Radhe Krishna

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*जब गलत Password से एक छोटा सा मोबाइल नहीं खुलता, तो गलत कर्मों से जन्नत के दरवाजे कैसे खुलेंगे…!*🙏राधे राधे जी 🙏
03/02/2024

*जब गलत Password से एक छोटा सा मोबाइल नहीं खुलता, तो गलत कर्मों से जन्नत के दरवाजे कैसे खुलेंगे…!*

🙏राधे राधे जी 🙏

ख्वाहिश ये कि , एक पल के लिए तुम्हे बाँहो में भर लूँ             ❤मेरे कान्हां❤और दुआ ये कि , वो पल कभी ख़त्म न हो.      ...
09/12/2023

ख्वाहिश ये कि , एक पल के लिए तुम्हे बाँहो में भर लूँ

❤मेरे कान्हां❤

और दुआ ये कि , वो पल कभी ख़त्म न हो.
🙏राधे राधे जी 🙏

 #शुभ_प्रभात_दोस्तों 🌄   🌴 #राधे_राधे 🌴 ्रीकृष्णा_जी 💐 #आपका_दिन_शुभ_हो 🌹वृन्दावन  का कृष्ण कन्हैयासब की आँखों का तारामन...
10/10/2023

#शुभ_प्रभात_दोस्तों 🌄
🌴 #राधे_राधे 🌴
्रीकृष्णा_जी 💐
#आपका_दिन_शुभ_हो 🌹

वृन्दावन का कृष्ण कन्हैया
सब की आँखों का तारा
मन ही मन क्यों जले राधिका
मोहन तो है सब का प्यारा
वृन्दावन का कृष्ण कन्हैया …

जमना तट पर नन्द का लाला
जब जब रास रचाये रे
तन मन डोले कान्हा ऐसी
बंसी मधुर बजाये रे
सुध-बुध भूली खड़ी गोपियाँ
जाने कैसा जादू डारा
वृन्दावन का कृष्ण कन्हैया …

रंग सलोना ऐसा जैसे
छाई हो घट सावन की
ऐ री मैं तो हुई दीवानी
मनमोहन मन भावन की
तेरे कारण देख बाँवरे
छोड़ दिया मैं ने जग सारा
वृन्दावन का कृष्ण कन्हैया …

🍁🍃मेरे प्यारे👣 कान्हा 🍃🍁ठोकरे खाई बहुत झूठे जगत के प्यार पर,इसलिए आयी हूं "कान्हा" तिहारे द्वार पर।तुम मुझे तारो न तारो,...
05/10/2023

🍁🍃मेरे प्यारे👣 कान्हा 🍃🍁
ठोकरे खाई बहुत झूठे जगत के प्यार पर,
इसलिए आयी हूं "कान्हा" तिहारे द्वार पर।
तुम मुझे तारो न तारो,, यह तुम्हारे हाथ है,
गर न तारोगे तो बदनामी तुम्हारी नाथ है।।
🍁🍃🍁🍃🙏🍃🍁🍃🍁🍃🍁🍃

🍁राधे कृष्णा 🍁

💓मुँह फेर जिधर देखूँ मुझे तू ही नज़र आयेहम छोड़ के दर तेरा अब और किधर जायेसोहणा नज़र आये मेरा प्यारा नज़र आये💓💕गैरो ने ठ...
30/09/2023

💓मुँह फेर जिधर देखूँ मुझे तू ही नज़र आये
हम छोड़ के दर तेरा अब और किधर जाये
सोहणा नज़र आये मेरा प्यारा नज़र आये💓

💕गैरो ने ठुकराया अपने भी बदल गये है
हम साथ चले जिनके वो दूर निकल गये है
तेरे ही करम पर हूँ , तू बक्शे या ठुकराये💕
मुँह फेर जिधर......

