09/10/2023
दरभंगा ऐम्स एवं पूर्णिया एयरपोर्ट के मांगो को लेकर एमएसयू के नारों से गूंजा जंतर- मंतर
#नई दिल्ली
ब्यूरो सुमित कुमार राउत
मिथिला स्टूडेंट यूनियन दिल्ली प्रदेश इकाई द्वारा #दरभंगा मे #ऐम्स, #पूर्णिया मे #एयरपोर्ट और #मधुबनी मे केंद्रीय विद्यालय के माँगो को लेकर मिथिला स्टूडेंट यूनियन के #दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष चंद्रजीत झा के नेतृत्व मे विशाल धरना प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन मे आये सैकडों प्रवासी #मैथिलों ने अपने-अपने हाथों मे दरभंगा मे ऐम्स,पूर्णिया मे एयरपोर्ट और मधुबनी मे #केंद्रीय विद्यालय की माँगो का पोस्टर लिए अपने स्वर गगन भेदी नारों से केन्द्र सरकार को जगाने का प्रयास किया।
धरना मे उपस्थित #मिथिलावादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रभारी अविनाश भारद्वाज ने कहा कि #मिथिला में केंद्र सरकार के सभी योजनाओं को यहाँ के #सांसद के अकर्मण्यता के कारण लटकी-अटकी हैं। यह उनके कार्य करने की मिथिला विरोधी एवं अविकसित मानिसकता को दर्शाता हैं। यह मिथिला को #पलायन, #बेरोजगारी कुव्यवस्था में धकेलने हेतु जयचंद की भूमिका निभा रही है। दरभंगा ऐम्स जैसे लोक-कल्याणकारी योजाना इन्ही के कारण धरातल पर क्रियान्वयन से कोसों दूर है। मिथिला के सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक, शैक्षणिक, साहित्यिक और भाषा के क्षेत्र में समग्र विकास के लिए, मिथिला सूखा और बाढ़ का निरंतर शिकार होता आ रहा है। जहां एक और खेती चौपट हो गई है, वहीं मिथिला के मजदूर पलायन करने को विवश हो रहे हैं। चीनी मिल, पेपर मिल, जूट मिल व अन्य उद्योग धंधे आदि यहां कबाड़ का ढेर मात्र बने हुए हैं। #कृषि, उद्योग-धंधा, #पर्यटन, #शिक्षा एवं #संस्कृति के विकास से ही इस क्षेत्र की दुर्दशा तथा बेरोजगारी का अंत हो सकता है। #संविधान की आठवीं अनुसूची में सम्मिलित विश्व की सबसे मधुर एकमात्र भाषा मैथिली को राज-काज की भाषा, प्राथमिक शिक्षा में अनिवार्यता। भौगौलिक, आर्थिक, ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक दृष्टि से मिथिला के पास एक राज्य की सारी योग्यताएं हैं।
इस धरना मे उपस्थिति एमएसयू के लीगल प्रभारी शिवेंद्र वत्स ने कहा की दरभंगा ऐम्स के न बनने में केंद्र सरकार की सबसे बड़ी साजिश है। जब बिहार सरकार जमीन उपलब्ध करबा चुकी थी, तो केंद्र सरकार की तरफ आई टीम लो-लैंड घोषित करके ऐम्स निर्माण में बाधा उत्पन्न कर दिया, जबकि मिट्टी भराई के लिए भी 350 करोड़ की राशि बिहार सरकार ने निर्गत करने का फैसला किया है। केवल व केवल केंद्र सरकार की दोहरी नीति है, जबकि लो-लैंड में देश ने अनेकों संस्थान स्थापित किया है। लेकिन मिथिला विरोधी केंद्र की सरकार लीपापोती कर मिथिला के योजनाओं को ध्वस्त करने की नियति से लटका रही है। मार्च-2023 में मंत्रिमंडल ने दरभंगा ऐम्स के लिए शेाभन-एकमी बाइपास के निकट डेढ़ सौ एकड़ जमीन आवंटित करने स्वीकृति दी। जमीन देने के साथ सरकार ने इसके विकास का प्रारूप भी बनाया। डेढ़ सौ एकड़ के अलावा और 39 एकड़ जमीन अधिग्रहित की गई, साथ ही इस 189.17 एकड़ जमीन में मिट्टी भराई इसे समतल करने के लिए 309 करोड़ रुपये भी दिए। यदि केंद्र सरकार द्वारा लो-लैंड हटाकर एनओसी दे दिया जाता है, तो ऐम्स खुलने का रास्ता प्रशश्त हो जाएगा।
वहीं धरना मे उपस्थिति एमएसयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रौशन मैथिल पूर्णिया एयरपोर्ट की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2015 चुनाव मे की गयी और 2016 मे उक्त एयरपोर्ट को पीएम पैकेज उड़ान योजना मे शामिल करते हुए राज्य सरकार से 52.18 एकड जमीन की मांग की गयी, जिसके अनुरूप वर्ष 2017 राज्य सरकार ने पूर्णिया जिलाधिकारी को जमीन अधिग्रहण करने का निर्देश दिया। परंतु, इच्छा शक्ति के आभावा के कारण आज तक पूर्णिया एयरपोर्ट पर सार्थक कदम नही उठाया गया।
धरना की संचालन कर रहे धीरू मिश्रा ने कहा की विगत आठ सालों से मधुबनी जिला में केन्द्रीय विद्यालय की स्थापना को लेकर संघर्ष कर रहा है। संगठन के द्वारा पूर्व में भी कई बार सरकार और जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट करवाने के लिए धरना प्रदर्शन, पैदल यात्रा के साथ कई बार भूख हड़ताल और अनिश्चितकालीन अनशन हो चुका है। इसके बाद जिला प्रशासन के द्वारा भूमि का चयन तो किया गया पर सालों बीत जाने के बाद भी शिलान्यास तक नहीं हो सका है। इसलिए मिथिला स्टूडेंट यूनियन ने पुनः सांकेतिक धरना के माध्यम से सरकार तक अपनी बातों को रखने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि मधुबनी जिला बिहार का एक बड़ा क्षेत्रफल वाला जिला माना जाता है। उसके बाद भी एक केंद्रीय विद्यालय नहीं है। मधुबनी जिला के जनप्रतिनिधियों के बढ़ती अकर्मण्यता यहां के छात्रों का भविष्य खराब कर रही है।
वहीं अंत मे धरना मे आये सभी प्रदर्शनकारीयों को धन्यवाद ज्ञापन करते हुए प्रदेश अध्यक्ष चंद्रजीत झा ने कहा की प्रदेश मे रह रहे सभी प्रवासी मैथिलों के सहयोग से ही मिथिला के साथ लगातार उपेक्षाओं की भावना रख रहे इस मिथिला विरोधी केंद्र सरकार के विरुद्ध इतना बड़ा आंदोलन संभव हो पाता है, अगर हमारी मांगो पर शीघ्र ही कोई ठोष और सकारात्मक पहल केन्द्र सरकार द्वारा नहीं किया जाता है, तो हमलोग आने वाले दिनों मे और भी मजबूती से सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का काम करेंगे।
इस धरना मे मौके पर आदर्श पाठक, कौशल झा, सुरेंद्र मंडल, मोनू बाबू, मनीष वत्स, अजीत वत्स, बलदेव झा, मधुलता मिश्रा, पंकज झा, ऋषि सिंह समेत सैकडों प्रवासी मैथिल एवं एमएसयू के सैनानी उपस्थित रहे।