02/08/2024
जय भीम जय भारत
माननीय सर्वोच्च न्यायालय की सात सदस्यों की बेंच ने एस.सी/ एस. टी के संविधान प्रदत्त आरक्षण को विभाजित करने यानि "कोटा विद-इन कोटा" की जो सिफारिश की है वह कुछ और नही आरक्षण को समाप्त करने की एक ठोस रणनीति है। बाबा साहब अम्बेडकर के अथक संघर्षों व कुर्बानियों के बाद हजारों साल से गुलामी की यातनाएं सह रहे सामाजिक,शैक्षणिक,धार्मिक, सांस्कृतिक व राजनीतिक रूप से पिछाड़े गए लोगों को समाज में स्थान देने के लिए भारतीय संविधान में आरक्षण की व्यवस्था की ताकि इन शोषितों,पिछड़ो गुलामों को समाज की मुख्यधारा में जोड़ा जा सके। संविधान लागू होने के इतने सालों के बाद भी उनकी स्थिति में बहुत थोड़ा सा ही परिवर्तन आया है जबकि सरकारों व माननीय न्यायालय को चाहिए था कि अब तक इनकी स्थितियों में आमूल परिवर्तन हो जाये लेकिन इसके विपरीत सरकार व माननीय न्यायालय की मंशा कुछ और ही प्रतीत होती है। क्योंकि बाबा साहब ने संविधान में आरक्षण की व्यवस्था किसी जाति के लिए नही बल्कि सामाजिक व सांस्कृतिक रूप से समाज के सबसे निचले पायदान के लोगो के लिए जिनकी समान सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक ,धार्मिक वंचना थी उनके लिए किया था। अब तक अपने संविधान प्रदत्त अधिकारों को बचाने के लिए ऐसी सभी जातियाँ संगठित होकर संघर्ष करती रही हैं लेकिन इस घटना (कोटा विद इन कोटा) के द्वारा समाज को विभाजित करने का प्रयास है ताकि ये संगठित होकर अपने अधिकारों के लिए संघर्ष न कर पाए जैसे कि पूर्व में भी हमें विभाजित करके हमको गुलाम बनाया गया यह उसकी शुरुआत प्रतीत होती है।अगर सरकार व माननीय न्यायालय की मंशा साफ है तो उन्हें चाहिए कि वे संविधान प्रदत्त आरक्षण को वास्तविक रूप में लागू करें अक्सर ही सरकार के द्वारा जो सरकारी भर्तियां निकली उनमें आरक्षित पदों को "नॉट फाउंड सुइटैबल"यानी "योग्य अभ्यर्थी नही मिला" कहकर सामान्य वर्ग के लोगो से भर दिया जाता है वहीं दूसरी ओर सरकारी संस्थानों में निजीकरण करके आरक्षण को लागू नही किया जाता यानी दलितों पिछड़ो की सम्पूर्ण हकमारी की जाती है ।सरकार व माननीय न्यायालय को चाहिए इन कुप्रयासों पर रोक लगाए और आरक्षण को वास्तविक रूप में लागू करें।साथियों ये जो घटनाक्रम चल रहा है ये हमको विभाजित करके हमारे अधिकारों को छीनकर हमको गुलाम बनाने का सुनियोजित षडयंत्र है। ये बाबा के तीन स्तंभो शिक्षा ,संघर्ष, व संगठन जिन पर हमारा आंदोलन टिका उनको नेशतानाबूत कर आंदोलन को ही समाप्त करने का षड्यंत्र है।हमे जागरूक होना है संगठित होना है और संघर्ष करना होगा ताकि इस आंदोलन को बचाया जा सके ।
जय भीम साथियों