Raj chauhan Bjp

Raj chauhan Bjp एक चाहत होती हैं दोस्तों के साथ जीने की जनाब,
वरना पता तो हमें भी है कि मरना अकेले ही है ....!!

*सुविचार - "किसी व्यक्ति की वेषभूषा, आकृति और उसके बोलने का ढंग ही प्रथम संपर्क में सामने आता है। खान-पान की आदतें रहन-स...
27/12/2024

*सुविचार - "किसी व्यक्ति की वेषभूषा, आकृति और उसके बोलने का ढंग ही प्रथम संपर्क में सामने आता है। खान-पान की आदतें रहन-सहन, प्रकृति, स्वभाव और आचार-विचार तो बाद में मालूम पड़ते हैं, मनुष्य के व्यक्तित्व का पहला परिचय व्यवहार से ही मिलता है । कोई उससे संपर्क करता है तो उसकी वाणी से वे सभी बातें व्यक्त हो जाती हैं जो उसके स्वभाव में दुर्गुणों के रूप में शामिल है।"*

*सुविचार - "आलस्य और प्रमाद जहां रहेगा वहां दरिद्रता का ही आधिपत्य रहेगा श्रम के प्रति सच्ची आस्था रखने वाले, उत्साह लगन...
27/12/2024

*सुविचार - "आलस्य और प्रमाद जहां रहेगा वहां दरिद्रता का ही आधिपत्य रहेगा श्रम के प्रति सच्ची आस्था रखने वाले, उत्साह लगन और दिलचस्पी के साथ अपने कामों को करने वाले लोग जो भी काम करते हैं उसमें उन्हें सफलता मिलती है। श्रम से जी चुराने वालों द्वारा आधे मन और उदासीनता के साथ बेगार भुगतने की तरह किए जाने वाले काम सदा अधूरे ही रहते हैं और उनमें असफलता की ही संभावना बनी रहती है। अमीर हो या गरीब जो श्रम से जी चुरावेगा, आलस में समय गंवावेगा, उसे प्रगति की दौड़ में पिछड़ जाना पड़ेगा।"*

*🕉️🙏"शुभप्रभात"🙏🕉️* 🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷    *सुविचार - "देश की अर्थव्यवस्था को नष्ट करने में सामाजिक कुरीतियां बहुत बड़ा कारण हैं। ज...
26/12/2024

*🕉️🙏"शुभप्रभात"🙏🕉️*
🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷
*सुविचार - "देश की अर्थव्यवस्था को नष्ट करने में सामाजिक कुरीतियां बहुत बड़ा कारण हैं। जो कमाया जाता है उसका लगभग आधा भाग विवाह-शादी, अलन-चलन, रस्म-रिवाज, मृतकभोज आदि में बर्बाद हो जाता है। उनकी पूर्ति के लिए कितनों को कर्ज लेना पड़ता है और उसका ब्याज चुकाते-चुकाते हैरान हो जाते हैं। शिक्षा, चिकित्सा जैसी आवश्यकताओं में कटौती करके जहां कुरीतियों का पेट भरना पड़े वहां गरीबी और बेईमानी का बढ़ना-पनपना स्वाभाविक है। इन मूर्खतापूर्ण अंधविश्वासों और रुढ़ियों को नियंत्रित किया ही जाना चाहिए। भले ही वह कठोर कानून द्वारा हो अथवा सामाजिक आंदोलन की प्रखरता द्वारा। हर हालत में खर्चीली कुरीतियों से पिंड छुड़ाया ही जाना चाहिए।"*

*सुविचार - "मनुष्य को परमात्मा ने बड़ी शक्ति, असीम साधन और अतुलित पौरुष प्रदान किया है। इन्हीं के सहारे वह अपनी प्रगति क...
26/12/2024

