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आयुर्वेद चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट चिकित्सा सेवा एवम   पंचकर्म के द्वारा रोगी का उपचार प्रदान करने के लिए पटना , ...
24/08/2023

आयुर्वेद चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट चिकित्सा सेवा एवम पंचकर्म के द्वारा रोगी का उपचार प्रदान करने के लिए पटना , बिहार के सुप्रसिद्ध आयुर्वेदिक चिकित्सक वैद्य ( डाक्टर ) रंजन कुमार जी को विश्व आयुर्वेद परिषद की ओर से चरक जयंती सह गुरु सम्मान कार्यकर्म के अवसर पर सम्मानित किया गया।
यह सम्मान काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के संहिता विभाग के अवकाश प्राप्त प्रोफेसर ब्रिज कुमार द्विवेदी एवम वैद्यनाथ आयुर्वेद भवन , पटना के निदेशक माननीय श्री प्रमोद शर्मा जी के कर कमलों द्वारा दिया गया।
इस अवसर पर डाक्टर ब्रिज कुमार द्विवेदी ने कहा कि आचार्य चरक बहुत ही उच्च कोटि के वैज्ञानिक थे और उनकी चरक संहिता दुनिया की श्रेष्ठ वैज्ञानिक ग्रंथ है और आचार्य सुश्रुत श्रेष्ठ शरीर के कलाकार थे इसलिए आचार्य सुश्रुत श्रेष्ठ सर्जन ,सर्जरी के पिता कहे जाते है ।इन्होंने कान ,आंख,अस्थि भंग,विद्राधी,अर्श प्लास्टी सर्जरी शरीर शव छेदन मूढ़ गर्भ ग्रह बाधा मस्तिष्क के सर्जरी शल्य शालाक्य जो आज ENT के अंतर्गत आते है ,का विस्तृत वर्णन किया ।त्रि सूत्र आयुवेद के बारे में विस्तार से बताया।

फाईवर टू सिल्क फैब प्रदर्शनी में मॉडल्स ने किया सिल्क साड़ियों का प्रदर्शनपटना  : राजधानी के पटना, होटल  पनाश  में चल रही...
12/08/2023

फाईवर टू सिल्क फैब प्रदर्शनी में मॉडल्स ने किया सिल्क साड़ियों का प्रदर्शन

पटना : राजधानी के पटना, होटल पनाश में चल रही छह दिवसीय फाईवर टू सिल्क फैब प्रदर्शनी व सेल में गुरुवार को सिल्क मेला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में सिल्क की चमक भी चारों ओर फैल गई। इस कार्यक्रम भारत के विभिन्न राज्यों के बुनकरों द्वारा तैयार किए गए साड़ियों का बहुत ही बेहतरीन ढंग से प्रदर्शन किया। एक से बढ़कर सिल्क उत्पादों को प्रदर्षित किया।
उमंग आर्ट एंड क्राफ्ट एक्सपो के आयोजक आशीष कुमार गुप्ता ने बताया कि इस प्रदर्शनी व सेल में देश भर से आए सिल्क बुनकरों व डिजाईनरों ने अपने - अपने प्रदेश संस्कृति काव्य और त्योहारों को सिल्क पर छापा है। एक्सपो में गुजरात की पटोला सिल्क, तेलंगाना की उपाडा सिल्क, तमिलनाडु की कांजीवरम सिल्क, महाराष्ट्र की पैठणी सिल्क पर गई कलाकारी लोगों को अपनी ओर खींच रही है। उन्होंने बताया कि होटल पनाश में आयोजित फाईवर टू सिल्क फैब का मकसद देशभर के सिल्क उत्पादों का एक ही छत के तले प्रदर्शनी करना है। विदित हो कि यह प्रदर्शनी 12 August से 16 August, 2023 तक सुबह 10 बजे से रात 9 बजे तक आयोजित की गयी है।

12/08/2023

फाईवर टू सिल्क फैब प्रदर्शनी में मॉडल्स ने किया सिल्क साड़ियों का प्रदर्शन

पटना : राजधानी के पटना, होटल पनाश में चल रही छह दिवसीय फाईवर टू सिल्क फैब प्रदर्शनी व सेल में गुरुवार को सिल्क मेला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में सिल्क की चमक भी चारों ओर फैल गई। इस कार्यक्रम भारत के विभिन्न राज्यों के बुनकरों द्वारा तैयार किए गए साड़ियों का बहुत ही बेहतरीन ढंग से प्रदर्शन किया। एक से बढ़कर सिल्क उत्पादों को प्रदर्षित किया।
उमंग आर्ट एंड क्राफ्ट एक्सपो के आयोजक आशीष कुमार गुप्ता ने बताया कि इस प्रदर्शनी व सेल में देश भर से आए सिल्क बुनकरों व डिजाईनरों ने अपने - अपने प्रदेश संस्कृति काव्य और त्योहारों को सिल्क पर छापा है। एक्सपो में गुजरात की पटोला सिल्क, तेलंगाना की उपाडा सिल्क, तमिलनाडु की कांजीवरम सिल्क, महाराष्ट्र की पैठणी सिल्क पर गई कलाकारी लोगों को अपनी ओर खींच रही है। उन्होंने बताया कि होटल पनाश में आयोजित फाईवर टू सिल्क फैब का मकसद देशभर के सिल्क उत्पादों का एक ही छत के तले प्रदर्शनी करना है। विदित हो कि यह प्रदर्शनी 12 August से 16 August, 2023 तक सुबह 10 बजे से रात 9 बजे तक आयोजित की गयी है।

पटना : अटल पथ से मरीन ड्राइव जाने वाले रास्ते पर भयंकर एक्सीडेंट। एक के घायल होने की सूचना। प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर घ...
23/07/2023

पटना : अटल पथ से मरीन ड्राइव जाने वाले रास्ते पर भयंकर एक्सीडेंट। एक के घायल होने की सूचना। प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया। ट्रैफिक पुलिस पहुंची एक्सीडेंट का ले रही जायजा।

आरजेडी प्रमुख लालू यादव के बेटे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की पत्नी राजश्री का शुक्रवार को जन्मदिन था. तेजस्...
22/07/2023

आरजेडी प्रमुख लालू यादव के बेटे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की पत्नी राजश्री का शुक्रवार को जन्मदिन था. तेजस्वी यादव ने अपनी पत्नी को जन्मदिन की बधाई दी. तेजस्वी यादव की ओर से शेयर की गई तस्वीरों मे देखा जा सकता है कि राजश्री केक काट रही हैं. वहीं बगल में लालू यादव और राबड़ी देवी बैठे हैं.

