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यदि परिस्थितियों पर आपकी मजबूत पकड़ है,तो जहर उगलने वाले भी आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकते !!
28/11/2024

यदि परिस्थितियों पर आपकी मजबूत पकड़ है,
तो जहर उगलने वाले भी आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकते !!

21/11/2024

ये है आपका निष्पक्ष चुनाव जहां पुलिस द्वारा महिलाओं पे रिवॉल्वर तान दे और गंदी और भद्दी भद्दी गाली दे वोट न देने दे , उत्तर प्रदेश का उपचुनाव में ये हाल है।

चाचा नेहरू बनना एक बहुत बड़ी मुश्किल काम होता है उतना आसान नहीं है, चाचा नेहरू बन पाना/🖋️                   चाचा नेहरू क...
14/11/2024

चाचा नेहरू बनना एक बहुत बड़ी मुश्किल काम होता है उतना आसान नहीं है, चाचा नेहरू बन पाना/🖋️
चाचा नेहरू का जन्म 14 नवम्बर 1889 को इलाहाबाद में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने घर पर निजी शिक्षकों से प्राप्त की। पंद्रह साल की उम्र में वे इंग्लैंड चले गए और हैरो में दो साल रहने के बाद उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया जहाँ से उन्होंने प्राकृतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। 1912 में भारत लौटने के बाद वे सीधे राजनीति से जुड़ गए। यहाँ तक कि छात्र जीवन के दौरान भी वे विदेशी हुकूमत के अधीन देशों के स्वतंत्रता संघर्ष में रुचि रखते थे। उन्होंने आयरलैंड में हुए सिनफेन आंदोलन में गहरी रुचि ली थी। उन्हें भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अनिवार्य रूप से शामिल होना पड़ा।

1912 में उन्होंने एक प्रतिनिधि के रूप में बांकीपुर सम्मेलन में भाग लिया एवं 1919 में इलाहाबाद के होम रूल लीग के सचिव बने। 1916 में वे महात्मा गांधी से पहली बार मिले जिनसे वे काफी प्रेरित हुए। उन्होंने 1920 में उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में पहले किसान मार्च का आयोजन किया। 1920-22 के असहयोग आंदोलन के सिलसिले में उन्हें दो बार जेल भी जाना पड़ा।

पंडित नेहरू सितंबर 1923 में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव बने। उन्होंने 1926 में इटली, स्विट्जरलैंड, इंग्लैंड, बेल्जियम, जर्मनी एवं रूस का दौरा किया। बेल्जियम में उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक आधिकारिक प्रतिनिधि के रूप में ब्रुसेल्स में दीन देशों के सम्मेलन में भाग लिया। उन्होंने 1927 में मास्को में अक्तूबर समाजवादी क्रांति की दसवीं वर्षगांठ समारोह में भाग लिया। इससे पहले 1926 में, मद्रास कांग्रेस में कांग्रेस को आजादी के लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध करने में नेहरू की एक महत्वपूर्ण भूमिका थी। 1928 में लखनऊ में साइमन कमीशन के खिलाफ एक जुलूस का नेतृत्व करते हुए उन पर लाठी चार्ज किया गया था। 29 अगस्त 1928 को उन्होंने सर्वदलीय सम्मेलन में भाग लिया एवं वे उनलोगों में से एक थे जिन्होंने भारतीय संवैधानिक सुधार की नेहरू रिपोर्ट पर अपने हस्ताक्षर किये थे। इस रिपोर्ट का नाम उनके पिता श्री मोतीलाल नेहरू के नाम पर रखा गया था। उसी वर्ष उन्होंने ‘भारतीय स्वतंत्रता लीग’ की स्थापना की एवं इसके महासचिव बने। इस लीग का मूल उद्देश्य भारत को ब्रिटिश साम्राज्य से पूर्णतः अलग करना था।

1929 में पंडित नेहरू भारतीय राष्ट्रीय सम्मेलन के लाहौर सत्र के अध्यक्ष चुने गए जिसका मुख्य लक्ष्य देश के लिए पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त करना था। उन्हें 1930-35 के दौरान नमक सत्याग्रह एवं कांग्रेस के अन्य आंदोलनों के कारण कई बार जेल जाना पड़ा। उन्होंने 14 फ़रवरी 1935 को अल्मोड़ा जेल में अपनी ‘आत्मकथा’ का लेखन कार्य पूर्ण किया। रिहाई के बाद वे अपनी बीमार पत्नी को देखने के लिए स्विट्जरलैंड गए एवं उन्होंने फरवरी-मार्च, 1936 में लंदन का दौरा किया। उन्होंने जुलाई 1938 में स्पेन का भी दौरा किया जब वहां गृह युद्ध चल रहा था। द्वितीय विश्व युद्ध शुरू होने से कुछ समय पहले वे चीन के दौरे पर भी गए।

