14/06/2024
सफाई कर्मचारियों से भेदभाव बर्दाश्त नही : सीटू
नारायणगढ़14जून। सेंटर आफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू) नेता कामरेड सतीश सेठी व बाबूराम ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार ग्रामीण व शहरी सफाई कर्मियों से सौतेला व्यवहार कर रही है। सरकार का कार्यकाल दस साल होने जा रहा है। इस दौरान जंहा एक भी कच्चे कर्मचारी को रेगुलर नही किया गया वंही सफाई कर्मचारियों को छोड़कर ग्रुप डी की सभी केटेगरी की रेगुलर भर्ती की गई है। ऊपर से पूर्व मुख्यमंत्री खट्टर की ठेका प्रथा खत्म करने की घोषणा के बाद भी सफाई के काम मे शोषण व भृष्टाचार की जननी ठेकेदारी प्रथा धड़ल्ले से चली हुई है। सेठी ने कहा कि नारायणगढ़ ब्लाक में 105 कर्मचारी गांवों में तथा 30 कर्मी शहर में सफाई के काम मे सालों से लगे हुए है। इसी तरह 38 कर्मी घरों से कूड़ा उठाने का काम कर रहे है। चोकाने वाली बात यह है कि ग्रामीण क्षेत्र में जंहा एक भी सफाई कर्मचारी रेगुलर नही है वंही नगरपालिका में केवल तीन सफाई कर्मचारियो को छोड़कर शेष सभी 68 कर्मचारी कच्चे हैं। वेतन के मामले में भी इनमें भेदभाव हो रहा है। शहरी क्षेत्र में जंहा रेगुलर सफाई कर्मचारी को लगभग 30 हजार रु महीना वेतन मिलता है वंही पे-रोल के कच्चे कर्मचारी को 16900 रु मिलते है। ठेकेदारी प्रथा के तहत घरों से कूड़ा उठाने वाले कर्मचारियो की तो सबसे बुरी हालत है। इन्हें केवल 10500 रु महीना वेतन मिलता है। जबकि ग्रामीण सफाई कर्मियों को सरकार 15 हज़ार रु महीना दे रही है। सीटू नेताओ ने कहा कि प्रदेश सरकार न्यूनतम वेतन 26 हज़ार लागू करना तो दूर समान काम समान वेतन के फैसले को लागू न करके माननीय सुप्रीमकोर्ट के आदेशों की सरेआम धज्जियां उड़ा रही है।
ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन (सीटू) के नेता निर्मल सिंह, बीर सिंह व नरेंद्र ने कहा कि ग्रामीण सफाई कर्मचारियों ने रेगुलराइजेशन व अन्य मांगों को लेकर 52 दिन हड़ताल की थी। इसके बाद सरकार ने जो समझौता किया था उसे लागू नही किया। इस वायदाखिलाफी पर राज्य भर के ग्रामीण सफाई कर्मचारी 23 जून को पानीपत में पंचायत मंत्री के निवास पर प्रदर्शन करेंगे। इसकी तैयारियों को लेकर बीडीपीओ आफिस में मीटिंग की गई है। हर कर्मचारी से सम्पर्क किया जा रहा है।
इसी प्रकार नगरपालिका कर्मचारी संघ के नेता मंगा साहिब व धर्मवीर ने कहा कि सरकार ने शहरी सफाई कर्मियों की मांगों पर भी यूनियन के साथ 5 अप्रेल 2023 को किए समझौता को अभी तक लागू नही किया है। इसलिए पालिका सफाई कर्मी भी 23 जून को थानेसर (कुरुक्षेत्र) में शहरी निकाय मंत्री के आवास पर प्रदर्शन करेंगे। इसका विधिवत नोटिस पालिका सेकेट्री को दिया है।
शहरी क्षेत्र में घरों व बाजार से कूड़ा उठाने वाले कर्मचारियो के नेता दर्शन लाल व आदर्श ने कहा कि उनके साथ तो डबल इंजन के साथ ही ट्रिपल इंजन वाली सरकार अमानवीय व्यवहार कर रही है। क्योकि नगरपालिका में चेयरपर्सन, वाईस चेयरपर्सन समेत अधिकतर पार्षद भाजपा से ही जुड़े है। आठ महीने बीत जाने के बावजूद चेयरपर्सन महोदया के आदेश पर 70 दिन किए गए काम के बदले कर्मचारियो को वेतन नही मिला है। इसी प्रकार वेतन, ईएसआई कार्ड, वर्दी व सेफ्टी किट इत्यादि की सरकार ने कर्मचारियो को जो गारंटी दी थी ठेकेदार ने उसे रद्दी की टोकरी में फेंक दिया है। इस पर सेकेट्री नगरपालिका तक कुछ नही कर पा रहे है। यही नही यूनियन बनाने व संगठन की गतिविधियों में कर्मचारियो के भाग लेने तक पर ठेकेदार ने रोक लगा रखी है। सफाई कर्मियों के साथ गुलामो जैसा व्यवहार हो रहा है। इसलिए विरोध स्वरूप 20 जून को लंच टाईम में कूड़ा उठाने वाले कर्मचारी भी प्रदर्शन करेंगे जिसका नोटिस प्रिंसिपल इम्पलॉयर कम सेकेट्री को दे दिया है।
कामरेड सेठी ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री एक और सफाई कर्मचारियों के पैर धोते है, उन्हें अपने शपथ ग्रहण समारोह में बुला कर वाहवाही लूटते है। परंतु दूसरी और सफाई कर्मियों की असल जिंदगी की तस्वीर यह है कि उनके साथ प्रदेश व शहर की सरकार बेइंसाफी कर रही है। ऊपर से नीचे तक कंही कोई सुनवाई नही है। इन हालात में सफाई कर्मचारियों के पास सँघर्ष के इलावा कोई रास्ता नही बचता। इसलिए सीटू मांग करता है कि फ़ौरन समस्याओं का समाधान किया जाए वरना आंदोलन तेज किया जाएगा।
सतीश सेठी
सीटू जिला सचिव