 #पटना के जेडी वीमेंस काॅलेज में मातृ दिवस के अवसर पर नारी नीति फाऊंडेशन द्वारा   के संदेश के साथ समाज में उत्कृष्ट योगद...
22/07/2023

#पटना के जेडी वीमेंस काॅलेज में मातृ दिवस के अवसर पर नारी नीति फाऊंडेशन द्वारा के संदेश के साथ समाज में उत्कृष्ट योगदान समर्पित कर रहीं महिलाओं के लिए विशेष सम्मान समारोह का आयोजन किया गया था । इस अवसर पर IPS विकास वैभव ने संबोधन में बिहार में महिलाओं की ऐतिहासिक भूमिका पर चर्चा करते हुए कहा कि जिस भूमि ने अत्यंत प्राचीन काल में ही गार्गी वाचक्नवी जैसी विदुषी को साक्षात देखा हो, जिनमें संपूर्ण भारतवर्ष से एकत्रित हुए विद्वानों में सर्वश्रेष्ठ चुने गए महर्षि याज्ञवल्क्य को भी विद्वतापूर्वक चुनौती देने का साहस था, उसका भविष्य निश्चित ही उज्ज्वल होगा । भविष्य के संकेतक तो प्राचीन काल से ही प्रबल रहे हैं परंतु वांछित लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु आवश्यकता चिंता त्यागकर चिंतन करने की है तथा सकारात्मकता के साथ कुछ निस्वार्थ योगदान करने की है ।

भिन्नता में एकता भारत की पहचान - डीएसपी फतुहा - प्रेम यूथ फाउंडेशन के स्वयंसेवको के जत्था को लोकमित्र राष्ट्रीय सम्मेलन ...
22/07/2023

भिन्नता में एकता भारत की पहचान - डीएसपी
फतुहा - प्रेम यूथ फाउंडेशन के स्वयंसेवको के जत्था को लोकमित्र राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग के लिए सियाराम यादब डीएसपी ने हरी झंडी दिखाकर प्रखण्ड परिषर से उज्जैन , मध्यप्रदेश रबाना किया । उन्होनो स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुये कहा कि भारत दुनिया का सबसे युवा देश है । राष्ट्रीय एकता और अखंडता को अक्षुण्य बनाये रखने की जिम्मेदारी युवाओं के कंधों पर है ।भिन्नता में एकता भारत की पहचान है तो गंगा यमुनी संस्कृति हमारी शान है । हमें सभी धर्मों और पंथों का सम्मान करना चाहिए । युवाओं तत्कालिक लाभ के लिए अपराधियों एवं अराजक तत्वों के हाथों का खिलौना नही बनना चाहिए ।फाउंडेशन के संस्थापक गांधीवादी प्रेम जी ने बताया कि उज्जैन में देश भर से हजारों स्वयंसेवक भाग लेंगे । महाकाल के नगरी उज्जैन अंकित ग्राम सेवा धाम के संस्थापक सुधीर भाई असहाय और लाचार के लिए देव दूत है , । विश्व शांति को लेकर विमर्श किया जायेगा साथ ही प्रेम शांति और भाईचारे को बढ़ावा दिया जा रहा है । आज पूरी दुनिया बारूद पर बैठा है मानवता खतरे में है । समाज में सद्भावना और अशांति का माहौल है । फाउंडेशन पूरे बिहार मे तीस हजार शांति दुत बनायेगा जो गाँव में घूम घूमकर सामाजिक समरसता के लिए काम करेंगे । उन्होंने कहा कि भिन्नता में एकता भारत की पहचान है वहीं गंगा यमुनी संस्क्रति हमारी शान है ।दुनिया मे आये दिन जाति, धर्म,भासा,क्षेत्र,रंग और मजहब के नाम पर लोगो को बांटने का षड्यंत्र हो रहा है ऐसे तत्वों से सावधान रहने की जरूरत है । ये शांति दूत मानवता के लिए काम करेगा । वहीं फाउंडेशन के स्वयसेवक शिशुपाल ने युवाओं से अपील किया की जात पात और धर्म के भावना से ऊपर उठकर अमन ,चैन और शांति के लिए काम करे । महात्मा गांधी की सत्य और अहिंसा पूरी दुनिया में आज प्रसांगिक है । टीम का नेतृत्व इंजीनियर सुरजीत कुमार कर रहे है । टीम में कृति कुमारी, बेबी कुमारी,शिवानी कुमारी, आयुष पाठक , रूपेश कुमार , समेत दर्जनों युवा/युवति शामिल है ।

11/07/2023
राजद के माननीय विधायक चंद्रहास चौपाल समस्तीपुर पहुँचे ।माहे सिन्घिया, रोसङा, समस्तीपुर दीपक दास पिता रमन दास को दबंग मुख...
11/07/2023

राजद के माननीय विधायक चंद्रहास चौपाल समस्तीपुर पहुँचे ।

माहे सिन्घिया, रोसङा, समस्तीपुर दीपक दास पिता रमन दास को दबंग मुखिया पति दिलीप सिंह एवं अन्य के द्वारा 9 घंटे तक खुटे मे बाँधकर मार पिट 4 जुलाई को किया गया था घटना स्थल पर मेरे साथ माननीय विधायक चंद्रहास चौपाल एवं मुजफ्फरपुर से बबलू दास जी रतीश दास जी सुधीर दास जी एवं समस्तीपुर जिला के जिला अध्यक्ष जगदीश चौपाल जी पूर्व प्रत्याशी सूरज दास जी माहे सिंघिया से महेश दास जी रोसरा के प्रखंड अध्यक्ष रमाकांत दास जी एवं सैकड़ों समाज और संगठन के लोग शामिल हुए।
दीपक दास के बेहतर इलाज के लिए पटना लाया गया है एवं कानूनी कार्रवाई के लिए बिहार के डीजीपी से भी मिला जाएगा पिङित और पिङित परिवार के साथ ।

रुस्तमपुर घाट दोहरी पीपा पुल आवागमन बंदधन्यवाद-!!विधायक जी बताइए आप ही पानी का जलस्तर अभी बहुत नीचे है इसके बावजूद भी पी...
24/06/2023

रुस्तमपुर घाट दोहरी पीपा पुल आवागमन बंद
धन्यवाद-!!
विधायक जी बताइए आप ही पानी का जलस्तर अभी बहुत नीचे है इसके बावजूद भी पीपा पुल का आवागमन बंद कर दिया गया इसको अभिलंब अपने अस्तर से खुलवाने का प्रयास करें !
माननीय उपमुख्य मंञी Tejashwi Yadav जी।

सूत्र: अजीत यादव
राघोपुर

बिहार में सबसे बड़ा ज्ञानी वही है जो 16 वर्षों से वोट नीतीश कुमार और भाजपा को दे...हिसाब तेजस्वी यादव से मांगे और दोष लाल...
25/05/2023

बिहार में सबसे बड़ा ज्ञानी वही है जो 16 वर्षों से वोट नीतीश कुमार और भाजपा को दे...

