MEK Haryana

MEK Haryana workers unity centre of india(WUCI) varghin,samaan v punjiwadi shoshan se mukt smaj ki sathapna k liye sanghrashrat majduron ka sangthan

प्रेस नोटबनभोरी गांव में प्रवासी मजदूरों पर स्थानीय ठेकेदारों द्वारा मारपीट और उत्पीड़न, पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता पर...
12/10/2024

प्रेस नोट

बनभोरी गांव में प्रवासी मजदूरों पर स्थानीय ठेकेदारों द्वारा मारपीट और उत्पीड़न, पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल खड़े करते हैं - मजदूर एकता केंद्र

आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की जाए - मजदूर एकता केंद्र

बनभोरी गांव में प्रवासी मजदूरों के साथ हो हुए उत्पीड़न और मारपीट के मामलों को लेकर स्थानीय समुदाय और मजदूर संगठनों में भारी आक्रोश है। हाल ही में हुई घटना में, स्थानीय ठेकेदारों ने कई प्रवासी मजदूरों के साथ न केवल शारीरिक हिंसा की, बल्कि उन्हें मानसिक और आर्थिक उत्पीड़न का भी शिकार बनाया। इस संबंध में मजदूरों द्वारा पुलिस प्रशासन से शिकायतें की गईं, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। आरोपियों में से ज्यादातर अभी भी गिरफ्तार नहीं किए गए है।
संगठन के साथी कुलदीप ने कहा कि हिसार के बनभौरी जिले में प्रवासी मजदूर जब अपने किए गए काम के लिए ठेकेदार से मजदूरी के पैसे मांगने गए तो उन्हें बुरी तरह से पीटा गया ।
प्रवासी मजदूरों का आरोप है कि स्थानीय ठेकेदार उन्हें निर्धारित मजदूरी से कम भुगतान करते हैं और जब वे अपने हक की मांग करते हैं, तो उनके साथ मारपीट की जाती है। कई मजदूरों को गंभीर चोटें आई हैं, लेकिन पुलिस प्रशासन की ओर से उचित कदम नहीं उठाए गए हैं, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई है।

इस संबंध में हम ने डीसी कार्यालय हिसार और एसडीएम कार्यालय बरवाला को ऑनलाइन माध्यम से ज्ञापन भेजा और हम मांग करते हैं कि:

पुलिस प्रशासन तुरंत दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे और पीड़ित मजदूरों को न्याय दिलाए।

प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और भविष्य में ऐसे मामलों को रोका जाए।

प्रवासी मजदूरों का ठेकेदारों द्वारा हो रहे उत्पीड़न पर नियंत्रण लगाया जाए।

यदि प्रशासन जल्द ही इस पर उचित कदम नहीं उठाता, तो मजबूरन हम बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होंगे। न्याय की मांग हमारी प्राथमिकता है, और हम इसे प्राप्त करने के लिए हर संभव कदम उठाएंगे।

 #भूप_सिंह   #सफाई_मजदूर_दिवस
31/07/2024

#भूप_सिंह

#सफाई_मजदूर_दिवस

मजदूर एकता केंद्र (MEK) के कार्यकर्ताओं ने अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर कलायत मंडी में पर्चा वितरण कर जन सभा का ...
02/05/2024

मजदूर एकता केंद्र (MEK) के कार्यकर्ताओं ने अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर कलायत मंडी में पर्चा वितरण कर जन सभा का आयोजन किया।
#मजदूर_दिवस

