
13/01/2025
मध्यप्रदेश के उज्जैन में महाकाल मंदिर है। इस मंदिर के समीप सौंदर्यीकरण के नाम पर बेग़मबाग कॉलोनी के 230 से अधिक मकानों को ध्वस्त करने की कार्रवाई की गई है। ध्वस्तीकरण की इस कार्रावाई में तकिया मस्जिद को भी ज़मींदोज़ कर दिया गया। सवाल यह है कि क्या सेक्युलर देश/प्रदेश की सरकार किसी एक धर्म विशेष को प्रमोट कर सकती है? मंदिर के सौंदर्यीकरण के लिए 'दूसरे' धर्म की इबादतगाह को ज़मींदोज़ किया जाना संविधान पर हमला नहीं है? संविधान और कैसे खत्म होता है? बहुसूख्यक वोट बैंक को साधने के लिए अल्पसंख्यकों की इबादतगाह को गिराना, बहुसंख्यकों के धर्म स्थल के आस-पास रहने वाले 'दूसरे' धर्म के अल्पसंख्यकों को उजाड़कर 'दूर' बसने के लिए मजबूर करना क्या ये संविधान खत्म करने की प्रक्रिया नहीं है? क्या देश में ऐसा संभव है कि किसी मस्जिद के सौंदर्यीकरण के लिए किसी मंदिर को ज़मींदोज़ किया जा सके? क्या संभव है कि मस्जिद के सौंदर्यीकरण के लिए मस्जिद के आस-पास बसे ग़ैर मुस्लिमों को उजाड़कर कहीं और रहने के लिए मजबूर किया जाए? इस देश में सिर्फ हिंदू ही नहीं हैं, सिर्फ हिंदूओं के ही धर्म स्थल नहीं हैं। बल्कि मुस्लिम, सिख, जैन, बौद्ध, इसाई, लिंगायत, पारसी सभी के धर्म स्थल हैं। क्या इन सभी के धर्म स्थलों के सौंदर्यीकरण के लिए वही तरीक़ा अपनाया जाएगा जैसा उज्जैन में अपनाया गया है? अगर नहीं! तो क्यों नहीं? लोकसभा चुनाव में विपक्ष के नेता संविधान की दुहाई देकर वोट मांगते थे। संविधान खत्म होता तो क्या होता? यही कि भारत हिंदू राष्ट्र घोषित हो गया होता! लेकिन कौनसा ऐसा काम है जो हिंदु राष्ट्र में होता जो अब नहीं हो रहा है? सरकार एक धर्म विशेष को प्रमोट कर रही है, बाकियों के लिए बंदिशें लगा रही है, हिंदू राष्ट्र में भी तो यही सब हो रहा होता! इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस शेखर यादव ने कहा था कि 'देश तो बहुसंख्यक के हिसाब से चलेगा...' क्या ऐसा ही नहीं हो रहा है? संविधान ऐसे ही तो खत्म होता है। क्या ये वही प्रक्रिया नहीं है? सोचिएगा! संविधान वास्तव में ही खत्म किया जा रहा है। संविधान द्वारा बनाए गए पंथनिर्पेक्ष धर्मनिर्पेक्ष राष्ट्र को सत्ताधारी दल द्वारा हिंदू तुष्टिकरण किया जाना, किस ओर इशारा कर रहा है?