हिसाब तेजस्वी यादव से मांगे और दोष लालू जी को दे...!!

10/02/2023

हमें ये कदापि नहीं भूलना चाहिए कि कभी सम्पूर्ण भारत का शासन हमारी हीं मातृभूमि बिहार से संचालित थी!
BIHAR WITH VIKAS VAIBHAV IPS

03/10/2022

Please Read this.
हमारा समाज कहा जा रहा है।

2 din whatsapp pe baat kar ke logo ko sacha pyaar ho raha h.. 3 hafte k baad relationship toot rahe h.. 12 saal ki ladki isliye pareshaan h.kyuki. Uska panchva boyfriend usse acha behave nhi karta..11 saal k Ladke ko ye tnsn h uski g.f ko uski baaki relationships ka pata na chal jaaye.. 13 saal k bache blade se haath kaat rahe h kyunki unhe lagta h Life is a Sh*t..!!JIS umar me hmare parents decide Karte the k hume shaam ko friends k saath khelne jana h ya nhi..
Us umar me bache aaj kal saath jeene marne ki kasme kha rahe h.. 14 saal ki ladki ko agar papa raat ko ghar se bahar jaane ko mana karde to use lagta h use ghar me qaidi bna k rakha ja raha h.. Nd restrictions nd all.. Same baat b.f bolta h to.. Awwww baby you are so caring.. I love you nd bla bla..!!
This message is for those kids who think life me ab Kuch nhi raha sab khatam ho gya bcz of a relationship..
Let me tell you that you have no idea what life actually is.. Only your parents can guide you.. If they're suggesting something its just because they know what is right and what needs to be done..They're experienced and they love you more than anything, never ever disobey them. They'remaking all the efforts just to make you a better person and to give you a better life.. Pyaar k Liye saari life pdi h..
Never jump into a relationship just because meri class me sabke b.f/g.f h m KYu single rahu.. ?
I know after reading this many people will think "ye chutio ki tarah lecture de raha h.. Hume Sab Pata h.. Kya karna h nd kaise karna h.."i don't care what you think about me.. The only thing I want is to think about your parents.. Baaki to tumhaari life h jaise marzi jiyo..:")

पटना का पारस अस्पताल एक बार फिर चर्चा में । पढ़े , पूर्व आईएएस अधिकारी ( मुख्य सचिव बिहार ) विजय प्रकाश जी की आपबीती , उन...
15/04/2022

पटना का पारस अस्पताल एक बार फिर चर्चा में ।
पढ़े , पूर्व आईएएस अधिकारी ( मुख्य सचिव बिहार ) विजय प्रकाश जी की आपबीती , उनके द्वारा ही लिखित ..

आपके साथ भी ऐसा हो सकता है

आज मैं पारस एचएमआरआई अस्पताल, पटना में इलाज कराने का एक भयानक अनुभव साझा करने जा रहा हूं ताकि हम इलाज करते समय सावधान हो जाएँ क्योंकि इस प्रकार की घटना किसी के साथ भी हो सकती है।

मैं मार्च'22 के प्रथम सप्ताह में तीव्र दस्त और ज्वर के रोग से काफी पीड़ित हो गया था। तीन दिनों तक परेशानी बनी रही। घर पर रहकर ही इलाज करा रहा था।

चौथे दिन 11.3.'22 को बुखार तो ख़त्म हो गया पर दस्त कम नहीं हो रहा था। सुबह अचानक मुझे चक्कर भी आ गया। चूंकि कुछ वर्षों से मैं एट्रियल फिब्रिलिएशन (ए एफ) का रोगी रहा हूँ अतः सदा एक कार्डिया मोबाइल 6L साथ रखता हूँ। अपने कार्डिया मोबाइल 6L पर जांच किया तो पता चला कि पल्स रेट काफी बढ़ा हुआ था और इ0 के0 जी0 रिपोर्ट एट्रियल फिब्रिलिएशन (ए0 एफ0) का संकेत दे रहा था। अतः तुरत अस्पताल चलने का निर्णय हुआ। पारस एच एम आर आई अस्पताल घर के करीब ही है। अतः सीधे हम उसके इमरजेंसी में ही चले गये। इमरजेंसी में डॉक्टर चन्दन के नेतृत्व में व्यवस्था अच्छी थी। तुरत इ0 सी0 जी0 लिया गया। उसमें भी ए0 एफ0 का ही रिपोर्ट आया। पर करीब आधे घंटे के बाद पुनः इ0 सी0 जी0 लिया गया। उसमें इ0 सी0 जी0 सामान्य हो गया था। साइनस रिदम बहाल हो गया था।

आपात स्थिति में प्रारंभिक देखभाल के बाद, मुझे डॉ. फहद अंसारी डीसीएमआर 3817 की देखरेख में एमआईसीयू में स्थानांतरित कर दिया गया। जब मुझे एमआईसीयू में ले जाया गया, तो मुझ पर दवाओं और परीक्षणों की बमबारी शुरू हो गई। कई तरह के टेस्ट प्रारम्भ हो गये और कई प्रकार की दवाइयाँ लिखी गईं ।

12 मार्च 2022 को सुबह दस्त नियंत्रण में आ गया था। पर मुझे बताया गया कि हीमोग्लोबिन का स्तर नीचे हो गया है और प्लेटलेट की संख्या भी काफी कम हो गई है। अतः डॉक्टर रोग के निदान के संबंध में स्पष्ट नहीं थे। उन्हें लग रहा था कि कोई गंभीर इन्फेक्शन है। मैंने बताया भी कि मैं थाइलेसेमिया माइनर की प्रकृति का हूँ अतः मेरा हीमोग्लोबिन का स्तर नीचे ही रहता है और प्लेटलेट की संख्या भी कम ही रहती है। खून जांच में अन्य आंकड़े भी सामान्य से भिन्न रहते हैं । इसे ध्यान में रखकर ही निर्णय लेना बेहतर होगा। डॉक्टर ने खून चढ़ाने का निर्णय लिया और दोपहर में खून की एक बोतल चढ़ा दी गई।

