07/10/2024
गिलोय अमृता, अमृतवल्ली अर्थात् कभी न सूखने वाली एक बड़ी लता है। इसका तना रस्सी जैसा लगता है। इसके तने तथा शाखाओं से जडें निकलती हैं। इस पर पीले व हरे रंग के फूलों के गुच्छे लगते हैं। इसके पत्ते कोमल तथा पान के आकार के जैसा होते हैं!
यह जिस पेड़ पर चढ़ती है, उस वृक्ष के कुछ गुण भी इसके अन्दर आ जाते हैं। इसीलिए नीम के पेड़ पर चढ़ी गिलोय सबसे अच्छी मानी जाती है। आधुनिक आयुर्वेदाचार्यों (चिकित्साशात्रियों) के अनुसार गिलोय नुकसानदायक बैक्टीरिया से लेकर पेट के कीड़ों को भी खत्म करती है। टीबी रोग का कारण बनने वाले वाले जीवाणु की वृद्धि को रोकती है। आंत और यूरीन सिस्टम के साथ-साथ पूरे शरीर को प्रभावित करने वाले रोगाणुओं को भी यह खत्म करती है।
गिलोय की कई प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें मुख्यतया निम्न प्रजातियों का प्रयोग चिकित्सा के लिए किया जाता है।