Raam Ji Rajawat

Raam Ji Rajawat मेरे बाँके बिहारी जी सदा सहाय।।

28/01/2025
This is so true...
17/01/2025

This is so true...

29/10/2024

आयुष्य, स्वास्थ्य व ऐश्वर्य के पावन पर्व धनतेरस की आप सभी को हार्दिक बधाई एवं ढेरों शुभकामनाएं।

माँ लक्ष्मी जी और भगवान धन्वंतरि जी के आशीर्वाद से आपका जीवन सुख-समृद्धि, धन-धान्य एवं खुशहाली से परिपूर्ण हो, ऐसी मैं मंगलकामना करता हूँ।

बिनु सत्संग विवेक न होई। राम कृपा बिनु सुलभ न सोई॥सठ सुधरहिं सत्संगति पाई।पारस परस कुघात सुहाई॥भावार्थ:-सत्संग के बिना व...
03/08/2024

बिनु सत्संग विवेक न होई।
राम कृपा बिनु सुलभ न सोई॥
सठ सुधरहिं सत्संगति पाई।
पारस परस कुघात सुहाई॥

भावार्थ:-
सत्संग के बिना विवेक नहीं होता और राम जी की कृपा के बिना वह सत्संग नहीं मिलता, सत्संगति आनंद और कल्याण की जड़ है। दुष्ट भी सत्संगति पाकर सुधर जाते हैं जैसे पारस के स्पर्श से लोहा सुंदर सोना बन जाता है।

जय जय श्रीराम 🙏 🚩 🚩

आज 15 जून को कैंची धाम स्थापना दिवस पर आप सभी भक्तजनों को हार्दिक शुभकामनाएं व बहुत बहुत बधाई बधाई।श्री नीबकरोरी महाराज ...
15/06/2024

आज 15 जून को कैंची धाम स्थापना दिवस पर आप सभी भक्तजनों को हार्दिक शुभकामनाएं व बहुत बहुत बधाई बधाई।श्री नीबकरोरी महाराज जी सदैव आप सभी का कल्याण करें।

आज वार्षिक भंडारे में लाखों भक्त महाराज जी के कैंचीधाम में होने वाले भंडारे में प्रसाद ग्रहण करेंगे।

#कैंचीधाम #नीबकरोरी

श्री हनुमान जन्मोत्सव की सभी श्रद्धालुओं को हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं!अष्ट सिद्धि और नौ निधियों के दाता, प्रभु श्री राम ...
23/04/2024

श्री हनुमान जन्मोत्सव की सभी श्रद्धालुओं को हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं!

अष्ट सिद्धि और नौ निधियों के दाता, प्रभु श्री राम के अनन्य भक्त, श्री हनुमान जी की कृपा सभी पर बनी रहे। संपूर्ण सृष्टि में सुख-शांति व समृद्धि का वास हो, उनसे यही प्रार्थना है।

ॐ हनुमते नमः 🙏🚩
जय जय श्रीराम 🙏🚩

जे सकाम नर सुनहिं जे गावहिं।सुख संपति नाना बिधि पावहिं॥सुर दुर्लभ सुख करि जग माहीं।अंतकाल रघुपति पुर जाहीं॥भावार्थ:- जो ...
02/04/2024

जे सकाम नर सुनहिं जे गावहिं।
सुख संपति नाना बिधि पावहिं॥
सुर दुर्लभ सुख करि जग माहीं।
अंतकाल रघुपति पुर जाहीं॥

भावार्थ:-
जो मनुष्य श्री रामचरितमानस को सकाम भाव से सुनते और गाते हैं, उन्हें सांसारिक जीवन में अनेक प्रकार के सुख और संपत्ति प्राप्त होती है। वे देवताओं को भी दुर्लभ लगने वाले सुखों का अनुभव करते हैं और अंत में श्री रघुनाथजी के परमधाम को जाते हैं।

जय श्रीराम 🙏🚩

भायँ कुभायँ अनख आलस हूँ। नाम जपत मंगल दिसि दसहूँ॥सुमिरि सो नाम राम गुन गाथा। करउँ नाइ रघुनाथहि माथा॥भावार्थ:- अच्छे भाव ...
01/04/2024

भायँ कुभायँ अनख आलस हूँ। नाम जपत मंगल दिसि दसहूँ॥
सुमिरि सो नाम राम गुन गाथा। करउँ नाइ रघुनाथहि माथा॥

भावार्थ:-
अच्छे भाव (प्रेम) से, बुरे भाव (बैर) से, क्रोध से या आलस्य से, किसी तरह से भी नाम जपने से दसों दिशाओं में कल्याण होता है। उसी राम नाम का स्मरण करके और रघुनाथ को मस्तक नवाकर मैं राम के गुणों का वर्णन करता हूँ।

जय श्रीराम 🙏🚩

राम नाम नर केसरी, कनककसिपु कलिकाल। जापक जन प्रहलाद जिमि, पालिहि दलि सुरसाल॥ भावार्थ:- श्री राम नाम नृसिंह भगवान् है,कलयु...
31/03/2024

राम नाम नर केसरी, कनककसिपु कलिकाल।
जापक जन प्रहलाद जिमि, पालिहि दलि सुरसाल॥

भावार्थ:-
श्री राम नाम नृसिंह भगवान् है,कलयुग हिरण्यकशिपु है और श्री राम नाम का जप करने वाले भक्तजन प्रह्लाद जी के समान हैं जिनकी वह राम नाम रूपी नृसिंह भगवान् देवताओं को दुःख देने वाले हिरण्यकशिपु को (भक्ति के बाधक कलियुग को) मारकर रक्षा करेगा।

