Siddiqui nawab

Siddiqui nawab hlo Dosto
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05/07/2023

Zarron Mein RahGujar Ke Chamak Chhod Jaaunga,
Pehchan Apni Dur Talak Chhod Jaaunga.
Khamoshiyon Ki Maut Ganwara Nahi Mujhe,
Sheesha Hoon Toot Kar Bhi Khanak Chhod Jaunga.

04/07/2023

हम वो नहीं जो दिल तोड़ देंगे,
थाम कर हाथ साथ छोड़ देंगे,
हम दोस्ती करते है पानी और मछली की तरह,
जुदा करना चाहे कोई तो हम दम तोड़ देंगे.

तुम जहां रहो खुश रहना बेटा मैं अपना काम चला लूंगा...कोई पूछेगा तो व्यस्त है बच्चा कह के इज्जत बचा लूंगा...हाथ पांव चलते ...
04/07/2023

तुम जहां रहो खुश रहना बेटा मैं अपना काम चला लूंगा...

कोई पूछेगा तो व्यस्त है बच्चा कह के इज्जत बचा लूंगा...

हाथ पांव चलते रहेंगे तो बस कुछ साल और निभा लूंगा....

पैसा जरूरी है भविष्य के लिए मैं सब को यह बता दूंगा...
मेरी जरूरत पड़े तो बता देना मैं आज भी तुझे संभाल लूंगा...🙏🏻

कभी ज़रूरत पड़े तो आवाज़ दे देना,मैं गुज़रा वक़्त नहीं जो वापिस न आऊ….||
04/07/2023

कभी ज़रूरत पड़े तो आवाज़ दे देना,
मैं गुज़रा वक़्त नहीं जो वापिस न आऊ….||

04/07/2023

Siddiqui nawab

मशरूफ रहने का अंदाज़तुम्हें तनहा ना कर दे ग़ालिब,रिश्ते फुर्सत के नहींतवज्जो के मोहताज़ होते हैं...।
03/07/2023

मशरूफ रहने का अंदाज़
तुम्हें तनहा ना कर दे ग़ालिब,
रिश्ते फुर्सत के नहीं
तवज्जो के मोहताज़ होते हैं...।

Insan ki izzat uske Dil SE kero Uske Rehan sehan se nhi!!
03/07/2023

Insan ki izzat uske Dil SE kero Uske Rehan sehan se nhi!!

Insan ki izzat uske Dil SE kero Uske Rehan sehan se nhi!! # video dekhne ke Liye

Insaniyat abhi bhi jinda hai aap jaise imandar logo ki jarurat hai hmare des me
03/07/2023

Insaniyat abhi bhi jinda hai aap jaise imandar logo ki jarurat hai hmare des me

Insaniyat abhi bhi jinda hai aap jaise imandar logo ki jarurat hai hmare des me!!youtubeshorts video dekhne ke Liye!!

लफ्ज़ मिलते नहीं जज्बात क्यालिखूं खामोशियां समझतेनहीं अल्फाज क्या लिखूं !
03/07/2023

लफ्ज़ मिलते नहीं जज्बात क्या
लिखूं खामोशियां समझते
नहीं अल्फाज क्या लिखूं !

✍️✍️✍️✍️✍️Ek Garib Kisan ki kahani🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳एक गांव में एक अमीर जमींदार रहता था। उसे अपने पैसों पर बड़ा घमंड था। जितने अ...
03/07/2023

✍️✍️✍️✍️✍️Ek Garib Kisan ki kahani🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳

एक गांव में एक अमीर जमींदार रहता था। उसे अपने पैसों पर बड़ा घमंड था। जितने अधिक पैसे उसके पास थे, उतना ही वह कंजूस भी था। अपने खेतों में काम करने वाले किसानों से वह खूब काम करवाता, मगर पगार कौड़ी भर भी न देता। मजबूर गरीब किसान मन मारकर उसके खेत में काम करते।

उसी गांव में रामू नामक एक किसान रहता था। उसके पास थोड़ी सी जमीन थी। उसी में खेती-बाड़ी कर वह अपना और अपने परिवार का गुजारा चलाता था। रामू बड़ा मेहनती था। वह दिन भर अपने खेत में काम करता और अपनी मेहनत के दम पर इतनी फसल प्राप्त कर लेता कि अपने परिवार के लिए दो वक्त की रोटी जुटा सके।

