Raam Ji Rajawat

Raam Ji Rajawat मेरे बाँके बिहारी जी सदा सहाय।।
(1)

कभी-कभी जीवन में आगे बढ़ने के लिए उन चीजों और व्यक्तियों को भी त्यागना पड़ता है जो कभी तुम्हारी हृदय की गहराई में विलीन ...
03/12/2023

कभी-कभी जीवन में आगे बढ़ने के लिए उन चीजों और व्यक्तियों को भी त्यागना पड़ता है जो कभी तुम्हारी हृदय की गहराई में विलीन थे।

((( जय श्रीराम ❤️ शुभ प्रभात )))

पार ना लगोगे श्री राम के बिना,राम ना मिलेगे हनुमान के बिना.!! ्री_राम‌‌  ुमान 🙏🏻🚩
28/11/2023

पार ना लगोगे श्री राम के बिना,
राम ना मिलेगे हनुमान के बिना.!!

्री_राम‌‌ ुमान 🙏🏻🚩

"मासानां कार्तिक: श्रेष्ठो देवानां मधुसूदन। तीर्थं नारायणाख्यं हि त्रितयं दुर्लभं कलौ।।" समस्त देश व प्रदेशवासियों को गं...
27/11/2023

"मासानां कार्तिक: श्रेष्ठो देवानां मधुसूदन।
तीर्थं नारायणाख्यं हि त्रितयं दुर्लभं कलौ।।"

समस्त देश व प्रदेशवासियों को गंगा स्नान व दान-पुण्य के लौकिक एवं आस्था के पावन पर्व कार्तिक पूर्णिमा तथा देव दीपावली की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं।

माँ गंगा की पावन अनुकंपा से आप सभी के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास हो।

उजाला  तो उन्हीं के जीवन में होता है, जो बार बार  "हारने"  पर भी कुछ करके पाने की  "उम्मीद" नहीं छोडते हैं।🚩 शुभ प्रभात ...
26/11/2023

उजाला तो उन्हीं के जीवन में होता है, जो बार बार "हारने" पर भी कुछ करके पाने की "उम्मीद" नहीं छोडते हैं।

🚩 शुभ प्रभात जय श्रीराम 🚩

तब हनुमंत कही सब राम कथा निज नाम।सुनत जुगल तन पुलक मन मगन सुमिरि गुन ग्राम॥  जय श्री राम ।। जय श्री हनुमान।। ❣️
25/11/2023

तब हनुमंत कही सब राम कथा निज नाम।
सुनत जुगल तन पुलक मन मगन सुमिरि गुन ग्राम॥

जय श्री राम ।। जय श्री हनुमान।। ❣️

उत्तिष्ठो उत्तिष्ठ गोविंद, उत्तिष्ठो गरुणध्वज।उत्तिष्ठ कमलाकांत, जगताम मंगलम कुरु।।तुलसी विवाह एवं देवउठनी ग्यारस की आप ...
23/11/2023

उत्तिष्ठो उत्तिष्ठ गोविंद, उत्तिष्ठो गरुणध्वज।
उत्तिष्ठ कमलाकांत, जगताम मंगलम कुरु।।

तुलसी विवाह एवं देवउठनी ग्यारस की आप सभी को आत्मीय बधाई व शुभकामनाएं।

भगवान श्री हरि की कृपा से आप सभी के घर परिवार में सुख समृद्धि एवं आरोग्यता का वास सदैव बना रहे।

#देवउठनी_ग्यारस

चीन में 2000 साल पुर्व सम्राट अशोक द्वारास्थापित "सिंह स्तंभ" देश के कितने लोग इसके बारे में जानते हैं...? इतिहास को कां...
15/10/2023

चीन में 2000 साल पुर्व सम्राट अशोक द्वारा
स्थापित "सिंह स्तंभ" देश के कितने लोग इसके
बारे में जानते हैं...?

इतिहास को कांगियो ने किस हद तक छुपाया
गया है सोचो..🤔

किंघई, चीन में "अशोक सिंह स्तंभ" 🚩🙏💪

या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥शारदीय नवरात्र के पावन पर्व की हार्दिक शु...
15/10/2023

या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥

शारदीय नवरात्र के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं..

नवरात्रि के प्रथम दिन माँ शैलपुत्री की उपासना होती है। धन-धान्य, सौभाग्य एवं आरोग्य प्रदान करने वाली माँ शैलपुत्री का आशीर्वाद हम सब पर बना रहे।।

ॐ सृष्टि( वर्तमान कल्प) के आरंभ से लेकर आज तक के सनातन धर्म का वैदिक कैलेंडर (सनातन 4 वेदों की तारीख) 1 अरब 96 करोड़ 8 ल...
09/09/2023

ॐ सृष्टि( वर्तमान कल्प) के आरंभ से लेकर आज तक के सनातन धर्म का वैदिक कैलेंडर (सनातन 4 वेदों की तारीख) 1 अरब 96 करोड़ 8 लाख 53 हजार 123वां वर्ष सृष्टि का अभी चल रहा है (1,96,8,53,123वां साल)...

