Siraj Razvi

Siraj Razvi Maslak e alahazrat zinda baad

Taziya Shareef ka sahi masla samajhne ke liye Is video ko zaroor se dekhiye Aur jo log Moharram Shareef Aate hi Taziya H...
18/07/2023

Taziya Shareef ka sahi masla samajhne ke liye Is video ko zaroor se dekhiye Aur jo log Moharram Shareef Aate hi Taziya Haraam Haraam ka gun gaate hai unko bhi ye bhejiye JazakAllahu khair

Tajiyadari Jayez Hai | Fatawa e Razvia | Ala Hazrat | Muharram 2023 | Tajiya Rakhna | Hasni NetworkAssalam o AlaikumI Am Shahe Alam Maqsudi And Welcom To Our...

*Haq Se Bad Hoke Zamaane Ka Bhala Banta Hai**Arey Mai Khoob Samajhta Hoon Mo'amma Tera**Taaziya Shareef Ke Khilaaf Zaher...
16/07/2023

*Haq Se Bad Hoke Zamaane Ka Bhala Banta Hai*
*Arey Mai Khoob Samajhta Hoon Mo'amma Tera*

*Taaziya Shareef Ke Khilaaf Zaher Ugalne Waale Mullaaon Ke Munh Par Zordaar Tamaancha*

TaaziyaDaari Ke Baare Me Jab Huzoor M***i e Aazam e Hind Radi Allaahu Anhu Se Poochha Gaya,
Huzoor M***i e Aazam e Hind Radi Allaahu Ta'ala Anhu Ne Wahaabiyat Ko BeNaqaab Karte Huwe Farmaaya:

*"Taaziyadaari K Khilaaf Wahaabiyo Ka Maqsad Dhhol Baaje Band Karwaana Nahi, Balki Buzurgaan e Deen Ki Yaado Ko Mitaana Hai, Jab Qaum Buzurgaan e Deen, Mehboobaan e Khuda Ko Bhula Degi To Wahaabiyo Ke Liye BadAqeedgi Phailaane Ka Raasta Saaf Ho Jaayega"*

(Fataawa Mustafviya Shareef)

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06/07/2023

بسم الله الرحمن رحيم

*وَلَا تَهِنُوا وَلَا تَحْزَنُوا وَأَنتُمُ الْأَعْلَوْنَ إِن كُنتُم مُّؤْمِنِينَ*

*اور نہ سستی کرو اور نہ غم کھاؤ تم ھی غالب آؤگے اگر ایمان رکھتے ھو،*

*_And do not be negligent nor grieve – it is you who will be victorious if you are believers.

और ना सुस्ती करो और ना गम खाओ तुम ही ग़ालिब आओगे अगर ईमान रखते हो।

Aur na susti karo aur na ghum khao tum hi Ghalib Aaoge Agar imaan Rakhte ho.

Surah Aal e Imran (3) Aayat 139
Tarjuma *Kanzul imaan*

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29/06/2023

Tamam Ahle Sunnat Ko Eid Ul Adha Mubarak

Qurbani e masail Hindi me padhiye Aur Apna Qurbani aaya hone se bachaiye Aur share bhi kijiye
24/06/2023

Qurbani e masail Hindi me padhiye Aur Apna Qurbani aaya hone se bachaiye
Aur share bhi kijiye