 #मजदूर_दिवस
01/05/2024

#मजदूर_दिवस

15/11/2023

पीएम आवास योजना के तहत सभी योग्य लाभार्थियों को सहायता राशि जारी की जाए - आवास अधिकार मंच
7 दिवसीय धरना प्रदर्शन करने का किया ऐलान
क्रांतिकारी युवा संगठन और मजदूर एकता केंद्र के संयुक्त तत्वाधान में आवास अधिकार मंच के बैनर तले नरवाना तहसील के 11 गांव के सैंकड़ों लोगों ने पीएम आवास योजना के तहत मिलने वाली राशि में देरी के खिलाफ कोर्ट गेट के सामने 7 दिवसीय धरना प्रदर्शन करने का फैसला लिया है। के वाई एस संगठन के साथी कुलदीप ने कहा कि यह धरना प्रदर्शन खट्टर सरकार की हमारी मांगों को लेकर चल रही लापरवाही और जूठे आश्वासन के खिलाफ़ शुरू किया गया है। इस सम्बद्ध में 11 गांव के लोग जिला स्तर पर भी आक्रोश प्रदर्शन कर चुके हैं लेकिन अभी तक समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ है। संगठन की सदस्या मोनिका ने कहा कि पीएम आवास योजना के तहत गरीब परिवारों को पक्के मकान बनाने के लिए सरकार द्वारा सहायता राशि दी जाती है। लेकिन पिछले पांच सालों में इन गांवों में सर्वे किए गए मकानों जिन्हे सहायता राशि के लिए उपयुक्त पाया गया है, अधिकतर उन परिवारों को भी अभी तक सहायता राशि नहीं मिली है। मजदूर एकता केंद्र की ओर से साथी विक्रम ने कहा कि सर्वे किए गए मकानों की हालत बहुत ही झर्जर हो चुकी है, जिन के गिरने का खतरा हमेशा बना रहता है। इसके साथ ही ऐसे भी कई मकान है जिनका सर्वे नहीं किया गया है, लेकिन इन मकानों की हालत बहुत ही खराब है। हम इस संबंध में हम निम्नलिखित मांग करते हैं
1. सभी मकान जिनको सर्वे में सहायता राशि के लिए उपयुक्त पाया गया है, उन्हें जल्द से जल्द सहायता राशि प्रदान की जाए।
2. सभी गांव में जिन कच्चे मकानों का सर्वे अभी तक नहीं किया गया है उनका सर्वे किया जाए।
इस धरने प्रदर्शन में 11 गांव के लोग हिस्सा लेंगे और आगे की कार्यनीति का का फैसला लेंगे। इस मौके पर कुलदीप, विकास, रवि, जगजीत, परवीन, वीरेंद्र, प्रेम, बालकिशन, रोजी, ज्योति, मोनिका, रीतू, लक्ष्मी आदि मौजूद रहें।

कल मजदूर एकता केंद्र के कार्यकर्ताओं शहीद भगत सिंह के 117 वें जन्मदिवस पर ने मनरेगा मजदूरों के बीच एक आम सभा का आयोजन कि...
01/10/2023

कल मजदूर एकता केंद्र के कार्यकर्ताओं शहीद भगत सिंह के 117 वें जन्मदिवस पर ने मनरेगा मजदूरों के बीच एक आम सभा का आयोजन किया । सभा में भगत सिंह के विचारों से लोगों को अवगत करवाया और पिछले दो साल से काम न मिलने के मुद्दे को लेकर एकजुट होकर संघर्ष करने का संकल्प लिया।
#शहीदे_आज़म

शहीद-ए-आज़म भगत सिंह के 117वें जन्मदिवस के मौके पर MEK कार्यकर्ताओं ने मजदूरों के बीच भगत सिंह के विचारो को लेकर चर्चा की...
28/09/2023

शहीद-ए-आज़म भगत सिंह के 117वें जन्मदिवस के मौके पर MEK कार्यकर्ताओं ने मजदूरों के बीच भगत सिंह के विचारो को लेकर चर्चा की।
शहीद भगत सिंह चौक नरवाना पर शहीदों की मूर्तियों के सामने एकत्रित होकर इंकलाब ज़िंदाबाद के नारों के साथ शहीद भगत सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की और आयोजित सभा में ,संगठन के साथी विक्रम ने कहा कि आज देश में मेहनतकश आबादी के हालात दिन प्रतिदिन खराब होते जा रहे हैं। वर्तमान सरकार मजदूर विरोधी कानून लागू करके मजदूरों के अधिकारों पर हमला कर रही है।ऐसे में भगत सिंह की कही हुई बातें आज सौ प्रतिशत सच साबित हो रही है । ऐसे में हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम उनके विचारों को जन जन तक पहुंचाए।
#शहीदे_आज़म #हरियाणा