यहाँ ये विचारणीय बात है कि सृष्टि की ये आयु केवल इस कल्प की है ऐसे कोटि-कोटि कल्प बीत चुके हैं और भविष्य में आने वाले है

क्योंकि ये सृष्टि प्रवाह से अनादि और अनंत है और हर सृष्टि के प्रारंभ में ईश्वर मानव कल्याण के लिए अपना वेदों का ज्ञान प्रकट करता हैं..!!

"सनातन वैदिक धर्म की जय" ❤ ॐ

जय श्रीराम 🚩🙏💐❣️😊
#सनातन_धर्म_सर्वश्रेष्ठ_है
ातन

कहते हैं,जब यशोदा मैया और नंदबाबा ने श्रीकृष्ण से तीर्थयात्रा की इच्छा जताई तब श्रीकृष्ण ने आह्वान कर सभी तीर्थों को ब्र...
08/09/2023

कहते हैं,जब यशोदा मैया और नंदबाबा ने श्रीकृष्ण से तीर्थयात्रा की इच्छा जताई तब श्रीकृष्ण ने आह्वान कर सभी तीर्थों को ब्रज ही बुला लिया मैया यशोदा व
नंदबाबा ने तब ब्रज की वह 84 कोस यात्रा की और तभी से इस यात्रा की परम्परा शुरु हुई..!!

आइए देखें क्या है ये यात्रा और इसका महत्व

ब्रज चौरासी कोस की, परिक्रमा एक देत
लख चौरासी योनि के, संकट हरि हर लेत वृंदावन, मथुरा, गौकुल, नँदगांव, बरसाना, गोवर्धन सहित वें सभी जगह जहाँ श्री कृष्ण जी का बचपन बीता और आज भी जहाँ उनको महसूस किया जा सकता है जैसे कि सांकोर आदि में वह सब ब्रज 84 कोस यात्रा का हिस्सा है..

वेद-पुराणों में ब्रज की 84 कोस की परिक्रमा का बहुत महत्व है, ब्रज भूमि भगवान श्रीकृष्ण एवं उनकी शक्ति राधा रानी की लीला भूमि है। इस परिक्रमा के बारे में वारह पुराण में बताया गया है कि पृथ्वी पर 66 अरब तीर्थ हैं और वे सभी चातुर्मास में ब्रज में आकर निवास करते हैं

कृष्ण की लीलाओं से जुड़े हैं 1100 सरोवर ब्रज चौरासी कोस की परिक्रमा मथुरा के अलावा राजस्थान और हरियाणा के होडल जिले के गांवों से होकर गुजरती है करीब 268 किलोमीटर परिक्रमा मार्ग में परिक्रमार्थियों के विश्राम के लिए 25 पड़ावस्थल हैं

इस पूरी परिक्रमा में करीब 1300 के आसपास गांव पड़ते हैं। कृष्ण की लीलाओं से जुड़े 1100 सरोवर, 36 वन-उपवन, पहाड़-पर्वत पड़ते हैं। बालकृष्ण की लीलाओं के साक्षी उन स्थल और देवालयों के दर्शन भी परिक्रमार्थी करते हैं, जिनके दर्शन शायद पहले ही कभी किए हों
परिक्रमा के दौरान श्रद्धालुओं को यमुना नदी को भी पार करना होता है

ज़्यादातर यात्राएं चैत्र, बैसाख मास में ही होती है चतुर्मास या पुरुषोत्तम मास में नहीं। परिक्रमा यात्रा साल में एक बार चैत्र पूर्णिमा से बैसाख पूर्णिमा तक ही निकाली जाती है। कुछ लोग आश्विन माह में विजया दशमी के पश्चात शरद् काल में परिक्रमा आरम्भ करते हैं। शैव और वैष्णवों में परिक्रमा के अलग-अलग समय है

क्या है महत्व?
मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने मैया यशोदा और नंदबाबा के दर्शनों के लिए सभी तीर्थों को ब्रज में ही बुला लिया था। 84 कोस की परिक्रमा 84 लाख योनियों से छुटकारा पाने के लिए है। परिक्रमा लगाने से एक-एक कदम पर जन्म-जन्मांतर के पाप नष्ट हो जाते हैं। शास्त्रों में यह भी कहा गया है कि इस परिक्रमा को करने वालों को एक-एक कदम पर अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है

साथ ही जो व्यक्ति इस परिक्रमा को करता है, उस व्यक्ति को निश्चित ही मोक्ष की प्राप्ति होती है

गर्ग संहिता में कहा गया है कि यशोदा मैया और नंद बाबा ने भगवान श्री कृष्ण से 4 धाम की यात्रा की इच्छा जाहिर की तो भगवान श्रीकृष्ण ने कहा कि आप बुजुर्ग हो गए हैं, इसलिए मैं आप के लिए यहीं सभी तीर्थों और चारों धामों को आह्वान कर बुला देता हूं। उसी समय से केदरनाथ और बद्रीनाथ भी यहां मौजूद हो गए। 84 कोस के अंदर राजस्थान की सीमा पर मौजूद पहाड़ पर केदारनाथ का मंदिर है

इसके अलावा गुप्त काशी, यमुनोत्री और गंगोत्री के भी दर्शन यहां श्रद्धालुओं को होते हैं। तत्पश्चात यशोदा मैया व नन्दबाबा ने उनकी परिक्रमा की। तभी से ब्रज में चौरासी कोस की परिक्रमा की शुरुआत मानी जाती है।
यह यात्रा 7 दिनों में पूरी होती है, ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा में आने वाले स्थान इस प्रकार है