21/06/2023

55-Surah Ar Rahman Pahla Ruku hindi Tafseer
55 सूरए रहमान

55|1|بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيمِ الرَّحْمَٰنُ
55|2|عَلَّمَ الْقُرْآنَ
55|3|خَلَقَ الْإِنسَانَ
55|4|عَلَّمَهُ الْبَيَانَ
55|5|الشَّمْسُ وَالْقَمَرُ بِحُسْبَانٍ
55|6|وَالنَّجْمُ وَالشَّجَرُ يَسْجُدَانِ
55|7|وَالسَّمَاءَ رَفَعَهَا وَوَضَعَ الْمِيزَانَ
55|8|أَلَّا تَطْغَوْا فِي الْمِيزَانِ
55|9|وَأَقِيمُوا الْوَزْنَ بِالْقِسْطِ وَلَا تُخْسِرُوا الْمِيزَانَ
55|10|وَالْأَرْضَ وَضَعَهَا لِلْأَنَامِ
55|11|فِيهَا فَاكِهَةٌ وَالنَّخْلُ ذَاتُ الْأَكْمَامِ
55|12|وَالْحَبُّ ذُو الْعَصْفِ وَالرَّيْحَانُ
55|13|فَبِأَيِّ آلَاءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
55|14|خَلَقَ الْإِنسَانَ مِن صَلْصَالٍ كَالْفَخَّارِ
55|15|وَخَلَقَ الْجَانَّ مِن مَّارِجٍ مِّن نَّارٍ
55|16|فَبِأَيِّ آلَاءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
55|17|رَبُّ الْمَشْرِقَيْنِ وَرَبُّ الْمَغْرِبَيْنِ
55|18|فَبِأَيِّ آلَاءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
55|19|مَرَجَ الْبَحْرَيْنِ يَلْتَقِيَانِ
55|20|بَيْنَهُمَا بَرْزَخٌ لَّا يَبْغِيَانِ
55|21|فَبِأَيِّ آلَاءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
55|22|يَخْرُجُ مِنْهُمَا اللُّؤْلُؤُ وَالْمَرْجَانُ
55|23|فَبِأَيِّ آلَاءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
55|24|وَلَهُ الْجَوَارِ الْمُنشَآتُ فِي الْبَحْرِ كَالْأَعْلَامِ
55|25|فَبِأَيِّ آلَاءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ
सूरए रहमान मदीने में उतरी, इसमें 78 आयतें, तीन रूकू हैं.
-पहला रूकू

अल्लाह के नाम से शुरू जो बहुत मेहरबान रहमत वाला(1)
(1) सूरए रहमान मक्की है इसमें तीन रूकूअ, छिहत्तर या अठहत्तर आयतें, तीन सौ इक्यानवे कलिमे और एक हज़ार छ सौ छत्तीस अक्षर हैं.

रहमान ने {1} अपने मेहबूब को क़ुरआन सिखाया(2){2}
(2) जब आयत “उस्जुदू लिर्रहमाने” यानी रहमान को सजदा करो (सूरए अलफ़ुरक़ान, आयत 60) उतरी, मक्के के काफ़िरों ने कहा, रहमान क्या है हम नहीं जानते, इसपर अल्लाह तआला ने अर्रहमान उतारी कि रहमान जिसका तुम इन्कार करते हो वही है जिसने क़ुरआन नाज़िल किया और एक क़ौल है कि मक्के वालों ने जब कहा कि मुहम्मद को कोई बशर सिखाता है तो यह आयत उतरी और अल्लाह तआला ने फ़रमाया कि रहमान ने क़ुरआन अपने हबीब सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम को सिखाया. (ख़ाज़िन)

इन्सानियत की जान मुहम्मद को पैदा किया {3} माकाना व मायकून (जो हुआ और जो होने वाला है) का बयान उन्हें सिखाया(3){4}
(3) इन्सान से इस आयत में सैयदे आलम सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम मुराद हैं. और बयान से मकाना वमा यकून का बयान क्योंकि नबीये करीम सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम अगलों पिछलों की ख़बरें देते थे. (ख़ाज़िन)

सूरज और चांद हिसाब से हैं (4){5}
(4) कि निर्धारित तक़दीर के साथ अपने बुर्जों और मंज़िलों में यात्रा करते हैं और उसमें सृष्टि के लिये फ़ायदे हैं. औक़ात के हिसाब से बरसों और महीनों की गिनती उन्हीं पर है.

और सब्ज़े़ और पेड़ सज्दे करते हैं(5){6}
(5) अल्लाह के हुक्म के आधीन हैं.

और आसमानों को अल्लाह ने बलन्द किया(6)
(6) और अपने फ़रिश्तों का ठिकाना और अपने अहकाम का केन्द्र बनाया.

और तराज़ू रखी(7){7}
(7) जिससे चीज़ों का वज़न किया जाए और उनकी मात्राएं मालूम हों ताकि लैन दैन में न्याय हो सके.

