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  Everyone प्यारेलाल आवारा  कवि गीतकार एवं शायर कहानीकार Preeti singh
20/12/2023

Everyone प्यारेलाल आवारा कवि गीतकार एवं शायर कहानीकार Preeti singh

27/11/2023

04/11/2023
03/11/2023

. 🌷 *03 नवम्बर* 🌷

*🌹" प्रथम परमवीर चक्र विजेता 'मेजर सोमनाथ शर्मा' जी की आज पुण्यतिथि है !!"🌹*

*जन्म : 31 जनवरी 1923*
*वीरगति : 03 नवंबर 1947*

*"आज काश्मीर का जो हिस्सा भारत के पास है, उसका श्रेय जिन वीरों को है, उनमें से मेजर सोमनाथ शर्मा जी का नाम अग्रणी है।*
*31 जनवरी, 1923 को ग्राम डाढ (जिला कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश) में मेजर जनरल अमरनाथ शर्मा के घर में सोमनाथ जी का जन्म हुआ। इनके गाँव से कुछ दूरी पर ही प्रसिद्ध तीर्थस्थल चामुण्डा नन्दिकेश्वर धाम है। सैनिक परिवार में जन्म लेने के कारण श्री सोमनाथ शर्मा वीरता और बलिदान की कहानियाँ सुनकर बड़े हुए थे। देशप्रेम की भावना उनके खून की बूँद-बूँद में समायी थी।*

*इनकी प्रारम्भिक शिक्षा नैनीताल में हुई थी। इसके बाद इन्होंने प्रिन्स आफ वेल्स रायल इण्डियन मिलिट्री कॉलेज, देहरादून से सैन्य प्रशिक्षण लिया। 22 फरवरी 1942 को इन्हें कुमाऊँ रेजिमेण्ट की चौथी बटालियन में सेकण्ड लेफ्टिनेण्ट के पद पर नियुक्ति मिली। इसी साल इन्हें डिप्टी असिस्टेण्ट क्वार्टर मास्टर जनरल बनाकर बर्मा के मोर्चे पर भेजा गया। वहाँ इन्होंने बड़े साहस और कुशलता से अपनी टुकड़ी का नेतृत्व किया।*

*15 अगस्त, 1947 को भारत के स्वतन्त्र होते ही देश का दुखद विभाजन भी हो गया। जम्मू कश्मीर रियासत के राजा हरिसिंह असमंजस में थे। वे अपने राज्य को स्वतन्त्र रखना चाहते थे। दो महीने इसी कशमकश में बीत गये। इसका लाभ उठाकर पाकिस्तानी सैनिक कबाइलियों के वेश में कश्मीर हड़पने के लिए टूट पड़े।*

*वहाँ सक्रिय शेख अब्दुल्ला कश्मीर को अपनी जागीर बनाकर रखना चाहता था। रियासत के भारत में कानूनी विलय के बिना भारतीय शासन कुछ नहीं कर सकता था। जब राजा हरिसिंह ने जम्मू कश्मीर को पाकिस्तान के पंजे में जाते देखा, तब उन्होंने भारत के साथ विलय पत्र पर हस्ताक्षर किये।*

*इसके साथ ही भारत सरकार के आदेश पर सेना सक्रिय हो गयी। मेजर सोमनाथ शर्मा जी की कम्पनी को श्रीनगर के पास बड़गाम हवाई अड्डे की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गयी। वे केवल 100 सैनिकों की अपनी टुकड़ी के साथ वहाँ डट गये। दूसरी ओर सात सौ से भी अधिक पाकिस्तानी सैनिक जमा थे। उनके पास शस्त्रास्त्र भी अधिक थे; पर साहस के धनी मेजर सोमनाथ शर्मा जी ने हिम्मत नहीं हारी। उनका आत्मविश्वास अटूट था। उन्होंने अपने ब्रिगेड मुख्यालय पर समाचार भेजा कि जब तक मेरे शरीर में एक भी बूँद खून और मेरे पास एक भी जवान शेष है, तब तक मैं लड़ता रहूँगा।*

*दोनों ओर से लगातार गोलाबारी हो रही थी। कम सैनिकों और गोला बारूद के बाद भी मेजर सोमनाथ जी की टुकड़ी हमलावरों पर भारी पड़ रही थी। 3 नवम्बर, 1947 को शत्रुओं का सामना करते हुए एक हथगोला मेजर सोमनाथ के समीप आ गिरा। उनका सारा शरीर छलनी हो गया। खून के फव्वारे छूटने लगे। इस पर भी मेजर साहिब ने अपने सैनिकों को सन्देश दिया - इस समय मेरी चिन्ता मत करो। हवाई अड्डे की रक्षा करो। दुश्मनों के कदम आगे नहीं बढ़ने चाहिए... यह सन्देश देतेे हुए मेजर सोमनाथ शर्मा ने देश सेवा में अपने प्राणों की आहुति दे दी ।*

*उनके बलिदान से सैनिकों का खून खौल गया। उन्होंने तेजी से हमला बोलकर शत्रुओं को मार भगाया। यदि वह हवाई अड्डा हाथ से चला जाता, तो पूरा कश्मीर आज पाकिस्तान के कब्जे में होता। मेजर सोमनाथ शर्मा जी को मरणोपरान्त ‘परमवीर चक्र’ से सम्मानित किया गया। शौर्य और वीरता के इस अलंकरण के वे स्वतन्त्र भारत में प्रथम विजेता हैं। सेवानिवृत्त सेनाध्यक्ष जनरल विश्वनाथ शर्मा इनके छोटे भाई हैं।*
*हमारे देश के रक्षक वीरों को शत शत नमन व भावपूर्ण
श्रद्धांजलि...!!!"*
Preeti singh प्यारेलाल आवारा कवि गीतकार एवं शायर कहानीकार