मथुरा से शुरू होती है। आगे चलकर;
1. मधुवन
2. तालवन
3. कुमुदवन
4. शांतनु कुण्ड
5. सतोहा
6. बहुलावन
7. राधा-कृष्ण कुण्ड
8. गोवर्धन
9. काम्यक वन
10. संच्दर सरोवर
11. जतीपुरा
12. डीग का लक्ष्मण मंदिर
13. साक्षी गोपाल मंदिर
14. जल महल
15. कमोद वन
16. चरन पहाड़ी कुण्ड
17. काम्यवन
18. बरसाना
19. नंदगांव
20. जावट
21. कोकिलावन
22. कोसी
23. शेरगढ
24. चीर घाट
25. नौहझील
26. श्री भद्रवन
27. भांडीरवन
28. बेलवन
29. राया वन
30. गोपाल कुण्ड
31. कबीर कुण्ड
32. भोयी कुण्ड
33. ग्राम पडरारी के वनखंडी में शिव मंदिर
34. दाऊजी
35. महावन
36. ब्रह्मांड घाट
37. चिंताहरण महादेव
38. गोकुल
39. लोहवन
40. वृन्दावन के मार्ग में आने वाले तमाम पौराणिक स्थल हैं।

्री_राधेकृष्णा
ji 🙏🙏

देवकीसुतं गोविन्दम् वासुदेव जगत्पते। देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत:।।संपूर्ण मानवता को कर्म का सिद्धांत देने वाले ज...
07/09/2023

देवकीसुतं गोविन्दम् वासुदेव जगत्पते।
देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत:।।

संपूर्ण मानवता को कर्म का सिद्धांत देने वाले जगतमित्र योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण के प्राकट्य उत्सव श्री कृष्ण जन्माष्टमी की सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं।

श्रीकृष्ण जी की कृपा सभी पर बनी रहे, जीवन में सुख-समृद्धि, संपन्नता की उत्तरोत्तर वृद्धि हो, यही प्रार्थना है।

श्री कृष्णम वंदे जगत गुरुम!!
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः!!

श्री महालक्ष्मी नमस्तुभ्यं नमस्तुभ्यं सुरेश्वरी। श्री हरी प्रिया नमस्तुभ्यं नमस्तुभ्यं दयानिधे।।जय माँ महालक्ष्मी 🙏🙏
28/07/2023

श्री महालक्ष्मी नमस्तुभ्यं नमस्तुभ्यं सुरेश्वरी।
श्री हरी प्रिया नमस्तुभ्यं नमस्तुभ्यं दयानिधे।।

जय माँ महालक्ष्मी 🙏🙏

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमःॐ विष्णवे नम: 🙏🏻                                      जय श्री हरि जय गोविंदा  #सनातन_धर्म_सर्वश...
27/07/2023

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः

ॐ विष्णवे नम: 🙏🏻

जय श्री हरि
जय गोविंदा

#सनातन_धर्म_सर्वश्रेष्ठ_है🚩

श्री गणेश नाम जिनका, मोदक जिन्हें सुहाय !विध्न बाधा दूर करें , बिगड़े काम बनाय !! ऊँ श्री गणेशाय नमः 🚩🙏🏻💐🌹🥀
26/07/2023

श्री गणेश नाम जिनका, मोदक जिन्हें सुहाय !
विध्न बाधा दूर करें , बिगड़े काम बनाय !!

ऊँ श्री गणेशाय नमः 🚩🙏🏻💐🌹🥀

मंगल मूरति राम दुलारे आन पड़ा अब तेरे द्वारें ! हे बजरंगबली हनुमान हे महावीर करों कल्याण !!  माता अंजनी तनय महाबली श्री ...
18/07/2023

मंगल मूरति राम दुलारे आन पड़ा अब तेरे द्वारें !
हे बजरंगबली हनुमान हे महावीर करों कल्याण !!

माता अंजनी तनय महाबली श्री हनुमान जी के श्री हनुमानगढ़ी अयोध्याधाम से दिव्य अलौकिक दर्शन!

"जय बजरंगबली" 🚩

भिक्षापात्र को भरा जा सकता हैपरन्तु ,इच्छापात्र को कभी भी भरा नहींजा सकता ..! ☀👁👁 ाँ_लक्ष्मी 🙏🚩 #शुभ__शुक्रवार 🌺
14/07/2023

भिक्षापात्र को भरा जा सकता है
परन्तु ,
इच्छापात्र को कभी भी भरा नहीं
जा सकता ..! ☀

👁👁

ाँ_लक्ष्मी 🙏🚩
#शुभ__शुक्रवार 🌺

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः जय श्री हरि 🚩
13/07/2023

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः

जय श्री हरि 🚩

शिव के १२ ज्योतिर्लिंग की महिमा...क्या आप जानते हैं भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंग देश के अलग-अलग भागों में स्थित हैं। स...
12/07/2023

शिव के १२ ज्योतिर्लिंग की महिमा...