कि तराज़ू में बेएतिदाली न करो(8){8}
(8) ताकि किसी का अधिकार न मारा जाए.

और इन्साफ़ के साथ तौल क़ायम करो और वज़न न घटाओ {9} और ज़मीन रखी मख़लूक़ के लिये (9){10}
(9) जो उसमें रहती बस्ती है ताकि उसमें आराम करें और फ़ायदे उठाएं.

उसमें मेवे और ग़लाफ़ वाली खजूरें (10){11}
(10) जिनमें बहुत बरकत है.

और भूस के साथ अनाज(11)
(11) गेहूँ जौ वग़ैरह के समान.

और ख़ुश्बू के फूल{12} तो ऐ जिन्न व इन्स (मानव), तुम दोनों अपने रब की कौन सी नेअमत झुटलाओगे(12){13}
(12) इस सूरत में यह आयत 31 बार आई है. बारबार नेअमतों का ज़िक्र फ़रमाकर यह इरशाद फ़रमाया गया है कि अपने रब की कौन सी नेअमत को झुटलाओगे. यह हिदायत और सीख का बेहतरीन अन्दाज़ है ताकि सुनने वाले की अन्तरात्मा को तम्बीह हो और उसे अपने जुर्म और नाशुक्री का हाल मालूम हो जाए कि उसने कितनी नेअमतों को झुटलाया है और उसे शर्म आए और वह शुक्र अदा करने और फ़रमाँबरदारी की तरफ़ माइल हो और यह समझ ले कि अल्लाह तआला की अनगिन्त नेअमतें उस पर हें. हदीस शरीफ़ में है सैयदे आलम सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम ने फ़रमाया कि यह सूरत मैंने जिन्नात को सुनाई, वो तुमसे अच्छा जवाब देते थे. जब मैं आयत “तो तुम दोनो अपने रब की कौन सी नेअमत को झुटलाओगे” पढता, वो कहते ऐ रब हमारे हम तेरी किसी नेअमत को नहीं झुटलाते, तुझे हम्द है. (तिर्मिज़ी)

आदमी को बनाया बजती मिट्टी से जैसे ठीकरी(13){14}
(13) यानी सूखी मिट्टी से जो बजाने से बजे और कोई चीज़ खनखनाती आवाज़ दे. फिर उस मिट्टी को तर किया कि वह गारे की तरह हो गई फिर उसको गलाया कि वह काली कीच तरह हो गई.

और जिन्न को पैदा फ़रमाया आग के लूके (लपट) से(14){15}
(14) यानी ख़ालिस बग़ैर धुएं वाले शोले से.

तो तुम दोनों अपने रब की कौन सी नेअमत झुटलाओगे {16} दोनों पूरब का रब और दोनो पश्चिम का रब(15) {17}
(15) दोनो पूरब और दोनो पच्छिम से मुराद सूरज के उदय होने के दोनों स्थान हैं गर्मी के भी और जाड़े के भी. इसी तरह अस्त होने के भी दोनों स्थान हैं.

तो तुम दोनों अपने रब की कौन सी नेअमत झुटलाओगे{18} उसने दो समन्दर बहाए(16)
(16) मीठा और खारी.

कि देखने में मालूम हो मिले हुए(17){19}
(17) न उनके बीच ज़ाहिर में कोई दीवार न कोई रोक.

और हैं उनमें रोक(18)
(18) अल्लाह तआला की क़ुदरत से.

कि एक दूसरे पर बढ़ नहीं सकता (19){20}
(19) हर एक अपनी सीमा पर रहता है और किसी का स्वाद नहीं बदलता.

तो अपने रब की कौन सी नेअमत झुटलाओगे {21} उनमें से मोती और मूंगा निकलता है{22} तो अपने रब की कौन सी नेअमत झुटलाओगे {23} और उसी की हैं वो चलने वालियाँ कि दरिया में उठी हुई हैं जैसे पहाड़ (20){24} तो अपने रब की कौन सी नेअमत झुटलाओगे{25}
(20) जिन चीज़ों से वो किश्तियाँ बनाई गईं वो भी अल्लाह तआला ने पैदा कीं और उनको तर्कीब देने और किश्ती बनाने और सन्नाई करने की अक़ल भी अल्लाह तआला ने पैदा की और दरियाओं में उन किश्तियों का चलना और तैरना यह सब अल्लाह तआला की क़ुदरत से है.

