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28/12/2024

सीएमएस के समारोह में शामिल हुए राज्य सूचना आयुक्त

लखनऊ। सीएमएस द्वारा कानपुर रोड स्थित ऑडिटोरियम में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें राज्य सूचना आयुक्त डॉ दिलीप अग्निहोत्री मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। संस्थापक डायरेक्टर श्रीमती भारती गांधी ने राज्य सूचना आयुक्त का स्वागत किया।

महामना वांग्मय का लोकार्पणलखनऊ। भारत रत्न महामना मदन मोहन मालवीय का व्यक्तित्व बहुआयामी था। वह भारतीय शास्त्रों के ज्ञात...
27/12/2024

महामना वांग्मय का लोकार्पण

लखनऊ। भारत रत्न महामना मदन मोहन मालवीय का व्यक्तित्व बहुआयामी था। वह भारतीय शास्त्रों के ज्ञाता, चिंतक, विचारक मनीषी होने के साथ ही स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और समाज सुधारक थे। लखनऊ में महामना कालेज में उनके व्यक्तित्व कृतित्व पर आधारित
वांग्मय के ग्यारह खंडों का लोकार्पण गया। मालवीय मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रभु नारायण श्रीवास्तव ने राज्य सूचना आयुक्त को इसकी प्रति भेंट की।
इसमें उल्लिखित है कि महामना मालवीय ने सहज समान्य तरीके से असाधारण कार्य किए. उन्होंने अपने आचरण से प्रमाणित किया कि समाज के लिए भिक्षावृत्ति आध्यात्मिक कार्य है. महामना समाज की शक्ति को समझते थे. वह मजबूत समाज का निर्माण चाहते थे. इसके लिए आजीवन प्रयास करते रहे. महामना मालवीय महामना युग द्रष्टा थे. उन्होने परतंत्रता के समय इस तथ्य को समझा था. वही समाज को इसके अनुरूप प्रेरणा देते रहे.वह करीब आधी शताब्दी तक कांग्रेस में सक्रिय रहे. दो बार कांग्रेस के अध्यक्ष बने. चार बार केंद्रीय विधान परिषद के सदस्य रहे. यहां रहकर वह ब्रिटिश शासन को कठघरे में खड़ा करते रहे. एक बार वह बिना कोई कागज लिए चार घण्टे तक बोलते रहे. वह निर्भय होकर विचार यात्रा पर चलते रहे. कांग्रेस में सक्रिय रहते हुए भी क्रान्तिकारियों को बचाने में लगे रहे. ब्रिटिश निरंकुश तंत्र का वह सदैव विरोध करते रहे. करीब डेढ़ सौ क्रान्तिकारियों को इलाहाबाद हाई कोर्ट से बरी कराया. वह मानते थे कि क्रांतिकारी देशभक्त हैं. भगत सिंह की सजा रोकने के लिए उन्होंने वायसराय को पत्र लिखा. वह कांग्रेस के अन्य नेताओं से अलग दिखाई देते थे. कांग्रेस के नेता क्रान्तिकारियों पर मौन रहते थे. महामना क्रान्तिकारियों की पैरवी करते थे. सनातन संस्कृति में उदारता है. इसको संस्था मे सीमित नहीं किया. यहां तक कि प्रभु श्री राम और श्री कृष्ण ने भी कोई संस्था नहीं बनाई.यहां ज्ञान की कोई सीमा नहीं हैं. कोई दायरा या सीमा में विचारों को सीमित नहीं किया गया. महामना जैसे लोग ऐसी ही जीवन पद्धति में उभरते हैं.

27/12/2024

सुशासन समारोह में शामिल हुए सूचना आयुक्त

श्रावस्ती। श्रावस्ती जिला कलेक्ट्रेट में आयोजित सुशासन दिवस कार्यशाला राज्य सूचना आयुक्त डॉ दिलीप अग्निहोत्री
की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।
जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी में श्री राम मंदिर की कलाकृति भेंट कर उनका स्वागत किया।
राज्य सूचना आयुक्त ने जनपद के विकास कार्यों संबंधी प्रजेंटेशन का अवलोकन किया।

सुशासन सप्ताह कार्यशालाश्रावस्ती। सुशासन सप्ताह प्रशासन गांव की ओर’’ कार्यक्रम के अर्न्तगत कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जनपद स...
27/12/2024