19/09/2023

लेबर चौक की मांग को लेकर मजदूरों ने नगर परिषद कार्यालय पर जड़ा ताला
आज मजदूर एकता केंद्र(एम ई के) के सदस्यों ने शहीद भगत सिंह चौक पर एकत्रित होकर नगर परिषद कार्यालय नरवाना तक आक्रोश रैली निकाली और असंगठित मजदूरों के लिए एक लेबर चौक बनवाने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा। मजदूरो ने नगर परिषद गेट पर ताला जड़ कर अपना विरोध प्रदर्शन किया और प्रशासनिक अधिकारियों ने 15 दिन के समय मांगा जिस के बाद ही गेट खोला गया।संगठन के सदस्य विक्रम ने कहा कि एक समय था जब मजदूरों के लिए यहां पर के लेबर चौक हुआ करता था, लेकिन प्रशासन और कुछ दुकानदारों की मिलीभगत से लेबर चौक की जमीन को हथिया लिया गया।इस के
बाद प्रशासन ने एलआईसी रोड़ स्थित विश्वकर्मा मंदिर लेबर शेड में रहने के लिए जगह मुहैया करवाई लेकिन जब हम वहां गए तो वहां मौजूदा असमाजिक तत्वों ने हमारे साथ दुर्व्यवहार किया और वहां से निकालने की धमकी दी जिस के बाद प्रशासन ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की ।आज उसी का नतीजा है कि असंगठित क्षेत्र के सैंकड़ों मजदूर गर्मी, सर्दी और बरसात के मौसम में यहीं सड़क पर इधर उधर भटकने को मजबूर होते हैं। एक स्थाई जगह न होने के कारण जब ये मजदूर दुकानों के आगे बैठते है तो, दुकानदार उन्हें गाली गलोच करते हुए वहां से उठा देते है। एक स्थाई जगह ने होने के कारण और काम ने मिल पाने कारण पूरा दिन उन्हे इधर उधर भटकने के लिए मजबूर होना पड़ता है।संगठन के सदस्य लंबे समय से लेबर चौक की मांग कर रहे है, लेकिन प्रशासन सिर्फ झूठे आश्वासन दे रहा है। कुलदीप ने कहा कि ये बड़े शर्म की बात है कि देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी का काम करने वाले मजदूरों को आज सरकार एक स्थाई जगह तक मुहैया करवाने में असफल नजर आ रही है। सरकार विज्ञापनों के माध्यम से तो दिखाने का प्रयास कर रही है कि उन्होंने मजदूरों की जिंदगी में बहुत बड़े बदलाव कर के उन्हें खुशहाल कर दिया है लेकिन जमीनी स्तर पर हकीकत कुछ और ही नजर आ रही है। आज असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की एक विश्राम गृह तक नसीब नहीं हो रहा है। ऐसे में मजदूर एकता केंद्र मांग करता है कि जल्द से जल्द असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए एक लेबर चौक का निर्माण किया जाए अन्यथा इस मांग को लेकर मजदूर आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे। इस मौके पर सुरेश, कुलदीप, रामफल, नरेश, बजिंदर, प्रेम, मनोज, दिनेश, रणधीर आदि उपस्थित रहे
#मजदूर_एकता_केन्द्र

लेबर चौक की मांग को लेकर मजदूरों ने नगर परिषद कार्यालय पर जड़ा तालाआज मजदूर एकता केंद्र(एम ई के) के सदस्यों ने शहीद भगत ...
19/09/2023