❤️माना के मैं पापी हूँ मुझे खबर गुनाहों की
बस इतनी सजा देना मुझे मेरे गुनाहो॔ की
तेरे दर हो सर मेरा , और साँस में तू आये❤️
मुँह फेर जिधर.....

💓हम कृष्ण दीवानों की क्या खूब तमन्ना है
तेरे नाम पे जीना है तेरे नाम पे मरना है
मरना है तो तेरी , चोखट पे ही मर जाये💓
मुँह फेर जिधर.....

जय श्री कृष्णा

❤️श्री राधे राधे❤️

मेरे मन भूल मत जइयो राधेरानी के चरणराधेरानी के चरण महारानी के चरण।।श्री राधे राधे
29/09/2023

मेरे मन भूल मत जइयो राधेरानी के चरण
राधेरानी के चरण महारानी के चरण।।
श्री राधे राधे

तेरे नाम आगे श्याम ,दूजा कुछ ना सुहाय..!श्याम नाम की रसना ,बस यही मन को भाय..!!*🌻🌹राधे राधे🌹🌻*
28/09/2023

तेरे नाम आगे श्याम ,
दूजा कुछ ना सुहाय..!

श्याम नाम की रसना ,
बस यही मन को भाय..!!

*🌻🌹राधे राधे🌹🌻*

मेरे कान्हा,अगर होता जोर तुम पर ,              तो प्यारे दुनिया से तुम्हें चुरा लेते ।दिल के मकान में ताला लगाकर ,      ...
27/09/2023

मेरे कान्हा,

अगर होता जोर तुम पर ,
तो प्यारे दुनिया से तुम्हें चुरा लेते ।
दिल के मकान में ताला लगाकर ,
चाबी पानी मे बहा देते ।।.........राधे राधे❤❤..........

💖मेरे कान्हा💖       लौटी है दिल की धड़कन                       ख्वाबों में तुम्हारे आने से..       ज़िन्दगी कुछ दूर तलक   ...
26/09/2023

💖मेरे कान्हा💖

लौटी है दिल की धड़कन
ख्वाबों में तुम्हारे आने से..

ज़िन्दगी कुछ दूर तलक
और चलेगी इसी बहाने से ..!!
शुभ रात्री
💖Radhe Radhe💖

*हे परम पिता परमेश्वर...🌹🌱**मैली चादर ओढ़ के कैसे द्वार तुम्हारे आऊँ .**हे पावन परमेश्वर मेरे मन ही मन शरमाऊं ..*तूने मु...
18/09/2023

*हे परम पिता परमेश्वर...🌹🌱*

*मैली चादर ओढ़ के कैसे द्वार तुम्हारे आऊँ .*
*हे पावन परमेश्वर मेरे मन ही मन शरमाऊं ..*

तूने मुझको जग में भेजा निर्मल देकर काया .
आकर के संसार में मैंने इसको दाग लगाया .
*जनम जनम की मैली चादर कैसे दाग छुड़ाऊं ...🌹🌱*

निर्मल वाणी पाकर मैने नाम न तेरा गाया .
नयन मूंद कर हे परमेश्वर कभी न तुझको ध्याया .
*मन वीणा की तारें टूटीं अब क्या गीत सुनाऊं ...🌹🌱*

इन पैरों से चल कर तेरे मन्दिर कभी न आया .
जहां जहां हो पूजा तेरी कभी न शीश झुकाया .
*हे हरि हर मैं हार के आया अब क्या हार चढ़ाऊं ...🌹🌱*

*!!!!राधा रमण को समर्पित !!!!!*

सुबह की शुरुआत हरि नाम के साथहे गोबिंद.......सबसे निराली मैंने तुम्हारी रहबरी देखी , तेरी कृपा से सूखे पेड़ की टहनी हरी ...
11/09/2023

सुबह की शुरुआत हरि नाम के साथ

हे गोबिंद.......