सुशासन सप्ताह कार्यशाला

श्रावस्ती। सुशासन सप्ताह प्रशासन गांव की ओर’’ कार्यक्रम के अर्न्तगत कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जनपद स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में राज्य सूचना आयुक्त डॉ दिलीप अग्निहोत्री ने मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया। कलेक्ट्रेट पहुंचने पर जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी, विधायक प्रतिनिधि अवधेश पाण्डेय, अपर जिलाधिकारी अमरेन्द्र कुमार वर्मा एवं अपर पुलिस अधीक्षक प्रवीण कुमार यादव ने पुष्पगुच्छ देकर अगुवानी कर स्वागत किया। तत्पश्चात् कलेक्ट्रेट पहुंचकर राज्य सूचना आयुक्त एवं जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर राज्य सूचना आयुक्त डॉ दिलीप अग्निहोत्री ने कहा कि समग्र विकास का लक्ष्य सुशासन के माध्यम से ही प्राप्त किया जा सकता है। इसके सकारात्मक परिणाम प्रत्यक्ष रूप से दिखाई देते है। जन मानस को उसका अनुभव भी होता है। भारत सरकार के आकांक्षात्मक ब्लॉक कार्यक्रम में तहत श्रावस्ती जनपद के जमुनाहा ब्लॉक को प्रथम स्थान मिला, इसकी घोषणा नीति आयोग ने की थी। उन्होने आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम डेल्टा रैंकिंग में शीर्ष पर रहने के लिए उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती में जमुनहा ब्लॉक को हार्दिक बधाई थी। पूर्वी उत्तर प्रदेश इंसेफेलाइटिस से लगभग मुक्त हुआ है, विकास की मुख्यधारा में शामिल हो रहा है, यह सुशासन से ही संभव हुआ है।
राज्य सूचना आयुक्त ने कहा कि भारतीय संविधान के निर्माता डॉ0 भीमराव राम जी आंबेडकर देश में सुशासन की स्थापना चाहते थे। इसके प्रति उनका स्पष्ट विजन था। संविधान की भावना में यह तथ्य प्रमुखता से समाहित हुआ है। भारत को विकसित देश बनाने के लिए सुशासन को अपरिहार्य माना गया। इसमें समग्र विकास को महत्व दिया गया। गरीबों को विकास की मुख्य धारा में शामिल करना, उनका जीवन स्तर ऊपर उठाना, शिक्षा का प्रसार, लोक कल्याण की योजनाओं को बिना भेदभाव के संचालित करना, औद्योगिकरण सभी प्रकार की कनेक्टिविटी का जाल बिछाना, स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार, भ्रष्टाचार घोटालों से मुक्त व्यवस्था आदि सुशासन के ही अंग होते है। समाज के आखिरी छोर पर खड़े व्यक्ति के विकास पर सरकारों का ध्यान होना चाहिए। उन्हें मुख्यधारा में शामिल करने का संकल्प दिखना चाहिए। इसके लिए अटल बिहारी वाजपेई ने अनेक योजनाओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया था। जहां शरीर, मन, बुद्धि एकात्म के साथ आगे बढ़ती है, वहीं सम्पूर्ण संतुष्टि मिलती है। यही एकात्म मानववाद है। इसी में अंत्योदय विचार समाहित है। इसी के अनुरूप सुशासन का संचालन किया जाता है। जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी ने कहा कि हम भारत की आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे है और वर्ष 2047 मैं जब हमारा भारतवर्ष आजादी की स्वर्ण शताब्दी मना रहा होगा तब हमारा भारत एक विकसित देश होगा जिसके निर्माण में जनपद श्रावस्ती भी अपनी पूरी उर्जा एवं शक्ति से सहयोग प्रदान करेगा। जिलाधिकारी ने राज्य सूचना आयुक्त को श्रीराम मंदिर की प्रतिमा व अंगवस्त्र भेंटकर उनका सम्मान किया।
इस अवसर पर उपजिलाधिकारी भिनगा पीयूष जायसवाल, उपजिलाधिकारी पीयूष रावत, जिला विकास अधिकारी रामसमुझ सहित अन्य विभागीय अधिकारीगण उपस्थित रहे।

अटल जी की स्मृतियां राष्ट्र की धरोहर जिनसे  आने वाली पीढियों को  मिलेगी प्रेरणा : डा दिनेश शर्मा अटल जी को नहीं था सत्ता...
27/12/2024

अटल जी की स्मृतियां राष्ट्र की धरोहर जिनसे आने वाली पीढियों को मिलेगी प्रेरणा : डा दिनेश शर्मा