क्या आप जानते हैं भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंग देश के अलग-अलग भागों में स्थित हैं।

सोमनाथ👉 सोमनाथ ज्योतिर्लिंग भारत का ही नहीं अपितु इस पृथ्वी का पहला ज्योतिर्लिंग माना जाता है। यह मंदिर गुजरात राज्य के सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थित है। शिवपुराण के अनुसार जब चंद्रमा को दक्ष प्रजापति ने क्षय रोग होने का श्राप दिया था, तब चंद्रमा ने इसी स्थान पर तप कर इस श्राप से मुक्ति पाई थी। ऐसा भी कहा जाता है कि इस शिवलिंग की स्थापना स्वयं चंद्रदेव ने की थी।

मल्लिकार्जुन👉 यह ज्योतिर्लिंग आन्ध्र प्रदेश में कृष्णा नदी के तट पर श्री शैल नाम के पर्वत पर स्थित है। कहते हैं कि इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने मात्र से ही व्यक्ति को उसके सभी पापों से मुक्ति मिलती है।

महाकालेश्वर👉 यह ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश की धार्मिक राजधानी कही जाने वाली उज्जैन नगरी में स्थित है। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की विशेषता है कि ये एकमात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है। यहां प्रतिदिन सुबह की जाने वाली भस्मारती विश्व भर में प्रसिद्ध है।

ओंकारेश्वर👉 ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध शहर इंदौर के समीप स्थित है। ऊं शब्द की उत्पति ब्रह्मा के मुख से हुई है। इसलिए किसी भी धार्मिक शास्त्र या वेदों का पाठ ऊं के साथ ही किया जाता है। यह ज्योतिर्लिंग औंकार अर्थात ऊं का आकार लिए हुए है, इस कारण इसे ओंकारेश्वर नाम से जाना जाता है।

केदारनाथ👉 केदारनाथ स्थित ज्योतिर्लिंग भी भगवान शिव के 12 प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में आता है। यह उत्तराखंड में स्थित है। केदारनाथ का वर्णन स्कन्द पुराण एवं शिव पुराण में भी मिलता है। यह तीर्थ भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। जिस प्रकार कैलाश का महत्व है उसी प्रकार का महत्व शिव जी ने केदार क्षेत्र को भी दिया है।

भीमाशंकर👉 भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के पूणे जिले में सह्याद्रि नामक पर्वत पर स्थित है। भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग को मोटेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर के विषय में मान्यता है कि जो भक्त श्रृद्धा से इस मंदिर के प्रतिदिन सुबह सूर्य निकलने के बाद दर्शन करता है, उसके सात जन्मों के पाप दूर हो जाते हैं तथा उसके लिए स्वर्ग के मार्ग खुल जाते हैं।

काशी विश्वनाथ👉 विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह उत्तर प्रदेश के काशी नामक स्थान पर स्थित है। काशी सभी धर्म स्थलों में सबसे अधिक महत्व रखती है। इस स्थान की मान्यता है, कि प्रलय आने पर भी यह स्थान बना रहेगा। इसकी रक्षा के लिए भगवान शिव इस स्थान को अपने त्रिशूल पर धारण कर लेंगे और प्रलय के टल जाने पर काशी को उसके स्थान पर पुन: रख देंगे।

त्र्यंबकेश्वर👉 यह ज्योतिर्लिंग गोदावरी नदी के करीब महाराष्ट्र राज्य के नासिक जिले में स्थित है। इस ज्योतिर्लिंग के सबसे अधिक निकट ब्रह्मा गिरि नाम का पर्वत है। इसी पर्वत से गोदावरी नदी शुरू होती है। भगवान शिव का एक नाम त्र्यंबकेश्वर भी है। कहा जाता है कि भगवान शिव को गौतम ऋषि और गोदावरी नदी के आग्रह पर यहां ज्योतिर्लिंग रूप में रहना पड़ा।

वैद्यनाथ👉 श्री वैद्यनाथ शिवलिंग का समस्त ज्योतिर्लिंगों की गणना में नौवां स्थान बताया गया है। भगवान श्री वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग का मन्दिर जिस स्थान पर अवस्थित है, उसे वैद्यनाथ धाम कहा जाता है। यह स्थान झारखण्ड प्रान्त, पूर्व में बिहार प्रान्त के संथाल परगना के दुमका नामक जनपद में पड़ता है।

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग👉 यह ज्योतिर्लिंग गुजरात के बाहरी क्षेत्र में द्वारिका स्थान में स्थित है। धर्म शास्त्रों में भगवान शिव नागों के देवता है और नागेश्वर का पूर्ण अर्थ नागों का ईश्वर है। इस ज्योतिर्लिंग की महिमा में कहा गया है कि जो व्यक्ति पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ यहां दर्शनों के लिए आता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।

रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग👉यह ज्योतिर्लिंग तमिलनाडु राज्य के रामनाथ पुरं नामक स्थान में स्थित है। भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक होने के साथ-साथ यह स्थान हिंदुओं के चार धामों में से एक भी है। भगवान राम के द्वारा स्थापित होने के कारण ही इस ज्योतिर्लिंग को भगवान राम का नाम रामेश्वरम दिया गया है।

धृष्णेश्वर मन्दिर👉 घृष्णेश्वर महादेव का प्रसिद्ध मंदिर महाराष्ट्र के संभाजीनगर के समीप दौलताबाद के पास स्थित है। इसे धृष्णेश्वर या घुश्मेश्वर के नाम से भी जाना जाता है। भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से यह अंतिम ज्योतिर्लिंग है। बौद्ध भिक्षुओं द्वारा निर्मित एलोरा की प्रसिद्ध गुफाएं इस मंदिर के समीप स्थित हैं। यहीं पर श्री एकनाथजी गुरु व श्री जनार्दन महाराज की समाधि भी है।

