Shyam Solainki

Shyam Solainki digital creator

 #शुभ प्रभात
16/02/2024

#शुभ प्रभात

Shout out to my newest followers! Excited to have you onboard! Chandra Shekhera, Sarvesh Mishra, Supriya Chakroborty, Sa...
30/01/2024

Shout out to my newest followers! Excited to have you onboard! Chandra Shekhera, Sarvesh Mishra, Supriya Chakroborty, Santosh Kumar Kumar, Dhanurjaya Lamata, Rahul Kumar, Manju Soni, Bablu Kumar, Simpu Kumari Yadav, Dharmndar Kumar, Vijendar Pal, Sitaram Rajbhar, शिवजी कुमार, Minku Kumar, Dharmendra Singh

निमंत्रण सभी को भेज दिया है अयोध्या ना अ सको तोअपने घर पर दीपक जलाकर दिपावली मनालेना।
11/01/2024

निमंत्रण सभी को भेज दिया है अयोध्या ना अ सको तो
अपने घर पर दीपक जलाकर दिपावली मनालेना।

जय श्री राम मित्रों 🙏🙏
27/12/2023

जय श्री राम मित्रों 🙏🙏

सुबह सुबह का पहला कामहर सनातनी बोलें जय श्रीराम 🚩🙏🏻
17/12/2023

सुबह सुबह का पहला काम
हर सनातनी बोलें जय श्रीराम 🚩🙏🏻

जो खोया वो ग़म नहीं... 💔जो पाया वो कम नहीं... 😇जो नहीं है वो एक ख्वाब है... 🤔लेकिन जो है वो लाज़वाब है... 🤗
11/12/2023

जो खोया वो ग़म नहीं... 💔
जो पाया वो कम नहीं... 😇
जो नहीं है वो एक ख्वाब है... 🤔
लेकिन जो है वो लाज़वाब है... 🤗

जो खोया वो ग़म नहीं... 💔जो पाया वो कम नहीं... 😇जो नहीं है वो एक ख्वाब है... 🤔लेकिन जो है वो लाज़वाब है... 🤗  जय श्री राम...
11/12/2023

जो खोया वो ग़म नहीं... 💔
जो पाया वो कम नहीं... 😇
जो नहीं है वो एक ख्वाब है... 🤔
लेकिन जो है वो लाज़वाब है... 🤗
जय श्री राम 🙏🙏

क्या है बर्बरीक कुंड की महिमा...??भारत में एक ऐसा मंदिर है, जिसके रहस्य के बारे में आज तक कोई नहीं जान पाया है, ये मंदिर...
25/11/2023

क्या है बर्बरीक कुंड की महिमा...??