अटल जी को नहीं था सत्ता का तिल भर भी मोह

सिद्धान्त और राष्ट्र के प्रति कर्तव्य थे अटल जी के लिए सर्वोपरि

नेशनल हाइवे का नया स्वरूप उनके विकास माडल का प्रतिबिम्ब

लखनऊ । राज्यसभा सांसद व यूपी के पूर्व उपमुख्यमंत्री डा दिनेश शर्मा ने अटल शताब्दी जयंती वर्ष समारोह के अंतर्गत संगीत नाटक अकादमी मैं आयोजित कवि सम्मेलन तथा अन्य कई समारोहो में बोलते हुए कहा कि अटल जी की स्मृतियां देश के लिए धरोहर की तरह हंै जिनसे पीढियंा प्रेरणा लेती रहेंगी।। उनके लिए देश प्रथम था और वे कभी भी अपने बारे में कुछ नहीं सोंचते थे। सत्ता का उन्हे तिल भर भी मोह नहीं था। वे मानते थे कि सत्ता का आना जाना रहेगा पर सिद्धान्त और राष्ट्र के प्रति कर्तव्य सर्वोपरि हैं। वे ऐसे प्रधानमंत्री थे जिनकी सरकार मात्र एक वोट से गिर गई थी पर उन्होंने सरकार को बचाने के लिए कोई सिद्धान्तहीन कार्य नहीं किया। राजनीति में शुचिता जहां उनकी पहचान थी वही नेशनल हाइवे का नया स्वरूप उनके विकास दर्शन का सही प्रतिबिम्ब हैं।
अटल बिहारी वाजपेयी के नजदीकियों में रहने वाले डा शर्मा ने उन्हें याद करते हुए कहा कि विपक्ष के लोग भी उनकी राजनीति का लोहा मानते थे। वे ऐसे राजनेता थे जिन्होने कांग्रेस सरकार के समय में संयुक्त राष्ट्र में देश का प्रतिनिधित्व किया था। हिन्दी में दिए गए उनके भाषण ने भारत की दुनिया भर में छवि को बदलने और देश में सांस्कृतिक मूल्यों के मजबूत होने का सदेश दिया।
उन्होंने एक ओर जहां नवाज शरीफ को गले लगाया वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान के विश्वासघात का कारगिल में करारा जवाब दिया। युद्ध के दौरान ही सैनिको के बीच में जाकर उनका मनोबल बढाने का काम भी किया था। वे सरल हृदय और मानवता के पोषक थे पर जब जरूरत पडी तो उतना ही कडा जवाब भी देते थे। विदेशी चुनौतियों का जवाब परमाणु विस्फोट के परीक्षण से भी दिया था।
जनता के सपनों को साकार करने वाले इस राजनेता ने भारत में नदियों को जोडने का अनूठा प्रयोग किया। वे बडी से बडी और गंभीर बात भी कम शब्दों में कह देते थे। चुनाव के समय का किस्सा कहते हुए सांसद ने बताया कि नामांकन के बाद आयोजित सभा में अटल जी को हार पहनाने की बात आने पर उन्होंने हार पहनने से मन कर दिया था। इसके पीछे उनका कहना था कि हार उन्हे मंजूर नहीं है। व्यक्ति को जीवन में हार नहीं माननी चाहिए। उनकी एक एक बात के काफी गहरे अर्थ होते थे जिस पर शोध भी हो सकते हैं। वे कश्मीर से कन्याकुमारी तक लोगों के सबसे प्रिय राजनेता थे। आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उनके सपनों को पूरा कर रहे हैं। गरीब को घर से लेकर उसके घर में नल से जल तक के अटल जी के सपनों को प्रधानमंत्री मोदी ने धरातल पर उतार दिया है। देश के लिए अटल जी के आधुनिक सडकों का स्वप्र आज एक्सप्रेस वे के रूप में सामने आया है। जिस मजबूत भारत की वे परिकल्पना करते थे प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया की बडी ताकत बनकर उभर चुका है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उनके सही मायने में उनके उत्तराधिकारी स्थापित हो चुके हैं।

23/12/2024

सूचना आयुक्त का ग्रामीण विद्यार्थियों से संवाद

सौरिख,कन्नौज। राज्य सूचना आयुक्त डॉ दिलीप अग्निहोत्री जनपद कन्नौज के सौरिख स्थित ऋषिभूमि इंटर कॉलेज के समारोह में सम्मिलित हुए। उन्होंने यहां बड़ी संख्या में उपस्थित विद्यार्थियों से संवाद किया। कहा कि पिछले कुछ वर्षों में ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थी में विभिन्न क्षेत्रों में बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं। इसमें शिक्षा,
प्रतियोगी परीक्षाएं, स्पोर्ट्स, संगीत आदि विविध क्षेत्र शामिल है। ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों को यह जज्बा बनाए रखना है। राज्य सूचना आयुक्त ने नई शिक्षा नीति का उल्लेख किया। कहा कि इसमें शैक्षणिक योग्यता, ज्ञान के साथ साथ कौशल विकास पर भी बल दिया गया है। विद्यार्थियों को इसका लाभ उठाना चाहिए। वह अपनी रुचि का कोई क्षेत्र चुन सकते है। अपने हुनर में विशेषज्ञता हासिल कर सकते है। इसमें रोजगार के अलावा स्वरोजगार के भी उन्हें अवसर मिलेंगे। इस अवसर पर प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष विनीत अग्निहोत्री, प्रबंधक शिखा अग्निहोत्री, प्राचार्य उमेश चंद्र,शिक्षक और स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।

शिक्षा के साथ कौशल विकास का महत्वडॉ दिलीप अग्निहोत्री सौरिख,कन्नौज। राज्य सूचना आयुक्त डॉ दिलीप अग्निहोत्री जनपद कन्नौज ...
23/12/2024

शिक्षा के साथ कौशल विकास का महत्व

डॉ दिलीप अग्निहोत्री

सौरिख,कन्नौज। राज्य सूचना आयुक्त डॉ दिलीप अग्निहोत्री जनपद कन्नौज के सौरिख स्थित ऋषिभूमि इंटर कॉलेज के समारोह में सम्मिलित हुए। उन्होंने यहां बड़ी संख्या में उपस्थित विद्यार्थियों से संवाद किया। कहा कि पिछले कुछ वर्षों में ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थी में विभिन्न क्षेत्रों में बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं। इसमें शिक्षा,
प्रतियोगी परीक्षाएं, स्पोर्ट्स, संगीत आदि विविध क्षेत्र शामिल है। ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों को यह जज्बा बनाए रखना है। राज्य सूचना आयुक्त ने नई शिक्षा नीति का उल्लेख किया। कहा कि इसमें शैक्षणिक योग्यता, ज्ञान के साथ साथ कौशल विकास पर भी बल दिया गया है। विद्यार्थियों को इसका लाभ उठाना चाहिए। वह अपनी रुचि का कोई क्षेत्र चुन सकते है। अपने हुनर में विशेषज्ञता हासिल कर सकते है। इसमें रोजगार के अलावा स्वरोजगार के भी उन्हें अवसर मिलेंगे। इस अवसर पर प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष विनीत अग्निहोत्री, प्रबंधक शिखा अग्निहोत्री, प्राचार्य उमेश चंद्र,शिक्षक और स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।

