Andaz-e-Kashish

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16/11/2024

लिख रही हूं रोज
पर शब्द फिर भी मौन है
आपस में टकराते ,
पूछते तू कौन है..
अंजान है हम अपनी उत्पत्ति से
लगते नही क्यो तुम
जाने पहचाने से...

तुम आओ एक बार लौट कर
मेरे शब्दो को भाव दे दो
समझ पाए हर कोई इन्हे
ऐसा एक एहसास दे दो...

कुछ रूठे से नजारे दे दो
मौसम फिर वही पुराने दे दो
हो वही अपनापन
फिर वही एहसास हो
मुझको फिर वही जमाने दे दो...

साथ तुम्हारा पाकर
ये मेरे शब्द महक जाएंगे
बेजान से जो दिखते है
इनको तुम प्राण दे दो
बन जाओ मीत मेरे
शब्दो को मेरे सम्मान दे दो..

03/11/2024
Truth..👌
03/11/2024

Truth..👌

22/10/2024

इंतजार हैं तेरा, मगर तू आना मत...
प्यार हो भी अगर तो अब मुझे बताना मत...
मुझे तो सिर्फ तेरे ख्वाबों से मोहब्बत हैं ;
हकीकत को मेरे तू नज़र लगाना मत...😒

Right 👇
30/06/2024

Right 👇

30/06/2024

इस भ्रम में ना रहना कि सब रिश्ते खास होते हैं "

आधे से ज्यादा रिश्ते #आस्तीन_के_सांप होते हैं "...💔

17/06/2024

अपनों की साजिशों से परेशान जिंदगी,

गैरो से पूछती है, तरीका निजात का..💔

16/06/2024

“जहर ऐसे घुला जिंदगी में,जैसे कुछ हुआ ही नहीं;

मर यहां आत्मा गई, शरीर को तो कुछ हुआ ही नहीं ”..💔

अपनी मृत्यु और अपनों की मृत्यु डरावनी लगती है!बाकी तो मौत को enjoy ही करता है इंसान ...मौत के स्वाद का चटखारे लेता मनुष्...
18/04/2024

अपनी मृत्यु और अपनों की मृत्यु डरावनी लगती है!
बाकी तो मौत को enjoy ही करता है इंसान ...

मौत के स्वाद का
चटखारे लेता मनुष्य ...

थोड़ा कड़वा लिखा है पर मन का लिखा है,
मौत से प्यार नहीं, मौत तो हमारा स्वाद है,

बकरे का,
गाय का,
भेंस का,
ऊँट का,
सुअर,
हिरण का,
तीतर का,
मुर्गे का,
हलाल का,
बिना हलाल का,
ताजा बकरे का,
भुना हुआ,
छोटी मछली,
बड़ी मछली,
हल्की आंच पर सिका हुआ।
न जाने कितने बल्कि अनगिनत स्वाद हैं मौत के।
क्योंकि मौत किसी और की, और स्वाद हमारा....

स्वाद से कारोबार बन गई मौत।
मुर्गी पालन, मछली पालन, बकरी पालन, पोल्ट्री फार्म्स।
नाम "पालन" और मक़सद "हत्या"❗

स्लाटर हाउस तक खोल दिये। वो भी ऑफिशियल।

गली गली में खुले नान वेज रेस्टॉरेंट, मौत का कारोबार नहीं तो और क्या हैं ? मौत से प्यार और उसका कारोबार इसलिए क्योंकि मौत हमारी नही है।

जो हमारी तरह बोल नही सकते,
अभिव्यक्त नही कर सकते, अपनी सुरक्षा स्वयं करने में समर्थ नहीं हैं,
उनकी असहायता को हमने अपना बल कैसे मान लिया ?
कैसे मान लिया कि उनमें भावनाएं नहीं होतीं ?
या उनकी आहें नहीं निकलतीं ?

डाइनिंग टेबल पर हड्डियां नोचते बाप बच्चों को सीख देते है, बेटा कभी किसी का दिल नही दुखाना !
किसी की आहें मत लेना !
किसी की आंख में तुम्हारी वजह से आंसू नहीं आना चाहिए !

बच्चों में झुठे संस्कार डालते बाप को, अपने हाथ मे वो हडडी दिखाई नही देती, जो इससे पहले एक शरीर थी, जिसके अंदर इससे पहले एक आत्मा थी, उसकी भी एक मां थी ...??
जिसे काटा गया होगा ?
जो कराहा होगा ?
जो तड़पा होगा ?
जिसकी आहें निकली होंगी ?
जिसने बद्दुआ भी दी होगी ?

