श्री कृष्ण ...
जो प्राणी गर्भ गीता का विचार करता है सो पुरुष फिर गर्भवास में नही आता है
सुप्रभात,
World Cup T 20 ki hardik shubhkamnaye
पूरे देश के लिए हर्ष का अवसर
रोहित शर्मा विराट कोहली सूर्य कुमार यादव
सब के सुंदर प्रयास ...क्रिकेट भी एक ग्लैमर सामाजिक संस्था नही मात्र ऊर्जा का प्रबंधन
वैश्विक एकता की ओर संवाद खेल के माध्यम से
स्वस्थ शरीर ,स्वस्थ संबंध, स्वस्थ विचार होने की संभावना बढ़ सकती थी पर आज मात्र नाम,यश, ऐश,विज्ञापन हेतु ....
प्रति मानव की खेल स्पर्धा को उत्प्रेरित कौन करेगा ????
यश प्राप्त करके सहज समाज निर्माण प्रक्रिया में मानव कितना सहयोगी बन सकता है ??
वह दया कर सकता है
अस्पताल बना सकता है
लाइब्रेरी बना सकता है..
अपनी पहचान से बने income sources से युवाओं को रोजगार भी दे सकता है?
ममता चाहे जिस मानव में हो ..वही पोषित करने में सक्षम है जो पोषित नही कर सकता शोषित ही करेगा।
कोई संस्था ,पार्टी या धर्म ,मत ,पंथ,मनुष्य ममता(संवेदनशीलता) धारण करेगा ...पर कैसे ये धारण की जा सकती है क
सुप्रभात,
माता कैसे निर्माता बन सकती है?
उसके पास कुछ भी है तो सिर्फ ममता की शक्ति है?
ममता की शक्ति अर्थात प्रेम की शक्ति
इस ममता की शक्ति का उपयोग Nancy Tyagi की मां ने किया और कहा अपने भाई से कि बेटी का विवाह नही करूंगी पढ़ाऊंगी,बेटे को नही पहले बेटी को मजबूत बनाऊंगी सत्य हुआ वो माता निर्माता बन ही गई ।
बरनावा से गुजरती है मेरी गाड़ी बहुत लोग है परिचित ,घूमी हूं वहां चुनाव में ...
पूरे भारत में घूमता हुआ पहिया गाड़ी का
माता तू निर्माता बन जा की ध्वनि के साथ
सुप्रभात
विषय रहित अर्थात विष रहित
कोई मांग नही हो तो
जीवन में आपाधापी न हो तो
जीवन में अपने अस्तित्व का भय ही न हो तो
मस्त मानव सबसे प्रेम करेगा ही करेगा
जापान की शादियां रिश्ते मानव के लिए हास्य
तकनीकी होकर समृद्ध होकर क्या पाया,इतने भूकंप भी न भयभीत कर सके
भय काम की चीज है कभी कभी
अति तो हर चीज हर बात की वर्जित ही है..चाहे अंबानी की जीवन शैली ही क्यों न हो.
तात्विक स्तर पर जीवन अघोर भाव अर्थात कुछ भी त्याज्य या घृणा हेतु नही फिर सनातन संस्कृति को समझना सचमुच बड़ी चुनौती है ...
प्रकृति प्रसन्न
होगी
जब आप प्रसन्न होंगे
Live 9
Date
तिथि
सुप्रभात,
माता जीजाबाई की पुण्य तिथि है आज उन्हे श्रद्धासुमन अर्पित करते है ,
भारत माता की गोद में पली हर माता को निर्माता बनना ही होगा...
तार्किक संतान
भय रहित निडर संतान
धर्म की सही परिभाषा अब नारी को ही समझनी भी होगी और अपनी संतान को समझानी भी होगी,
पुरुषो के कंधे बोझिल है इसीलिए अब बोर हो चुके है उन्हे कुछ नया रचनात्मक समझ आ भी जाए तो भी अधिक दूर तक चलना संभव नहीं
नारी सिंगवाने का काम अच्छा करती है ।पुरुष प्रधानता से मुक्त होने वाले युवाओं की आवश्यकता है ,आज नारी की यात्रा बड़ी चुनौती से..
कबीर को ईश्वर कहने वाले ....
कबीर लोकतंत्र की कमजोर कड़ियों को संभालने वाले ईश्वर= इह स्वर अर्थात शब्दो के धनी
हरिवंश राय बच्चन की मधुशाला हो
या
राम धारी सिंह *दिनकर * जी की लोकतांत्रिक चेतना
Kahiye man ki baat Masha Meditation Indu Singh Indu Singh Prem Andolan [प्रेम आन्दोलन ]
सुप्रभात,
बाहर काम करने वाली महिलाएं क्या अधिक चेतना अर्जित कर सकती है..
घर में रहकर अध्ययनशील रहना संभव है क्या?
चेतना पेय
धन कमाना उद्देश्य या बड़ी सोच ?
सूर्य के सौर तूफान का मंगल ग्रह पर प्रभाव
कवि अज्ञेय की का आप्त मन
आंख जिनसे न भी मेरी मिले
जिनको किंतु मेरी चेतना पहचानती हो
धूप मुझ पर जो न छाई हो
किंतु जिसकी ओर मेरे रूद्ध जीवन की कुटी की खिड़कियां खुलती रही है...कवि अज्ञेय
17 जून 2024
आज की तिथि ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी
Live 8
सुप्रभात ,
1.अपना हाथ जगन्नाथ
2.सुंदर बन युवा रहे कब तक क्यों
3.लंबी आयु पाए कब तक क्यों
4.मां के प्रेम में nancy ने बनाया fancy, tyag रही डर
5. गुड़हल की बाते ...