समाज के एक रहने पर ही सनातन की रक्षा संभव : डा दिनेश शर्मा ब्राह्मण जाति नहीं बल्कि श्रेष्ठ जीवन जीने का प्रवाह ब्राह्मण...
23/12/2024

समाज के एक रहने पर ही सनातन की रक्षा संभव : डा दिनेश शर्मा

ब्राह्मण जाति नहीं बल्कि श्रेष्ठ जीवन जीने का प्रवाह

ब्राह्मण त्याग तपस्या और संस्कार का प्रतीक

सनातन को मानने वाला नहीं हो सकता है हिंसक

लखनऊ । राज्यसभा सांसद व यूपी के पूर्व उपमुख्यमंत्री डा दिनेश शर्मा ने कहा कि समाज के एक रहने पर सनातन की रक्षा संभव है। बंटने से नहीं बल्कि मिलकर चलने से देश का भी कल्याण संभव है। देश की रक्षा के लिए सभी को एक साथ आगे बढना होगा।
लखनऊ में ब्राह्मण संगठनों द्वारा आयोजित विशाल ब्राह्मण महाकुम्भ को सम्बोधित करते हुए डा शर्मा ने कहा कि समय का परिवर्तन हुआ है और सामाजिक दिशा बदलाव के चलते ब्रह्म समाज कभी कभी बिना किसी कारण के आलोचना का पात्र बन जाता है। लोगों को ब्राह्मण समाज के बारे में टिप्पणी करने के पहले उसे जानने की जरूरत है। असल में ब्राह्मण जाति नहीं बल्कि एक श्रेष्ठ जीवन जीने के प्रवाह का नाम है। यह त्याग तपस्या बलिदान और संस्कार का प्रतीक है। यह अपने लिए नहीं बल्कि सनातन धर्म की रक्षा के लिए समर्पित है जो अपने देवी देवताओं का सम्मान चाहता है। यह ऐसा वर्ग है जो इंसान के जन्म से लेकर अन्त समय तक उसके लिए मंगलकामना करता है। केवल ब्राह्मण को सदाकारी गुणों के कारण ही देवता कहा गया है।
उन्होंने कहा कि जो अध्ययन अध्यापन करे तथा शास्त्रों ज्ञान रखे व विद्वत हो , भिक्षाटन करके विद्या का दान दे वह ब्राह्मण है। इसने राजा को बनाया और बिगाडा भी है। इसने व्यवस्था को ठीक करने का काम किया है। उसके लिए प्राणियों में सद्भाव , मानव का कल्याण ही सर्वोपरि है। उसके लिए सनातन ही व्यवस्था है जहां जीव जंतु के कल्याण की बात के साथ ही तुलसी को भी माता कहा गया है।
डा शर्मा का कहना था कि सनातन को मानने वाला कभी हिंसक नहीं होता है। इतिहास में किसी हिन्दू के आक्रान्ता होने का कोई उदाहरण नहीं है। यह आक्रमणकारी नहीं है पर अगर किसी ने छेडा है तो छोडा भी नहीं है। देश में कई आक्रान्ता आए और उन्होंने देश को लूटा था। इसका कारण लोगों के बीच में मतभेद का होना था जिसका आक्रान्ताओं ने लाभ लिया था। आज अगर इतिहास को देखें तो आक्रान्ताओं का इतिहास तो मौजूद है पर राणा सांगा और महाराणा प्रताप जैसे वीरों का विस्तृत इतिहास कही पर नहीं है क्योंकि देश के इतिहास को भी विदेशियों ने ही लिखा है और उन्हें बांटने के लिए जाति के अंदर जाति भी विदेशियों ने बनाई हमारे धर्म शास्त्रों ने नहीं।
सांसद ने कहा कि ब्राह्मण सनातन के संरक्षण के साथ ही समाज को जोडने का कार्य भी करता है। उसने हर सामाजिक कार्य से समाज के हर वर्ग को जोडा है। इसलिए ही ब्राह्मण आक्रान्तों की कुदृष्टि का शिकार बना है। उसकी शिखा जनेऊ आदि काटे गए पर उसने सनातन और समाज के कल्याण का धर्म नहीं छोडा था। आक्रान्ताओं को पता था कि अगर ब्राह्मण को समाप्त कर लिया तो भारत के शास्त्र नष्ट हो जाएंगेे। इसके लिए नालन्दा और तक्षशिला जैसे केन्द्र भी आग के हवाले कर दिए गए पर ब्राह्मणों ने उन शास्त्रों को कंठस्थ करके उसे दोबारा से लिख दिया । समाज के इस वर्ग ने अत्याचार सहने के बावजूद अपना आवरण और संस्कार नहीं बदले तथा सनातन पर चोट नहीं आने दी। अंग्रेजों ने समाज को बांटने के साथ ही लोगों को आपस में लडाने का कार्य किया था।
परिवार को आधार बताते हुए कहा कि आज जरूरत इस बात की है कि हर परिवार में बच्चें को संस्कार दिए जाएं। ब्राह्मण को काटों बांटो की संस्कृति से दूर रहना चाहिए। जन्मदिन पर केक काटने के स्थान पर पुरानी पद्धति से गुलगुले और लड्डू बंटना चाहिए भगवान का पूजन कथा और रामायण पाठ करना चाहिए। दीपक जलाना चाहिए जिससे जीवन में प्रकाश आए। पाश्चात्य और भारत की संस्कृति में अन्तर है कि वह बांटने की है और भारत की संस्कृति एक करने की है। हमारी संस्कृति मिलकर रहने का संदेश देती है। समाज में पाश्चात्य संस्कृति हावी होती जा रही है जो शुभ संकेत नहीं है। बदलाव कैसा है कि पहले के समय में अगर बच्चे के कपडे फट जाए तो मंा को रोना आता था और आज के समय में बच्चे को पाश्चात्य संस्कृति के अनुरूप अगर फटे कपडे नहीं मिले तो भी मां दुखी होती है। आज विदेश में रहने वाले हरे राम हरे कृष्ण कर रहे हैं वही हम हाय हेलो की संस्कृति को अपना रहे हैं।
मंच पर उपस्थित संतो का नमन करते हुए कहा कि संत के बारे में कहा गया है कि जहां संत है वहां बसंत है और जहां बसंत है वहीं पर दुखों का अन्त और सुख का प्रारंभ है। इसलिए समाज को संतो के दिखाए मार्ग का अनुसरण करना चाहिए। मध्य प्रदेश उत्तराखंड दिल्ली तथा उत्तर प्रदेश के भारी संख्या में ब्राह्मण संगठनों के प्रतिनिधियों एवं साधु संतों ने कार्यक्रम में भाग लिया।

