Gaon Connection

Gaon Connection Gaon Connection is India's biggest rural communications and insights platform. Through audio, video,

Gaon Connection is India’s first comprehensive rural media platform whose work spans across print, video, digital, training, and ground activation. At the heart of its work is a massive outreach program that is in the process of creating thousands of community journalists -- women, farmers, and students -- trained to become the voices of their community. In its digital avatar, Gaon Connection show

cases inspiring stories from rural areas including from Self-Help Groups and other communities, helps highlight rural issues and gets citizens’ governance-related problems fixed on the ground; and takes to villages useful information that doesn’t reach them, despite a huge hunger for knowledge and information in the rural heartland. We want to look at rural India as a real place, not as a stereotype as mainstream media does. We want to stick to the principles of well-intentioned, old-fashioned journalism even as we ride the massive scale of the digital revolution, and to be able to change real lives, not just do armchair activism. Our vision is to work across states and languages, creating a “connection” between urban-rural and rural-rural India, the like of which has never been seen before. We want to redefine the mainstream.

“In an era where India’s media industry concentrates on the urban concerns, Gaon Connection strives to give rural citizens a voice of their own,” says Neelesh Misra, Founder of Gaon Connection.

  बिहार के किशनगंज में गरीब बच्चों को शिक्षित कर रहे ग्रामीण पुस्तकालय
27/12/2024

बिहार के किशनगंज में गरीब बच्चों को शिक्षित कर रहे ग्रामीण पुस्तकालय

बिहार के सबसे पिछड़े और गरीब जिले के रूप में जाना जाने वाले किशनगंज में पुस्तकालय आंदोलन उभर कर सामने आ रहा है, जो ब.....

 िहारी_वाजपेयी आजीवन भारतीय सभ्यता और उसकी प्रबुद्ध बहुलवादी परंपरा के वाहक रहे हैं। वाजपेयी स्वतंत्रता से पूर्व और उसके...
25/12/2024

िहारी_वाजपेयी आजीवन भारतीय सभ्यता और उसकी प्रबुद्ध बहुलवादी परंपरा के वाहक रहे हैं। वाजपेयी स्वतंत्रता से पूर्व और उसके बाद लंबे समय तक देश के राजनीतिक क्षितिज पर चमकते रहे।

मयंक छाया

"पहली बार अटलजी का भाषण सुना था। स्टेज पर ध्यान गया तो देखा एक सुगठित बदन का व्यक्ति बोल रहा था, सफेद धोती-कुर्ता, हवा म...
25/12/2024

"पहली बार अटलजी का भाषण सुना था। स्टेज पर ध्यान गया तो देखा एक सुगठित बदन का व्यक्ति बोल रहा था, सफेद धोती-कुर्ता, हवा में फड़कता दाहिना हाथ और वाक्यों के बीच में लम्बा विराम यह उनकी चिरपरिचित शैली आजीवन अटल रही'
िहारी_वाजपेयी

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी नहीं रहे। गाँव कनेक्शन के प्रधान संपादक डॉ. एसबी मिश्र हमारे साथ पूर्व प्र.....

   मध्य प्रदेश के इस जिले में अफीम किसानों के घर बेटा-बेटी का रिश्ता क्यों करना चाहते हैं स्थानीय लोग
22/12/2024

मध्य प्रदेश के इस जिले में अफीम किसानों के घर बेटा-बेटी का रिश्ता क्यों करना चाहते हैं स्थानीय लोग

ारी नियंत्रण में होने वाली अफीम की खेती कभी भारत के कई राज्यों में होती थी, लेकिन पिछले कु....

बच्चों में दूर कर रहे गणित का डर; कभी गणित के नाम से भागने वाले इनके पढ़ाए कई छात्र अच्छे नंबरों से हुए हैं पास
22/12/2024

बच्चों में दूर कर रहे गणित का डर; कभी गणित के नाम से भागने वाले इनके पढ़ाए कई छात्र अच्छे नंबरों से हुए हैं पास

राजस्थान के पोखरण में एक टीचर के रूप में गिरिजा ओझा का मिशन है छात्रों के मन से गणित का डर दूर करना और उन्हें इस विषय ...

