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इतिहासकार डॉ. अपर्णा वैदिक पर सोशल मीडिया के माध्यम से हमले हो रहे हैं. कानपुर के एक लिट फ़ेस्ट में उनकी नई किताब पर चर्...
01/01/2025

इतिहासकार डॉ. अपर्णा वैदिक पर सोशल मीडिया के माध्यम से हमले हो रहे हैं. कानपुर के एक लिट फ़ेस्ट में उनकी नई किताब पर चर्चा के दौरान कुछ विवाद उठे. आरोप लगा कि अपर्णा ने भगत सिंह जैसे क्रांतिकारियों के लिए अपमान सूचक शब्दों का प्रयोग किया. लेकिन सच्चाई कुछ और है.

- अपूर्वानंद

इतिहासकार डॉ. अपर्णा वैदिक पर सोशल मीडिया के माध्यम से हमले हो रहे हैं. कानपुर के एक लिट फ़ेस्ट में उनकी नई किताब पर ....

आज़ादी से पहले बस्ती जिले में जमींदारों ने किसानों व मजदूरों को 'सबक' सिखाने के लिए कुंओं व तालाबों से पानी लेने पर रोक ...
01/01/2025

आज़ादी से पहले बस्ती जिले में जमींदारों ने किसानों व मजदूरों को 'सबक' सिखाने के लिए कुंओं व तालाबों से पानी लेने पर रोक लगा दी थी. लेकिन किसानों ने इस रोक के विरुद्ध रणनीति अपनाकर उलटे ज़मींदारों को ही पानी पिला दिया था.

कृष्ण प्रताप सिंह का लेख

आज़ादी से पहले बस्ती जिले में जमींदारों ने किसानों व मजदूरों को 'सबक' सिखाने के लिए यह कहकर कुंओं व तालाबों से पानी .....

एक पाठक के तौर पर फर्नान्दो पेसोआ लेखकों-किताबों की बनती-बिगड़ती रहने वाली मेरी उस लिस्ट में हमेशा शामिल रहा है जिन्हें ...
01/01/2025

एक पाठक के तौर पर फर्नान्दो पेसोआ लेखकों-किताबों की बनती-बिगड़ती रहने वाली मेरी उस लिस्ट में हमेशा शामिल रहा है जिन्हें हर साल पढ़ा-गुना जाना होता है.

अशोक पांडे

एक पाठक के तौर पर फर्नान्दो पेसोआ लेखकों-किताबों की बनती-बिगड़ती रहने वाली मेरी उस लिस्ट में हमेशा शामिल रहा है जि.....

भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों को 1996 से मुफ्त इलाज प्रदान करने वाला सम्भावना ट्रस्ट क्लिनिक अब धन की कमी के कारण अपनी स...
01/01/2025

भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों को 1996 से मुफ्त इलाज प्रदान करने वाला सम्भावना ट्रस्ट क्लिनिक अब धन की कमी के कारण अपनी सेवाएं बंद कर रहा है. पीड़ितों के एक संगठन ने ट्रस्ट के एफसीआरए पंजीकरण की मंजूरी के लिए गृह मंत्रालय से शीघ्र निर्णय की अपील की है.

भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों को 1996 से मुफ्त इलाज प्रदान करने वाला सम्भावना ट्रस्ट क्लिनिक अब धन की कमी के कारण अपन....

इस साल पेंगुइन स्वदेश ने हिंदी और भारतीय भाषाओं में कई किताबें प्रकाशित की हैं. 2024 के अपने हासिल का लेखा-जोखा दे रही ह...
01/01/2025

इस साल पेंगुइन स्वदेश ने हिंदी और भारतीय भाषाओं में कई किताबें प्रकाशित की हैं. 2024 के अपने हासिल का लेखा-जोखा दे रही हैं पेंगुइन रेंडम हाउस इंडिया’ में भारतीय भाषाओं की प्रकाशक वैशाली माथुर.

इस साल पेंगुइन स्वदेश ने हिंदी और भारतीय भाषाओं में कई किताबें प्रकाशित की हैं. 2024 के अपने हासिल का लेखा-जोखा दे रही ....