भारत में एक ऐसा मंदिर है, जिसके रहस्य के बारे में आज तक कोई नहीं जान पाया है, ये मंदिर देश से लेकर विदेश तक अपने कुंड के लिए मशहूर है।भारत में एक ऐसा मंदिर है, जिसके रहस्य (Secret) के बारे में आज तक कोई नहीं जान पाया है, ये मंदिर देश से लेकर विदेश तक अपने कुंड के लिए मशहूर है, दरअसल इस मंदिर में एक ऐसा कुंड है जो हमेशा ही पानी से भरा रहता है, और इस कुण्ड में नहाने के लिए साल भर लोगों का तांता लगा रहता है,बर्बरीक कुंड यानि श्याम कुंड के बारे में, जो भारत के राजस्थान (Rajasthan) के जयपुर(Jaipur) में स्थित एक मशहूर मंदिर खाटू श्याम बाबा के मंदिर का हिस्सा है, खाटू वाले बाबा के मंदिर में स्थित ये कुंड अपने अंदर बहुत से रहस्यों को दबाए हुए है। बाबा श्याम के इस विख्यात मंदिर की कई मान्यताएं और कहानियां (Stories) है, बाबा के मंदिर में मौजूद ये कुंड अपनी उत्पत्ति को लेकर भी कई रहस्य छिपाए हुए है, कहा जाता है कि आज से हजारों साल पहले जब यहां केवल मिट्टी ही थी, तब यहां रोज गाय आया करती थी, और जानवर आया करते थे और इस स्थान पर पहुंचने के बाद गाय का अपने आप दूध देने लगती थी, रोज हो रहे इस घटनाक्रम को देखने के बाद आसपास के इलाके में रहने वाले लोगों ने वहां खुदाई का काम शुरू कर दिया, और जब उन्होंने गड्ढा खोदना शुरू किया तो उनका सामना एक गजब रहस्य से हुआ, दरअसल, खुदाई करते हुए जब वो लगभग 30 फीट(Feet) तक नीचे पहुंचे तो उन्हें एक बक्सा मिला जिस पर लिखा था, बर्बरीक कथाओं की माने तो इस बक्से के अंदर महाभारत काल के बर्बरीक का असली सिर मौजूद था, जिसके बाद वहां मौजूद लोगों ने इस बक्से को लेजाकर उस समय के राजा रतन सिंह को दिया, चौकाने वाली बात तो ये रही कि जिस स्थान से वो शीश प्रकट हुआ ठीक उसी स्थान से पानी का तेज प्रभाव शुरू हो गया जिसे आगे जाकर श्याम कुंड कहा गया, हर साल लगने वाले मेले में आने वाले भक्त पहले इसकुंड में आकर नहाते हैं, और फिर जाकर बाबा के दर्शन कर सके।

कौन थे बर्बरीक..?

बर्बरीक महाभारत के एक महान योद्धा थे, उनके पिता घटोत्कच और माता अहिलावती थे, बचपन से ही बर्बरीक को उनकी माँ ने सिखाया था, कि युद्ध हमेशा ही हारने वाले की तरफ से करना चाहिए, और बर्बरीक भी हमेशा इसी सिद्धांत को याद में रखकर युद्ध भूमि में जाया करते थे, कहा जाता है कि बर्बरीक ने भगवान शिव और माता आदिशक्ति की घोर तपस्या की थी, जिसके बाद खुश होकर भगवान ने उन्हें कुछ सिद्धियां दी थी, जिन्हें पाने के बाद बर्बरीक और भी ज्यादा बलवान हो गए थे, जानकारी के मुताबिक इन शक्तियों का प्रभाव इतना ज्यादा था कि वो महाभारत जैसे विशाल युद्ध को भी पलक झपकते ही बंद करवा सकते थे, और युद्ध में भाग ले रहे सभी वीरों को मौT के घाT उतार सकते थे, लेकिन उनके अपनी माता को दिए हुए वचन के कारण भगवान श्रीकृष्ण की चिंता काफी ज्यादा बढ़ी हुई थी, जिसके चलते बर्बरीक के युद्ध में शामिल होने से पहले ही भगवान ने साधु का रूप धारण करके उनसे उनका सिर मांग लिया, जिसके बाद उनकी सारी शक्तियों को उन्होंने मां रणचंडी को बलि चढ़ा दिया, वहीं इतना बड़ा बलिदान देने के बाद उन्हें शीश का दानी कहा गया, वहीं अपना ये बलिदान देने के बाद उन्होंने महाभारत युद्ध की समाप्ति तक इस युद्ध को देखने की कामना करी बलिदान से खुश होकर श्रीकृष्ण ने वरदान देकर उनके सिर को एक पहाड़ पर रख दिया, जिसके बाद बर्बरीक ने पूरा युद्ध देखा। आखिर क्या है श्याम कुंड की मान्यताएं श्याम कुंड को लेकर कई तरह की मान्यताएं जताई जाती है, कहा जाता है कि श्याम कुंड में नहाने से कई पाप दूर हो जाते हैं, और अगर कोई बाबा के दरबार पर पहुंचकर अच्छे और निश्चल मन से कुंड में स्नान करता है तो उसे एक नया शरीर मिल जाता है,इसके अलावा अगर कोई हारा हुआ हो उसका कोई काम न बन रहा हो और वो जाकर बाबा के कुंड में स्नान करे तो बाबा हारे का सहारा बनकर उसका साथ देते हैं, इसके अलावा इस कुंड में नहाने से शरीर और मन दोनों की ही अशुद्धियों का नाश हो जाता है, और अगर किसी स्त्री को पुत्र रत्न की प्राप्ति न हुई हो और वो जाकर बाबा के कुंड में नहा ले तो उसे पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है...