जय श्रीराम 🙏🚩

अखिल विश्व यह मम उपजाया,सब पर मोहिं बराबर दाया।तिन्ह महं जो परिहरि मद माया,भजहिं मोहिं मन वचन अरु‌ काया॥भावार्थ:-श्री रा...
30/03/2024

अखिल विश्व यह मम उपजाया,
सब पर मोहिं बराबर दाया।
तिन्ह महं जो परिहरि मद माया,
भजहिं मोहिं मन वचन अरु‌ काया॥

भावार्थ:-
श्री रामजी ने इस समस्त संसार को बनाया है और सभी पर उनकी कृपा रहती है। जो मनुष्य माया और अभिमान को त्याग कर वचन, मन और शरीर से उनका पूजन करते हैं वो भक्त और सेवक उन्हें उनके प्राणों से भी प्यारे होते हैं।

जय श्रीराम 🙏🚩

रामो विग्रहवान् धर्मस्साधुस्सत्यपराक्रमः।राजा सर्वस्य लोकस्य देवानां मघवानिव।।अर्थात:-रामजी धर्म के विग्रह स्वरूप हैं। व...
29/03/2024

रामो विग्रहवान् धर्मस्साधुस्सत्यपराक्रमः।
राजा सर्वस्य लोकस्य देवानां मघवानिव।।

अर्थात:-
रामजी धर्म के विग्रह स्वरूप हैं। वे साधू एवं पराक्रमी हैं। जैसे देवगणों के राजा इंद्र हैं। वैसे ही प्रभु #श्रीराम हम सब के राजाधिराज हैं!!

्रीराम 🙏🚩

कहु तात अस मोर प्रनामा । सब प्रकार प्रभु पूरनकामा ॥दीन दयाल बिरिदु संभारी। हरहु नाथ मम संकट भारी॥भावार्थ:- हे भगवान श्री...
28/03/2024

कहु तात अस मोर प्रनामा ।
सब प्रकार प्रभु पूरनकामा ॥
दीन दयाल बिरिदु संभारी।
हरहु नाथ मम संकट भारी॥

भावार्थ:-
हे भगवान श्री राम! आपको मेरा प्रणाम और मेरा आपसे ये निवेदन है कि - हे प्रभु! अगर आप सभी प्रकार से पूर्ण हैं अर्थात आपको किसी प्रकार की कामना नहीं है, तथापि दीन-दुखियों पर दया करना आपका प्रकृति है!!

अतः हे नाथ!आप मेरे भारी संकट को हर लीजिए।

जय रघुनंदन "जय श्री राम" ❣️

कूजन्तं रामरामेति मधुरं मधुराक्षरम्।आरुह्य कविताशाखां वन्दे वाल्मीकिकोकिलम् ॥भावार्थ:- मैं कवितामयी डालीपर बैठकर, मधुर अ...
27/03/2024

कूजन्तं रामरामेति मधुरं मधुराक्षरम्।
आरुह्य कविताशाखां वन्दे वाल्मीकिकोकिलम् ॥

भावार्थ:-
मैं कवितामयी डालीपर बैठकर, मधुर अक्षरोंवाले ‘राम-राम’ के मधुर नामको कूजते हुए वाल्मीकि रुपी कोयलकी वंदना करता हूं!!

जय रघुनंदन "जय श्री राम" ❣️

आपदामपहर्तारं दातारं सर्वसंपदाम्।लोकाभिरामं श्रीरामं भूयो भूयो नमाम्यहम् ॥भावार्थ:-मैं इस संसारके प्रिय एवं सुन्दर , उन ...
26/03/2024

आपदामपहर्तारं दातारं सर्वसंपदाम्।
लोकाभिरामं श्रीरामं भूयो भूयो नमाम्यहम् ॥

भावार्थ:-
मैं इस संसारके प्रिय एवं सुन्दर , उन भगवान् रामको बार-बार नमन करता हूं, जो सभी आपदाओंको दूर करनेवाले तथा सुख-सम्पति प्रदान करनेवाले हैं।

जय रघुनंदन "जय श्री राम" ❣️

श्रीरामचन्द्रचरणौ मनसा स्मरामि।श्रीरामचन्द्रचरणौ वचसा गृणामि।श्रीरामचन्द्रचरणौ शिरसा नमामि।श्रीरामचन्द्रचरणौ शरणं प्रपद्...
25/03/2024

श्रीरामचन्द्रचरणौ मनसा स्मरामि।
श्रीरामचन्द्रचरणौ वचसा गृणामि।
श्रीरामचन्द्रचरणौ शिरसा नमामि।
श्रीरामचन्द्रचरणौ शरणं प्रपद्ये ॥

भावार्थ:- मैं एकाग्र मनसे श्रीरामचंद्रजीके चरणोंका स्मरण और वाणीसे गुणगान करता हूं, वाणी द्धारा और पूरी श्रद्धाके साथ भगवान् रामचन्द्रके चरणोंको प्रणाम करता हुआ मैं उनके चरणोंकी शरण लेता हूँ।

जय रघुनंदन "जय श्री राम" ❣️

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