बस्तर में 2024 आदिवासी स्त्रियों के हिस्से अत्याचार का एक नया अध्याय- उन्हें दर्दनाक मौत की सज़ा देने की शुरुआत का साल है...
01/01/2025

बस्तर में 2024 आदिवासी स्त्रियों के हिस्से अत्याचार का एक नया अध्याय- उन्हें दर्दनाक मौत की सज़ा देने की शुरुआत का साल है. नक्सली संगठनों ने अपनी रणनीति में यह कैसा बदलाव किया है यह तो वही समझ सकते हैं, पर अब आदिवासी स्त्रियां उनके निशाने पर हैं.

- पूनम वासम

बस्तर में 2024 आदिवासी स्त्रियों के हिस्से अत्याचार का एक नया अध्याय- उन्हें दर्दनाक मौत की सज़ा देने की शुरुआत का साल ...

  | 'यह साल चुनावों का साल रहा, लेकिन चुनावी रैलियों से मणिपुर की हिंसा गायब रही. बस्तर में मुठभेड़ होते रहे लेकिन दिल्ल...
31/12/2024

| 'यह साल चुनावों का साल रहा, लेकिन चुनावी रैलियों से मणिपुर की हिंसा गायब रही. बस्तर में मुठभेड़ होते रहे लेकिन दिल्ली बैठी आवाज़ें ख़ामोश रहीं. अन्य देश भी इस साल युद्ध के दलदल में फंसे रहे.'

पढ़िए अनुज लुगुन को.

यह साल चुनावों का साल रहा, लेकिन चुनावी रैलियों से मणिपुर की हिंसा गायब रही. बस्तर में मुठभेड़ होते रहे लेकिन दिल्ल....

2024 की सबसे बड़ी त्रासदी है कि हिंदुत्व की छतरी के नीचे पली-बढ़ी धर्म व पूंजी की सत्ताओं ने राष्ट्र की सत्ता के अतिक्रम...
31/12/2024

2024 की सबसे बड़ी त्रासदी है कि हिंदुत्व की छतरी के नीचे पली-बढ़ी धर्म व पूंजी की सत्ताओं ने राष्ट्र की सत्ता के अतिक्रमणों के नए कीर्तिमान बनाए. कहना मुश्किल है कि इससे उपजे उलझावों से निपटने में देश को कब तक हलकान होना पड़ेगा.

कृष्ण प्रताप सिंह का लेख

इस साल की सबसे बड़ी त्रासदी यह है कि हिंदुत्व की छतरी के नीचे पली-बढ़ी धर्म व पूंजी की सत्ताओं ने हमारे राष्ट्र-राज्...

वर्ष 2024 भारतीय राजनीति में संविधान और आंबेडकर की केंद्रीयता का वर्ष रहा. लोकसभा चुनाव संविधान के प्रावधानों और उसकी रक...
31/12/2024

वर्ष 2024 भारतीय राजनीति में संविधान और आंबेडकर की केंद्रीयता का वर्ष रहा. लोकसभा चुनाव संविधान के प्रावधानों और उसकी रक्षा के मुद्दे पर लड़ा गया. लेकिन इसे चुनावी रणनीति तक सीमित रखना जनता के साथ छलावा होगा.

- वीरेंद्र यादव

वर्ष 2024 भारतीय राजनीति में संविधान और आंबेडकर की केंद्रीयता का वर्ष रहा. लोकसभा चुनाव संविधान के प्रावधानों और उसक...

देश के वंचितों के लिए यह वर्ष मिले-जुले असर वाला रहा. वंचितों के सामाजिक-सांस्‍कृतिक आंदोलनों का सिमटता दायरा चिंताजनक ह...
31/12/2024

देश के वंचितों के लिए यह वर्ष मिले-जुले असर वाला रहा. वंचितों के सामाजिक-सांस्‍कृतिक आंदोलनों का सिमटता दायरा चिंताजनक है, लोकतंत्र को समावेशी और मजबूत बनाने के लिए इनका विस्‍तार बहुत जरूरी है.

गंगा सहाय मीणा

देश के वंचितों के लिए यह वर्ष मिले-जुले असर वाला रहा. वंचितों के सामाजिक-सांस्‍कृतिक आंदोलनों का सिमटता दायरा चिंत...

