![नेशनल हाइवे 24 पर ही पड़ने वाला इटौंजा जो कि परमार राजवंश से ताल्लुख रखता है ,सन 1954 से जायके के मामले में आज ये नगर खा...](https://img3.medioq.com/625/768/992003236257680.jpg)
02/12/2024
नेशनल हाइवे 24 पर ही पड़ने वाला इटौंजा जो कि परमार राजवंश से ताल्लुख रखता है ,सन 1954 से जायके के मामले में आज ये नगर खासा आगे है। इटौंजा रेलवे स्टेशन के ठीक सामने दिखने वाली ये दुकान खास पेड़े के लिए चर्चित है।
इटौंजा का मशहूर पेड़ा जिसको कभी प्रेम चन्द्र शुक्ला जी ने 70 वर्ष पहले इसी जगह से शुरू किया था इनके दुकान के ठीक पीछे इटौंजा रेलवे स्टेशन दिखता है,उस दौर से लेकर आज के दौर के बीच मे चूल्हे के तौर पर बस लकड़ी और कोयले का ही इस्तेमाल होते आ रहा है।
दूसरी पीढ़ी के तौर पर ये दुकान स्वर्गीय महेंद्र कुमार शुक्ला जी के हाथ में आई और अब तीसरी पीढ़ी के तौर पर इसका कार्यभार अभिषेक शुक्ला के हाथ में है, सिम्पल और आर्डिनरी सी दिखने वाली ये दुकान बस एक गुमटी में ही सीमित है।
उस दौर मे 25 पैसे से लेकर 1 रुपए तक में इस पेड़े की बिक्री होती थी,लखनऊ से जब आप वाया नेशनल हाइवे 24 से सीतापुर की तरफ बढ़ते हैं तो 31 किलोमीटर की दूरी पर पड़ने वाले इटौंजा नगर इस खास जायके की पेशकश करता दिखता है।
गुमटी के दाएं बाएं जब आप गौर करेंगे तो दोपहर 2 बजे के करीब क्यूंटल में खोए की घुटाई होते दिखेगी और चिश्ती मे उंगलियों की छपाई के मदद से पेड़े की तैयारी होते मिलेगी,240 रुपए किलो के दर से पेड़े का रेट आज की तारीख में है।
Location 👉 in front of Itaunja Railway Station
Outlet name 👉 prem mishthan bhandaar since 1954
Rate 👉 240/–kg