6.इधर उधर की बात आज की बात
7.अखबार की बात
8.लड़कियों की शादी से घबराहट
9.चूल्हे ,हल की खेती ,देशी नस्ल के कुत्ते गाय बैल
लाइव 6
दिनांक 12/6/2024
नाच मेरी बुलबुल तुझे पैसा मिलेगा
बन के रह गया ..नारी को स्वयं अपना सदुपयोग सोचना समझना ही होगा..
सुप्रभात,
प्रकाशित नारी की परिभाषा
प्रेम की परिभाषा
चाय पे चर्चा का संस्कार
चाय भी कैसी?
शर्मा चायवाला लखनऊ
राजनीतिक coffee house
एक अभिव्यक्त नारी से संवाद .....
Live.5
Date...11/6/2024
तिथि..ज्येष्ठ शुक्ल पंचमी
दिन मंगलवार
सुप्रभात
मोदी सरकार 3.0 सभी को बहुत बधाई
जयंत चौधरी ने इंग्लिश में शपथ ली शायद वो दक्षिण भारत तक अपनी आवाज ....
समझ नही आया किसान नेता की ऐसी नीति शायद कुछ अच्छा ही हो मोदी जी के नेतृत्व में,
लोकतंत्र को अभी और बहुत सुंदर ,स्वस्थ ,सुदृढ़ होना होगा...
रिश्ते निभाना प्रेम क्यों ?
रिश्तों से भय क्यों
छलक जाए वही जो है हृदय में जरा सी भी हवा चले या धक्का लगे.भावनाओ को
प्रेम भरा होगा हृदय रूपी गिलास में तो हर हाल में छलकेगा...मान अपमान का अंतर ही नही
प्रेम में राजनीति या राजनीति में प्रेम से प्रकाशित आत्माएं..
Live 4
Date 10 June 2024
दिन सोमवार
तिथि ज्येष्ठ शुक्ल चतुर्थी
Mata Nirmata
Kahiye man ki baat
भाजपा सहयोगी नारी शक्ति संगठन
Indu Singh
Indu Singh
Masha Meditation
Prem Andolan [प्रेम आन्दोलन ]
प्रेम प्रकाशित बहन,बेटी,भाभी,मां ,मित्र,पत्नी है क्या कोई आपके जीवन में
प्रेम ही आत्मा को प्रकाशित कर सकता है ...
प्रेम प्रकाशित आत्मा वाली नारी आपके घर में,आपके परिचितों में या आपके रिश्तेदारों में कोई हो तो गौर कीजिए ...
मां का रूप हो तो उससे लाभार्थी बन सकते है ...
Live.3
9/6/2024
प्रकाशित नारी की परिभाषा क्या है?
प्रकाशित नारी की परिभाषा क्या है?
शिक्षा क्यों आवश्यक है?
उत्साह
आवेग
और
अति से अवरुद्ध होती मति की गति
कंगना ने भी इतनी बड़ी हस्ती बनकर भी खुद को गंभीर नही किया बस एक्टिंग की,गंभीरता की अर्थात कला,पैसा ,और राजनीति में सफलता भी मनुष्य को गहराई देने में सक्षम नही???
नौकरी वो भी सिक्योरिटी में ऐसी महिलाओं की
जिनकी ऊर्जा पर उनका कोई नियंत्रण नहीं , सम्मान ,गरिमा की सुरक्षा नही कर सकी
Zed security का बना आधार पुनः
कंगना को माननीय नही मानेंगे क्या पंजाब वाले?किसान आंदोलन वाले?
Live.2
Date 8/62024
ओशो की ये बात सही तो है परंतु अति साधारण मस्तिष्क हेतु
जबकि प्रत्येक दार्शनिक का जन्म प्रश्नों को खड़ा करने मात्र के लिए नही नित नवीन चेतना स्वर जागृत करने को होता है..
ओशो कह रहे एक रील में
....तुम्हारी.अधिकतर समस्याएं बोलने से पैदा होती। है...
मैं किसी की बात को गलत सही के संकुचित दायरे से बाहर मानकर ही विश्लेषण अध्ययन करती हूं..
ओशो की ये बात सही तो है परंतु अति साधारण मस्तिष्क हेतु
जबकि प्रत्येक दार्शनिक का जन्म प्रश्नों को खड़ा करने मात्र के लिए नही नित नवीन चेतना स्वर जागृत करने को होता है..
1.Live...date ...7/6/2024
44 साल हुए उस ग्रामीण लड़की की
शादी को
उम्र हुई 65
और
बोलने की कला न आई
उपहास करना खूब आया
न बड़ा ना छोटा किसी का भी लिहाज नही
ऐसे मजाकियां महिलाए कैसी सास कैसी बहु कैसी ननद कैसी बहन कैसी मां हो सकती है
जैसी भी होंगी पर किसी का सम्मान प्यार पाकर भी उसकी कद्र नहीं कर सकती किसी के शुभ के लिए प्रार्थना नही कर सकती
ऐसी महिलाएं माता निर्माता हो सकती है क्या....???
शायद कभी नही हो सकती
बेटो बेटी को जन्म तो देती होंगी ..पर प्रेम सम्मान नही सिखा सकती
झेलना पड़ता होगा इन्हे ...
आखिर ये जीवन के कमजोर पक्ष कोई संदेश देते है इन्हे देखकर एक बात सिद्ध होती दिखती है
शब्द ही गैर को अपना बना दे
शब्द ही अपने को गैर बना दे...