इतिहासकार डॉ. अपर्णा वैदिक पर सोशल मीडिया के माध्यम से हमले हो रहे हैं. कानपुर के एक लिट फ़ेस्ट में उनकी नई किताब पर चर्...
31/12/2024

इतिहासकार डॉ. अपर्णा वैदिक पर सोशल मीडिया के माध्यम से हमले हो रहे हैं. कानपुर के एक लिट फ़ेस्ट में उनकी नई किताब पर चर्चा के दौरान कुछ विवाद उठे. आरोप लगा कि अपर्णा ने भगत सिंह जैसे क्रांतिकारियों के लिए अपमान सूचक शब्दों का प्रयोग किया. लेकिन सच्चाई कुछ और है.

Apoorvanand Anand

इतिहासकार डॉ. अपर्णा वैदिक पर सोशल मीडिया के माध्यम से हमले हो रहे हैं. कानपुर के एक लिट फ़ेस्ट में उनकी नई किताब पर ....

एक पाठक के तौर पर फर्नान्दो पेसोआ लेखकों-किताबों की बनती-बिगड़ती रहने वाली मेरी उस लिस्ट में हमेशा शामिल रहा है जिन्हें ...
31/12/2024

एक पाठक के तौर पर फर्नान्दो पेसोआ लेखकों-किताबों की बनती-बिगड़ती रहने वाली मेरी उस लिस्ट में हमेशा शामिल रहा है जिन्हें हर साल पढ़ा-गुना जाना होता है.

Ashok Pande

एक पाठक के तौर पर फर्नान्दो पेसोआ लेखकों-किताबों की बनती-बिगड़ती रहने वाली मेरी उस लिस्ट में हमेशा शामिल रहा है जि.....

  |  #शिवमूर्ति के ' #अगमबहैदरियाव' को आंचलिक उपन्यास के बजाय सामाजिक-राजनीतिक समझ पैदा करने वाला उपन्यास माना जाना चाहि...
31/12/2024

| #शिवमूर्ति के ' #अगमबहैदरियाव' को आंचलिक उपन्यास के बजाय सामाजिक-राजनीतिक समझ पैदा करने वाला उपन्यास माना जाना चाहिए, जिसे इसके नायकों- किसानों और मजदूरों, स्त्रियों- के त्रासद संघर्ष के रूप में पिरोकर बयां किया गया है.

- प्रीति

पुस्तक-समीक्षा: शिवमूर्ति के 'अगम बहै दरियाव' को आंचलिक उपन्यास के खांचे में रखकर देखना उसे न्यून करना होगा. इसे एक .....

 #गगनगिल को मिला पुरस्कार  #हिंदीसाहित्य के नेपथ्य में बजते उस पुरुष वर्चस्ववाद को भी एक चेतावनी है, जो आज तक न  #ब्राह्...
31/12/2024

#गगनगिल को मिला पुरस्कार #हिंदीसाहित्य के नेपथ्य में बजते उस पुरुष वर्चस्ववाद को भी एक चेतावनी है, जो आज तक न #ब्राह्मणवाद से आगे निकल पाया है और न ही मनुवाद से. आज #राजनीति में तो #स्त्रीअधिकारों का प्रश्न बहुत सशक्त ढंग से उठ रहा है.

त्रिभुवन ✍️

गगन गिल को मिला पुरस्कार हिंदी साहित्य के नेपथ्य में बजते उस पुरुष वर्चस्ववाद को भी एक चेतावनी है, जो आज तक न ब्राह्...

वर्ष 2024 भारतीय राजनीति में संविधान और आंबेडकर की केंद्रीयता का वर्ष रहा. लोकसभा चुनाव संविधान के प्रावधानों और उसकी रक...
31/12/2024

वर्ष 2024 भारतीय राजनीति में संविधान और आंबेडकर की केंद्रीयता का वर्ष रहा. लोकसभा चुनाव संविधान के प्रावधानों और उसकी रक्षा के मुद्दे पर लड़ा गया. लेकिन इसे चुनावी रणनीति तक सीमित रखना जनता के साथ छलावा होगा.

वीरेंद्र यादव ✍️



वर्ष 2024 भारतीय राजनीति में संविधान और आंबेडकर की केंद्रीयता का वर्ष रहा. लोकसभा चुनाव संविधान के प्रावधानों और उसक...

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