।। हर हर महादेव।।

शंकरनन्दन विघ्नविनाशक आदिदेव श्री गणेश गोविंदा❣️
12/07/2023

शंकरनन्दन विघ्नविनाशक आदिदेव श्री गणेश गोविंदा❣️

नमामीशमीशान निर्वाणरूपं।विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम् ॥निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं।चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम्॥भगवान...
10/07/2023

नमामीशमीशान निर्वाणरूपं।
विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम् ॥
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं।
चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम्॥

भगवान शिव की उपासना को समर्पित, पवित्र माह सावन के प्रथम सोमवार की हार्दिक शुभकामनाएं। बाबा भोलेनाथ की कृपा सभी पर बनी रहे तथा चहुंओर सुख-समृद्धि का सवेरा हो।

हे सूर्य देव, हे तेज पुंज,।हे ज्योतिर्मय, हे तिमिर हरण,।।हे कमल विकास, सर्वोच्चासन ।रोग ढिठ, दुख दूर करण,।।आदित्य दिवाकर...
09/07/2023

हे सूर्य देव, हे तेज पुंज,।
हे ज्योतिर्मय, हे तिमिर हरण,।।

हे कमल विकास, सर्वोच्चासन ।
रोग ढिठ, दुख दूर करण,।।

आदित्य दिवाकर अंशुमान रवि ।
आदी तुम्हारे सम्बोधन।।

हे सूर्यवंश के मुल नाथ ।
तव राम करे शत कोटी नमन।।

🌻🌞 ित्याय_नमः 🌞🌻

❣️⛈️।।शुभ रविवार।।🌷🌺

!!सब सुख लहै तुम्हारी सरना!!!!तुम रक्षक काहू को डरना!!
05/07/2023

!!सब सुख लहै तुम्हारी सरना!!
!!तुम रक्षक काहू को डरना!!

श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मन मुकुरु सुधारि।बरनऊँ रघुवर बिमल जसु, जो दायक फल चारि।। ्री__राम 🙏🚩 ्री_हनुमान 🙏🚩
04/07/2023

श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मन मुकुरु सुधारि।
बरनऊँ रघुवर बिमल जसु, जो दायक फल चारि।।

्री__राम 🙏🚩
्री_हनुमान 🙏🚩

गुरु पूर्णिमा की महत्वता......3 जुलाई 2023......गुरु पूर्णिमा भारत में आध्यात्मिक शिक्षकों, गुरुओं और गुरुओं के प्रति सम...
03/07/2023

गुरु पूर्णिमा की महत्वता......
3 जुलाई 2023......

गुरु पूर्णिमा भारत में आध्यात्मिक शिक्षकों, गुरुओं और गुरुओं के प्रति सम्मान और आभार व्यक्त करने के लिए मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है। "गुरु" शब्द का तात्पर्य एक आध्यात्मिक मार्गदर्शक या शिक्षक से है जो अपने शिष्यों को ज्ञान और बुद्धिमत्ता प्रदान करता है। "पूर्णिमा" पूर्णिमा के दिन को दर्शाती है, जो चंद्र कैलेंडर के अनुसार हिंदू महीने आषाढ़ (जून-जुलाई) में आती है। यह त्यौहार हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म और जैन धर्म सहित विभिन्न आध्यात्मिक परंपराओं में बहुत महत्व रखता है।

गुरु पूर्णिमा के उत्सव की जड़ें प्राचीन भारतीय संस्कृति में गहरी हैं और यह सदियों से मनाया जाता रहा है। यह त्यौहार अत्यधिक श्रद्धा रखता है क्योंकि यह अपने शिष्यों के जीवन को आकार देने और आध्यात्मिक ज्ञान फैलाने में गुरुओं द्वारा निभाई गई अमूल्य भूमिका को श्रद्धांजलि देता है।

भारत में गुरु पूर्णिमा क्यों मनाई जाती है इसके प्रमुख कारण यहां दिए गए हैं:

1. गुरुओं के प्रति श्रद्धा: यह त्योहार भक्तों को अपने गुरुओं के प्रति कृतज्ञता, श्रद्धा और सम्मान व्यक्त करने का अवसर प्रदान करता है। गुरुओं को मार्गदर्शक रोशनी के रूप में माना जाता है जो अपने शिष्यों को अंधकार से ज्ञान की ओर ले जाते हैं, अज्ञानता को दूर करते हैं और आध्यात्मिक दिशा प्रदान करते हैं। गुरु पूर्णिमा इन आध्यात्मिक गुरुओं के प्रयासों और शिक्षाओं का सम्मान करने और उन्हें स्वीकार करने की याद दिलाने का काम करती है।