गांव के बाकी किसानों के पास रामू के मुकाबले अधिक जमीनें थीं। वे रामू की मेहनत देखकर हैरान होते कि कैसे इतनी सी जमीन में वह इतनी फसल उगा लेता है।
एक साल गांव में भयंकर सूखा पड़ा। बिना बारिश के खेत खलिहान सूखने लगे। गरीब किसानों के पास सिंचाई की कोई व्यवस्था न थी। वे सिंचाई के लिए बारिश पर ही निर्भर थे। इसलिए उनकी सारी फसल बर्बाद हो गई। रामू के साथ भी यही हुआ। अपने छोटे से खेत में वह किसी तरह अपने परिवार का पालन पोषण कर रहा था। अब उनके सामने भूखों मरने की नौबत आ गई। मजबूरी के कारण वह गांव के जमींदार के पास कर्ज मांगने गया।

जमींदार कंजूस तो था। उसने सोचा कि यदि उसने रामू को पैसे दिए, तो यह लौटा तो पाएगा नहीं। इसलिए इसे अपने खेत में काम पर लगा लेता हूं। मेहनती तो ये है ही, और मजबूर भी। कम पैसों में दुगुनी मेहनत करवाऊंगा।

उसने रामू से कहा, “देख रामू! मैं तुझे कर्ज तो दे नहीं सकता, लेकिन तेरी इतनी मदद कर सकता हूं कि तुझे अपने खेत में काम पर रख लूं। तुझे महीने के हजार रुपए दे दिया करूंगा।”

“पर मालिक दूसरे किसान तो दो हजार पाते हैं।” रामू बोला।

“करना है तो कर। वरना मेरे पास किसानों की कमी नहीं।” जमींदार बोला।
मजबूर रामू क्या करता? हामी भरकर घर लौट आया। अगले दिन से जमीदार के खेत में काम करने लगा। मेहनती तो वह था ही। वह खूब मेहनत और लगन से काम करता। उसने चार महिने का काम दो महीने में ही कर दिया। यह देख जमींदार बहुत खुश हुआ। लेकिन इसके मन में मक्कारी जाग उठी। उसने सोचा कि चार महीने का काम तो इसने दो ही महीने में कर दिया। क्यों न इसे निकाल दूं। इससे मेरे दो महीने के पैसे बच जायेंगे।

उसने रामू को बुलाया और उसके दो महीने के पैसे देकर कहा, “रामू यह ले तेरे पैसे। कल से मत आना। अब मुझे तेरी जरूरत नहीं।”

ये सुनकर रामू परेशान हो गया। बड़ी मुश्किल से उसका घर चल रहा था। अब अपने परिवार का भरण पोषण कैसे करेगा? वह जमींदार के सामने गिड़गिड़ाने लगा कि उसे काम से न निकाले। लेकिन जमीदार ने उसकी एक न सुनी और उसे काम से निकाल दिया।

रामू आंखों में आंसू लेकर घर लौटा। चिंता से रात भर उसे नींद नहीं आई। सुबह उठकर उसने फैसला किया कि वह फिर से जमींदार के पास जायेगा और उससे विनती करेगा कि उसे वापस काम पर रख ले।

वह जमींदार के घर के सामने जाकर बैठ गया। सुबह उठकर जाट जमीदार अपने घर से बाहर निकला, तो रामू को घर के सामने बैठा हुआ देखा।

उसने रामू से पूछा, “क्या हुआ रामू, क्यों आया है?”

