22/02/2024
मुजफ्फरनगर। माघ शुक्ल पक्ष त्रयोदशी पर सिखेड़ा क्षेत्र के गांव बेहड़ा अस्सा एवं दाहखेड़ी गांव में नवनिर्मित भगवान विश्वकर्मा मंदिर का उद्घाटन भागवत पीठ शुकदेव आश्रम, शुकतीर्थ के पीठाधीश्वर स्वामी ओमानन्द महाराज एवं केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. संजीव बालियान ने किया।
विश्वकर्मा एकता समिति द्वारा बेहड़ा आस्सा गांव में आयोजित समारोह में पधारे पीठाधीश्वर
स्वामी ओमानन्द ने कहा कि भगवान विश्वकर्मा भारत ही नहीं विश्व की शिल्प संस्कृति की जीवन धारा के शाश्वत प्रतीक हैं , जो सभी धर्मों के लिये पूजनीय है। वे निर्माण कला, आग्नेय
शस्त्रों एवं सूर्य विज्ञान के देवता हैं, शिल्प विज्ञान और शिल्प कला के अवतार हैं। वे संपूर्ण देवत्व से परिपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि भगवान विश्वकर्मा देवलोक के शिल्पी हैं, जिन्होंने सप्तपुरियों की रचना की, जो मोक्षदायिनी है। वेदों के अनुसार विश्वकर्मा ब्रह्मा के पुत्र हैं। भगवान विश्वकर्मा सभी धर्म जाति संप्रदायों और इंजीनियरो के आराध्य हैं ।
स्वामी ने कहा कि जीवन में दो चीज महत्वपूर्ण है, एक कर्म दूसरी भक्ति। यदि मनुष्य केवल कर्म ही करता रह गया तो उसका जीवन अधूरा व निरर्थक माना जाता है। जीवन को सार्थक बनाने के लिए कर्म के साथ भक्ति अति जरूरी है । भक्ति से अंतःकरण पवित्र और मन निर्मल होता है । हरिद्वार से आये योगी मोनीनाथ महाराज ने सनातन संस्कृति में भगवान विश्वकर्मा की महत्ता बताई।
केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. संजीव बालियान ने कहा कि शिल्प कला के प्रवर्त्तक भगवान विश्वकर्मा सृष्टि के रचयिता है। उधोग, इंजीयरिंग, निर्माण के प्रेरक है। समाज और राष्ट्र निर्माण में विश्वकर्मा समाज की अहम भूमिका है। कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ वीरपाल निर्वाल, भाजपा जिलाध्यक्ष सुधीर सैनी, विहिप नेता राधेश्याम विश्वकर्मा, पिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व सदस्य जगदीश पांचाल, सरदार बलविंद्र सिंह, अमित राठी, तेलूराम धीमान, विजेंद्र पांचाल आदि ने विचार रखे। समिति अध्यक्ष नाथीराम धीमान, महेश चंद धीमान, महामंत्री विजेंद्र धीमान, वेदपाल धीमान,धीरेंद्र धीमान, नरेश विश्वकर्मा, मुकेश गालिबपुर, राजेंद्र धीमान आदि मौजूद रहे। संचालन शिव कुमार धीमान ने किया।
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प्रतिभाएं सम्मानित, विद्वानों का किया सत्कार
सिखेड़ा। विश्वकर्मा एकता समिति की ओर से प्रतीक चिन्ह देकर वैदिक विद्वान भूले राम आर्य, राजेन्द्र धीमान, पूर्व प्रधान सत्यपाल धीमान, मंगल सिंह धीमान, आंनद प्रकाश धीमान, तिलक राम धीमान, प्रह्लाद धीमान, घसीटा सिंह, ओम प्रकाश , राज कुमार, योगेश, पूर्व प्रधानाचार्य वेदपाल सिंह को सम्मानित किया गया। भजनों और गीतों के माध्यम से विश्वकर्मा महिमा का गुणगान किया।