हाय ये जलन!
ओवैसी जी की मेन शिकायत ये नहीं है कि मुसलमान कम चुनकर आ रहे हैं. उनकी शिकायत ये है कि मुसलमान ओबीसी से भी पीछे रह गए! उनको शिकायत है कि ओबीसी अब आगे बढ़कर सवर्णों के बराबर क्यों हो गए!
सामाजिक मनोविज्ञान का एक सिद्धांत है कि ऊपर वाला दो थप्पड़ मार दे तो कम तकलीफ होती है, पर अपने से नीचे वाला आंख उठाकर देख ले तो भी तकलीफ होती है. इसी लिए सच्चर और रंगनाथ के समय ये कहा गया कि हाय, मुसलमान तो दलितों से भी पीछे रह गया!
ओवैसी साहब, मुसलमान 1980 के दशक के बाद से जीतने के लिए वोट कहां डाल रहा है. वह तो सिर्फ और सिर्फ बीजेपी को हराने के लिए वोट डालता है. मुसलमान नेल्ली, भागलपुर, मुंबई, मुरादाबाद, हाशिमपुरा, मलियाना यानी कांग्रेस के सब पाप भूल चुका है क्योंकि इसे बीजेपी को हराना है.
आज स्थिति ये है कि राहुल गांधी, अखिलेश यादव, ममता बनर्जी और तेजस्वी यादव अगर एक भी मुसलमान कैंडि
सारी जवाबदेही तय होगी धीरे धीरे
हर हर का नाद होगा गंगा के तीरे तीरे
लोकतंत्र में श्री अतीक अहमद को श्रंद्धाजलि
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एक माफिया के आगे पूरा लोकतंत्र नतमस्तक है।
“अरे, यूपीएससी का अटेम्प्ट खतम हुआ है; ज़िंदगी का नहीं.”
एक बार फिर से संदीप भैया.
अगर बंदर, लोमड़ी, सियार सब एक साथ एक किनारे खड़े हो , मतलब सामने तट पर शेर खड़ा है #OppositionMeeting
अगर बंदर, लोमड़ी, सियार सब एक साथ एक किनारे खड़े हो , मतलब सामने तट पर शेर खड़ा है #OppositionMeeting
पीएम Narendra Modi ने कहा था -कागज़ का टुकड़ा है, उसे छुपाने की कोशिश ना करें और ये भी कहा था कि ये पूर्णविराम नहीं है
ये संकल्प कहीं और नहीं देखा , राज्यों में चुनाव, 2024 लोक सभा चुनाव दस्तक दे रही है लेकिन पीएम चुनाव के लिए नहीं देश के लिए लड़ते हैं - जो सही है वो किया
पटना के बाद अब भागलपुर रेलवे स्टेशन
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#WATCH उत्तर प्रदेश: वह पल जब मीडिया से बातचीत के दौरान गैंगस्टर अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की गोली मारकर हत्या कर दी गई।