दोपहर में ही मेरे अटेंडेंट को कॉम्बीथेर और डोक्सी नमक दवा को बाजार से लाने के लिए कहा गया क्योंकि वे अस्पताल की दुकान में उपलब्ध नहीं थे। जब मुझे दवा खाने के लिए कहा गया तो मैंने दवा के बारे में पूछा। उपस्थित नर्स ने कॉम्बिथेर नाम का उल्लेख किया। इंटरनेट के माध्यम से मुझे यह पता चला कि यह एक मलेरिया रोधी दवा है। अस्पताल आने के बाद से ही मुझे बुखार नहीं था। मेरा दस्त भी नियंत्रण में था। फिर मलेरिया-रोधी दवा क्यों? क्या मलेरिया परजीवी मेरे रक्त में पाये गये हैं? इस सम्बन्ध में मैंने नर्स से पूछताछ की। उनका कहना था कि चूँकि डॉक्टर ने यह दवा लिखा है इसलिए वे यह दवा खिला रही हैं। यदि मैं दवा नहीं खाऊंगा तो वे लिख देंगी कि मरीज ने दवा लेने से मना किया। इसपर मैंने कहा कि एक तरफ मुझे खून चढ़ाया जा रहा है क्योंकि हीमोग्लोबिन और प्लेटलेट कम बताये जा रहे हैं और मुझे ए0 एफ0 भी है दूसरी ओर अनावश्यक दवा दिया जा रहा है जबकि मेरा बुखार और दस्त दोनों नियंत्रण में है, जिसका काफी अधिक ख़राब असर मेरे स्वास्थ्य पर हो सकता है जिससे बचा जाना चाहिए । अतः मैंने डॉक्टर से पुनः पूछकर ही दवा खाने की बात कहीं। मेरे बार-बार अनुरोध करने पर नर्स ने आई0 सी0 यू0 के प्रभारी डॉक्टर प्रशांत को बुलाया। मैंने उनसे भी यही अनुरोध किया कि रक्त परीक्षण में मलेरिया परजीवी की स्थिति देखने पर ही ये दवा दी जाय। इस सम्बन्ध में वे प्रभारी डॉक्टर से संतुष्ट हो लें। डॉक्टर प्रशांत ने सम्बंधित डॉक्टर से बाते की और इस दवा को बंद करा दिया क्योंकि मलेरिया परजीवी हेतु रक्त परीक्षण में परिणाम नकारात्मक था। इस प्रकार मैं एक अनावश्यक दवा के कुप्रभाव से बच गया।

यहाँ मैं यह उल्लेख करना आवश्यक समझता हूँ कि हॉस्पिटल में दवाएं नर्स हीं देती हैं इसके पैकेट को भी मरीज को देखने नहीं दिया जाता और डॉक्टर का पूर्जा भी मरीज को नहीं दिखाया जाता है। सामान्यतया दवा देते समय मरीज को यह बताया भी नहीं जाता कि कौन सी दवा दी जा रही है। अतः दवा देने की पूरी जिम्मेदारी डॉक्टर और नर्स पर ही रहती है।

यह संयोग ही था कि कॉम्बिथेर को बाजार से मंगवाया गया था। इसलिए मुझे इस दवा के बारे में जानकारी मिली और मैं इस दवा को लेने से पहले रक्त परीक्षण का रिपोर्ट देख लेने का अनुरोध कर पाया।

13 मार्च 2022 को मेरी स्थिति में काफी सुधार था। सभी लक्षण सामान्य हो गये थे। दोपहर में मुझे सिंगल रूम नं. 265 में भेज दिया गया। आई सी यू से निकलने का ही मरीज के मनः स्थिति पर बहुत सकारात्मक असर पड़ता है। मैं बिल्कुल सामान्य सा महसूस करने लगा। रात में मैंने सामान्य रुप से भोजन किया। नींद भी अच्छी आयी।

14 मार्च 2022 की सुबह मैं बिल्कुल सामान्य महसूस कर रहा था। मैंने सामान्य रुप से शौच किया। अपने दाँत ब्रश किए। अपनी दाढ़ी बनाई और ड्यूटी बॉय की मदद से स्पंज स्नान किया। सब कुछ सामान्य था। फल का रस भी पिया।

सुबह करीब 6.45 बजे मैं अपने लड़के से मोबाइल पर बात कर रहा था। उस समय ड्यूटी पर तैनात नर्स दवा खिलाने आई। उसने मुझे थायरोक्सिन की गोलियों की एक बोतल दिया और मुझे इसे खोलकर एक टैबलेट लेने को कहा। चूंकि मेरे दाहिने हाथ में कैनुला लगा था, मैंने उससे ही इसे खोलने का अनुरोध किया। पर उसने कहा कि उसे इस तरह के बोतल को खोलने में दिक्कत होती है। कोई विकल्प न होने के कारण और हाथ मे कैनुला लगे होने के बावजूद, मैंने खुद ढक्कन खोल दिया और उसे देकर मुझे एक टैबलेट देने के लिए कहा। उसने एक गोली निकालकर दिया और मैंने दवा ले ली। उसने मुझे दो और दवाएं दी, उसे भी मैंने खा लिया ।

इसी बीच उसने दराज से एक शीशी निकाली। मैंने इस दवा के बारे में पूछताछ की क्योंकि यह मेरे अस्पताल में रहने के दौरान पहले कभी नहीं दी गई थी। उसने कहा कि यह एक एंटीबायोटिक है। मैंने एंटीबायोटिक के नाम के बारे में पूछताछ की क्योंकि यह एक नई दवा थी जो मुझे दी जा रही थी और मुझे यह एहसास था कि मैं ठीक हो रहा हूँ। मेरे प्रश्न का उत्तर दिए बिना, उसने आई0 वी0 कैनुला के माध्यम से दवा देना शुरू कर दिया। पूरी बातचीत के दौरान मैं अपने बिस्तर पर बैठा रहा और मोबाइल पर अपने लड़के से बात करता रहा।