सबसे निराली मैंने तुम्हारी रहबरी देखी ,
तेरी कृपा से सूखे पेड़ की टहनी हरी देखी .....
सकावत तेरे दरबार की मैंने खरी देखी ,
तुझे देते नही देखा मगर झोली भरी देखी ....

राधा राधा कहत ही सब बाधा मिट जाए ,
कोटि जन्म की आपदा नाम लिए सो जाएं....

सभी प्रभु प्रेमियों को जय श्री कृष्ण राधे राधे

*पावन प्रेम अगर महकेगा,**तो मन चंदन हो जाएगा !**नारी "राधा " हो जाएगी**नर "मनमोहन" हो जाएगा !*        *"तन " को चाहे जित...
10/09/2023

*पावन प्रेम अगर महकेगा,*
*तो मन चंदन हो जाएगा !*
*नारी "राधा " हो जाएगी*
*नर "मनमोहन" हो जाएगा !*
*"तन " को चाहे जितना रंग लो*
*कोई फर्क नही होगा....*
*"मन " को जिस दिन रंग लोगे*
*मन वृंदावन हो जाएगा !!* ⚡
🍃🌹 *जय श्री राधाकृष्ण* 🌹🍃

*कृष्ण कहूँ घनश्याम कहूँ,**सुखधाम कहूँ या कहूँ बनवारी।**कैसे रिझाऊँ कन्हैयाँ तुझे,**मति मन्द हूँ मैं सुनि ले मनहारी॥**पू...
04/09/2023

*कृष्ण कहूँ घनश्याम कहूँ,*
*सुखधाम कहूँ या कहूँ बनवारी।*
*कैसे रिझाऊँ कन्हैयाँ तुझे,*
*मति मन्द हूँ मैं सुनि ले मनहारी॥*
*पूजा करुँ तेरी सेवा करूँ कैसे,*
*आवे नहीं मुझको त्रिपुरारी।*
*कौनसी वस्तु मैं भेंट करूँ,*
*सर्वस्व तो तेरा ही है गिरिधारी॥*

सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया ।दिल दीवाना हो गया, दिल दीवाना हो गया ॥सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया ।दि...
03/09/2023

सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया ।
दिल दीवाना हो गया, दिल दीवाना हो गया ॥
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया ।
दिल दीवाना हो गया, दिल दीवाना हो गया ॥

एक तो तेरे नैन तिरछे, दूसरा काजल लगा ।
तीसरा नज़रें मिलाना, दिल दीवाना हो गया
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया ॥

एक तो तेरे होंठ पतले, दूसरा लाली लगी ।
तीसरा तेरा मुस्कुराना, दिल दीवाना हो गया
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया ॥

एक तो तेरे हाथ कोमल, दूसरा मेहँदी लगी ।
तीसरा मुरली बजाना, दिल दीवाना हो गया
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया ॥

एक तो तेरे पाँव नाज़ुक, दूसरा पायल बंधी ।
तीसरा घुंगरू बजाना, दिल दीवाना हो गया
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया ॥

एक तो तेरे भोग छप्पन, दूसरा माखन धरा ।
तीसरा खिचडे का खाना, दिल दीवाना हो गया
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया ॥

एक तो तेरे साथ राधा दूसरा रुक्मण खड़ी ।
तीसरा मीरा का आना, दिल दीवाना हो गया
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया ॥

एक तो तुम देवता हो, दूसरा प्रियतम मेरे ।
तीसरा सपनों में आना, दिल दीवाना हो गया
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया ॥

सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया
दिल दीवाना हो गया, दिल दीवाना हो गया
दिल दीवाना हो गया, दिल दीवाना हो गया
दिल दीवाना हो गया, दिल दीवाना हो गया
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया ॥

कृष्ण का नाम लड्डू गोपाल कैसे पड़ा ?भगवान श्रीकृष्ण के कई नाम हैं, श्याम, मोहन, बंसीधर, कान्हा और न जाने कितने, लेकिन इनम...
31/08/2023