आर्थिक मंच पर अध्यात्ममुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुंबई, महाराष्ट्र में आयोजित विश्व हिंदू आर्थिक मंच के कार्यक्रम में शा...
20/12/2024

आर्थिक मंच पर अध्यात्म

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुंबई, महाराष्ट्र में आयोजित विश्व हिंदू आर्थिक मंच के कार्यक्रम में शामिल हुए। यहां उन्होंने हिंदुत्व, भारतीय अर्थव्यवस्था और उत्तर प्रदेश के विकास मॉडल को रेखांकित किया। कहा कि हिंदुत्व के मूल सिद्धांतों में आर्थिक समृद्धि का एक प्रमुख स्थान है। इसे आत्मनिर्भर भारत अभियान से जोड़ना चाहिए। योगी आदित्यनाथ ने अनंत अंबानी से मुलाकात की और उन्हें प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ में भाग लेने का विशेष निमंत्रण दिया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर का प्रतीक है।

सुशासन सप्ताह का शुभारंभमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्रद्धेय श्री अटल बिहारी व...
20/12/2024

सुशासन सप्ताह का शुभारंभ

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्रद्धेय श्री अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में सुशासन सप्ताह (19 से 25 दिसम्बर, 2024) का शुभारम्भ किया। उन्होंने इस अवसर पर आयोजित चित्र प्रदर्शनी का अवलोकन किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत माता के महान सपूत देश के पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय श्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म शताब्दी वर्ष के अवसर पर आज से प्रदेश भर में सुशासन सप्ताह का शुभारम्भ हो रहा है।

सूचना आयुक्त ने पद्मश्री मालिनी अवस्थी को भेंट किया अपना काव्य संग्रहलखनऊ। राज्य सूचना आयुक्त डॉ दिलीप अग्निहोत्री ने वि...
20/12/2024

सूचना आयुक्त ने पद्मश्री मालिनी अवस्थी को भेंट किया अपना काव्य संग्रह

लखनऊ। राज्य सूचना आयुक्त डॉ दिलीप अग्निहोत्री ने विख्यात लोक गायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी से शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर उन्होंने मालिनी अवस्थी को अपना काव्य संग्रह *वटवृक्ष की छांव* भेंट किया।

अधिकार के साथ कर्तव्य का महत्वडॉ दिलीप अग्निहोत्रीसूचना का अधिकार संविधान की व्यवस्था और भावना के अनुरूप है। भारत के नाग...
19/12/2024

अधिकार के साथ कर्तव्य का महत्व

डॉ दिलीप अग्निहोत्री

सूचना का अधिकार संविधान की व्यवस्था और भावना के अनुरूप है। भारत के नागरिकों को शासन प्रशासन से सीधे जवाब मांगने का अधिकार है। सूचना का अधिकार अधिनियम द्वारा इसको सुनिश्चित किया गया है। प्रत्येक अधिकार के साथ कर्तव्य भी जुड़ा होता है। सूचना के अधिकार का सकारात्मक उपयोग करना नागरिकों का कर्तव्य है। इसका दुरुपयोग नहीं होना चाहिए। ऐसा होने पर अधिकार की गरिमा कम होती है। इसके प्रति आमजन का जागरूक होना भी जरूरी है। सूचना चाहने वाले जन सामान्य और जिनके पास सूचना है,उनके बीच सूचना का अधिकार सेतु की भांति होता है। सुशासन के अनुसार
मैक्सिमम गवर्नेंस
मिनिमम गवर्नमेंट होना चाहिए। सूचना के अधिकार के माध्यम से इस विचार पर अमल सुनिश्चित होता है। इस अधिनियम के माध्यम से पारदर्शिता, जवाबदेही और सुशासन को बढ़ावा दिया जा रहा है। यह कार्य जन सूचना के अधिकार की भावना के अनुरूप है। केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का न्यूनतम सरकार अधिकतम शासन का मंत्र अनिवार्य रूप से पारदर्शिता को बढ़ावा देता है। केंद्रीय सूचना आयोग के सम्मेलन का विषय भी यह था।
विकसित भारत की यात्रा में आरटीआई का योगदान। सूचना के अधिकार अधिनियम ने नागरिकों को सूचना तक पहुंचने के लिए एक मजबूत तंत्र प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाया है। सरकार और लोगों के बीच की खाई को पाटा है। यह भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई और नागरिक केंद्रित शासन मॉडल को बढ़ावा देने में आधारशिला के रूप में कार्य करता है।
सूचना आयोग द्वारा ई फाइलिंग, ई सुनवाई और अभिलेखों के डिजिटलीकरण सहित ई पहलों को अपनाने से दक्षता और पारदर्शिता के लिए नए मानक स्थापित हुए हैं।
पारदर्शिता व्यवस्था को व्यापक बनाने में आरटीआई अधिनियम की धारा चार के महत्व को समझने की आवश्यकता है।
शासन में विश्वास पैदा करने के लिए पारदर्शिता और जवाबदेही आवश्यक है। देश के लोकतांत्रिक ढांचे को मजबूत करने के लिए आरटीआई प्रक्रिया को अधिक उत्तरदायी और नागरिक-अनुकूल बनाने के प्रयास किए जा रहे है।