जैसे ही यह नई दवा मेरे शरीर में आई, मेरी रीढ़ में जलन शुरू हो गया। मेरा शरीर गर्म होता जा रहा था। मेरा शरीर कांप रहा था। मुझे चक्कर जैसी अनुभूति भी होने लगी। मैंने फिर नर्स से पूछा कि उसने कौन सी दवा दी है। पर वह चुप रही। मैंने पुनः उस दवा की जानकारी मांगी जो उसने मुझे दी थी। वह चुप रही और दराज में लगी रही। मेरी ऊर्जा कम होती जा रही थी। मैंने फिर पूछा, 'मैं बिल्कुल भी अच्छा महसूस नहीं कर रहा हूँ। कौन सी दवा दी हो।' इस नई दवा की प्रतिक्रिया बढ़ती जा रही थी। मुझे मस्तिष्क में अजीब सा स्पंदन हो रहा था। लग रहा था गिर जाऊंगा। मुझे लग रहा था कि ब्रेन हेमरेज तो नहीं हो रहा है। मेरे बार-बार बोलने पर भी वह नर्स लगातार मौन बनी रही। फिर मैं सारी ऊर्जा इकठ्ठा कर जोर से चिल्लाया, 'तबीयत बहुत ख़राब हो रही है। दवा बंद करो'। फिर भी उसके हाव-भाव में कोई तेजी नहीं दिखी और वह बहुत धीरे-धीरे दवा बंद करने आई। खैर, दवा बंद हो गयी।

मैंने तुरंत एक डॉक्टर बुलाने का अनुरोध किया। पर कोई नहीं आया। नर्स ने आकर मेरा बीपी लिया। कुछ देर बाद ड्यूटी पर डॉक्टर होने का दावा करने वाला एक व्यक्ति आया। उसे भी मैंने सारी बातें बताई। वह भी मेरी हालत के बारे में कम चिंतित लग रहा था। उसने दराज खोली और कोई दवा ली और बाहर चला गया। मैंने उसे तुरंत ई0 सी0 जी0 करने के लिए कहा ताकि मैं अपने दिल की स्थिति के बारे में सुनिश्चित हो सकूं। जिस फ्लोर पर वार्ड था उस फ्लोर पर कोई ई0 सी0 जी0 मशीन नहीं था । वे एमआईसीयू विंग से एक मशीन लाए लेकिन वह ठीक से काम नहीं कर रहा था। फिर वे एक अन्य ई0 सी0 जी0 मशीन लाए। मुझे बड़ी राहत मिली जब मैंने पाया कि ई0 सी0 जी0 में कोई अनियमितता नहीं थी और ह्रदय की धड़कन साइनस रिद्म में होना बता रहा था। इस प्रक्रिया में करीब एक घंटा व्यतीत हो गया पर मेरी बेचैनी जारी रही। यद्यपि शरीर में हो रहे बदलाव में धीरे-धीरे सुधार हो रहा था पर रीढ़ में असामान्य स्पंदन जारी रहा। यह कई दिनों तक चलता रहा।

मेरी पत्नी डॉ मृदुला प्रकाश, जो मेरे साथ मेरे वार्ड में थीं, मेरी स्थिति ख़राब होते देख चिंतित हो गयी । उन्होंने नर्स से दवा का नाम पूछा। नर्स ने इंजेक्शन की एक दूसरी शीशी जो ड्रावर में रखा था उसे दिखाया और कहा कि यही सुई दी गयी है। उन्होंने इसका एक फोटो ले लिया। यह एपिनेफ था। उसी समय मेरी लड़की नूपुर निशीथ का फोन आ गया। उसे जब मेरी स्थिति बताई गई तो उसने पूछा कि पापा को कौन सी दवा दी गई है। दवा का नाम एपिनेफ बताने पर उसने कहा कि यह तो अंटी आजमटिक रोग की दवा है जो इमेर्जेंसी में दिया जाता है और इसका हृदय पर काफी साइड इफेक्ट होता है। इसे क्यों दिया जा रहा है?

तब घबड़ाकर डॉ प्रकाश नर्सों की डेस्क पर गईं और मेडिसिन लिस्ट मांगा तथा डॉक्टर का प्रेसक्रिप्शन भी मांगा। उन्हें न तो दवा का लिस्ट दिया गया और न डॉक्टर का प्रेसक्रिप्शन ही दिखाया गया। सभी नर्स वहाँ से हटकर दूसरी ओर चली गई ताकि उनसे ये सूचना नहीं ली जा सके ।

वह इस्तेमाल की हुई शीशी भी चाहती थी जिसे उन्हें दिखाया तो गया। पर जब उन्होंने इसे मांगा, तो उन्हें यह नहीं दिया गया क्योंकि उन्हें कहा गया कि इसका इस्तेमाल स्थानीय जांच में किया जाएगा। जब उन्होंने पूछा कि दवा क्यों दी गई है तो उन्हें बताया गया कि एपिनेफ को एसओएस के रूप में लिखा गया है । प्रभारी नर्स ने कहा कि उपस्थित नर्स ने शारीरिक परीक्षण के माध्यम से नाड़ी की दर 63 पाये जाने के कारण उक्त दवा दिया था । इसपर उन्होंने कहा कि नर्स ने दवा देने से पहले कभी नब्ज को छुआ तक नहीं था। नाड़ी की दर, रक्त चाप और तापमान तो दवा देने के बाद जब स्थिति खरब हो गई थी तब ली गई थी तो किस प्रकार नाड़ी के दर को आधार बनाकर यह दवा दिये जाने की बात कही जा रही है । उसके बाद नर्स निरुत्तर हो गयीं और कोई जवाब नहीं दिया।

वार्ड में मरीज के चिकित्सा से सम्बंधित फ़ाइल नहीं रखी गयी थी। अतः किसी चीज के बारे में कोई जानकारी मरीज या उसके अटेंडेंट को उपलब्ध नहीं था। चूँकि सारी जानकारी नहीं दी जा रही थी और गलत सूचना दी जा रही थी, अतः मामला काफी संदेहास्पद बनता जा रहा था। सूचनाओं मे अपारदर्शिता मामले को काफी गंभीर बना रहा था ।

