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लखनऊ । उत्तर प्रदेश के चिकित्सा विभाग ने 9 वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों के किया स्थानांतरण । लिस्ट साथ में संलग्न         ...
19/01/2025

लखनऊ । उत्तर प्रदेश के चिकित्सा विभाग ने 9 वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों के किया स्थानांतरण । लिस्ट साथ में संलग्न

19/01/2025

यूपी के 20 पीसीएस अफसरों के प्रमोशन का रास्ता साफ हो गया 31 जनवरी को आईएएस बनाने के लिए विभागीय कमेटी की बैठक (डीपीसी) कराने की तैयारी है इसमें वर्ष 2008, 2009 व 2010 के पीसीएस अधिकारियों को पदोन्नति देने का प्रस्ताव रखा जाएगा।

19/01/2025

महाकुम्भ 2025: श्रद्धालुओं के अमृत स्नान की लाइफ लाइन बने पीपे के पुल

40 वर्ग किलोमीटर में फैला महाकुम्भ, 25 सेक्टरों में विभाजित

पीपे के पुल श्रद्धालुओं के सुगम आवागमन का बने मुख्य साधन

संगम क्षेत्र और अखाड़ों को गंगा नदी के बीच जोड़ते हैं पीपे के पुल

महाकुम्भनगर, 19 जनवरी।
महाकुम्भ के भव्य आयोजन में पीपे के पुलों की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण हो गई है। विराट आयोजन में संगम क्षेत्र और अखाड़ा क्षेत्र के बीच पीपे के पुल अद्भुत सेतु का काम कर रहे हैं। प्रशासन ने 40 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले मेले को 25 सेक्टरों में विभाजित किया है। पीपे के पुल महाकुम्भ का अभिन्न अंग हैं। ये पुल कम रखरखाव वाले होते हैं, लेकिन इनकी 24 घंटे निगरानी जरूरी होती है।

पीपे के पुल: प्राचीन तकनीक और आधुनिकता का अद्भुत संगम
लोक निर्माण विभाग के अभियंता आलोक कुमार ने बताया कि पीपे के पुल अस्थायी पुल है। पानी की सतह पर तैरने वाले लोहे के बड़े खोखले डिब्बों (पांटून) के सहारे बनाया जाता है। इन्हें प्रयागराज में आम बोलचाल की भाषा में ‘पीपे का पुल’ कहा जाता है। महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं को सहज आवाजाही देने के लिए बनाए गए ये पुल न केवल आम नागरिकों बल्कि 13 अखाड़ों की भव्य छावनी प्रवेश और अमृत स्नान, राजसी स्नान के दौरान रथ, हाथी-घोड़े और 1,000 से अधिक वाहनों के आवागमन को भी सुनिश्चित कर रहे हैं।

15 महीनों में 30 पीपे के पुलों का 2213 पांटून से निर्माण
अगस्त 2023 में उन्हें इस विराट कार्य की जिम्मेदारी दी गई थी। महाकुम्भ के लिए 30 पीपे के पुलों के निर्माण में 2,213 पांटून (विशाल लोहे के खोखले डिब्बे) का उपयोग किया गया, जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। इस परियोजना में 1,000 से अधिक मजदूरों, इंजीनियरों और अधिकारियों ने 14-14 घंटे तक काम किया। अक्टूबर 2024 तक इन पुलों का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया और मेला प्रशासन को सौंप दिया गया।

विशाल लोहे के पांटून क्रेनों से नदी में किए गए स्थापित
गंगा नदी पर 30 पीपे के पुलों का निर्माण महाकुम्भ में अब तक का सबसे बड़ा कार्य है। मेले के समापन के बाद इन पुलों को हटाकर अन्य स्थानों पर संग्रहीत कर दिया जाएगा। "मजबूत लोहे की चादरों से बने खोखले पांटून को क्रेन की मदद से नदी में उतारा जाता है। फिर इन पर गर्डर रखकर नट और बोल्ट से सुरक्षित किया जाता है। बाद में हाइड्रोलिक मशीनों से पांटून को सही जगह पर फिट किया जाता है। इसके बाद लकड़ी की मोटी पट्टियों, बलुई मिट्टी और लोहे के एंगल से पुल को और अधिक स्थायित्व दिया जाता है। अंत में पुल की सतह पर चकर्ड प्लेटें लगाई जाती हैं ताकि श्रद्धालुओं और वाहनों के आने जाने के लिए सतह मजबूत बनी रहे।

पांच टन वजन वाले पांटून कैसे तैरते हैं? आर्किमिडीज सिद्धांत का कमाल

एक पांटून का वजन लगभग 5 टन होता है, फिर भी यह पानी में तैरता है। इसका रहस्य आर्किमिडीज के सिद्धांत में छिपा है। पीडब्ल्यूडी अभियंता आलोक कुमार ने बताया, "जब कोई वस्तु पानी में डूबी होती है, तो वह अपने द्वारा हटाए गए पानी के बराबर भार का प्रतिरोध झेलती है। यही सिद्धांत भारी-भरकम पांटून को पानी में तैरने में मदद करता है।" पुलों की डिजाइन इस तरह बनाई गई है कि यह 5 टन तक का भार सहन कर सकते हैं। यदि इस सीमा से अधिक भार डाला जाए, तो पुल के क्षतिग्रस्त होने या डूबने का खतरा बढ़ जाता है। इसीलिए पुलों पर भीड़ प्रबंधन बेहद जरूरी होता है।