लेबर चौक की मांग को लेकर मजदूरों ने नगर परिषद कार्यालय पर जड़ा ताला
आज मजदूर एकता केंद्र(एम ई के) के सदस्यों ने शहीद भगत सिंह चौक पर एकत्रित होकर नगर परिषद कार्यालय नरवाना तक आक्रोश रैली निकाली और असंगठित मजदूरों के लिए एक लेबर चौक बनवाने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा। मजदूरो ने नगर परिषद गेट पर ताला जड़ कर अपना विरोध प्रदर्शन किया और प्रशासनिक अधिकारियों ने 15 दिन के समय मांगा जिस के बाद ही गेट खोला गया।संगठन के सदस्य विक्रम ने कहा कि एक समय था जब मजदूरों के लिए यहां पर के लेबर चौक हुआ करता था, लेकिन प्रशासन और कुछ दुकानदारों की मिलीभगत से लेबर चौक की जमीन को हथिया लिया गया।इस के
बाद प्रशासन ने एलआईसी रोड़ स्थित विश्वकर्मा मंदिर लेबर शेड में रहने के लिए जगह मुहैया करवाई लेकिन जब हम वहां गए तो वहां मौजूदा असमाजिक तत्वों ने हमारे साथ दुर्व्यवहार किया और वहां से निकालने की धमकी दी जिस के बाद प्रशासन ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की ।आज उसी का नतीजा है कि असंगठित क्षेत्र के सैंकड़ों मजदूर गर्मी, सर्दी और बरसात के मौसम में यहीं सड़क पर इधर उधर भटकने को मजबूर होते हैं। एक स्थाई जगह न होने के कारण जब ये मजदूर दुकानों के आगे बैठते है तो, दुकानदार उन्हें गाली गलोच करते हुए वहां से उठा देते है। एक स्थाई जगह ने होने के कारण और काम ने मिल पाने कारण पूरा दिन उन्हे इधर उधर भटकने के लिए मजबूर होना पड़ता है।संगठन के सदस्य लंबे समय से लेबर चौक की मांग कर रहे है, लेकिन प्रशासन सिर्फ झूठे आश्वासन दे रहा है। कुलदीप ने कहा कि ये बड़े शर्म की बात है कि देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी का काम करने वाले मजदूरों को आज सरकार एक स्थाई जगह तक मुहैया करवाने में असफल नजर आ रही है। सरकार विज्ञापनों के माध्यम से तो दिखाने का प्रयास कर रही है कि उन्होंने मजदूरों की जिंदगी में बहुत बड़े बदलाव कर के उन्हें खुशहाल कर दिया है लेकिन जमीनी स्तर पर हकीकत कुछ और ही नजर आ रही है। आज असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की एक विश्राम गृह तक नसीब नहीं हो रहा है। ऐसे में मजदूर एकता केंद्र मांग करता है कि जल्द से जल्द असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए एक लेबर चौक का निर्माण किया जाए अन्यथा इस मांग को लेकर मजदूर आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे। इस मौके पर सुरेश, कुलदीप, रामफल, नरेश, बजिंदर, प्रेम, मनोज, दिनेश, रणधीर आदि उपस्थित रहे.
#मजदूर_एकता_केन्द्र

       #मजदूर_एकता_केन्द्र
25/08/2023




#मजदूर_एकता_केन्द्र

लेबर चौक की मांग को लेकर मजदूरों ने नगर परिषद कार्यालय पर जड़ा तालाआज मजदूर एकता केंद्र(एम ई के) के सदस्यों ने शहीद भगत ...
24/08/2023