घटना के लगभग 4.45 घंटे बाद उपस्थित चिकित्सक डॉ. फहद अंसारी ने लगभग 11.30 बजे वार्ड का दौरा किया। पहले तो उन्होंने अपने प्रोफाइल के बारे में बात की और कहा कि यह उनके लिए काला दिन है। उन्होंने घटना पर खेद जताया। उसने मेरी छाती की जांच की, मेरे मल के बारे में पूछा और कहा कि वे मुझे तुरंत छुट्टी दे देंगे । कुछ जांच रिपोर्ट लंबित हैं, जो कुछ दिनों में आ जाएंगी। उन रिपोर्ट के बारे में वह ओपीडी पर अपनी राय देंगे।

वह यह नहीं बता सके कि एपीनेफ सुई क्यों लिखी गई थी या क्यों दी गयी । यह आश्चर्यजनक है कि एपिनेफ्रीन जैसी दवा जिसे इंट्रामस्क्यूलर या सब क्यूटेनस दिया जाता है, उसे किन परिस्थितियों में नसों के माध्यम से दिया गया। यह भी स्पष्ट नहीं है कि ऐसी दवा जो हमेशा एक विशेषज्ञ डॉक्टर की उपस्थिति में या आईसीयू में दी जाती है, उसे अर्ध या गैर-प्रशिक्षित वार्ड नर्स द्वारा देने के लिए कैसे छोड़ दिया गया। यहाँ तक कि प्रभारी नर्स भी उपस्थित नहीं थी। मुझे यह भी आश्चर्य होता है कि जब स्पष्ट रूप से एसओएस का कोई मामला नहीं था तो एसओएस दवा का प्रबंध ही क्यों किया गया। अगर मैंने समय पर विरोध नहीं किया होता और दवा बंद न करा दिया होता, तो शायद मैं कहानी सुनाने के लिए यहां नहीं होता। मैं इस बात से भी हैरान हूं कि इस तरह के ड्रग रिएक्शन केस के बाद भी मेरी सेहत की पूरी जांच किए बिना मुझे कैसे छुट्टी दे दी गई।

जब लगभग 2.30 बजे अपराह्न में मुझे छुट्टी दी गई, तो मुझे डिस्चार्ज सारांश सौंपा गया। मैंने पाया कि इसमे मेरे लिए लिखे गये पूर्जे और दी गयी दवाओं के विवरण पूरी तरह से गायब थे। चिकित्सा विवरण देने के बजाय, डिस्चार्ज सारांश में गोलमटोल वाक्य लिखे थे ।

यहां तक ​​कि इसमें खून चढ़ाने की जानकारी भी गायब थी। मैंने यह भी पाया कि भर्ती के समय मेरे दिल की स्थिति का विवरण भी रिपोर्ट में लिखा नहीं था। मेरे एमआईसीयू में रहने का भी कोई जिक्र नहीं था। एपिनेफ दिये जाने और इसका मेरे ऊपर हुए रियक्सन का भी कोई वर्णन नहीं था। ऐसा प्रतीत होता है कि जानबूझकर महत्वपूर्ण तथ्यों और विवरणों को रिपोर्ट से छिपाया गया है।

मैंने जब अस्पताल प्रशासन को इस सम्बन्ध में पूर्ण जानकारी देने के लिए एवं विस्तृत जांच कराने के लिए पत्र लिखा तो मुझे डिस्चार्ज समरी को पुनरीक्षित कर भेजा गया पर उसमें भी एपीनेफ के न तो डॉक्टर द्वारा लिखने का जिक्र था और न उसे मुझे सुई के रूप में देने का। अस्पताल प्रशासन ने इस सम्बन्ध में आतंरिक जांच कराकर उसका प्रतिवेदन साझा करने की बात कही।

अस्पताल के डॉक्टर ने इस प्रकरण पर मौखिक रुप से क्षमा जरूर मांगी पर अभी तक अस्पताल प्रशासन ने आंतरिक जांच का कोई प्रतिवेदन मेरे साथ साझा नहीं किया तथा मुझे यह भी नहीं बताया कि व्यवस्था में क्या सुधार की गई है जिससे यह पता चले कि भविष्य में किसी मरीज के साथ इस प्रकार की घटना नहीं होगी ।

मैं अभी तक सदमे में हूँ कि यदि एपीनेफ को चिल्लाकर समय से बंद न कराया होता तो क्या हुआ होता। हम अस्पताल में डॉक्टर या नर्स को भगवान का प्रतिरूप मानकर उसकी सभी आज्ञा का पालन करते हैं। यदि कभी शरीर में उसकी प्रतिक्रिया भी हो तो उसे एक अलग घटना माना जाता है दवा देने या दवा देने के तरीके के कारण हुई प्रतिक्रिया नहीं मानी जाती।जब एपीनेफ के बाद शरीर में प्रतिक्रिया हुई तो मैंने भी शुरू में इसे दवा के कारण हुआ नहीं माना था । मुझे लगा कि शायद शरीर में कोई नयी समस्या हो गयी है - ब्रेन हेमरेज या ह्रदयघात हो गया है इसलिए मैंने सोचा पहले इस नयी समस्या से निबट लें तब दवा ले लेंगे। यही सोचकर मैंने दवा बंद कराया था। मेरा चिकित्सा व्यवस्था पर हमारे मन में एक विश्वास या यूँ कहूँ कि एक अंधविश्वास जाम गया है वह मानने के लिए तैयार नहीं था कि कोई डॉक्टर या नर्स कभी ऐसी दवा देंगे जो मेरे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होगा।

जब घटना हो भी गयी तो अस्पताल प्रशासन मेरे स्वास्थ्य की चिंता न कर इस बात में व्यस्त रहे कि कैसे यह बात रिकॉर्ड में न आये। मुझे स्वयं अपने इलाज के लिए ब्लड प्रेशर लेना या इ0 सी0 जी0 लेने का आदेश देना पड़ा। अस्पताल के अधिकारी अस्पताल के दस्तावेजों के प्रबंधन में ही लगे रहे ताकि सच्चाई सामने न आए। नर्स को हटा दिया गया। मेरी फाइल में दवा की विवरणी दर्ज नहीं की गयी । दवा वाली शीशी को दराज से निकाल कर छिपा लिया गया।

वास्तव में, वे इस बारे में अधिक चिंतित थे कि रोगी को प्रबंधित करने के बजाय दस्तावेज़ में घटना की रिपोर्टिंग को कैसे प्रबंधित किया जाए। मेरे बार-बार अस्पताल से सच्चाई को रिपोर्ट में अंकित करने का अनुरोध करने के बावजूद, इसे कभी रिकॉर्ड में नहीं किया गया।