जय श्रीकृष्णा, जय गोविंदा ✨🙏🕉️

24/11/2023
जन्म और मृत्यु भगवान के हाथ में हैआपके हाथ में मोबाइल हैजितना हो सके सनातन का प्रचार प्रसारकरते रहिए          जय श्री कृ...
15/11/2023

जन्म और मृत्यु भगवान के हाथ में है
आपके हाथ में मोबाइल है
जितना हो सके सनातन का प्रचार प्रसार
करते रहिए
जय श्री कृष्णा 🙏 🚩
जय श्री राम 🙏🚩
#नरेंद्रमोदीजी #भारतीयजनतापार्टी #भाजपा

नवरात्रि का त्यौहार जब भी आता हैं,माँ की भक्ति में दिल डूब जाता हैं.
11/10/2023

नवरात्रि का त्यौहार जब भी आता हैं,
माँ की भक्ति में दिल डूब जाता हैं.

उम्र बिना रुके सफर कर रहीं है,और हम ख्वाहिशें लेकर वहीं खड़े हैं !
09/10/2023

उम्र बिना रुके सफर कर रहीं है,

और हम ख्वाहिशें लेकर वहीं खड़े हैं !

07/09/2023

🙏🙏जय शिव शम्भू 🔱🔱
19/08/2023

🙏🙏जय शिव शम्भू 🔱🔱

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15/08/2023

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आइये इस आजादी के   में हम फिर से एक साथ तिरंगा लहराएं!   अभियान में 13 से 15 अगस्त तक अपनी तिरंगा सेल्फी को HarGharTiran...
13/08/2023

आइये इस आजादी के में हम फिर से एक साथ तिरंगा लहराएं! अभियान में 13 से 15 अगस्त तक अपनी तिरंगा सेल्फी को HarGharTiranga.com पर अपलोड करें।



🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🕉️🔔हर हर महादेव 🔱🌸🌸🙏🏼🌸🌸Today's Best photo ❤❤❤❤❤❤
30/07/2023

🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
🕉️🔔
हर हर महादेव 🔱
🌸🌸🙏🏼🌸🌸
Today's Best photo ❤❤❤❤❤❤

जन्म से मृत्यु तक कुंडली के 12 भाव....मनुष्य के लिए संसार में सबसे पहली घटना उसका इस पृथ्वी पर जन्म है, इसीलिए प्रथम भाव...
13/07/2023

जन्म से मृत्यु तक कुंडली के 12 भाव....