2. ऋषि व्यास का स्मरण: गुरु पूर्णिमा प्राचीन ऋषि व्यास से जुड़ी है, जो हिंदू पौराणिक कथाओं में सबसे महान गुरुओं में से एक के रूप में प्रतिष्ठित हैं। ऋषि व्यास को महाकाव्य महाभारत, 18 पुराणों (प्राचीन भारतीय ग्रंथ) और ब्रह्म सूत्र का लेखक माना जाता है। उन्हें भगवान विष्णु का अवतार भी माना जाता है। गुरु पूर्णिमा पर, भक्त ऋषि व्यास को श्रद्धांजलि देते हैं और उनका आशीर्वाद लेते हैं।

3. ज्ञान का महत्व: यह त्योहार किसी के जीवन में ज्ञान और सीखने के महत्व पर प्रकाश डालता है। यह अपने शिष्यों को आध्यात्मिक और सांसारिक ज्ञान प्रदान करने में गुरुओं की भूमिका पर जोर देता है। गुरुओं को ज्ञान का भंडार माना जाता है और माना जाता है कि उनकी शिक्षाएं व्यक्तियों को आध्यात्मिक ज्ञान, आत्म-बोध और जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्ति पाने में मदद करती हैं।

4. आध्यात्मिक शिष्यत्व: गुरु पूर्णिमा गुरु और शिष्य के बीच के पवित्र बंधन की याद दिलाती है। यह शिष्यों के लिए अपने आध्यात्मिक पथ पर खुद को फिर से समर्पित करने और अपने गुरुओं की शिक्षाओं और मार्गदर्शन का पालन करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त करने का दिन है। यह त्यौहार शिष्यों को उनकी प्रगति पर विचार करने, आशीर्वाद लेने और अपनी आध्यात्मिक प्रथाओं के प्रति समर्पण को नवीनीकृत करने के लिए प्रोत्साहित करता है।

5. सांस्कृतिक महत्व: गुरु पूर्णिमा न केवल एक धार्मिक त्योहार है बल्कि एक सांस्कृतिक उत्सव भी है। यह लोगों को एक साथ लाता है, शिष्यों और उनके गुरुओं के बीच समुदाय और एकता की भावना को बढ़ावा देता है। यह आध्यात्मिक साधकों को इकट्ठा होने, समारोहों में भाग लेने, प्रार्थना करने, अनुष्ठान करने और आध्यात्मिक प्रवचनों में शामिल होने का अवसर प्रदान करता है। यह त्यौहार संगीत, नृत्य और धर्मग्रंथों के पाठ जैसी विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों द्वारा चिह्नित है।

कुल मिलाकर, गुरु पूर्णिमा एक ऐसा त्योहार है जो गुरु और शिष्यों के बीच संबंध, ज्ञान और ज्ञान के महत्व और आत्म-प्राप्ति की दिशा में आध्यात्मिक यात्रा का जश्न मनाता है। यह भक्तों के लिए कृतज्ञता व्यक्त करने, आशीर्वाद मांगने और अपने गुरुओं के मार्गदर्शन में आध्यात्मिक विकास के मार्ग पर खुद को फिर से समर्पित करने का समय है।

गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं ।

🌼🌼ॐ श्री गुरवे नमः🌼🌼
🌼🌼ॐ श्री गुरवे नमः🌼🌼

🌙हर हर महादेव🌙
🌹जय गोविंदा जय🌹

आदि लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु परब्रह्म स्वरूपिणि।यशो देहिधनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।सन्तान लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु पुत्र-पौत्र...
30/06/2023

आदि लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु परब्रह्म स्वरूपिणि।
यशो देहिधनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।

सन्तान लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु पुत्र-पौत्र प्रदायिनि।
पुत्रां देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।

विद्या लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु ब्रह्म विद्या स्वरूपिणि।
विद्यां देहि कलां देहि सर्व कामांश्च देहि मे।

जय माँ लक्ष्मी

🙏🌷🙏

शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशंविश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम् ।देवशयनी एकादशी की हार्दिक शुभकामनाएं। ो_भगवते_...
29/06/2023

शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं
विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम् ।

देवशयनी एकादशी की हार्दिक शुभकामनाएं।

ो_भगवते_वासुदेवाय_नमः 🙏

जय श्री हरि विष्णु 🙏🚩

#देवशयनी_एकादशी 🙏

नासै रोग हरे सब पीरा ।जपत निरन्तर हनुमत वीरा।। #जयश्रीराम  #जयश्रीहनुमान
28/06/2023

नासै रोग हरे सब पीरा ।
जपत निरन्तर हनुमत वीरा।।

#जयश्रीराम
#जयश्रीहनुमान

काज किये बड़ देवन के तुम,बीर महाप्रभु देखि बिचारोकौन सो संकट मोर गरीब को,जो तुमसो नहिं जात है टारोबेगि हरो हनुमान महाप्र...
27/06/2023

काज किये बड़ देवन के तुम,
बीर महाप्रभु देखि बिचारो
कौन सो संकट मोर गरीब को,
जो तुमसो नहिं जात है टारो

बेगि हरो हनुमान महाप्रभु,
जो कछु संकट होए हमारो,
को नहीं जानत है जग में कपि,
संकटमोचन नाम तिहारो|🙏🏼🌺🌺

ं_हनुमंते_नमः

ंग_बली_जी🚩🚩

सूर्य देव आराधना,करते जग  के  लोग |प्रात जाग कर पूजते, हाथ जोड़ते भोग ||सूर्य  देव  से  प्रार्थना,रोको  उष्णा  ताप |सुलझ...
25/06/2023