मैं अस्पताल का नाम या डॉक्टर का नाम नहीं देना चाहता था, पर उनका व्यवहार जिस प्रकार रहा उससे मुझे अतिशय पीड़ा हुई है। उन्होंने गलत दवा देने के प्रकरण को रिकॉर्ड करने की परवाह तक नहीं की जो मेरे लिए प्राणघातक हो सकती थी। उन्होंने यह जानते हुए कि मैं एट्रियल फीब्रिलेशन का रोगी हूं और एपिनेफ्रीन जैसी आपातकालीन दवा के अंतःशिरा इंजेक्शन से पल्स रेट अप्रत्याशित रुप से बढ़ सकती थी जिससे शरीर को अपूरणीय क्षति हो सकती थी, दवा की प्रतिक्रिया की दूरगामी प्रभाव की जाँच के लिए भी कोई कदम नहीं उठाया। ऐसी आपात स्थिति से निपटने में अस्पताल की व्यवस्था में गंभीरता का भाव नहीं था। प्रभारी चिकित्सक चार घंटे से अधिक समय के बाद मुझे देखने आए। मैं इससे काफी आहत हूँ।

मेरा मन अभी भी इस बात को मानने को तैयार नहीं है कि अस्पताल में कोई दवा खिलाई जाएगी या इंजेक्शन दिया जाएगा और मेडिसिन लिस्ट में उसे शामिल तक नहीं किया जाएगा। क्या यह जहर था कि इसे लिखने से बचा जा रहा है? या किसी साजिश के तहत इसे दिया गया था तथा इसका जिक्र सभी जगह से हटा दिया जाय। अस्पताल के सिस्टम का पूरी तरह फेल हो जाने का इससे बड़ा और क्या प्रमाण हो सकता है ।

प्रश्न यह भी है कि जो दवा लिखी ही नहीं है, वह दवा वार्ड के दराज में कैसे आ गई? डॉक्टर ने कहा कि घटना इसलिए हुई क्योंकि यह दवा अन्य इंजेक्शन के समान है जो मुझे लिखा गया था। पर डॉक्टर के द्वारा जो प्रेसक्रिप्शन मुझे दिया गया उसमें यह कहीं नहीं लिखा था। यह बात इसलिए भी गंभीर है क्योंकि दवाएं अस्पताल के दूकान से ही आती हैं और कई नर्स उसे चेक करते हैं। मैं एम0 आई0 सी0 यू0 से आया था वहाँ सभी दवाओं को कई नर्स चेक करते थे।

यह प्रश्न भी विचारणीय है कि कैसे ओवर मेडिकेशन से बचा जाय। एक साथ कई एंटीबायोटिक शरीर में दे दिए जाने की अवस्था में मरीज के शरीर पर क्या दुष्प्रभाव पड़ेगा, यह गंभीरता से विचार करने की जरूरत है । दूसरे कई देशों में मैंने देखा है कि बिना डॉक्टर के पूर्जा के कोई एंटिबायोटिक खरीद नहीं सकता । डॉक्टर भी अनावश्यक रूप से एंटिबायोटिक नहीं लिखते हैं । देश के स्वास्थ्य के दूरगामी प्रसंग में यह आवश्यक है कि एंटिबायोटिक का व्यवहार उचित ढंग से किया जाय।

मैंने पाया है कि बड़े कॉर्पोरेट अस्पतालों में सभी मरीज का अधिक- से-अधिक शल्य चिकित्सा करने, अधिक-से-अधिक टेस्ट करने, अधिक-से-अधिक दवा लिखने का प्रयास रहता है ताकि अधिक राशि का बिल बन सके और अधिक मुनाफा हो। इसमें मरीज के स्वास्थ्य से ज्यादा महत्वपूर्ण लाभ में वृद्धि करना रहता है। इस पूरी प्रक्रिया में शरीर पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव की कोई चिंता नहीं रहती। यदि कोई दुष्प्रभाव हो तो वह भी मुनाफे का एक नया अवसर बन जाता है।

ये प्रश्न एक अस्पताल या एक डॉक्टर का नहीं वरन पूर्ण स्वास्थ्य व्यवस्था के हैं । आइये हम सब मिलकर सोचें कि इन समस्याओं से कैसे निजात पाया जाय ताकि किसी अन्य व्यक्ति को इस तरह की समस्या का सामना न करना पड़े। - सूत्र

बाकरगंज ज्वेलरी शॉप लूट कांड का हुआ खुलासा ज्वेलरी भी हुई बरामद लग्जरी गाड़ी मेंभारत सरकार का लोगो लगाकर करते थे लूट
24/01/2022

बाकरगंज ज्वेलरी शॉप लूट कांड का हुआ खुलासा ज्वेलरी भी हुई बरामद लग्जरी गाड़ी में
भारत सरकार का लोगो लगाकर करते थे लूट

मै चुप नही बैठुँगा........!!जी हाँ ठीक सुन रहे है। ये हम नही  राघोपुर की एक समाज़ सेवक कहे जाने बाले अजीत यादव जी का कहन...
24/01/2022

मै चुप नही बैठुँगा........!!
जी हाँ ठीक सुन रहे है। ये हम नही राघोपुर की एक समाज़ सेवक कहे जाने बाले अजीत यादव जी का कहना है -

राघोपुर विधानसभा क्षेत्र के राघोपुर प्रखंड के रुस्तमपुर घाट से बन रहे वीरपुर सड़क चौड़ीकरण एवं पुल का निर्माण जो कि ठेकेदार के द्वारा काफी कमजोर रूप से और सबसे खास खराब ढंग का मटेरियल का यूज किया जाता है यदि इस तरह का रवैया रहा ठेकेदार का ....संभल जाइए
राघोपुर के सभी लोग चुप रहेंगे लेकिन मैं चुप नहीं रहूंगा इसका लिखित रूप से शिकायत करूंगा माननीय मुख्यमंत्री एवं माननीय राज्यपाल से एवं माननीय मंत्री से...-!! ध्यान रहे भैया-!!
जी हाँ
और अगर इसी तरह राघोपुर की हर एक जनता लोग की सोच रही तो बहुत दूर नही राघोपुर की बिकास होने मे ।

17/09/2021

फतुहाॅ मे पशासन सुस्त।

14/09/2021
Sad & Shocking 🙏  actor   ji is no more, took his last breath today ! He was suffering from mutiple health issues since ...
08/08/2021

Sad & Shocking 🙏
actor ji is no more, took his last breath today ! He was suffering from mutiple health issues since couple of years. You will be missed .