झारखंड में लेडी टार्जन के नाम से मशहूर पद्मश्री  #जमुना_टुडू के बुलंद हौसले वन माफिया पस्त नहीं कर पाए। छह महिलाओं से जं...
19/12/2024

झारखंड में लेडी टार्जन के नाम से मशहूर पद्मश्री #जमुना_टुडू के बुलंद हौसले वन माफिया पस्त नहीं कर पाए। छह महिलाओं से जंगल बचाने की शुरुआत करने वाली जमुना टुडू ने आज छह हजार महिलाओं की एक बड़ी फ़ौज तैयार कर दी है।

बाईस साल पहले छह महिलाओं से जंगल बचाने की शुरुआत करने वाली जमुना टुडू के लिए ये राह इतनी आसान नही थी पर इनके बुलंद इ.....

  सेकुलर व्यवस्था है तो धार्मिक संपत्तियों को जनकल्याण में लगाने पर एतराज़ क्यों है?
16/12/2024

सेकुलर व्यवस्था है तो धार्मिक संपत्तियों को जनकल्याण में लगाने पर एतराज़ क्यों है?

वक़्फ़ बोर्ड को समाप्त करने का प्रस्ताव तो है नहीं, यदि होता तो भी आश्चर्य नहीं होना चाहिए, क्योंकि दुनिया के तमाम इस्...

सदियों से फिरन के अंदर छिपी कश्मीरी कांगड़ी ने लोगों को कश्मीर की कड़कड़ाती ठंड से बचने में मदद की है। लेकिन कांगड़ी का ...
15/12/2024

सदियों से फिरन के अंदर छिपी कश्मीरी कांगड़ी ने लोगों को कश्मीर की कड़कड़ाती ठंड से बचने में मदद की है। लेकिन कांगड़ी का इस्तेमाल कम हो रहा है।

सदियों से फिरन के अंदर छिपी कश्मीरी कांगड़ी ने लोगों को कश्मीर की कड़कड़ाती ठंड से बचने में मदद की है। लेकिन कांगड.....

इन दिनों गेहूँ, सरसों और आलू के खेत में लड़कियाँ बथुआ तोड़ती दिख जाएँगी। दोपहर, रात हर समय के खाने की थाली में बथुआ का स...
15/12/2024

इन दिनों गेहूँ, सरसों और आलू के खेत में लड़कियाँ बथुआ तोड़ती दिख जाएँगी। दोपहर, रात हर समय के खाने की थाली में बथुआ का साग ज़रूर नज़र आ जाएगा; आखिर साल भर के इंतज़ार के बाद जो इनके दर्शन हुए हैं।

इन दिनों गेहूँ, सरसों और आलू के खेत में लड़कियाँ बथुआ तोड़ती दिख जाएँगी। दोपहर, रात हर समय के खाने की थाली में बथुआ क....

तालाब, ताल, तलैया, पोखर, तारा, झील और न जाने कितने नामों से इन्हें जानते हैं हम; लेकिन शायद इनकी क्या अहमियत होती है नही...
14/12/2024

तालाब, ताल, तलैया, पोखर, तारा, झील और न जाने कितने नामों से इन्हें जानते हैं हम; लेकिन शायद इनकी क्या अहमियत होती है नहीं जानते होंगे। जब भी जलवायु परिवर्तन की बात होती है, नदी, समुन्द्र, जंगल की बात होती है और वेटलैंड यानि आर्द्रभूमि की बात ही नहीं होती।

आज हम थोड़ा वेटलैंड्स, यानी नमभूमि या आद्रभूमि को समझ लेते हैं। आसान भाषा में कहें तो जमीन का वह हिस्सा जहाँ पानी और .....