*सुविचार - "मनुष्य को परमात्मा ने बड़ी शक्ति, असीम साधन और अतुलित पौरुष प्रदान किया है। इन्हीं के सहारे वह अपनी प्रगति कर सकता है। ऋणी होना न तो विकास की दृष्टि से उचित है और न आध्यात्मिक दृष्टि से ही। इससे तो छुटकारा पाना ही ठीक है। कोई अकस्मात दुर्घटना, जीवन संकट जैसे अवसर उपस्थित हों और अपने साधन उस स्थिति का मुकाबला करने में असमर्थ हो रहे हों तो कर्ज लेना दूसरी बात है, पर आलस में दिन काटते हुए शरीर मौज के लिए तो कदापि कर्ज नहीं लिया जाना चाहिए और न ऐसे लोगों को कर्ज देना चाहिए।"*

*सुविचार - "मनुष्य को अपने महानता में सदैव विश्वास रखना चाहिए। उसमें ऐसी अद्भुत शक्तियाँ हैं जिसका पता उसे स्वंय नहीं है...
25/12/2024

*सुविचार - "मनुष्य को अपने महानता में सदैव विश्वास रखना चाहिए। उसमें ऐसी अद्भुत शक्तियाँ हैं जिसका पता उसे स्वंय नहीं है। नेपोलियन बोनापार्ट जैसा वीर व्यक्ति भी प्रारंभ में एक गरीब परिवार से था और उसकी बहुत शिक्षा भी नहीं हुई थी। उसकी विशेषता यह थी कि वह सामान्य होते हुए भी आत्मविश्वास से भरा हुआ था। इसलिए उसने अपने मन में यह पक्का विश्वास कर लिया था कि संसार में कोई भी कार्य उसके लिए असंभव नहीं है। उसके संकल्प बल, दृढ़ इच्छाशक्ति और दृढ़ विश्वास के कारण उसे कोई पराजित नहीं कर पाया।"*

*🕉️🙏"शुभप्रभात"🙏🕉️*🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷 *"तुलसी पूजन दिवस पर सभी परिजनों को हार्दिक शुभकामनाएं।"*💐💐💐💐💐💐💐💐💐      *सुविचार - "आज विश्...
25/12/2024

*🕉️🙏"शुभप्रभात"🙏🕉️*
🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷
*"तुलसी पूजन दिवस पर सभी परिजनों को हार्दिक शुभकामनाएं।"*
💐💐💐💐💐💐💐💐💐
*सुविचार - "आज विश्व का लौकिक विकास अभूतपूर्व गति से हुआ है, जो कि सत्य भी है। चिकित्सा, विज्ञान, तकनीकी, अभियांत्रिकी इन सभी क्षेत्रों में जो विकास हुआ है, वो किसी को भी अचंभित कर सकता है, पर समृद्धि के इन आवरणों के पीछे का जीवन, किसी दृष्टि से समृद्ध नहीं कहा जा सकता। मानसिक सुख-शांति गँवाकर बैठा मनुष्य, विपन्न परिस्थितियों से घिरा हुआ मनुष्य इसे देखकर भविष्य अंधकारमय नजर आता है, सुखद नहीं। ऐसा क्यों है और इसे कैसे दूर किया जा सकता है ?"*

*🕉️🙏"शुभप्रभात"🙏🕉️* 🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷    *सुविचार - "वर्तमान समय में दुर्भाग्य यह है कि हमारी सारी दौड़, बाहर कुछ पाने के लिए है ...
25/12/2024

*🕉️🙏"शुभप्रभात"🙏🕉️*
🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷
*सुविचार - "वर्तमान समय में दुर्भाग्य यह है कि हमारी सारी दौड़, बाहर कुछ पाने के लिए है - जबकि जिसे पाना है, वो बाहर नहीं, बल्कि हमारे अस्तित्व के केंद्र में है। कस्तूरी का हिरण, सुगंध की तलाश में भटकता फिरता है, जबकि सुगंध, उसी के भीतर से आ रही होती है। मृगतृष्णा में भटकने की अपेक्षा यदि हम अपने दृष्टिकोण को सुधार लें तो जीवन में शांति के समस्त आयाम खुल जाते हैं व स्वतः ही उपलब्ध भी हो जाते हैं।"*