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21/06/2023

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Islam Deen Ahle Sunnat Hanfi Alahzrat Sunni Barailvi muslim Quran Hadees Islamic books Maslak e Alahazrat M***i e Azam Siraj Razvi Hashmati Shariyat

https://youtu.be/IpjuLZRpvRgWatch..
20/06/2023

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is video me Hazrat Ibrahim Alaihissalaam ka Waqya hai aur Hazrat ismail alaihissalaam ka Waqyaaur Hazrat Hazra RadiAllahuAnha ka Waqyasafa Aur Marwa ka bayaa...

17/06/2023

fatiha ka subut

https://youtube.com/YouTube Channel ko subscribe kijiye Olma e Ahle Sunnat ka bayan upload hona shuru ho gaya hai
12/06/2023

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The AhleSunnah

https://youtu.be/1-KgWMugGrkYouTube pe j kar video dekhiye Aur Channel Subscribe kijiye
11/06/2023

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Is video me Khatme nubuwat ke talluk se pure detail me Syed shah Turabul Haq Alaihirrahma ne bayan farmaya hai Aur Munkire khatme nubuwat ka bartrin jawab di...

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29/06/2022

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Apne bachcho ke naam achche rakhoApne Bachcho Kee Achche Nam RakhoMadani Aaqa Sallalaho Alayhi Wasallam ne irshad farmay...
02/03/2022

Apne bachcho ke naam achche rakho

Apne Bachcho Kee Achche Nam Rakho
Madani Aaqa Sallalaho Alayhi Wasallam ne irshad farmaya
Allah ta'ala ne mujhse farmaya
Mujhe apne izzat wa Jalaal ki kasam jiska nam tumhare nam par hoga use dojakh ka azab na dunga.
(Ahkame Shariat Jild 1,Safa 81)

Madani Aaqa Sallalaho Alayhi Wasallam ne irshad farmaya
Jiske 3 Bete paida ho aur wo unme se kisika nam Mohommad na rakhe to jarur Jahil he
(Tibrani sharif,Ahkame shariat,Jild 1,Safa 83)

Madani Aaqa Sallalaho Alayhi Wasallam ne irshad farmaya
Beshaq ! Tum roze Qayamat apne namo aur apne Bapo ke Namo se pukare jaoge to apne nam ache rakha karo.
(imam Ahmed,Abu Dawood,Jild 3,Bab 485,Hadees 1513,Safa 550)

Madani Aaqa Sallalaho Alayhi Wasallam ki Aadate kareema thi ki aap bure nam badal diya karte the.
(Tirmizi sharif Jild 2,Bab 335,Hadees 746,Safa 301,Abu Dawood,Jild 3,Bab 486,Hadees 1517,Safa 551)

Hazrat Abdullah ibne umar radiallaho anho se riwayat he ki Madani Aaqa Sallalaho Alayhi Wasallam ne irshad farmaya
Allah ta'ala ko tamam namo me se Abdullah aur Abdurrahman subse jyada pasand hai
(Abu Dawood,Jild 3,Bab 485,Hadees 1513,Safa 550)

02/03/2022
02/03/2022
Aur koi gaib kya tumse niha ho bhala jab na khuda hi chhupa tumpe croro'n duroodSallallahu Alaihi wasallam
02/03/2022

Aur koi gaib kya tumse niha ho bhala jab na khuda hi chhupa tumpe croro'n durood

Sallallahu Alaihi wasallam

http://sirajrazvi.blogspot.com/2021/11/blog-post.html
04/11/2021

http://sirajrazvi.blogspot.com/2021/11/blog-post.html

दीवाली पर मुबारक बाद दीवाली कब से शुरू हुआ किसी हिन्दू त्योहार पर मुबारक बाद गैर मुस्लिम के त्यौहार मनाना कैसा दीव...

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