कभी पानी बिजली को तरसते बुंदेलखंड में सौर ऊर्जा से क्रांति तो आ गई, लेकिन इसके पैनलों की रखवाली अब एक नई मुसीबत है। सौर ...
14/12/2024

कभी पानी बिजली को तरसते बुंदेलखंड में सौर ऊर्जा से क्रांति तो आ गई, लेकिन इसके पैनलों की रखवाली अब एक नई मुसीबत है। सौर पैनलों को चोरों से बचाने के लिए लोग कहीं जाने से पहले अब इसकी रखवाली का इंतज़ाम करते हैं।

कभी पानी बिजली को तरसते बुंदेलखंड में सौर ऊर्जा से क्रांति तो आ गई, लेकिन इसके पैनलों की रखवाली यहाँ के लोगों के लिए...

पशुपालन और खेती से भी अच्छी कमाई की जा सकती है, ये कर दिखाया है गुजरात की इस गोशाला ने; तभी तो यहाँ पूरा परिवार सिर्फ गो...
13/12/2024

पशुपालन और खेती से भी अच्छी कमाई की जा सकती है, ये कर दिखाया है गुजरात की इस गोशाला ने; तभी तो यहाँ पूरा परिवार सिर्फ गोशाला का काम देखता है और बहुत सारे लोगों को रोज़गार भी दिया है।

पशुपालन और खेती से भी अच्छी कमाई की जा सकती है, ये कर दिखाया है गुजरात की इस गोशाला ने; तभी तो यहाँ पूरा परिवार सिर्फ .....

यहाँ के किसानों की आय बहुत कम थी, घर चलाना मुश्किल हो रहा था, ऐसे में अंगोरा प्रजाति के खरगोश से उम्मीद एक नई किरण नजर आ...
13/12/2024

यहाँ के किसानों की आय बहुत कम थी, घर चलाना मुश्किल हो रहा था, ऐसे में अंगोरा प्रजाति के खरगोश से उम्मीद एक नई किरण नजर आयी है। यहाँ अंगोरा खरगोश के ऊन से कई तरह से उत्पाद बनाए जा रहे हैं।‍

यहां के किसानों को अंगोरा रैबिट प्रोजेक्ट से काफी फायदा हुआ है। क्योंकि चुबा के कई किसान भेड़ चराने वाले थे और पहल.....

महाकुंभ मेला बना UP का नया जनपद, 76वें जिले में शामिल हुए चार तहसील और 67 गाँव
12/12/2024

महाकुंभ मेला बना UP का नया जनपद, 76वें जिले में शामिल हुए चार तहसील और 67 गाँव

प्रयागराज के महाकुंभ क्षेत्र को चार महीने के लिए नया जनपद घोषित किया गया है। कुंभ मेला के मेला अधिकारी को ही डीएम य....

राजस्थान: ईंट-भट्टों में घुटता बचपनः बच्चों का शारीरिक, मानसिक स्वास्थ्य खराब, पेशगी की कीमत में पिसते प्रवासियों के बच्...
10/12/2024

राजस्थान: ईंट-भट्टों में घुटता बचपनः बच्चों का शारीरिक, मानसिक स्वास्थ्य खराब, पेशगी की कीमत में पिसते प्रवासियों के बच्चे
#मानवाधिकार_दिवस

देश में कई करोड़ बच्चे खेलने और स्कूल जाने की उम्र में दिहाड़ी मजदूर बन जाते हैं। ऐसे अघोषित बाल मजदूरों की संख्या ....