कैसे मान लिया कि जब जब धरती पर अत्याचार बढ़ेंगे तो
भगवान सिर्फ तुम इंसानों की रक्षा के लिए अवतार लेंगे ..❓

क्या मूक जानवर उस परमपिता परमेश्वर की संतान नहीं हैं .❓
क्या उस ईश्वर को उनकी रक्षा की चिंता नहीं है ..❓
धर्म की आड़ में उस परमपिता के नाम पर अपने स्वाद के लिए कभी ईद पर बकरे काटते हो, कभी दुर्गा मां या भैरव बाबा के सामने बकरे की बली चढ़ाते हो।
कहीं तुम अपने स्वाद के लिए मछली का भोग लगाते हो।

कभी सोचा ...??
क्या ईश्वर का स्वाद होता है ? ....क्या है उनका भोजन ?

किसे ठग रहे हो ?
भगवान को ?

मंगलवार को नानवेज नही खाता ...!
आज शनिवार है इसलिए नहीं ...!

नवरात्रि में तो सवाल ही नही उठता ....!

झूठ पर झूठ...
झूठ पर झूठ
झूठ पर झूठ ..

हमारे बच्चों को अगर कोई ऐसे खाए तो हमें कैसा लगेगा ??

कर्म का फल मिल कर रहता है ये याद रखना ।

ईश्वर ने बुद्धि सिर्फ तुम्हे दी!
ताकि तमाम योनियों में भटकने के बाद मानव योनि में तुम जन्म मृत्यु के चक्र से निकलने का रास्ता ढूँढ सको!
लेकिन तुमने इस मानव योनि को पाते ही स्वयं को भगवान समझ लिया!

प्रकृति के साथ रहो।
प्रकृति के होकर रहो।

UniqueLifes

31/01/2024

कि..वो वक्त गुजर गया जब तेरी हसरत थी हमें,

अब तू खुदा भी बन जाये तो तेरा सजदा नहीं करेंगे..❤️‍🩹

👌🏽👌🏽Bahut hi sundar kavita 👌🏽👌🏽*कंद-मूल खाने वालों से*मांसाहारी डरते थे।।*पोरस जैसे शूर-वीर को*नमन 'सिकंदर' करते थे॥*चौद...
16/10/2023

👌🏽👌🏽Bahut hi sundar kavita 👌🏽👌🏽

*कंद-मूल खाने वालों से*
मांसाहारी डरते थे।।

*पोरस जैसे शूर-वीर को*
नमन 'सिकंदर' करते थे॥

*चौदह वर्षों तक खूंखारी*
वन में जिसका धाम था।।

*मन-मन्दिर में बसने वाला*
शाकाहारी *राम* था।।

*चाहते तो खा सकते थे वो*
मांस पशु के ढेरो में।।

लेकिन उनको प्यार मिला
' *शबरी' के जूठे बेरो में*॥

*चक्र सुदर्शन धारी थे*
*गोवर्धन पर भारी थे*॥

*मुरली से वश करने वाले*
*गिरधर' शाकाहारी थे*॥

*पर-सेवा, पर-प्रेम का परचम*
चोटी पर फहराया था।।

*निर्धन की कुटिया में जाकर*
जिसने मान बढाया था॥

*सपने जिसने देखे थे*
मानवता के विस्तार के।।

*नानक जैसे महा-संत थे*
वाचक शाकाहार के॥

*उठो जरा तुम पढ़ कर देखो*
गौरवमय इतिहास को।।

*आदम से आदी तक फैले*
इस नीले आकाश को॥

*दया की आँखे खोल देख लो*
पशु के करुण क्रंदन को।।

*इंसानों का जिस्म बना है*
शाकाहारी भोजन को॥

*अंग लाश के खा जाए*
क्या फ़िर भी वो इंसान है?

*पेट तुम्हारा मुर्दाघर है*
या कोई कब्रिस्तान है?

*आँखे कितना रोती हैं जब*
उंगली अपनी जलती है

*सोचो उस तड़पन की हद*
जब जिस्म पे आरी चलती है॥

*बेबसता तुम पशु की देखो*
बचने के आसार नही।।

*जीते जी तन काटा जाए*,
उस पीडा का पार नही॥

*खाने से पहले बिरयानी*,
चीख जीव की सुन लेते।।

*करुणा के वश होकर तुम भी*
गिरी गिरनार को चुन लेते॥

*शाकाहारी बनो*...!