पीएम मोदी के समय में संविधान सर्वश्रेष्ठ अवस्था में पहुचने की ओर अग्रसर : डा दिनेश शर्मा नई दिल्ली। राज्यसभा सांसद व यूप...
19/12/2024

पीएम मोदी के समय में संविधान सर्वश्रेष्ठ अवस्था में पहुचने की ओर अग्रसर : डा दिनेश शर्मा

नई दिल्ली। राज्यसभा सांसद व यूपी के पूर्व उपमुख्यमंत्री डा दिनेश शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत का संविधान सर्वश्रेष्ठ अवस्था में पहुचने की ओर अग्रसर हो रहा है। बाबा साहेब का संविधान सामाजिक परिवर्तन व राष्ट्र निर्माण का शक्तिशाली उपकरण है।
संसद में सविधान पर चर्चा में भाग लेते हुए सांसद ने कहा कि जो लोग आज संविधान की रक्षा करने का दम भर रहे हैं उन्ही ने ही संविधान की मर्यादा को तार तार करने में कोई कोर कसर नहीं रखी है। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि आरक्षण को समाप्त करने की सोंच को उनके बडे नेता विदेशी जमीन पर जाहिर कर चुके है। विदेशी सोंच वाले ऐसे लोग भारत को शक्तिहीन करना चाहते हैं। इनको भारत में राष्ट्रवाद की सोंच का पनपना रास नहीं आता है। विदेश जाकर देश की बदनामी करना इनका एकमात्र उद्देश्य रह गया है। इसके पीछे की मंशा देश को विकास की पटरी से उतारने की लगती है।
डा शर्मा ने गांधी परिवार को निशाने पर लेते हुए कहा कि इनके पूर्वजों का इतिहास संविधान की मर्यादा तथा बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी के सम्मान को तार तार करने का रहा है। राहुल जी के परदादा सरकारों को गिराने की शुरुवात करके गए थे तो दादी ने तो देश पर आपातकाल ही थोप दिया। ऐसा करके ज्वालामुखी से भी भयंकर विस्फोट किया। ऐसे लोग पता नहीं किस मुह से संविधान की रक्षा की बात करते हैं। पिछडों के अधिकारों को भी रोकने का काम इनका ही रहा है। मंडल रिपोर्ट को कांग्रेस की सरकारों ने ही लम्बे समय तक लागू नहीं होने दिया था। पिछडों को उनके अधिकार भाजपा समर्थित सरकार के समय में ही मिला था।
उन्होंने कहा कि संविधान को लेकर जगह जगह घूमने वालों ने ही शाहबानों केस में महिला अधिकारों का हनन किया था जबकि प्रधानमंत्री मोदी के समय में महिलाओं को नीति निर्माण भागीदारी दी गई है। आज के समय में उनकी आखों में नए सपने हैं। भारत के संविधान में रानी लक्ष्मीबाई की तस्वीर भी थी जो नारी सशक्तीकरण की प्रतीक है तथा उन्होंने देश की आजादी के लिए बडा योगदान किया ।
सांसद ने कहा कि बाबा साहेब न केवल संविधान के रचयिता थे बल्कि सामाजिक न्याय के प्रबल प्रवर्तक थे। उनके द्वारा बनाया गया संविधान नागरिकों के अधिकार , कर्तव्य व उनके बीच समन्वय का अहम दस्तावेज है। संविधान समाज की आत्मा है तथा बाबा साहेब का कहना था कि संविधान सही मायने में तभी असरकारी होगा जब समाज के लोग समानता न्याय और बंधुत्व के मूल्यों को आत्मसात कर लेंगे। वर्तमान सरकार की संविधान के प्रति सोंच सकारात्मक है जबकि पिछली गैर भाजपा सरकारों की नकारात्मक सोंच के चलते उनके समय में कई बार संविधान की धज्जियां उडी थीं। यह भाजपा की अटल जी की सरकार थी जिसने संविधान संशोधनों की पवित्रता को सुनिश्चित किया तथा अनुसूचित जाति व अनुसूचित जन जाति के लोगों को न्याय मिला। उनके लिए खाली पडे पदों को भरने का मार्ग प्रशस्त हुआ। अटल जी को विजनरी नेता बताते हुए कहा कि उनके समय में क्षेत्रीय भाषाओं को महत्व देने का काम आरंभ हुआ और कई भाषाओं को आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया।
जीएसटी पर विपक्ष के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए डा शर्मा ने कहा कि इस टैक्स के लिए नींव अटल जी के समय में रखी गई जिसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के समय में मूर्त रूप दिया गया और आज देश का राजस्व बढा है जिससे विकास की नई गाथा की नींव है।
उनका कहना था कि संविधान के प्रति नकारात्मक सोंच रखने वालों ने उसे ठेस पहुचाई है तथा उसकी हत्या की। इसका सबूत 1975 का आपातकाल है। उस समय में देश में हर वर्ग के लोगों का उत्पीडन हुआ था। जबरन नसबन्दी कराई गई थीं। संवैधानिक व्यवस्थाओं को नष्ट किया गया। संविधान में बिना नियम कायदे के अनुचित संशोधन किए गए।
वर्तमान केन्द्र सरकार राज्यों के साथ बेहतर तालमेल से काम कर रही है। राज्यों को अधिक राजस्व की प्राप्ति हो रही है। संविधान के उल्लंघन का इतिहास रखने वाले जान लें कि जनता सब देख रही है। संविधान के सम्मान को लेकर राज्यसभा में गृहमंत्री श्री अमित शाह जी के द्वारा दिए गए भाषण से कांग्रेस की बाबा साहब भीमराव अंबेडकर विरोधी नीतियों का खुलासा हुआ है इसलिए गलत नॉरेटिव बनाकर झूठ फैलाओ गैंग विधानसभा चुनाव की पराजय के बाद पुनः सक्रिय हो गया है उन्होंने लोकसभा और राज्यसभा में कांग्रेस पार्टी द्वारा किए गए हंगामे की आलोचना करते हुए कहा कि हताश निराश विपक्ष आरक्षण के संदर्भ में झूठ का सहारा लेने के बाद विफल होने पर अब बाबा साहब का नाम लेकर झूठ फैला रहा है ,जिसे जनता माफ नहीं करेगी। डॉक्टर शर्मा ने सदन में बार-बार व्यवधान डालने के लिए विपक्ष की आलोचना की।