20/10/2023

Preeti singh

16/10/2023

*नवरात्रि के प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है।*_

माँ दुर्गा अपने पहले स्वरूप में ‘शैलपुत्री’ के नाम से जानी जाती है | पर्वतराज हिमालय के वहाँ पुत्री के रूप में उत्पन्न होने के कारण इनका यह ‘शैलपुत्री’ नाम पड़ा था | वृषभ-स्थिता इन माताजी के दाहिने हाथ में त्रिशूल और बायें हाथ में कमल-पुष्प सुशोभित है | यही नव दुर्गाओं में प्रथम दुर्गा हैं |
अपने पूर्व जन्म में ये प्रजापति दक्ष की कन्या के रूप में उत्पन्न हुई थीं | तब इनका नाम ‘सती’ था | इनका विवाह भगवान् शंकरजी से हुआ था | एक बार प्रजापति दक्ष ने एक बहुत बड़ा यज्ञ किया | इसमें उन्होंने सारे देवताओं को अपना-अपना यज्ञ-भाग प्राप्त करने के लिये निमन्त्रित किया | किन्तु शंकरजी को उन्होंने इस यज्ञ में निमन्त्रित नहीं किया | सती ने जब सुना कि हमारे पिजा एक अत्यन्त विशाल यज्ञ का अनुष्ठान कर रहे हैं, तब वहाँ जाने के लिये उनका मन विकल हो उठा | अपनी यह इच्छा उन्होंने शंकरजी को बतायी | सारी बातों पर विचार करने के बाद उन्होंने कहा – “प्रजापति दक्ष किसी कारणवश हमसे रुष्ट हैं | अपने यज्ञ में उन्होंने सारे देवताओं को निमन्त्रित किया है | उनके यज्ञ-भाग भी उन्हें समर्पित किये हैं, किन्तु हमें जान-बूझकर नहीं बुलाया है | कोई सूचना तक नहीं भेजी है | ऐसी स्थिति में तुम्हारा वहाँ जाना किसी प्रकार भी श्रेयस्कर नहीं होगा |” शंकरजी के इस उपदेश से सती का प्रबोध नहीं हुआ | पिता का यज्ञ देखने, वहाँ जाकर माता और बहनों से मिलने कि उनकी व्याग्रता किसी प्रकार भी कम न हो सकी | उनका प्रबल आग्रह देखकर भगवान् शंकरजी ने उन्हें वहाँ जाने की अनुमति दे दी |

सती ने पिता के घर पहुँचकर देखा कि कोई भी उनसे आदर और प्रेम के साथ बात-चीत नहीं कर रहा है | सारे लोग मुँह फेरे हुए हैं | केवल उनकी माता ने स्नेह से गले लगाया | बहनों की बातों में व्यंग्य और उपहास के भाव भरे हुए थे | परिजनों के इस व्यवहार से उनके मनको बहुत क्लेश पहुँचा | उन्होंने यह बी देखा कि वहाँ चतुर्दिक भगवान् शंकरजी के प्रति तिरस्कार का भाव भरा हुआ है | दक्ष ने उनके प्रति कुछ अपमानजनक वचन भी कहे | यह सब देखकर सती का ह्रदय क्षोभ, ग्लानि और क्रोध से सन्तप्त हो उठा | उन्होंने सोचा भगवान् शंकरजी की बात न मान, यहाँ आकर मैंने बहुत बड़ी गलती की है |
वह अपने पति भगवान् शंकर के इस अपमान को सह न सकीं | उन्होंने अपने उस रूप को तत्क्षण वहीँ योगाग्नि द्वारा जलाकर भस्म कर दिया | वज्रपात के समान इस दारुण-दु:खद घटना को सुनकर शंकरजी ने क्रुध्द हो अपने गणों को भेजकर दक्ष के उस यज्ञ का पूर्णत: विध्वंस करा दिया |
सती ने योगाग्नि द्वारा अपने शरीर को भस्मकर अगले जन्म में शैलराज हिमालय की पुत्री के रूप में जन्म लिया | इस बार वह “शैलपुत्री” नाम से विख्यात हुई | पार्वती, हैमवती भी उन्ही के नाम हैं | उपनिषद की एक कथा के अनुसार इन्हीं ने हैमवती स्वरूप से देवताओं का गर्व-भंजन किया था |
‘शैलपुत्री’ देवी का विवाह भी शंकरजी से ही हुआ | पूर्वजन्म कि भाँति इस जन्म में भी वह शिवजी कि अर्धांगिनी बनीं | नव दुर्गाओं में प्रथम शैलपुत्री दुर्गा का महत्व और शक्तियाँ अनन्त हैं | नवरात्र-पूजन में प्रथम दिवस इन्हीं कि पूजा और उपासना की जाती है | इस प्रथम दिन की उपासना में योगी अपने मन को ‘मूलाधार’ चक्र में स्थित करते हैं | यहीं से उनकी योगसाधना का प्रारम्भ होता है | Preeti singh

04/10/2023

🌸🌺🌸🕉️🌸🌺🌸*
*"जीवन एक TEST है.."*
*"खुशी के पलों में REST है.."*
*"ज्यादा सोचना WASTE है.."*
*"हम खुद ही इस जगत में GUEST हैं.."*
*"इसलिए जीयो और दूसरों को भी जीने दो.."*
*"यही सबसे BEST है*
🦚 *जय श्री कृष्णा*🦚

Radhe Radhe
01/10/2023

Radhe Radhe

30/09/2023

Big shout out to those who’ve recently engaged with me!

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