Johar Gondwana

Johar Gondwana जय जोहार माओर।
जय बूढ़ा देव।

18/07/2024

विभिन्न गोंडों की गोत्रावली आप की जानकारी हेतु

*ध्रुव वंश गोत्रावली*
तीन देव:- सोरी, मरकाम, खुसरो
चार देव :- नेताम, टेकाम, करियाम, सिंदराम.
पांच देव :- पडोती, पद्राम, पुराम, किले, नहका, नमृर्ता
छ: देव:- कतलाम, उइका, ओटी, कोर्राम, तुमरेकी, कोड़प्पा, कोमर्रा, कोहकटा, पट्टा, अरकरा, दराजी, सलाम, पुसाम, पावले, घावड़े, ततराम, जीर्रा, मातरा,गावडे़, कुमेटी,
सात देव :- कुंजाम, सेवता, मरई (मंडावी), खुरश्याम, ताराम, पंद्रो, श्याम
*मुख्य देवगढ़*
तीन देव:- “धमधागढ़”
चार देव:- “लांजीगढ़”
पांच देव:- “बैरागढ़”
छ:देव:- “चांदागढ़”
सात देव:- “मंडलागढ़”

टीप:- यह गोत्र व्यवस्था दुर्ग, रायपुर, राजनांदगांव के प्लेन क्षेत्र में प्रचलित है..!!

*माठिया गोंड*
यह बिलासपुर, रतनपुर एवं सरगुजा वनक्षेत्र में प्रचलित है:-

तीन देव:- धमधागढ़, शांडिल्य गोत्र बाघ बाना
मरकाम, नेटी, खुसरो, सोरी, सिरसो, पोया
चार देव:- रायसिंघोरागढ़, गोत्रगुरूप,बाना फुलेशर
टेकाम, नेताम, आयम, केराम, करियाम, शिवराम, मर्सकोला, तिलगाम, सिंगराम, घुरायम, धुरवा, लेडाम, पुसाम, ओची, परपची, उडवाची, झिकराम, झुकरा
*पांच देव:-* हीराग, कांशी, गोत्र कटककेसर बाना
ओटी, पोटी, सवाम, चिरको, डफाली
पांच देव:- बैरागढ़, शेया गोत्र, परथ बाना
परते, कमरो, कोरचो, ओलको, चेचाम
*छ:देव:-* देवगढ़, पुहुप गोत्र, नाग बाना
उइका, उर्रे, अरमो, ओरकेरा, कोर्राम, मरापो, ओड़े, ओडाली, पावले, नगतध्रुर्वा, पोटा, नीरा
*सात देव:-* गढ़ मंडला, आंडिल्य गोत्र, नाग बाना
मरावी, मसराम, श्याम, सरूता, मलगाम, मर्सकोला, करपे, पंद्रो, घेराम, सोरटिया, आरमोर, कंगाली, भलावी, मलावी, बदिहा, कोलिहा

*पहरिया गोंड*
*इसमें देव व्यवस्था नही होती सिर्फ पक्ष विपक्ष होता है..*

*प्रथम पक्ष_*
गावड़े, नेताम, टेकाम, कोर्राम, कोमर्रा, कुमेटी, मरकाम, करलाम, पोया, पद्दा, पदोटी, तुमरेकी, उइका, सलाम, कमरो, उसेंडी, हिडको, सोरी, पुडो, नुटी, तटा, वट्टी, तोपा, मतलामी, मर्रापी, परचापी, होडोपी, होडोषी, हिरामी, हिचामी, हर्रो, कोवाची, केराम, कोरचा, कमरो, कुमेटी, करियाम,
*द्वितीय पक्ष–* मरई, कुंजाम, श्याम, ध्रुर्वा, कोरोटी, दर्रो, कौड़ो, खुरश्याम, सेवता, गोटी, पोया, पदागोटा, नुरोटी, नेरोटी, वरवेटी, नरेटी, कल्लो, आ्चला, दुग्गा, तुलाई, तारम, करंगा, बोगा, पोटई, हुर्रा, कोला
इसमें सिर्फ दो घराना होते हैं .या कह सकते हैं सम व विषम या लिंगो दर्शन के अनुसार पितृ पक्ष एवं मातृपक्ष ,सम पितृ पक्ष २,४,६,८,१०,१२ देव तथा विषम मातृ पक्ष १,३,५,७,९, देव
बोरदा, शक्ति क्षेत्र की वंशावली.

*गोंड सात वंश के हैं*
*१,सुर्यवंशी (देवगढ़ चांदा )* गोत्र पारेश्वर ६ भाई जगत, १.धुरवा,२.पोखर ३.पोटा ४. भोय ५. गड़तिया ६. धोवा बनवास मांझी
*२. सोमवंशी. पोर्रे ( बैरागढ़ )* गोत्र अत्रि
५ भाई पोर्रे ( पोर्ते )१.नेताम,२.कामेरा ३. मांझी ४.राय ५. भुलेटर
*३.गंगवंशी नेताम (लांजीगढ़)* गोत्र_कश्यप,४ भाई
नेताम, टेकाम, मरपाची, केवाची
*४. गाग्रमवंशी मरकाम (धमधागढ़)* शांडिल्य ५ भाई
१.टेढ़ी मरकाम,२. डुडी मरकाम ३. सहाड़ मरकाम ४.सेत मरकाम ५.साल मरकाम
*५.जदुवंशी नेट (सम्हरगढ़ )* गोत्र अन्डील ३ भाई नेटी
६.कदमवंशी ओटी(आलंका भुवन मठ )गोत्र पुलस्त ६ भाई ओटी १.डोंगर गछा २.डाही डोरा ३.भद्रा ४.बिसोरिहा ५. बहीगा ६. सील
*७.नागवंशी मरई(मरावी )गढ़ मंडला* ,गोत्र पुहुप ७ भाई १.गुटाम २. कुंजाम ३. पुसाम ४. पुरकाम ५. साय ( साही) ६. राय ७. कांदरो

नोट :- *राज गोंड वंशावली अलग है जो ध्रुव वंश और अमात्य गोंड़ के साथ मेल खाता है..!!*

जय बूढ़ा देव
05/04/2024

जय बूढ़ा देव

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