*🕉️🙏"शुभप्रभात"🙏🕉️* 🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷    *सुविचार - "वर्तमान समय में दुर्भाग्य यह है कि हमारी सारी दौड़, बाहर कुछ पाने के लिए है...
24/12/2024

*🕉️🙏"शुभप्रभात"🙏🕉️*
🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷
*सुविचार - "वर्तमान समय में दुर्भाग्य यह है कि हमारी सारी दौड़, बाहर कुछ पाने के लिए है - जबकि जिसे पाना है, वो बाहर नहीं, बल्कि हमारे अस्तित्व के केंद्र में है। कस्तूरी का हिरण, सुगंध की तलाश में भटकता फिरता है, जबकि सुगंध, उसी के भीतर से आ रही होती है। मृगतृष्णा में भटकने की अपेक्षा यदि हम अपने दृष्टिकोण को सुधार लें तो जीवन में शांति के समस्त आयाम खुल जाते हैं व स्वतः ही उपलब्ध भी हो जाते हैं।"*

*सुविचार - "विचारों का विकास एवं उनकी निर्विकारता दो बातों पर निर्भर है-सत्संग एवं स्वाध्याय। विचार बड़े ही संक्रामक, सं...
24/12/2024

*सुविचार - "विचारों का विकास एवं उनकी निर्विकारता दो बातों पर निर्भर है-सत्संग एवं स्वाध्याय। विचार बड़े ही संक्रामक, संवेदनशील तथा प्रभावग्राही होते हैं। जिस प्रकार के व्यक्तियों के संसर्ग में रहा जाता है मनुष्य के विचार भी उसी प्रकार के बन जाते हैं। व्यवसायी व्यक्तियों के बीच रहने, उठने-बैठने,उनका सत्संग करने से ही विचार व्यवसायिक, दुष्ट तथा दुराचारियों की संगत करने से कुटिल और कलुषित बन जाते हैं। उसी प्रकार चरित्रवान तथा सदात्माओं का सत्संग करने से मनुष्य के विचार महान एवं सदाशयतापूर्ण बनते हैं।"*

*🕉️🙏"शुभप्रभात"🙏🕉️*🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷        *सुविचार - "शरीर का भारी, लंबा-तगड़ा होना एक बात है और हिम्मत का धनी होना सर्वथा दूसर...
23/12/2024

*🕉️🙏"शुभप्रभात"🙏🕉️*
🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷
*सुविचार - "शरीर का भारी, लंबा-तगड़ा होना एक बात है और हिम्मत का धनी होना सर्वथा दूसरी। तगड़ापन कुछ अच्छा और आश्चर्यजनक तो लगता है, पर उनमें इच्छाशक्ति, संकल्पशक्ति, हिम्मत और प्राण ऊर्जा की कमी हो तो उसे कायरता और भीरुता के कारण चिंतित, शंकाशील, खिन्न-उद्धिग्न ही देखा जाएगा। तनिक-सी कठिनाई आ जाने पर राई को पर्वत की तरह बड़ा बना लेने और किसी प्रकार बचने-बचाने की ही कामना बनी रहेगी। वह यह समझ ही नहीं सकता कि कठिनाइयां कागज से बने हाथी की तरह बड़ी और डरावनी तो होती हैं, पर मनस्वी के प्रतिरोध की एक ठोकर भी वे सही नहीं सकतीं।"*

*सुविचार - "सफलता पानी है तो उसके लिए प्रबल संकल्प शक्ति तथा सतत् अध्यवसाय एक आवश्यक शर्त है। स्वतः हम हर कार्य में सफल ...
23/12/2024