ज्ञात हो इस कविता का जब TV पर प्रसारण हुआ था तब हज़ारो लोगो ने मांसाहार त्याग कर *शाकाहार* का आजीवन व्रत लिया था।

🙏🌷🍏🍊🍋🍉🍓🙏

*कृपया ये msg मानवता को* जीवित रखने के लिए सभी को भेजें।

★🙏जय माता दी🙏★

श्याम एक दिन हँसकर बोले, सुनो राधिका प्यारी, आज बताओ, मै सुन्दर या तुम अति सुन्दर नारी ?🙄असमंजस में पड़ी राधिका, कौन अधिक...
20/09/2023

श्याम एक दिन हँसकर बोले, सुनो राधिका प्यारी,
आज बताओ, मै सुन्दर या तुम अति सुन्दर नारी ?🙄

असमंजस में पड़ी राधिका, कौन अधिक रुचिकारी
दिन जैसी सफेद उजली मैं श्याम रात अंधियारी ...!!🖤

मैं गोरी माखन सी कोमल श्याम सुरतिया कारी,
पर कैसे कह दूँ मैं प्रियतम कारी सुरत तिहारी...!!💙

हंसकर बोली जगतसुन्दरी सुनो बात बनवारी,
मैं कच्चे फल सी सफेद तुम पकी जमुनिया प्यारी..!!💜

सुन राधा की चार बतियां मगन हुए त्रिपुरारी,
बोले सुन बृजभान दुलारी तुम अति सुंदर नारी...!!💛

तुम ही जगत सुंदरी माया तुम त्रिलोक में न्यारी,
जिस जिह्वा पर नाम तेरा वो मुझे है सबसे प्यारी...!!💚

🙏🙏बोलो ❤️राधे राधे ❤️ 🙏🙏

मेरे जैसे बन जाओगे, जब इश्क तुम्हें हो जायेगा,                दीवारों से सर टकराओगे, जब इश्क तुम्हें हो जायेगा,...!!💞हर ...
12/07/2023

मेरे जैसे बन जाओगे, जब इश्क तुम्हें हो जायेगा,
दीवारों से सर टकराओगे, जब इश्क तुम्हें हो जायेगा,...!!💞

हर बात गवारा कर लोगे, मन्नत भी उतारा कर लोगे,
ताबीज़ें भी बंधवाओगे, जब इश्क तुम्हें हो जायेगा,....!!💞

तन्हाई के झूले झूलेंगे, हर बात पुरानी भूलेंगे,
आईने से तुम घबराओगे, जब इश्क तुम्हें हो जायेगा,...!!💞

जब सूरज भी खो जायेगा और चाँद कहीं सो जायेगा,
तुम भी घर का पता भूल जाओगे, जब इश्क तुम्हें हो जायेगा,...!!💞

बेचैनी बढ़ जायेगी और याद किसी की आएगी,
तुम मेरी गज़लें गाओगे, जब इश्क तुम्हें हो जायेगा,...!!💞

💜💚💖💙💛❤💜❤

आसान नहीं होता...🙏
30/06/2023

आसान नहीं होता...🙏

27/06/2023

मर्द, तू यहां जा सकता हैं, तू वहां जा सकता हैं, तू रिश्तों के साथ साथ दोस्ती यारी निभा सकता हैं, मगर औरतों को कदम बाहर रखने पर, उन्हे अपने रिश्ते निभाने के लिए तुम्हारी परमिशन या रिक्वेस्ट करनी पड़े तो तुम्हारी ऐसी सोच और रवैए पर....आंक थू..😡

22/06/2023

#उफ़्फ़...
हम middle class भी ना कमाल होते हैं
जीती जागती मुसीबतों की ना दुकान होते है
कुछ ज्यादा है..तो बहुत ज्यादा की चाहत में ही
हमारे दिन रात होते है...

#उफ़्फ़
हम middle class भी ना....

जिम्मेदारियों में तो हमे कोई नहीं पा सकता
अपनो की परवाह भी,कोई हमसे ज्यादा नही कर सकता
मामा, बुआ, मौसा मौसी,सारी रिश्तेदारी निभाने का हुनर भी
हममे बेमिसाल होते है..

#उफ़्फ़
हम middle class भी ना...

क्या चाहिए...क्यों चाहिए...क्या नहीं है आखिर
बस इसी सोच में हर वक़्त जलते है...
समझते सब है, पर नासमझी की acting भी
हमारे कमाल होते हैं..
कभी अमीरो से जलन...
तो गरीबो के लिए दर्द का भी हममे अहसास होते है..

#उफ़्फ़
हम middle class भी ना...

परेशानियां तो हमारी लाइफ में ऐसे आती है
जैसे ताड़क मेहता के उल्टा चश्मा के
हम जेठालाल हो..
भिड़े जैसे बॉस
और नट्टू काका जैसे घर के माहौल हो
पर हमारी life में कहा, मेहता साहब जैसे सलाह होते है..

#उफ़्फ़
हम middle क्लास भी ना कमाल होते है
जीती जागती मुसीबतों की दुकान होते है..

🙏 #कशिश🙏

21/04/2023

न अनपढ़ रही, ना काबिल हुई;
खामखा ्क
तेरे स्कूल में दाखिल हुई..!!💔

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