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22/01/2025

बिहार चुनाव का मांझी विधानसभा का चुनाव होने वाला है....NDA समर्थित उम्मीदवार Rana Pratap Singh का कद क्या है आप इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं की प्रदेश अध्यक्ष Dilip Jaiswal ने भी इन्हें चुनाव पूर्व ही मांझी विधानसभा का विधायक मान लिया....
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Aaj Tak
#मांझीविधानसभा

19/01/2025

Rana Pratap Singh
Sudhanshu Singh
💝💝

18/01/2025

भारत का सबसे बड़ा जुमला सरकारी नौकरी है....

06/01/2025
75 साल पहले हमें मरने के  लिए यहां लाया गया था। हमारे पास ना कोई देश था, ना कोई सेना थी। सात देशों ने हमारे विरुद्ध जंग ...
03/10/2024

75 साल पहले हमें मरने के लिए यहां लाया गया था। हमारे पास ना कोई देश था, ना कोई सेना थी। सात देशों ने हमारे विरुद्ध जंग छेड़ दी। हम सिर्फ 65,000 थे। हमें बचाने के लिए कोई नहीं था। हम पर हमले होते रहे, होते रहे।

लेबनान, सीरिया, ईराक़, जॉर्डन, मिस्र, लीबिया, सऊदी अरब जैसे कई देशों ने हमारे ऊपर कोई दया नहीं दिखाई। सभी लोग हमें मारना चाहते थे किंतु हम बच गये।

संयुक्त राष्ट्र ने हमें धरती दी, वह धरती जो 65 प्रतिशत रेगिस्तान थी। हमने उसको भी अपने खून से सींचा। हमने उसे ही अपना देश माना क्योंकि हमारे लिए वही सब कुछ था।

हम कुछ नहीं भूले, हम फिरऔन से बच गए। हम यूनान से बच गए। हम रोमन से बच गए। हम स्पेन से बच गए। हम हिटलर से बच गए। हम अरब देशों से बच गए। हम सद्दाम से बच गए। हम गद्दाफी से बच गए।
*हम हमास से भी बचेंगे, हम हिजबुल्ला से भी बचेंगे और हम ईरान से भी बचेंगे।*

हमारे जेरूसलम पर अब तक 52 बार आक्रमण किया गया, 23 बार घेरा गया, 39 बार तोड़ा गया, तीन बार
बर्बाद किया गया, 44 बार कब्जा किया गया लेकिन हम अपने जेरूसलम को कभी नहीं भूले। वह हमारे हृदय में है, वह हमारे मस्तिष्क में है और जब तक हम रहेंगे, जेरूसलम हमारी आत्मा में रहेगा।

संसार ये याद रखें कि जिन्होंने हमें बर्बाद करना चाहा वह आज स्वयं नहीं है। मिस्र, लेबनान, बेबीलोन, यूनान, सिकंदर, रोमन सब खत्म हो गए हैं।

हम फिर भी बचे रहे।

हमें वे (इस्लामी) खत्म करना चाहते हैं। उन्होंने हमारे रस्म रिवाज को कब्जाया। उन्होंने हमारे उपदेशों को कब्जाया। उन्होंने हमारी परंपरा को कब्जाया। उन्होंने हमारे पैगंबर को कब्जाया। कुछ समय पश्चात अब्राहम इब्राहिम कर दिए गए, सोलोमन सुलेमान हो गए, डेविड दाऊद बना दिए गए, मोजेज मूसा कर दिए गए...

फिर एक दिन... उन्होंने कहा तुम्हारा पैगंबर (मुहम्मद) आ गया है। हमने इसे नहीं स्वीकार नहीं किया। करते भी कैसे, उनके आने का समय नहीं आया था। उन्होंने कहा, स्वीकारो! कबूल लो! हमने नहीं कबूला। फिर हमें मारा गया। हमारे शहरों को कब्जाया गया, हमारे शहर यसरब को मदीना बना दिया गया। हम कत्ल हुए, भगा
भगा दिए गए...