*सुविचार - "सफलता पानी है तो उसके लिए प्रबल संकल्प शक्ति तथा सतत् अध्यवसाय एक आवश्यक शर्त है। स्वतः हम हर कार्य में सफल होते चले जाएँगे, कोई दैवी अनुकम्पा किसी के आशीर्वाद से, कुछ तन्त्र-मन्त्र-कर्मकाण्डादि से हम पर बरसती चली जाएगी, यह आशा करना तो शेखचिल्ली का सपना भर है। सफलता के मणिमुक्तक यूँ ही धूल में बिखरे हुए नहीं पड़े हैं। उन्हें पाने के लिए गहरे में उतरने की हिम्मत इकट्टी करनी होगी, कठोर परिश्रम करने व करते रहने की शपथ लेनी होगी। इसी के फलस्वरूप लौकिक जीवन की समस्त सफलताओं-विभूतियों को पाया जा सकता है।"*

*सुविचार - "धर्मचर्चा तो कई लोग करते और सुनते रहते हैं, पर होता वह सब खोखला ही है। लोग पूजा-पाठ के कर्मकांडो, तीर्थ-पर्य...
22/12/2024

*सुविचार - "धर्मचर्चा तो कई लोग करते और सुनते रहते हैं, पर होता वह सब खोखला ही है। लोग पूजा-पाठ के कर्मकांडो, तीर्थ-पर्यटनों, भजन-प्रदर्शन की बिडंबनाओं से मन बहलाते और अपने को धर्मध्वजी मानते देखे गए हैं पर बात वस्तुत: वैसी है नहीं। कर्मकांडों का एकमात्र मंतव्य यह है कि चिंतन और व्यवहार में अधिकाधिक शालीनता का समावेश करें। जिन्हें धर्म में वस्तुत: कुछ रुचि है, उन्हें देवोपम स्तर का जीवनयापन करते देखा जाना चाहिए। उनके अंतरंग और बहिरंग दोनों ही प्रमाणिकता एवं प्रखरता से भरे होने चाहिए।"*

*🕉️🙏"शुभप्रभात"🙏🕉️*     *सुविचार - "एक ही रक्त और कुल के क्यों न हों,अनेक लोगों का एक साथ रहना मात्र ही पारिवारिक जीवन न...
22/12/2024

*🕉️🙏"शुभप्रभात"🙏🕉️*
*सुविचार - "एक ही रक्त और कुल के क्यों न हों,अनेक लोगों का एक साथ रहना मात्र ही पारिवारिक जीवन नहीं है। परिवार का अर्थ है - एक दूसरे के सांसारिक सुख में सहायता के साथ आत्मोन्नति में यथासाध्य सहयोग करना। जहां लोग एक-दूसरे का अधिकार छीनना चाहते हों,एक दूसरे से ईर्ष्या व डाह करते हों, पीछे खींचने का प्रयत्न करते और अपने स्वार्थ पर ही दृष्टि रखते हों, वहां परिवार कहां ? वहां तो पाशविक समूह जैसी भावना ही समझना चाहिए।"*

शब्दो की खूबसूरती देखिए.. भला का उल्टा लाभ होता है और दया का उल्टा याद होता है। *"भला" करके देखो,* *हमेशा "लाभ" में रहोग...
22/12/2024

शब्दो की खूबसूरती देखिए..
भला का उल्टा लाभ होता है
और दया का उल्टा याद होता है।
*"भला" करके देखो,*
*हमेशा "लाभ" में रहोगे ,*
*"दया" करके देखो,*
*हमेशा "याद" रहोगे...!*
*सुप्रभात*

*सुविचार - "कर्तव्य धर्मों में तीन प्रमुख माने गए हैं - वैयक्तिक धर्म, समाज धर्म और राष्ट्र धर्म। 'वैयक्तिक धर्म'  व्यक्...
21/12/2024