लेबर चौक की मांग को लेकर मजदूरों ने नगर परिषद कार्यालय पर जड़ा ताला
आज मजदूर एकता केंद्र(एम ई के) के सदस्यों ने शहीद भगत सिंह चौक पर एकत्रित होकर नगर परिषद कार्यालय नरवाना तक आक्रोश रैली निकाली और असंगठित मजदूरों के लिए एक लेबर चौक बनवाने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा। मजदूरो ने नगर परिषद गेट पर ताला जड़ कर अपना विरोध प्रदर्शन किया और प्रशासनिक अधिकारियों ने 15 दिन के समय मांगा जिस के बाद ही गेट खोला गया।संगठन के सदस्य विक्रम ने कहा कि एक समय था जब मजदूरों के लिए यहां पर के लेबर चौक हुआ करता था, लेकिन प्रशासन और कुछ दुकानदारों की मिलीभगत से लेबर चौक की जमीन को हथिया लिया गया।इस के
बाद प्रशासन ने एलआईसी रोड़ स्थित विश्वकर्मा मंदिर लेबर शेड में रहने के लिए जगह मुहैया करवाई लेकिन जब हम वहां गए तो वहां मौजूदा असमाजिक तत्वों ने हमारे साथ दुर्व्यवहार किया और वहां से निकालने की धमकी दी जिस के बाद प्रशासन ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की ।आज उसी का नतीजा है कि असंगठित क्षेत्र के सैंकड़ों मजदूर गर्मी, सर्दी और बरसात के मौसम में यहीं सड़क पर इधर उधर भटकने को मजबूर होते हैं। एक स्थाई जगह न होने के कारण जब ये मजदूर दुकानों के आगे बैठते है तो, दुकानदार उन्हें गाली गलोच करते हुए वहां से उठा देते है। एक स्थाई जगह ने होने के कारण और काम ने मिल पाने कारण पूरा दिन उन्हे इधर उधर भटकने के लिए मजबूर होना पड़ता है।संगठन के सदस्य लंबे समय से लेबर चौक की मांग कर रहे है, लेकिन प्रशासन सिर्फ झूठे आश्वासन दे रहा है। कुलदीप ने कहा कि ये बड़े शर्म की बात है कि देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी का काम करने वाले मजदूरों को आज सरकार एक स्थाई जगह तक मुहैया करवाने में असफल नजर आ रही है। सरकार विज्ञापनों के माध्यम से तो दिखाने का प्रयास कर रही है कि उन्होंने मजदूरों की जिंदगी में बहुत बड़े बदलाव कर के उन्हें खुशहाल कर दिया है लेकिन जमीनी स्तर पर हकीकत कुछ और ही नजर आ रही है। आज असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की एक विश्राम गृह तक नसीब नहीं हो रहा है। ऐसे में मजदूर एकता केंद्र मांग करता है कि जल्द से जल्द असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए एक लेबर चौक का निर्माण किया जाए अन्यथा इस मांग को लेकर मजदूर आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे। इस मौके पर सुरेश, कुलदीप, रामफल, नरेश, बजिंदर, प्रेम, मनोज, दिनेश, रणधीर आदि उपस्थित रहे।

23/08/2023
 #भूप_सिंह_वाल्मीकि
31/07/2023

#भूप_सिंह_वाल्मीकि

15/06/2023



मजदूर एकता केंद्र (एम ई के)और पल्लेदार एवम कामगार संघ (पी के एस) ने मंडी मजदूरों के बीच जश्न से मनाया अन्तराष्ट्रीय मजदू...
01/05/2023