मनुष्य के लिए संसार में सबसे पहली घटना उसका इस पृथ्वी पर जन्म है, इसीलिए प्रथम भाव जन्म भाव कहलाता है। जन्म लेने पर जो वस्तुएं मनुष्य को प्राप्त होती हैं उन सब वस्तुओं का विचार अथवा संबंध प्रथम भाव से होता है जैसे-रंग-रूप, कद, जाति, जन्म स्थान तथा जन्म समय की बातें। ईश्वर का विधान है कि मनुष्य जन्म पाकर मोक्ष तक पहुंचे अर्थात प्रथम भाव से द्वादश भाव तक पहुंचे।जीवन से मरण यात्रा तक जिन वस्तुओं आदि की आवश्यकता मनुष्य को पड़ती हैवह द्वितीय भाव से एकादश भाव तक के स्थानों से दर्शाई गई है मनुष्य को शरीर तो प्राप्त हो गया, किंतु शरीर को स्वस्थ रखने के लिए, ऊर्जा के लिए दूध, रोटी आदि खाद्य पदार्थो की आवश्यकता होती है अन्यथा शरीर नहीं चलने वाला। इसीलिए खाद्य पदार्थ, धन, कुटुंब आदि का संबंध द्वितीय स्थान से है। धन अथवा अन्य आवश्यकता की वस्तुएं बिना श्रम के प्राप्त
नहीं हो सकतीं और बिना परिश्रम के धन टिक नहीं सकता। धन, वस्तुएं आदि रखने के लिए बल आदि की आवश्यकता होती है इसीलिए तृतीय स्थान का संबंध, बल, परिश्रम व बाहु से होता है। शरीर, परिश्रम, धन आदि तभी सार्थक होंगे जब काम करने की भावना होगी, रूचि होगी अन्यथा सब व्यर्थ है। अत: कामनाओं, भावनाओं का स्थान चतुर्थ रखा गया है। चतुर्थ स्थान मन का विकास स्थान है। मनुष्य के पास शरीर, धन, परिश्रम, शक्ति, इच्छा सभी हों, किंतु कार्य करने की तकनीकी जानकारी का अभाव हो अर्थात् विचार शक्ति का अभाव हो अथवा कर्म विधि का ज्ञान न हो तो जीवनचर्या आगे चलना मुश्किल है।
पंचम भाव को विचार शक्ति के मन के अन्ततर जगह दिया जाना विकास क्रम के अनुसार ही है।यदि मनुष्य अड़चनों, विरोधी शक्तियों, मुश्किलों आदि से लड़ न पाए तो जीवन निखरता नहीं है। अत: षष्ठ भाव शत्रु, विरोध, कठिनाइयों आदि के लिए मान्य है।
मनुष्य में यदि दूसरों से मिलकर चलने की शक्ति न हो और वीर्य शक्ति न हो तो वह जीवन में असफल समझा जाएगा। अत: मिलकर चलने की आदत आवश्यक है और उसके लिए भागीदार, जीवनसाथी की आवश्यकता होती ही है। अत: जीवनसाथी, भागीदार आदि का विचार सप्तम भाव से किया जाता है।
यदि मनुष्य अपने साथ आयु लेकर न आए तो उसका रंग, रूप, स्वास्थ्य, गुण, व्यापार आदि कोशिशें सब बेकार अर्थात् व्यर्थ हो जाएंगी। अत: अष्टम भाव को आयु भाव माना गया है। आयु का विचार अष्टम से करना चाहिए।नवम स्थान को धर्म व भाग्य स्थान माना है। धर्म-कर्म अच्छे होने पर मनुष्य के भाग्य में उन्नति होती है और इसीलिए धर्म और भाग्य का स्थान नवम माना गया है। दसवें स्थान अथवा भाव को कर्म का स्थान दिया गया है।अत: जैसा कर्म हमने अपने पूर्व में किया होगा उसी के अनुसार हमें फल मिलेगा।
एकादश स्थान प्राप्ति स्थान है। हमने जैसे धर्म-कर्म किए होंगे उसी के अनुसार हमें प्राप्ति होगी अर्थात् अर्थ लाभ होगा, क्योंकि बिना अर्थ सब व्यर्थ है आज इस अर्थ प्रधान युग में। द्वादश भाव को मोक्ष स्थान माना गया है। अत: संसार में आने और जन्म लेने के उद्देश्य को हमारी जन्मकुण्डली क्रम से इसी तथ्य को व्यक्त करती है....