विद्यांत में सत्र  वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता लखनऊ। विद्यांत हिंदू पीजी कॉलेज लखनऊ मे सत्र 2024- 25 की वार्षिक खेलकूद प्...
18/12/2024

विद्यांत में सत्र वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता

लखनऊ। विद्यांत हिंदू पीजी कॉलेज लखनऊ मे सत्र 2024- 25 की वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता के अंतर्गत होने वाली इंडोर प्रतियोगिता 13,14 तथा 16 दिसंबर 2024 को संपन्न हुई। इस इंडोर प्रतियोगिता के अंतर्गत बैडमिंटन, कैरम, शतरंज, आर्म रैसलिंग तथा थ्रो बॉल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता का उद्घाटन महाविद्यालय की प्राचार्या प्रोफेसर धरम कौर ने किया। उद्घाटन के इस अवसर पर क्रीड़ा सचिव प्रोफेसर रमेश कुमार यादव, डॉ. बृजभूषण यादव, प्रोफेसर आलोक भारद्वाज, प्रोफेसर ध्रुव कुमार त्रिपाठी, डॉ भूपेंद्र सचान, डॉ. शिल्पी चौधरी, डॉ.राजकमल गुप्ता सुरेंद्र कुमार मिश्रा, सुनील श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे। बैडमिंटन प्रतियोगिता में छात्र वर्ग में विजेता रहे सुभाष यादव बीए प्रथम वर्ष तथा उपविजेता रहे विनायक यादव बा प्रथम वर्ष । बैडमिंटन प्रतियोगिता की छात्रा वर्ग में विजेता रहीं निधि वर्मा बी.ए. तृतीय वर्ष तथा उपविजेता रहीं ज्योति तिवारी बी.ए. प्रथम वर्ष। कैरम प्रतियोगिता के छात्र वर्ग में विजेता रहे कौशिक कश्यप बीकॉम प्रथम वर्ष तथा उपविजेता रहे शिवांश बीकॉम तृतीय वर्ष। कैरम की छात्रा वर्ग प्रतियोगिता में विजेता रहीं रश्मि गुप्ता बीए तृतीय वर्ष तथा उपविजेता रहीं आयुषी आनंद बी.काम. द्वितीय वर्ष। शतरंज प्रतियोगिता में छात्र वर्ग के विजेता रहे मोहम्मद अयान बीए प्रथम वर्ष तथा उपविजेता रहे कुणाल बीए द्वितीय वर्ष । शतरंज प्रतियोगिता में छात्र वर्ग की विजेता रही रश्मि गुप्ता बीए तृतीय वर्ष तथा उपविजेता रहीं तनु वर्मा एम.ए. प्रथम वर्ष। आर्म रैसलिंग प्रतियोगिता में छात्र वर्ग में विजेता रहे नीरज चौहान बीए द्वितीय वर्ष तथा उपविजेता रहे शिवम वर्मा बीए तृतीय वर्ष। प्रतियोगिता में लगभग 40 छात्राओं ने प्रतिभाग किया।

विद्यार्थियों द्वारा राज्य सूचना आयुक्त का स्वागतकचाटीपुर,कन्नौज। सरदार पटेल कॉलेज पहुंचे राज्य सूचना आयुक्त डॉ दिलीप अग...
16/12/2024

