
21/01/2025
कृष्ण कहते हैं ,"अर्जुन एक बात समझ कि यहां हर मनुष्य का अपना एक शास्त्र होता है जो इस पल के वर्तमान सत्य के अनुसार उसकी अंतरात्मा से निकला है और वही हर मनुष्य का अपना वास्तविक सत्य होता है ।तेरा वर्तमान सत्य दिल खोलकर युद्ध करना है, अतः तू ना तो दूसरों के लिखे शास्त्रों को और ना ही युद्ध के परिणामों को बीच में ला तू अपनी आत्मा के शास्त्र की शरण ले , उसकी आवाज सुन उसकी पुकार युद्ध की है और यह शास्त्रीय आत्मज्ञान हर मनुष्य के भीतर होता है वर्तमान में क्या करना है या क्या नहीं हर अंतरात्मा को पता होता है परंतु हर एक का यह ज्ञान बाहर के शास्त्रीय ज्ञान तथा परिणाम की चिंता के कारण ढक जाता है। उसी से वह क्या करना तथा क्या नहीं करना इसको लेकर भ्रमित होता रहता है । अतः तू ज्ञान पाना चाहता है तो सुन ले ज्ञान तो तेरी अंतरात्मा में पड़ा ही हुआ है उसे बस तुझे अपने सुने हुए शास्त्र ज्ञान को शून्य करना है तथा परिणाम की चिंता त्याग देनी है। कहने का मतलब है कि हमें क्या करना है यह हमारे अंदर से आता है लेकिन बाहर से देखकर के सुनकर के हम कोई दूसरा काम करने लगते हैं जिसकी वजह से परिणाम अच्छे नहीं आते इसलिए सभी मनुष्य को जो उसकी अंतरात्मा से आवाज आती है । उस कार्य को करना चाहिए ऐसा करने से हमारा मन काम करने में लगता है और भविष्य में कोई चिंता भी नहीं होती।