मक्का के काबा में हम 2 लाख थे, मार दिए गए। हमें दुश्मन बता कर कत्ल किया गया, फिर सीरिया में, ओमान में यही हुआ। हम तीन लाख थे, मार दिए गए। ईराक़ में हम 2 लाख थे, तुर्की में चार लाख, हमें मारा जाता रहा, मारा जाता रहा। वे हमें मार रहे हैं, मारते जा रहे हैं। हमारे शहर, धन, दौलत, घर, पशु, मान-सम्मान सब कुछ कब्जाए जाते रहे फिर भी हम बचे रहे।

1300 सालों में करोड़ों यहूदियों को मारा गया फिर भी हम बचे रहे।

75 साल पहले वे हम पर थूकते थे, जलील करते थे, मारते थे। हमारी नियति यही थी किंतु हम स्वयं पर, अपने नेतृत्व पर, अपने विश्वास पर टिके रहे रहे।

आज हमारे पास एक अपना देश है। एक स्वयं की सेना है, एक छोटी अर्थव्यवस्था है। इंटेल, माइक्रोसॉफ्ट, आईबीएम, फेसबुक, जैसी कई संस्थायें हमने इस दौर में बनाईं। आज हमारे चिकित्सक दवा बना रहे हैं, लेखक किताबें लिख रहे हैं, ये सबके लिए हैं , यह मानवता के कल्याण के लिए है।

हमने रेगिस्तान को हरियाली में बदला। हमारे फल, दवाएं, उपकरण, उपग्रह सभी के लिए है।

हम किसी के दुश्मन नहीं है, हमने किसी को खत्म करने की कसमें नहीं खाईं। हमें किसी को बर्बाद भी नहीं करना, हम साजिशें भी नहीं करते।

हम जीना चाहते हैं, सिर्फ सम्मान से, अपने देश में, अपनी जमीन पर, अपने घर में।❤️🔥

पिछले हजार सालों से हमें मिटाया गया, खदेड़ा गया, कब्जाया जाता रहा, हम मिटे नहीं, हारे नहीं और न आगे कभी हारेंगे। हम जीतेंगे, हम जीत कर रहेंगे, हम 3000 सालों से यरुशलम में ही थे। आज हम अपने पहले देश इजराइल में हैं। यह हमारा ही था, हमारा ही है और हमारा ही रहेगा, येरूसलम हमसे है और हम येरूसलम से हैं।

- प्रधानमंत्री #बेंजामिननेतन्याहू🫡

29/09/2024

भले ही हम कितना ही कर लें हाहाकार, पॉलिटिक्स में झूठे नेताओं की होती है जय-जयकार ।

डिप्लोमेसी में छोटी छोटी चीज़ों के मतलब तलाशे जाते हैं, डिप्लोमेसी में कोई भी घटना सामान्य या ऐसे ही नहीं होती है।इस तस्...
24/08/2024

डिप्लोमेसी में छोटी छोटी चीज़ों के मतलब तलाशे जाते हैं, डिप्लोमेसी में कोई भी घटना सामान्य या ऐसे ही नहीं होती है।

इस तस्वीर को ध्यान से देखिए इसमें नरेंद्र मोदी जी जेलेंस्की के कंधे पर हाथ रखें हुए हैं

कंधे पर हाथ रखना यानि किसी को संबल देना, उसे इंडिकेट करना कि हम आपके साथ खड़े हैं

ख़ैर यह तो बढ़िया है कि यूक्रेन से भारत के संबध मज़बूत हों लेकिन क्या मोदी जी ने यह सुनिश्चित किया कि जेलेंस्की के प्रति इस रवैए से रूस हमसे नाराज़ नहीं होगा? BBC News Aaj Tak India TV Navbharat Times

21/08/2024

Here's something I've noticed in life:

Character matters more than money because money only magnifies who you already are.

Take a hardworking, humble person who becomes rich over time—they often become even more hardworking and humble. Money just amplifies their good traits.

But, if someone lazy and arrogant suddenly gets rich, like by winning the lottery, they often end up broke again. Why? Because money also amplifies their bad habits.

So, remember, character is key to success in life.

And often, strong character is built during struggles and failures.

12/05/2024

सवाल ये नहीं है की बस्तियां किसने जलाई...
सवाल ये है की पागल के हाथ में माचिस किसने दी....??

20/03/2024

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