पंडित नेहरू ने भारत को युद्ध में भाग लेने के लिए मजबूर करने का विरोध करते हुए व्यक्तिगत सत्याग्रह किया, जिसके कारण 31 अक्टूबर 1940 को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें दिसंबर 1941 में अन्य नेताओं के साथ जेल से मुक्त कर दिया गया। 7 अगस्त 1942 को मुंबई में हुई अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की बैठक में पंडित नेहरू ने ऐतिहासिक संकल्प ‘भारत छोड़ो’ को कार्यान्वित करने का लक्ष्य निर्धारित किया। 8 अगस्त 1942 को उन्हें अन्य नेताओं के साथ गिरफ्तार कर अहमदनगर किला ले जाया गया। यह अंतिम मौका था जब उन्हें जेल जाना पड़ा एवं इसी बार उन्हें सबसे लंबे समय तक जेल में समय बिताना पड़ा। अपने पूर्ण जीवन में वे नौ बार जेल गए। जनवरी 1945 में अपनी रिहाई के बाद उन्होंने राजद्रोह का आरोप झेल रहे आईएनए के अधिकारियों एवं व्यक्तियों का कानूनी बचाव किया। मार्च 1946 में पंडित नेहरू ने दक्षिण-पूर्व एशिया का दौरा किया। 6 जुलाई 1946 को वे चौथी बार कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए एवं फिर 1951 से 1954 तक तीन और बार वे इस पद के लिए चुने गए चाचा नेहरू जयंती की ढेर सारी शुभकामनाएं 💐💙🙏🏻/✍🏻

18 जनवरी 1973 को बिहार के एक मंत्री को ये ख़बर मिली के उनके क्षेत्र में नहर का बांध टूट गया है, और बाढ़ के चपेट में आ कर ह...
03/10/2024

18 जनवरी 1973 को बिहार के एक मंत्री को ये ख़बर मिली के उनके क्षेत्र में नहर का बांध टूट गया है, और बाढ़ के चपेट में आ कर हज़ारो लोग बेघर हो गए हैं. बिना किसी देर किये वो मंत्री उस इलाक़े में लोगों को राहत पहुँचाने निकल पड़ते हैं, रास्ता बहुत ख़राब था इसलिए गाड़ी से उतर पैदल ही चलने लगे, और फिर थक कर बैठ गए, थोड़ी ही देर में क़ल्ब ने हरकत बंद कर दिया, और उनका इंतक़ाल हो गया, इस मंत्री को आज दुनिया अब्दुल क़य्यूम अंसारी के नाम से जानती है. ग़रीबों, पिछड़ों और बेसहारों का सहारा अब्दुल क़य्यूम अंसारी साहब बिहार के इतिहास के अब तक के एकलौते मंत्री हैं जिन्होंने लोगों की मदद करते हुवे अपने जीवन को क़ुर्बान कर दिया।

आज एक बार फिर बिहार बाढ़ के चपेट में हैं, लोग परेशान है, और नेता-मंत्री कहाँ हैं,।

53 दवाएं क्वालिटी टेस्ट में फेल, कहीं आप भी तो नहीं कर रहे इनका इस्तेमाल?मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ड्रग रेगुलेटर सेंट्...
27/09/2024

53 दवाएं क्वालिटी टेस्ट में फेल, कहीं आप भी तो नहीं कर रहे इनका इस्तेमाल?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ड्रग रेगुलेटर सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड्स कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में 53 दवाओं को क्वालिटी टेस्ट में फेल घोषित किया है। इन दवाओं में पेरासिटामोल समेत कैल्शियम और विटामिन डी3 सप्लीमेंट्स, एंटी-डायबिटीज दवाएं और हाई ब्लड प्रेशर की दवाएं शामिल हैं। इन दवाओं का फेल होना आम जनता के स्वास्थ्य के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गया है।

CDSCO द्वारा जारी की गई इस सूची में दवाओं को "नॉट ऑफ स्टैंडर्ड क्वालिटी" (NSQ) घोषित किया गया है। ये अलर्ट रैंडम सैंपलिंग के आधार पर जारी किए जाते हैं, जिन्हें विभिन्न राज्यों के ड्रग अधिकारियों द्वारा एकत्र किया जाता है। क्वालिटी टेस्ट में फेल होने वाली दवाओं में प्रमुख रूप से पेरासिटामोल 500 एमजी, विटामिन डी3 सप्लीमेंट्स और डायबिटीज की दवाएं शामिल हैं।

CDSCO ने दो अलग-अलग सूचियां जारी की हैं। पहली सूची में 48 दवाएं हैं जो क्वालिटी टेस्ट में फेल हुई हैं, जबकि दूसरी सूची में 5 दवाओं को रखा गया है, जिनके बारे में कंपनियों को जवाब देने का मौका दिया गया है। हालांकि, अब तक फार्मा कंपनियों ने इन नतीजों को मानने से इनकार करते हुए इसे गलत ठहराया है।

अब इस बात पर नज़र होगी कि संबंधित कंपनियों और सरकार द्वारा क्या कदम उठाए जाते हैं ताकि ऐसी दवाओं का बाजार से तुरंत हटाया जा सके और आम जनता को सुरक्षित रखा जा सके।

25/08/2024
25/08/2024
With Alamraj Alam Raj – I just got recognized as one of their top fans! 🎉
19/08/2024

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This is ryt point 👇🏻😜
09/08/2024

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आप का भी यही प्रोब्लम है किया |
30/07/2024

आप का भी यही प्रोब्लम है किया |

24/07/2024

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