जय सनातन धर्म ✨🕉️ जय श्रीराम, जय गोविंदा ✨🙏💖💫

06/07/2023

“जीवन बेहतर बनाने के लिए ‘मेरे साथ क्या हो रहा है’ ये सोचने के बजाय ‘मैं क्या कर रहा हूँ’ सोचना शुरू कर दीजिए”

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्,
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।

🙏🕉 हर हर महादेव 🕉🙏
्री_हरि_विष्णु 🌺🙏🚩

#शुभप्रभात मित्रों😊🌹🙏🏻

इन दिनों कुछ  #उलझनें बढ़ गई है बहुत,बस उन्हें ही सुलझाने की जद्दोजहद जारी है !!
16/06/2023

इन दिनों कुछ #उलझनें
बढ़ गई है बहुत,

बस उन्हें ही सुलझाने की
जद्दोजहद जारी है !!

रामधनुष टूटने की सत्य घटना......बात 1880 के अक्टूबर नवम्बर की है बनारस की एक रामलीला मण्डली रामलीला खेलने तुलसी गांव आयी...
01/05/2023

रामधनुष टूटने की सत्य घटना......

बात 1880 के अक्टूबर नवम्बर की है बनारस की एक रामलीला मण्डली रामलीला खेलने तुलसी गांव आयी हुई थी... मण्डली में 22-24 कलाकार थे जो गांव के ही एक आदमी के यहाँ रुके थे वहीं सभी कलाकार रिहर्सल करते और खाना बनाते खाते थे...पण्डित कृपाराम दूबे उस रामलीला मण्डली के निर्देशक थे और हारमोनियम पर बैठ के मंच संचालन करते थे और फौजदार शर्मा साज-सज्जा और राम लीला से जुड़ी अन्य व्यवस्था देखते थे...एक दिन पूरी मण्डली बैठी थी और रिहर्सल चल रहा था तभी पण्डित कृपाराम दूबे ने फौजदार से कहा इस बार वो शिव धनुष हल्की और नरम लकड़ी की बनवाएं ताकि राम का पात्र निभा रहे 17 साल के युवक को परेशानी न हो पिछली बार धनुष तोड़ने में समय लग गया था...
इस बात पर फौजदार कुपित हो गया क्योंकि लीला की साज सज्जा और अन्य व्यवस्था वही देखता था और पिछला धनुष भी वही बनवाया था... इस बात को लेकर पण्डित जी और फौजदार में से कहा सुनी हो गया..फौजदार पण्डित जी से काफी नाराज था और पंडित जी से बदला लेने को सोच लिया था ...संयोग से अगले दिन सीता स्वयंवर और शिव धनुष भंग का मंचन होना था...फौजदार मण्डली जिसके घर रुकी थी उनके घर गया और कहा रामलीला में लोहे के एक छड़ की जरूरत आन पड़ी है दे दीजिए..... गृहस्वामी ने उसे एक बड़ा और मोटा लोहे का छड़ दे दिया छड़ लेके फौजदार दूसरे गांव के लोहार के पास गया और उसे धनुष का आकार दिलवा लाया। रास्ते मे उसने धनुष पर कपड़ा लपेट कर और रंगीन कागज से सजा के गांव के एक आदमी के घर रख आया...
रात में रामलीला शुरू हुआ तो फौजदार ने चुपके धनुष बदल दिया और लोहे वाला धनुष ले जा के मंच के आगे रख दिया और खुद पर्दे के पीछे जाके तमाशा देखने के लिए खड़ा हो गया...रामलीला शुरू हुआ पण्डित जी हारमोनियम पर राम चरणों मे भाव विभोर होकर रामचरित मानस के दोहे का पाठ कर रहे थे... हजारों की संख्या में दर्शक शिव धनुष भंग देखने के लिए मूर्तिवत बैठे थे... रामलीला धीरे धीरे आगे बढ़ रहा था सारे राजाओं के बाद राम जी गुरु से आज्ञा ले के धनुष भंग को आगे बढ़े...