
10/01/2025
दुनिया का सबसे ठंडा शहर याकुत्स्क: जहां जिंदगी -55°C में भी नहीं रुकती
रूस के साइबेरियाई शहर याकुत्स्क को दुनिया का सबसे ठंडा शहर माना जाता है। बीते गुरुवार सुबह यहां का तापमान -55°C दर्ज किया गया। उत्तरी ध्रुव से 430 किलोमीटर दूर स्थित यह शहर नौ महीने तक बर्फ से ढका रहता है। यहां के लोग, खासकर साखा जनजाति, ठंड से लड़ने की बजाय इसके साथ जीना सीख चुके हैं। सर्दियों में यहां तापमान -60°C तक गिर जाता है, जबकि गर्मियों में यह -33°C से -35°C के बीच रहता है।
यहां की जिंदगी चार पहलुओं पर निर्भर करती है—पहनावा, खानपान, सावधानी और हौसला। लोग सात परतों वाले कपड़े पहनते हैं और ठंड से बचने के लिए खुले में 15 मिनट से ज्यादा नहीं रुकते। यहां के घर पर्माफ्रॉस्ट जमीन पर बनाए जाते हैं, जो गर्मियों में पिघलने लगती है।
पूरे दिन में सिर्फ एक घंटे के लिए धूप निकलती है। इस दौरान लोग कपड़े सुखाते और खुद को गर्म रखते हैं। गीले कपड़े बाहर लाते ही जम जाते हैं और इन पर जमी बर्फ झाड़ने पर कपड़े सूखे मिलते हैं। यहां के लोगों का कहना है कि इन कपड़ों में बर्फ की खुशबू आ जाती है।
स्कूलों का संचालन मौसम पर निर्भर करता है। हवा न होने और तापमान -45°C या उससे नीचे होने पर पहली से पांचवीं कक्षा तक की छुट्टी रहती है। लेकिन हवा की गति 2 मीटर प्रति सेकंड से ज्यादा होने पर -55°C में भी स्कूल खुले रहते हैं, क्योंकि हवा ठंड के असर को कम करती है।
यहां के लोग आर्कटिक लोमड़ी की खाल से बने कपड़े पहनते हैं, जिनकी कीमत 8 से 15 लाख रुपये तक होती है। ये कपड़े -70°C तक की ठंड में भी असरदार होते हैं। सर्दियों में यहां लोग महीने में एक-दो बार ही नहाते हैं।
खनन यहां का प्रमुख उद्योग है। याकुत्स्क में 30 से ज्यादा रासायनिक तत्व और बहुमूल्य रत्न पाए जाते हैं। यह रूस का तीसरा सबसे बड़ा सोना उत्पादक क्षेत्र है। हालांकि, लोग ठंडे स्थानों के लिए चांदी के आभूषण पहनना ज्यादा पसंद करते हैं।