कृष्ण का नाम लड्डू गोपाल कैसे पड़ा ?
भगवान श्रीकृष्ण के कई नाम हैं, श्याम, मोहन, बंसीधर, कान्हा और न जाने कितने, लेकिन इनमें से एक प्रसिद्ध नाम है लड्डू गोपाल।

क्या आपको पता है भगवान कृष्ण का नाम लड्डू गोपाल क्यों पड़ा।

ब्रज भूमि में बहुत समय पहले श्रीकृष्ण के परम भक्त रहते थे.. कुम्भनदास जी ।
उनका एक पुत्र था रघुनंदन ।

कुंम्भनदास जी के पास बाँसुरी बजाते हुए श्रीकृष्ण जी का एक विग्रह था, वे हर समय प्रभु भक्ति में लीन रहते और पूरे नियम से श्रीकृष्ण की सेवा करते।

वे उन्हें छोड़ कर कहीं नहीं जाते थे, जिससे उनकी सेवा में कोई विघ्न ना हो।

एक दिन वृन्दावन से उनके लिए भागवत कथा करने का न्योता आया।

पहले तो उन्होंने मना किया, परन्तु लोगों के ज़ोर देने पर वे जाने के लिए तैयार हो गए कि भगवान की सेवा की तैयारी करके वे कथा करके रोज वापिस लौट आया करेंगे व भगवान का सेवा नियम भी नहीं छूटेगा।

अपने पुत्र को उन्होंने समझा दिया कि भोग मैंने बना दिया है, तुम ठाकुर जी को समय पर भोग लगा देना और वे चले गए।

रघुनंदन ने भोजन की थाली ठाकुर जी के सामने रखी और सरल मन से आग्रह किया कि ठाकुर जी आओ भोग लगाओ ।

उसके बाल मन में यह छवि थी कि वे आकर अपने हाथों से भोजन करेगें जैसे हम खाते हैं।

उसने बार-बार आग्रह किया, लेकिन भोजन तो वैसे ही रखा था.. अब उदास हो गया और रोते हुए पुकारा की ठाकुरजी आओ भोग लगाओ।

ठाकुरजी ने बालक का रूप धारण किया और भोजन करने बैठ गए और रघुनंदन भी प्रसन्न हो गया।

रात को कुंम्भनदास जी ने लौट कर पूछा कि भोग लगाया था बेटा, तो रघुनंदन ने कहा हाँ। उन्होंने प्रसाद मांगा तो पुत्र ने कहा कि ठाकुरजी ने सारा भोजन खा लिया।

उन्होंने सोचा बच्चे को भूख लगी होगी तो उसने ही खुद खा लिया होगा। अब तो ये रोज का नियम हो गया कि कुंम्भनदास जी भोजन की थाली लगाकर जाते और रघुनंदन ठाकुरजी को भोग लगाते।

जब प्रसाद मांगते तो एक ही जवाब मिलता कि सारा भोजन उन्होंने खा लिया।
कुंम्भनदास जी को अब लगने लगा कि पुत्र झूठ बोलने लगा है,

लेकिन क्यों.. ?? उन्होंने उस दिन लड्डू बनाकर थाली में सजा दिये और छुप कर देखने लगे कि बच्चा क्या करता है।

रघुनंदन ने रोज की तरह ही ठाकुरजी को पुकारा तो ठाकुरजी बालक के रूप में प्रकट हो कर लड्डू खाने लगे।

यह देख कर कुंम्भनदास जी दौड़ते हुए आये और प्रभु के चरणों में गिरकर विनती करने लगे।

उस समय ठाकुरजी के एक हाथ मे लड्डू और दूसरे हाथ का लड्डू मुख में जाने को ही था कि वे जड़ हो गये ।

उसके बाद से उनकी इसी रूप में पूजा की जाती है और वे ‘लड्डू गोपाल’ कहलाये जाने लगे..!!

बोलिये लड्डू गोपाल की जय हो...

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