पास जाके उन्होंने जब धनुष हो हाथ लगाया तो धनुष उससे उठी ही नही कलाकार को सत्यता का आभास हो गया गया उस 17 वर्षीय कलाकार ने पंडित कृपाराम दूबे की तरफ कतार दृष्टि से देखा तो पण्डित जी समझ गए कि दाल में कुछ काला है...उन्होंने सोचा कि आज इज्जत चली जायेगी हजारों लोगों के सामने और ये कलाकार की नहीं स्वयं प्रभु राम की इज्जत दांव पर लगने वाली है.. पंडित जी ने कलाकार को आंखों से रुकने और धनुष की प्रदक्षिणा करने का संकेत किया और स्वयं को मर्यादा पुरुषोत्तम के चरणों में समर्पित करते हुए आंखे बंद करके उंगलियां हारमोनियम पर रख दी और राम जी की स्तुति करनी शुरू....
जिन लोगों ने ये लीला अपनी आँखों से देखी थी बाद में उन्होंने बताया कि इस इशारे के बाद जैसे पंडित जी ने आंख बंद करके हारमोनियम पर हाथ रखा हारमोनियम से उसी पल दिव्य सुर निकलने लगे वैसा वादन करते हुए किसी ने पंडित जी को कभी नहीं देखा था...सारे दर्शक मूर्तिवत हो गए... नगाडे से निकलने वाली परम्परागत आवाज भीषण दुंदभी में बदल गयी..पेट्रोमेक्स की धीमी रोशनी बढ़ने लगी आसमान में बिन बादल बिजली कौंधने लगी और पूरा पंडाल अद्भुत आकाशीय प्रकाश से रह रह के प्रकाशमान हो रहा था...दर्शकों के कुछ समझ में नही आ रहा था कि क्या हो रहा और क्यों हो रहा....पण्डित जी खुद को राम चरणों मे आत्मार्पित कर चुके थे और जैसे ही उन्होंने चौपाई कहा---
लेत चढ़ावत खैंचत गाढ़ें। काहुँ न लखा देख सबु ठाढ़ें॥
तेहि छन राम मध्य धनु तोरा। भरे भुवन धुनि घोर कठोरा॥
पण्डित जी के चौपाई पढ़ते ही आसमान में भीषण बिजली कड़की और मंच पर रखे लोहे के धनुष को कलाकार ने दो भागों में तोड़ दिया...
लोग बताते हैं हैं कि ये सब कैसे हुआ और कब हुआ किसी ने कुछ नही देखा सब एक पल में हो गया..धनुष टूटने के बाद सब स्थिति अगले ही पल सामान्य हो गयी पण्डित जी मंच के बीच गए और टूटे धनुष और कलाकार के सन्मुख दण्डवत हो गए.... लोग शिव धनुष भंग पर जय श्री राम का उद्घोषणा कर रहे थे और पण्डित जी की आंखों से श्रद्धा के आँसू निकल रहे थे....राम "सबके" है एक बार "राम का" होकर तो देखिए.....जय सियाराम

✍️✍️.................यूँ ही  #गुजर_जाते हैं                   #ये_कीमती_लम्हे            किसी  #मुसाफिर की तरह          ...
19/04/2023

✍️✍️.................यूँ ही #गुजर_जाते हैं
#ये_कीमती_लम्हे
किसी #मुसाफिर
की तरह
और यादें वहीँ
खड़ी रह जाती हैं
रुके रास्तों की तरह..💖
Shyam Solainki

❣️गणपति बप्पा मोरिया❣️       कई बार उलझनों को    झुककर भी सुलझाना पड़ता है         क्योंकि सभी लोग     आपके क़द के बराबर...
15/03/2023

❣️गणपति बप्पा मोरिया❣️

कई बार उलझनों को
झुककर भी सुलझाना पड़ता है
क्योंकि सभी लोग
आपके क़द के बराबर नहीं होते …!
🌺जय श्री गणेश🙏

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