  उरांव पेंटिंग के ज़रिए दो आदिवासी बहनें अपनी लोक संस्कृति को दुनिया तक पहुँचाने का प्रयास कर रहीं हैं, इनकी बनाई पेंटि...
07/12/2024

उरांव पेंटिंग के ज़रिए दो आदिवासी बहनें अपनी लोक संस्कृति को दुनिया तक पहुँचाने का प्रयास कर रहीं हैं, इनकी बनाई पेंटिंग की ये खास बात होती है कि इनमें पूरी तरह से प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल होता है।

उरांव पेंटिंग के ज़रिए दो आदिवासी बहनें अपनी लोक संस्कृति को दुनिया तक पहुँचाने का प्रयास कर रहीं हैं, इनकी बनाई पे.....

07/12/2024

एक समय था जब धान की फ़सल कटाई के बाद किसान खेतों में पराली जला देते थे। जुर्माना भुगतना पड़ता था। किसानों को भी, और धरती को भी।

तब गाँव को पता चल गया कि इस पराली को BiofuelCircle के बायोमास बैंक में भेजा जाता है, जहाँ से बायोमास आधारित ग्रामीण उद्यम के लिए नए दरवाजे खुलते हैं

  बिजली सप्लाई का अनिश्चित होना, जब चाहे तब आना जब चाहे ना आना सामान्य घटना बन चुकी है। लेकिन गाँव में खैरात की बिजली या...
06/12/2024

बिजली सप्लाई का अनिश्चित होना, जब चाहे तब आना जब चाहे ना आना सामान्य घटना बन चुकी है। लेकिन गाँव में खैरात की बिजली या मुफ़्त बिजली की आदत भी शायद जटिल समस्या है। क्योंकि इस तरह की आदत बढ़ने से ही गाँव में कटिया लगाओ काम चलाओ प्रचलित है।

बिजली सप्लाई का अनिश्चित होना, जब चाहे तब आना जब चाहे ना आना सामान्य घटना बन चुकी है। लेकिन गाँव में खैरात की बिजली .....

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B-2/62Q, Vishal Khand-2, Gomti Nagar
Lucknow
226010

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कहानी गाँव कनेक्शन की

चंद लोगों ने मिलकर कुछ साल पहले जो सपना देखा था आज वो एक सितारा बनकर गाँव से जुड़े, शहर से जुड़े, देश से जुड़े अनगिनत लोगों की आंखों में टिमटिमा रहा है। पांच साल के इस सफर में हमने कई उतार - चढ़ाव देखे। कई मुश्किलें आईं और कई उपलब्धियां भी।

हमारी कुछ ख़बरों को अगर देश के सबसे बड़े पत्रकारिता पुरस्कारों से सम्मानित किया गया तो कुछ ऐसी भी ख़बरें थीं जिनमें हम अपने पाठक की उम्मीदों पर पूरी तरह खरे नहीं उतर पाए। हमारी कोशिश यही रही है कि हम सफलता को साथ लेकर चलें लेकिन गलतियों को न दोहराएं। आज गाँव कनेक्शन जहां भी है सिर्फ आप सबकी वजह से है... पांच साल पूरे होने का ये जश्न बस गाँव कनेक्शन का जश्न नहीं है... आप सबका जश्न है। इस जश्न को अपना बनाइए और पढ़िए कैसा रहा इस ग्रामीणमीडिया प्लेटफॉर्म का अब तक का सफ़र...

गांव के लोगों, किसानों के अख़बार गांव कनेक्शऩ की शुरुआत 2 दिसंबर 2012 को उत्तर प्रदेश के एक गांव में हुई थी। इन पांच वर्षों में गाँव कनेक्शन ने नए मुकाम हासिल किए, पहले साप्ताहिक, फिर दैनिक अखबार के बाद अब डिजिटल माध्यम से ग्रामीण भारत की अलग झलक को देश-दुनिया तक पहुंचा रहा है। इन पांच वर्षों में गाँव कनेक्शन को पत्रकारिता के क्षेत्र के कई उत्कृष्ट सम्मानों से सम्मानित किया गया। साथ ही गाँव कनेक्शन के काम को देश-विदेश की कई मीडिया संस्थानों ने इसके काम को सराहा।

हमारी उपलब्धियां