May your soul RIP Sir. Om Shanti 🙏


खुशखबरी: 3 महीने बाद सस्ता होगा तेल, - सूत्र
22/07/2021

खुशखबरी: 3 महीने बाद सस्ता होगा तेल, - सूत्र

नीतीश जी,  यह बालू बड़ा जालिम है ! सितंबर 2018से चार एसपी बदले गए भोजपुर जिले से...बीते तीन साल से आरा का हाल क्या रहा, ब...
15/07/2021

नीतीश जी, यह बालू बड़ा जालिम है !
सितंबर 2018से चार एसपी बदले गए भोजपुर जिले से...

बीते तीन साल से आरा का हाल क्या रहा, बिहार सरकार का क्राइम डाटा उठा कर देख लीजिये.. हर दिन हत्या और लूट की वारदात। तीन महीने पहले जब भोजपुर एसपी के तौर पर राकेश दुबे ने कमान संभाली तो फर्क साफ दिखा। क्राइम की घटनाएं कम हुईं और अपराधियों से सरेंडर भी किया लेकिन बालू के काले खेल ने उनकी बलि ले ली। महज तीन महीने के बाद मुख्यालय में वापस बुला लिया। सवाल यह है कि जब एसपी के तौर पर राकेश दुबे अगर बढ़िया कर रहे थे तो तीन महीने में उन्हें हटाया क्यों गया? अगर वे अपराधियों पर नकेल कस रहे थे तो यह सज़ा क्यों मिली? जिले में अगर अयोग्य खाकी वालों पर वह कार्रवाई कर रहे थे तो इससे परेशानी किसे हो रही थी? क्या बालू लूटने वाले माफिया की पकड़ सत्ता के गलियारे में इतनी मजबूत है कि एसपी को तीन महीने में चलता कर दिया गया? शासन में बैठे लोगों से लेकर विपक्षी दल तक अच्छे से जानते हैं कि इस खेल में कौन लोग मास्टर मेकर हैं। राकेश दुबे के तबादले को बालू माफिया के रसूख से जोड़कर सोचिये। लाखों-करोड़ों के खेल के आगे एक एसपी की क्या.... ???

- सूत्र

https://youtu.be/9r0MkTANPks👏👏👏👏 please आपलोग मदद  किजिये।*16 Crore For The Wonder Drug - A Herculean Task! Please Help ...
11/07/2021

https://youtu.be/9r0MkTANPks
👏👏👏👏 please आपलोग मदद किजिये।

*16 Crore For The Wonder Drug - A Herculean Task! Please Help Ayansh’s Parents*

Hi, I am Alok Kumar Singh and my wife Neha Singh. We are seeking financial assistance for our son, Ayansh. He has been diagnosed with a rare genetic disease Spinal Muscular Atrophy(SMA TYPE 1). He requires the world's most expensive drug - Zolgensma to get cured. His treatment would approximately cost Rs 16,00,00,000 and we need funds to continue her treatment.

I would appeal to each and every one of you to come ahead and donate to the fundraiser and share it ahead with family members/friends.

You can donate on the link given below:

https://www.impactguru.com/fundraiser/help-ayansh-singh

*Please copy-paste this message and share it with other people so that we get the maximum count of people to donate and help us to reach the goal amount.*

*Thanking you in advance for your kind help and support*

*16 Crore For The Wonder Drug - A Herculean Task! Please Help Ayansh’s Parents*Hi, I am Alok Kumar Singh and my wife Neh...
11/07/2021

*16 Crore For The Wonder Drug - A Herculean Task! Please Help Ayansh’s Parents*

Hi, I am Alok Kumar Singh and my wife Neha Singh. We are seeking financial assistance for our son, Ayansh. He has been diagnosed with a rare genetic disease Spinal Muscular Atrophy(SMA TYPE 1). He requires the world's most expensive drug - Zolgensma to get cured. His treatment would approximately cost Rs 16,00,00,000 and we need funds to continue her treatment.

I would appeal to each and every one of you to come ahead and donate to the fundraiser and share it ahead with family members/friends.

You can donate on the link given below:

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राघोपुर मे लचर  व्यवस्था इसका जिम्मेवार  राधोपुर की जनता हैं जो चुनावी दंगल के समय मुद्दों से भटक जाते हैं राघोपुर सभी स...
28/06/2021

राघोपुर मे लचर व्यवस्था इसका जिम्मेवार राधोपुर की जनता हैं जो चुनावी दंगल के समय मुद्दों से भटक जाते हैं राघोपुर सभी सुविधाओं से वंचित है एकत्रित होकर आवाज नहीं उठाते हैं कई दलों में राधोपुर की जनता लोग बट जाते हैं जिसका कष्टदायक जीवन राघोपुर में भुगत रहे-!
जान जोखिम में रख कर नाओ से सबाङी करने पर मजबूर

भारतीय टीम की जबरदस्त बल्लेबाजी ओपनर बल्लेबाज पेट्रोल सिंह 103 रन बनाकर नाबाद खेल रहे है, जबकि दूसरे छोर पर डीजल गुप्ता ...
15/06/2021

भारतीय टीम की जबरदस्त बल्लेबाजी ओपनर बल्लेबाज पेट्रोल सिंह 103 रन बनाकर नाबाद खेल रहे है, जबकि दूसरे छोर पर डीजल गुप्ता भी अपने शतक से मात्र 6 रन दूर है, टेस्ट मैच में भी भारतीय बल्लेबाजों का शानदार प्रदर्शन जारी हैं सरसों तेल ने दोहरा शतक जड़ दिया है, साथ में ओपनिंग कर रहे बल्लेबाज सोयाबीन तेल अपने निजी स्कोर 180 रन पर नाबाद खेल रहे हैं और दोहरे शतक से मात्र 20 रन दूर है जबकि गैस सिलेंडर ने 1000 रन पूरा कर लिया हैं।।लेकिन दयाअधीन जी( DA) 17 के स्कोर पर चोटिल हो कर मैदान से बाहर चले गये हैं मैदान में दुबारा आने के लिए सरकारी कर्मचारी टक टकी लगाये हुए हैं ।लेकिन अभी भी संसय बरकरार है ।देखना है आते हैं की नहीं ।।

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