रामू जमीदार की पैरों पर गिर पड़ा और गिड़गिड़ाते हुए बोला, “मुझ पर दया कीजिए मालिक। मुझे काम पर रख लीजिए। मेरा परिवार भूखा मर जाएगा।”

जमीदार ने उसकी एक न सुनी और उसे धक्के मार के वहां से निकाल दिया। रामू उस समय तो वहां से चला गया, लेकिन अगली सुबह फिर सेठ के घर के सामने जाकर बैठ गया। जमींदार ने उसे फिर बुरा भला कह कर भगा दिया।

अब से रोज यही क्रम चलने लगा। रामू रोज जमींदार के घर के सामने जाकर बैठ जाता और जमींदार उसे भगा देता। पूरे गांव में इस बात की चर्चा होने लगी। सब जमींदार को भला बुरा कहने लगे। तंग आकर जमींदार ने सोचा कि क्यों ना कुछ दिन परिवार सहित दूसरे गांव चला जाऊं। मुझे घर पर ना देख कर रामू यहां आना बंद कर देगा।

अगले दिन वह परिवार सहित दूसरे गांव अपने रिश्तेदार के घर चला गया। दस पंद्रह दिन रिश्तेदार के घर रहने के बाद जब वह अपने घर लौटा, तो मोहन को अपने घर के सामने बैठा नहीं पाया। वह मन ही मन खुश हुआ कि चलो उससे पीछा छूटा। लेकिन वह चकित भी हुआ कि आखिर रामू ने आना बंद क्यों कर दिया।

उसने गांव वालों को बुलाकर पूछा, तो पता चला कि रामू घायल है और अपने घर पर पड़ा हुआ है।

जमींदार ने पूछा, “क्या हुआ उसे?”

एक जमींदार ने कहा, “मालिक! आज जब दूसरे गांव चले गए थे, तब भी रामू आपके घर के सामने बैठा रहता था। एक दिन आपका खाली घर देखकर कुछ चोर चोरी करने के इरादे से आपके घर में घुसे। लेकिन वे रामू की नजर में आ गेम रामू अपनी जान की परवाह न कर उनसे उलझ गया और उन्हें भगा दिया। उनके बीच हुई हाथ पाई के कारण रामू घायल हो गया।”

ये जानकर जमींदार को खुद पर शर्म आने लगी कि उसने रामू के साथ कितना बुरा किया लेकिन इसके बाद भी रामू उसके घर चोरी होने से बचाने के लिए चोरों से उलझ गया। वह पछताने लगा। उसने रामू के घर जाने का फैसला किया।

वह रामू के घर पहुंचा, तो देखा कि रामू बड़ी दयनीय अवस्था में चारपाई पर पड़ा हुआ है। उसके बच्चे भूख से बिलख रहे हैं। ये देख जमींदार का दिल भर आया। उसने रामू से अपने किए की माफी मांगी। उसका इलाज करवाया। और ठीक होने के बाद अच्छी पगार के साथ उसे फिर से काम पर रख लिया!!

03/07/2023

# Tumhe de diya mere hamdam !!
Dil Mera todh kr nhi Jana !!
Kya khubsurat Awaz hai Bachche ka

03/07/2023

Aesa Mushayra aapne nhi suna hoga 🥰🥰🥰🥰🥰🥰

 #जज्बा.iजब मैं ऑटो में बैठा तो देखा की ड्राइवर की गोद में एक छोटी सी बच्ची है तो मैं समझा कि शायद बच्ची ने आज जिद की हो...
03/07/2023

#जज्बा.i

जब मैं ऑटो में बैठा तो देखा की ड्राइवर की गोद में एक छोटी सी बच्ची है तो मैं समझा कि शायद बच्ची ने आज जिद की होगी कि पापा मैं भी साथ जाऊंगी या फिर उसे चलने से पहले उतार देगा ! मगर जब रिक्शा चला...
तो देखा कि वह बच्ची रेस दे रही है और उसका पापा दूसरी तरफ से स्टेरिंग पकड़कर उसे कुछ बता रहा है
रास्ते में यह सब कुछ देखता रहा और सुनता रहा !
जब मंजिल पर पहुंचा, तो उसे किराया देने के बाद पूछा ..
तो उस पर रिक्शा ड्राइवर ने मुझे बताया कि मेरा एक हाथ से अपाहिज हूं इसलिए हम दोनों मिलकर रिक्शा चलाते हैं मुझे यह गवारा नहीं कि मेरी बेटी किसी के घर में सफाई करे और मैं भिखारी बनूं !

बच्ची को पढा भी रहा हूं और घर का खर्च भी चल रहा है और खुशहाल जिंदगी भी बिता रहा हूं !
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