरु विष्णु, गुरु देवो महेश्वरा, गुरु साक्षात परब्रह्म, तस्मै श्री गुरुवे नमः' एक श्लोक है. इसका मतलब है क...
05/09/2024

"गुरु ब्रह्मा गुरु विष्णु, गुरु देवो महेश्वरा,
गुरु साक्षात परब्रह्म, तस्मै श्री गुरुवे नमः'

एक श्लोक है. इसका मतलब है कि गुरु ही ब्रह्मा है, गुरु ही विष्णु है, गुरु ही भगवान शंकर है, और गुरु ही साक्षात परब्रह्म है. इस श्लोक को गुरु स्तोत्रम भी कहा जाता है. इसे हर भारतीय बच्चे को पढ़ाया जाता है. इस श्लोक से पता चलता है कि हमारे शिक्षकों के प्रति हम कितना सम्मान और भक्ति रखते हैं.

शास्त्रों में गुरु का दर्जा भगवान के समान बताया गया है. गुरु इसलिए परब्रह्म कहलाते हैं क्योंकि वे अकेले ब्रह्मा, विष्णु, और महेश तीनों की भूमिका निभाते हैं. वे ब्रह्मा की तरह शिष्य को गढ़ते हैं, विष्णु की तरह उनका पालन-पोषण करते हैं, और शंकर भगवान की तरह उनके दुर्गुणों का नाश करते हैं.

29/08/2024
27/08/2024

कान्हा का मुख़रा तो दिखा ❤️🙏🙏🙏

27/08/2024

कितना प्यारा हैं श्रीद्वार तेरी नेऊ नजर उतार ❤️🙏🙏🙏

Address

MADHUBANI
Pothia
847211

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when IMC AMIT JHA posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Contact The Business

Send a message to IMC AMIT JHA:

Share


Other Digital creator in Pothia

Show All