मजदूर एकता केंद्र (एम ई के)और पल्लेदार एवम कामगार संघ (पी के एस) ने मंडी मजदूरों के बीच जश्न से मनाया अन्तराष्ट्रीय मजदूर दिवस!
मजदूर एकता केंद्र ने मजदूर- गरीब किसानों की एकजुटता का किया आह्वान!
विभिन्न गाँवों, मजदूर इलाकों, मंडियों में मजदूरों के बीच किया सदस्यता अभियान व पर्चा वितरण!
आज पल्लेदार एवम कामगार संघ (पी के एस) और मजदूर एकता केंद्र ने अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के 137 वीं वर्षगांठ पर नरवाना के लेबर चौक और नरवाना ,कलायत की अनाज मंडियों में पर्चा वितरण कर जनसभाएं की और साथ में सदस्यता अभियान चलाया। संगठन के सदस्य विक्रम ने अपनी बात रखते हुए कहा कि मई दिवस मजदूरों के संघर्षों का त्योहार है ।आज से लगभग 137 साल पहले अमेरिका के शिकागो शहर में मजदूरों ने काम के घंटे कम करवाने के लिए आंदोलन किया और इस आंदोलन में सात मजदूरों की गोली लगने से मौत हुई । पूंजीवादी सरकार ने इस आंदोलन को कुचलना चाहा, लेकिन इस गोलीबारी के बाद यह आंदोलन अमेरिका में ही नहीं पूरे विश्व में फैल गया।आंदोलन के दबाव में अमेरिका की सरकार ने मजदूरों की मांगों के आगे झुकना पड़ा और काम के घंटे जो पहले कोई निश्चित नहीं थे कानूनी रूप से 8 घंटे करने पड़े ।इस दिन को पूरे विश्व में मजदूर दिवस के रूप में मनाने का मजदूर संगठनों ने आह्वान किया ।भारत में 1 मई 1923 को मद्रास के मजदूर किसान नेता सिंगारावेलु चेतियार ने पहली बार भारत में मजदूर दिवस मनाया और इस दिन हाई कोर्ट मद्रास के सामने बहुत बड़ी संख्या में मजदूरों ने प्रदर्शन किया और इस दिन सार्वजनिक छुट्टी बनाने का ऐलान किया ।आज अधिकार मजदूरों को अपने संघर्ष की बदौलत मिले थे, मोदी सरकार धीरे धीरे उनको खत्म कर रही है । कोरोना महामारी की आड़ में मोदी सरकार ने श्रम कानूनों में बदलाव करके मजदूरों के अधिकारों पर बहुत बड़ा हमला बोला है ।सरकार श्रम कानूनों को बदलकर पूंजीपतियों के हक में लागू कर रही है। करोना की आड़ में काम के घंटे 8 की बजाए 12 घंटे कानूनी रूप से कर दिए हैं । काम के घंटे बढ़ने से जहां एक तरफ बेरोजगारी बढ़ेगी, वहीं दूसरी तरफ मजदूरों का शोषण भी बढ़ेगा । सरकार मजदूरों के हकों पर लगातार हमले कर रही है ।सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं की पोल कोरोना महामारी के दौरान खुल गई है, और सरकार जो बड़े-बड़े वादे कर सत्ता में आई थी वह सिर्फ चुनावी जुमले थे और जनता को बरगलाने के लिए सिर्फ वोट लेने का एक षड्यंत्र मात्र थे ।आज सरकार सिर्फ और सिर्फ अंबानी अडानी के लिए काम कर रही है पीछे साल हुए एक सर्वे में 2020 में लॉकडाउन के समय भी अंबानी की हर घंटे की जो आमदनी थी उसे कमाने के लिए एक मजदूर को 10000 साल तक काम करना पड़ेगा । तो इस सिर्फ एक आंकड़े से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि देश में जो 1991 में उदारवाद की नीतियां लागू की गई थी जिसमें सपने दिखाए थे कि सब को रोजगार मिलेगा और जो आर्थिक असमानता है वह कम होगी । लेकिन आज 30 साल बाद आर्थिक असमानता कम होने की बजाय कई गुना तेजी से बढ़ रही है और बेरोजगारी का आंकड़ा भी आसमान छू रहा है । मोदी सरकार की नीतियों से मेहनतकश जनता को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन मोदी सरकार सिर्फ अपने चहेतों में और चुनावी रैलियों में व्यस्त दिखाई दे रही है ।और उसे जनता का दुख दर्द बिल्कुल नहीं दिख रहा । सरकार का रवैया जन आंदोलोनो के प्रति बिल्कुल असंवेदनशील है ,और हर आंदोलन को सरकार तानाशाही तरीके से दबाना चाहती हैं ।तो ऐसे में मेहनतकश आबादी को अपने इतिहास को याद करने की जरूरत है, जो अधिकार संघर्ष की बदौलत मिले थे उनको दोबारा से लागू करवाने के लिए लिए देशव्यापी आंदोलन खड़ा करने की जरूरत है । क्रांतिकारी युवा संगठन और मजदूर एकता केंद्र मांग करता है कि
1.सभी क्षेत्रों में काम करने वाले मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी से कम मजदूरी ने दी जाए ।
2. सभी मजदूरों को यूनियन बनाने का अधिकार दिया जाए।
3. अनाज मंडियों में मजदूरों के लिए सार्वजनिक कैंटीन और विश्राम गृह प्रबंध किया जाए ।
4. काम की जगहों पर मजदूरों के लिए साफ पीने का पानी और शौचालय प्रबंध किया जाए।
5. सभी मजदूरों को काम के दौरान किसी भी दुर्घटना होने पर प्राथमिक उपचार की जिम्मेवारी मालिक की हो ।
6.समान काम समान वेतन नियम को सख्ती से लागू किया जाए ।
7. महिला कामगारों को काम की जगह पर शिशु ग्रह की सुविधा दी जाए।
8. कठिन क्षेत्रों में काम करने वाले मजदूरों को सभी सुरक्षा उपकरण मुहैया कराये जाए ।
#मजदूर_एकता_केंद्र
िवस #क्रांतिकारी

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