*सुविचार - "कर्तव्य धर्मों में तीन प्रमुख माने गए हैं - वैयक्तिक धर्म, समाज धर्म और राष्ट्र धर्म। 'वैयक्तिक धर्म' व्यक्ति की सुख-सुविधा और विकास हेतु होता है। 'समाज धर्म' में व्यक्ति और समाज की प्रगति की बात सोची जाती है, जबकि 'राष्ट्र धर्म' में व्यक्ति, समाज और राष्ट्र तीनों की उन्नति निहित होती है । अतः सिर्फ एक राष्ट्र धर्म पालन से शेष दोनों धर्मों का निर्वाह स्वतः होता रहता है। इसलिए तीनों धर्मों में राष्ट्र धर्म को सर्वाधिक महत्वपूर्ण माना गया है। अस्तु, तन, मन, धन, श्रम, साधन, व्यवसाय, विचार और धर्म-अध्यात्म के प्रसार द्वारा राष्ट्र की सेवा करना, उसकी सुख - शान्ति और समृद्धि-प्रगति बढ़ाने का निष्ठापूर्वक प्रयास करना, यह राष्ट्र धर्म है। इसे आज का सबसे बड़ा धर्म कहा गया है। इस समय इसका परिपालन और भी आवश्यक है।"*

*🕉️🙏"शुभप्रभात"🙏🕉️*   *सुविचार - "वास्तव में कर्मों का फल मिलना अवश्यंभावी है। वो आज नहीं तो कल, मिलेगा ही। हाँ कभी-कभी ...
21/12/2024

*🕉️🙏"शुभप्रभात"🙏🕉️*
*सुविचार - "वास्तव में कर्मों का फल मिलना अवश्यंभावी है। वो आज नहीं तो कल, मिलेगा ही। हाँ कभी-कभी हमें ऐसा लगता है कि हमने तो हमेशा अच्छे कर्म किए हैं, पर फिर भी हम दुःख या कष्ट में क्यों पड़े हैं ? स्थूलदृष्टि से ऐसा दिखता भी है, पर वास्तविकता तो यह है कि हमारे कष्ट या दुःख का कारण हमारे द्वारा किए गए अच्छे कर्म तो अवश्य ही नहीं हो सकते। हाँ! हमने कभी-न-कभी वर्तमान जीवन में या अतीत में, पूर्व जीवन में ऐसे कोई कर्म अवश्य किए हैं जो अब अवसर पाकर दुःख रुप में हमारे जीवन में प्रकट हो रहे हैं। इसके साथ ही जो वर्तमान में अच्छे कर्म हम कर रहे हैं, वे भी एक दिन परिपक्व होकर, प्रारब्ध बनकर किसी सुखद फल के रूप में हमारे जीवन में किसी समय अवश्य प्रकट होंगे।"*

*सुविचार - "असंतुष्ट जीवन जीने का कोई आनंद नहीं। जो कुछ हमें मिला है उस पर संतोष, गर्व और उल्लास करते हुए यदि आज आनंद नह...
21/12/2024

*सुविचार - "असंतुष्ट जीवन जीने का कोई आनंद नहीं। जो कुछ हमें मिला है उस पर संतोष, गर्व और उल्लास करते हुए यदि आज आनंद नहीं मना सकते हैं तो कल यदि आज से अधिक मिल जाए तो सुखी बन सकेंगे इसका क्या भरोसा ? तृष्णा तो हर सफलता के बाद आग में घी डालने की तरह बढ़ती जाती है।"*

*सुविचार - "इस संसार में वे ही व्यक्ति अपने कार्य में सफल होते हैं, जो अपनी परिस्थितियों को अनुकूल बना लेते हैं और यदि व...
21/12/2024

*सुविचार - "इस संसार में वे ही व्यक्ति अपने कार्य में सफल होते हैं, जो अपनी परिस्थितियों को अनुकूल बना लेते हैं और यदि वे बना नहीं सकते तो अपने अनुकूल परिस्थितियों को स्वयं पैदा कर लेते हैं। यही जीवन जीने की कला है।"*

Address

Mundra Bandar

Telephone

+919033005588

Website

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when Raj chauhan Bjp posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Contact The Business

Send a message to Raj chauhan Bjp:

Videos

Share