परम पावन दलाई लामा जी इस वीडियो में कह रहे हैं कि मैं प्रवचन एवं व्याख्यान देने के लिए कोई शुल्क नहीं लेता हूं। मैंने सुना है कि मेरे प्रवचन या व्याख्यान के आयोजन से कुछ संगठन अमीर बन गए हैं क्योंकि वे दान मांगते हैं और हिसाब-किताब का स्पष्ट विवरण नहीं देते हैं कि आयोजन से कितनी आय हुई और कितना खर्चा हुआ। हिसाब स्पष्ट करना चाहिए।उन्होंने कहा कि बचा हुआ पैसा गरीबों, स्कूलों और अन्य संगठनों को दें। परम पावन ने बहुत ही अच्छी तरह से स्पष्ट किया है। उन्होंने कहा कि मैं अमीर नहीं हूं क्योंकि मैं अपने प्रवचनों या व्याख्यानों से पैसा नहीं कमाता हूं।
परम पावन दीर्घायु को प्राप्त हों।
His Holiness saying in this video that I don't take any fees for teaching or lecture. I heard that some organization became rich after organising my teaching or talk. Because they ask for donations and do don't make clear statement of account that how much income and outcomes for the event. The account should make clear. He saying left over money give to poor, schools and other organisations. His Holiness made very clear. He said I am not rich because I do not make money by my teachi
We have to live together at this planet.
#dalailama #peace #planets
भारत को विश्व गुरु कैसे बनाए।
#FB2023_69
भारत को विश्व गुरु कैसे बनाए? सुनिए YBS इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सुरेश चंद्र बौद्ध के विचार।
#FB2023_68
क्या हम विकसित हो चुके हैं? हम किधर जा रहे हैं?
Are we developed? Where are we going?
पर्वत पुरुष श्री दशरथ मांझी का कार्य
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यह वीडियो पर्वत पुरुष के नाम से मशहूर श्री दशरथ मांझी के गांव गहलौर,गया, बिहार का है।उन्होंने 22 वर्ष में छैनी और हथौड़े से 110 मीटर लंबे, 9.1 मीटर चौड़े एवं 7.7 मीटर ऊंचे पहाड़ को काटकर रास्ता बनाया।उनके इस कार्य से गया जिले के अतरी एवं वजीरगंज ब्लॉक के बीच 55 किलोमीटर की दूरी को कम कर सिर्फ 15 किलोमीटर कर दिया।
इस महा पुरुष की जय हो।
Dashrath Manjhi (14 January 1934–17 August 2007, also known as Mountain Man, was a laborer in Gehlaur village, near Gaya in Bihar, India. When his wife died in 1959 due to injury caused by falling from a mountain and due to the mountain he was not able to reach the hospital in time, he decided to carve a path of 110 m long (360 ft), 9.1 m (30 ft) wide and 7.7 m (25 ft) deep through a ridge of hills using only a hammer and a chisel.After 22 years of work, Dashrath shortened travel between the Atri and Wazirganj blocks of Gaya district from 55 km to 15 km.
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बुद्ध द्वारा परम पावन जी को चॉकलेट देना।
आज परम पावन दलाई लामा जी ने आज बोधगया में प्रवचन के दौरान कहा कि थाई बुद्ध विहार में (27दिसम्बर को)ऐसा आभास हुआ जैसे कि बुद्ध प्रत्यक्ष रूप से एक चॉकलेट उन्हें दे रहे हैं। यह स्कैचिंग मेरे मित्र हर्षा नागराजू द्वारा की गई है🙂🙂👍