सूर्य देव आराधना,करते जग के लोग |
प्रात जाग कर पूजते, हाथ जोड़ते भोग ||

सूर्य देव से प्रार्थना,रोको उष्णा ताप |
सुलझ रहें है लोग अब, ठंडक देदो आप ||

जीव जगत पर सूर्य अब, करते हैं उद्धार |
उष्णा का संचार कर, शक्ति मिलती अपार ||

ॐ सूर्य देवाय नमः 🚩🚩🙏

पाठ शनिश्चर देव को, की हों 'भक्त' तैयारकरत पाठ चालीस दिन, हो भवसागर पार।         🚩जय जय श्री शनि देव🚩           ॐ  शं  श...
24/06/2023

पाठ शनिश्चर देव को, की हों 'भक्त' तैयार
करत पाठ चालीस दिन, हो भवसागर पार।

🚩जय जय श्री शनि देव🚩
ॐ शं शनैश्चराय नमः

आदि लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु परब्रह्म स्वरूपिणि। यशो देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे। सन्तान लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु पुत्र-पौ...
23/06/2023

आदि लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु परब्रह्म स्वरूपिणि।
यशो देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।
सन्तान लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु पुत्र-पौत्र प्रदायिनि।
पुत्रां देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।

्री_महालक्ष्मी_नमो_नमः 🙏
ाता_दी 🙏
#सुप्रभात

अधरं मधुरं वदनं मधुरं नयनं मधुरं हसितं मधुरं।हृदयं मधुरं गमनं मधुरं मथुराधिपते रखिलं मधुरं।वचनं मधुरं चरितं मधुरं वसनं म...
22/06/2023

अधरं मधुरं वदनं मधुरं नयनं मधुरं हसितं मधुरं।
हृदयं मधुरं गमनं मधुरं मथुराधिपते रखिलं मधुरं।
वचनं मधुरं चरितं मधुरं वसनं मधुरं वलितं मधुरं।
चलितं मधुरं भ्रमितं मधुरं मधुराधिपते रखिलं मधुरं।

्री_हरि_विष्णु
ो_भगवते_वासुदेवाय_नमः

भगवान जगन्नाथ मंदिर का अद्भुत रहस्य 🚩बीस जून को जगन्नाथ यात्रा पुरी के राजा स्वयं अपने हाथों से झाडू़ लगाते हैं,और वो सो...
20/06/2023

भगवान जगन्नाथ मंदिर का अद्भुत रहस्य 🚩

बीस जून को जगन्नाथ यात्रा पुरी के राजा स्वयं अपने हाथों से झाडू़ लगाते हैं,और वो सोने की झाड़ू से होती है सफाई आज भी हर साल जगन्नाथ यात्रा के उपलक्ष्य में सोने की झाड़ू से पुरी के राजा खुद झाड़ू लगाने आते है.!

महाप्रभु जगन्नाथ को कलियुग का भगवान भी कहते है, पुरी में जगन्नाथ महाप्रभु अपनी बहन सुभद्रा और दाऊ बलराम के साथ निवास करते है मगर रहस्य ऐसे है कि आजतक कोई न जान पाया..!

हर 12 साल में महाप्रभु की मूर्ती को बदला जाता है,उस समय पूरे पुरी शहर में ब्लैकआउट किया जाता है यानी पूरे शहर की लाइट बंद की जाती है,

लाइट बंद होने के बाद मंदिर परिसर को CRPF की सेना चारो तरफ से घेर लेती है...उस समय कोई भी मंदिर में नही जा सकता।मंदिर के अंदर घना अंधेरा रहता है

पुजारी की आँखों मे पट्टी बंधी होती है...पुजारी के हाथ मे दस्ताने होते है..वो पुरानी मूर्ती से "ब्रह्म पदार्थ" निकालते है और नई मूर्ती में डाल देते है...ये ब्रह्म पदार्थ क्या है,

आजतक किसी को नही पता...इसे आजतक किसी ने नही देखा. ..हज़ारो सालो से ये एक मूर्ती से दूसरी मूर्ती में ट्रांसफर किया जा रहा है...
ये एक अलौकिक पदार्थ है जिसको छूने मात्र से किसी इंसान के जिस्म के चिथड़े उड़ जाए,

इस ब्रह्म पदार्थ का संबंध भगवान श्री कृष्ण से है...मगर ये क्या है, कोई नही जानता...ये पूरी प्रक्रिया हर 12 साल में एक बार होती है उस समय सुरक्षा बहुत ज्यादा होती है...मगर आजतक कोई भी पुजारी ये नही बता पाया की महाप्रभु जगन्नाथ की मूर्ती में आखिर ऐसा क्या है...??

कुछ पुजारियों का कहना है कि जब हमने उसे हाथ में लिया तो खरगोश जैसा उछल रहा था...आंखों में पट्टी थी...हाथ मे दस्ताने थे तो हम सिर्फ महसूस कर पाए...