विद्यार्थियों द्वारा राज्य सूचना आयुक्त का स्वागत

कचाटीपुर,कन्नौज। सरदार पटेल कॉलेज पहुंचे राज्य सूचना आयुक्त डॉ दिलीप अग्निहोत्री का विद्यार्थियों द्वारा स्वागत किया गया। इस अवसर पर विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष विनीत अग्निहोत्री, प्रबंधक विजय कन्नौजिया के अलावा प्राचार्य, शिक्षक और स्थानीय लोग उपस्थित रहे। राज्य सूचना आयुक्त ने कालेज परिसर में स्थापित सरदार पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।

15/12/2024

सरदार पटेल से प्रेरणा लें विद्यार्थी

डॉ दिलीप अग्निहोत्री

कचाटीपुर,कन्नौज। राज्य सूचना आयुक्त डॉ दिलीप अग्निहोत्री ने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वह सरदार बल्लभ भाई पटेल से राष्ट्रभक्ति और प्रशासनिक कुशलता की प्रेरणा लें। पढ़ाई के साथ ही समाज और देश के प्रति अपने दायित्व को समझने और उसका निर्वाह करना चाहिए।
राज्य सूचना आयुक जनपद कन्नौज
कचाटीपुर के सरदार पटेल कॉलेज में विद्यार्थियों से संवाद कर रहे था। उन्होंने कालेज परिसर में स्थापित सरदार पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और फिर उप प्रधानमंत्री के रूप में सरदार पटेल के विलक्षण योगदान का उल्लेख किया। कहा कि उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में देश के किसानों को जोड़ा। स्वतंत्रता के बाद भारत की एकता को कायम रखना सभी रियासतों को जोड़ने को कार्य किया। वह राष्ट्रीय एकता के शिल्पकार थे।

15/12/2024
कांग्रेस ने बाबा साहब के  संविधान को अपने हिसाब से तोड़ मरोड़ कर जनता के सामने किया पेश:डा दिनेश शर्माजातीयता, प्रांतीयता ...
14/12/2024

कांग्रेस ने बाबा साहब के संविधान को अपने हिसाब से तोड़ मरोड़ कर जनता के सामने किया पेश:डा दिनेश शर्मा

जातीयता, प्रांतीयता एवं अलगाववाद का भाव पनपने का कारण कांग्रेस द्वारा संविधान के साथ किया गया खिलवाड़

संविधान अल्पसंख्यकों के लिए अलग कानून और बहुसंख्यकों के लिए अलग कानून की नही देता इजाजत

अम्बेदकर के संविधान में सीता माता, भगवान राम बजरंगबली और बुद्व की भी थी फोटो

एक देश एक चुनाव से रूकेगा धन का अपव्यय

चुनाव के कारण बार बार सरकारी काम में समय समय पर आनेवाली बाधा होगी दूर

लखनऊ/दिल्ली। राज्यसभा में विपक्ष के द्वारा आज भी हंगामा करने पर उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री सांसद दिनेश शर्मा ने पत्रकारों से दिल्ली में बात करते हुए कहा कि कांग्रेस ने बाबा साहब अम्बेदकर द्वारा दिये गए संविधान को अपने हिसाब से तोड़ मरोड़ कर जनता के सामने समय समय पर पेश किया।अगर इसे उसी भावना से पेश किया गया होता तो जो आज जातीयता, प्रांतीयता एवं अलगाववाद का भाव आज पनपने नही पाता।
भारत का संविधान सबको समान प्रेरणा देता है तथा इसमें दलीय भावना नही होनी चाहिए।

पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि संविधान यह कहीं नही कहता कि अल्पसंख्यकों के लिए अलग कानून होना चाहिए तथा बहुसंख्यकों के लिए अलग कानून होना चाहिए।संविधान में वक्फ बोर्ड बनाने का जिक्र कहीं भी नही है। हिन्दू को भी शिक्षा मिले और मुसलमानों को भी शिक्षा मिले तथा दोनो की शिक्षा में कहीं भेदभाव नही होना चाहिए।बाबा साहेब भीमराव अम्बेदकर ने जो संविधान बनाया था उसमें सीता माता, भगवान राम और बजरंगबली की फोटो थी,बुद्ध की फोटो थी तथा तमाम मन्दिरों की फोटो थी।उसमें झांसी की रानी तथा सुभाष चंद्र बोस जी की भी फोटो थी। संविधान के संरक्षण का भाव देश को मजबूत भी बनाता है तथा लोगों को एक साथ रहने का रास्ता भी बताता है।
सांसद शर्मा से जब पूंछा गया कि कैबिनेट द्वारा पारित किये गए एक देश एक चुनाव के बारे में वे क्या सोचते हैं तो उन्होंने कहा कि यह एक ऐतिहासिक कदम है। यह कानून सबके हित चिंतन के भाव से बना कानून है इसमें चुनाव पर आने वाले व्यय और अपव्यय में न केवल कमी आएगी बल्कि इसके पीछे समन्वय और एकता , निष्पक्षता एवं एकरूपता का भाव छिपा हुआ हैं। चुनाव के कारण बार बार सरकारी काम में जो बाधा आती है वह भी इससे दूर होगी।उन्होंने राज्यसभा न चलने देने के लिये विपक्ष की आलोचना की।

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