भगवान जगन्नाथ मंदिर के सिंहद्वार से पहला कदम अंदर रखते ही समुद्र की लहरों की आवाज अंदर सुनाई नहीं देती, जबकि आश्चर्य में डाल देने वाली बात यह है कि जैसे ही आप मंदिर से एक कदम बाहर रखेंगे, वैसे ही समुद्र की आवाज सुनाई देंगी

आपने ज्यादातर मंदिरों के शिखर पर पक्षी बैठे-उड़ते देखे होंगे, लेकिन जगन्नाथ मंदिर के ऊपर से कोई पक्षी नहीं गुजरता।

झंडा हमेशा हवा की उल्टी दिशामे लहराता है

दिन में किसी भी समय भगवान जगन्नाथ मंदिर के मुख्य शिखर की परछाई नहीं बनती।

भगवान जगन्नाथ मंदिर के 45 मंजिला शिखर पर स्थित झंडे को रोज बदला जाता है, ऐसी मान्यता है कि अगर एक दिन भी झंडा नहीं बदला गया तो मंदिर 18 सालों के लिए बंद हो जाएगा

इसी तरह भगवान जगन्नाथ मंदिर के शिखर पर एक सुदर्शन चक्र भी है, जो हर दिशा से देखने पर आपके मुंह आपकी तरफ दीखता है।

भगवान जगन्नाथ मंदिर की रसोई में प्रसाद पकाने के लिए मिट्टी के 7 बर्तन एक-दूसरे के ऊपर रखे जाते हैं, जिसे लकड़ी की आग से ही पकाया जाता है, इस दौरान सबसे ऊपर रखे बर्तन का पकवान पहले पकता है।

भगवान जगन्नाथ मंदिर में हर दिन बनने वाला प्रसाद भक्तों के लिए कभी कम नहीं पड़ता, लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि जैसे ही मंदिर के पट बंद होते हैं वैसे ही प्रसाद भी खत्म हो जाता है।

आप पर और आपके परिवार पर श्री जगन्नाथ महाप्रभु की कृपा सदा बनी रहे 🙏🚩

शंकर सुवन केसरी नंदन, तेज प्रताप महा जग बंधन विद्यावान गुणी अति चातुर,राम काज क़रीबे को आतुर जय बजरंगबली🙏🏻🚩जय श्री राम🙏🏻...
20/06/2023

शंकर सुवन केसरी नंदन, तेज प्रताप महा जग बंधन
विद्यावान गुणी अति चातुर,राम काज क़रीबे को आतुर

जय बजरंगबली🙏🏻🚩
जय श्री राम🙏🏻🚩

अगर धरती पर स्वर्ग कहीं है तो यहीं है यही है, यही है।❤️ केदारनाथ भोलेनाथ ❤️
19/06/2023

अगर धरती पर स्वर्ग कहीं है तो यहीं है यही है, यही है।

❤️ केदारनाथ भोलेनाथ ❤️

ॐ सूर्य देवं नमस्ते स्तु गृहाणं करूणा करं |अर्घ्यं च फ़लं संयुक्त गन्ध माल्याक्षतै युतम् || ूर्याय_नमः 🙏🏻🚩
18/06/2023

ॐ सूर्य देवं नमस्ते स्तु गृहाणं करूणा करं |
अर्घ्यं च फ़लं संयुक्त गन्ध माल्याक्षतै युतम् ||

ूर्याय_नमः 🙏🏻🚩

नासै रोग हरै सब पीरा।जपत निरन्तर हनुमत बीरा॥ ्रीराम‌‌ 🙏⛳ ं_हनुमंते_नमः 🙏💕 #सनातन_धर्म_ही_सर्वश्रेष्ठ_है 🕉️🚩
17/06/2023

नासै रोग हरै सब पीरा।
जपत निरन्तर हनुमत बीरा॥

्रीराम‌‌ 🙏⛳
ं_हनुमंते_नमः 🙏💕
#सनातन_धर्म_ही_सर्वश्रेष्ठ_है 🕉️🚩

द्वारकाधीश के कपाट आज शाम से खुल गए है बिपरजॉय तूफान रणछोड़ राय जी के चरणों में नतमस्तक हो गया....!!!! 🚩  🚩  🚩
16/06/2023

द्वारकाधीश के कपाट आज शाम से खुल गए है

बिपरजॉय तूफान रणछोड़ राय जी के चरणों में नतमस्तक हो गया....!!!!

🚩 🚩 🚩

माता वैष्णो देवी अद्भुत अलौकिक पावन पिंडी दर्शन।जय माता दी। 🚩 🚩 🙏
16/06/2023

माता वैष्णो देवी अद्भुत अलौकिक पावन पिंडी दर्शन।

जय माता दी। 🚩 🚩 🙏

मन्त्राराध्यो हि भगवान् परिपूर्णतमः स्वयम् ।गोलोकनाथः श्रीकृष्णो गोप-गोपीश्वरः प्रभुः ॥त्रैलोक्यविजयं नाम कवचं परमाद्भुत...
15/06/2023

मन्त्राराध्यो हि भगवान् परिपूर्णतमः स्वयम् ।
गोलोकनाथः श्रीकृष्णो गोप-गोपीश्वरः प्रभुः ॥

त्रैलोक्यविजयं नाम कवचं परमाद्भुतम् ।
स्तवराजं महापुण्यं भूतियोग-समुद्भवम् ॥

मन्त्रं कल्पतरुं नाम सर्वकाम-फलप्रदम् ।
ददौ परशुरामाय रत्नपर्वत-सन्निधौ ॥

्री_कृष्ण

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