17.31 करोड़ की लागत से बने 30 पुल, नागवासुकी मंदिर पुल सबसे महंगा

30 पीपे के पुलों के निर्माण में 17.31 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। इनमें से नाग़वासुकी मंदिर से झूसी तक बना पुल सबसे महंगा (1.13 करोड़ रुपये) पड़ा, जबकि गंगेश्वर और भारद्वाज पुल की लागत 50 लाख से 89 लाख रुपए के बीच रही।

ढाई हजार साल पुरानी है पीपे के पुल की तकनीक

पीपे के पुलों की तकनीक 2,500 वर्ष पुरानी है। पहली बार इनका उपयोग 480 ईसा पूर्व में फारस के सम्राट ज़र्क्सीस प्रथम (Xerxes I) ने ग्रीस पर आक्रमण के दौरान किया था। चीन में भी झोउ राजवंश (11वीं सदी ईसा पूर्व) के दौरान ऐसे पुलों का उपयोग किया जाता था। भारत में पहला पीपे का पुल अक्टूबर 1874 में हावड़ा और कोलकाता के बीच हुगली नदी पर बनाया गया था। इसे ब्रिटिश इंजीनियर सर ब्रैडफोर्ड लेस्ली ने डिजाइन किया था। यह पुल लकड़ी के पोंटून पर टिका था, लेकिन एक चक्रवात के कारण क्षतिग्रस्त हो गया। अंततः 1943 में इसे हटाकर प्रसिद्ध हावड़ा ब्रिज बना दिया गया।

महाकुंभ के बाद पुलों का होगा दोबारा उपयोग

महाकुंभ 2025 के बाद इन पुलों को अलग कर सुरक्षित स्थानों पर रखा जाएगा। अधिकारियों के अनुसार, कुछ पुलों को सराइनायत (कनिहार), त्रिवेणीपुरम और परेड ग्राउंड, प्रयागराज में संग्रहित किया जाएगा। वहीं, कुछ को उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों में अस्थायी पुलों के रूप में उपयोग किया जा सकता है।

19/01/2025

इटली के प्रतिनिधि मंडल ने सीएम से की मुलाकात, रामायण की चौपाई और शिव तांडव की दी प्रस्तुति

इटली में ध्यान एवं योग सेंटर के संस्थापक एवं प्रशिक्षक माही गुरु ने अपने अनुयायियों के साथ सीएम से की शिष्टाचार भेंट

इटली के दल ने सीएम से साझा किये महाकुम्भ के अपने अनुभव, बोले- भारतीय संस्कृति की गहराई ने उन्हे प्रभावित किया

लखनऊ, 19 जनवरी: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से रविवार को इटली से आए एक प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात की। प्रयागराज महाकुम्भ से लौटीं इटली की महिलाओं ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने रामायण की चौपाई, शिव तांडव और कई भजनों की प्रस्तुतियां दीं। इससे पूरा माहौल भक्तिमय हो गया। इस दौरान सभी ने अपने अनुभव भी साझा किये। बता दें कि इटली में ध्यान एवं योग सेंटर के संस्थापक एवं प्रशिक्षक माही गुरु के नेतृत्व में उनके अनुयायियों ने सीएम से शिष्टाचार भेंट की।

महाकुम्भ में स्नान करने के बाद सीएम से की मुलाकात
प्रयागराज महाकुम्भ का आयोजन न केवल भारतीयों बल्कि विदेशी मेहमानों को भी अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। ऐसे में इटली से आए एक प्रतिनिधि मंडल ने संगम में पवित्र स्नान किया और भारतीय परंपराओं को गहराई से अनुभव किया। प्रतिनिधि मंडल की महिलाओं ने महाकुंभ में नागा साधुओं, भजन-कीर्तन और धार्मिक अनुष्ठानों का हिस्सा बनकर आध्यात्मिक अनुभव हासिल किया। महाकुंभ से लौटने के बाद प्रतिनिधि मंडल की महिलाओं ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने अपने अनुभव साझा किए।
महिलाओं ने बताया कि महाकुम्भ का आयोजन न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, परंपराओं और आध्यात्मिकता का जीवंत प्रदर्शन भी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ हुई मुलाकात के दौरान इटली से आई महिलाओं ने रामायण की चौपाई, शिव तांडव और कई भजन प्रस्तुत किये। महिलाओं ने कहा कि भारतीय संस्कृति की गहराई और इसकी आध्यात्मिकता ने उन्हें गहराई से प्रभावित किया है।

लखनऊ : नवांगत जिलाधिकारी विशाख जी कोषागार में पदभार ग्रहण करते हुए।
19/01/2025

लखनऊ : नवांगत जिलाधिकारी विशाख जी कोषागार में पदभार ग्रहण करते हुए।

17/01/2025

सचिन की बात : बिहार मे युवाओ के पसंद बनते जा रहे प्रशांत किशोर, तेजस्वी और नीतीश के खड़े हुए कान, बिहार की राजनीति में बदलाव के संकेत

12/01/2025

प्रयागराज : बड़ा पंचायती उदासीन अखाड़ा की छावनी प्रवेश आज! आज कीडगंज क्षेत्र से शुरू होगी पेशवाई।

12 अखाड़ा के साधु संत छावनी प्रवेश कर चुके हैं। आज शाही अंदाज में बड़ा उदासीन अखाड़ा के संत होंगे शामिल। कुंभ मेला क्षेत्र में करेंगे छावनी प्रवेश।

12/01/2025

प्रयागराज में महाकुंभ मेला का पहला स्नान पर्व कल होगा प्रशासन ने पूरी तैयारी की है, दो दर्जन स्नान घाटों पर स्नान होगा पौष पूर्णिमा स्नान के साथ कल्पवासी कल्पवास शुरू करेंगे मेला क्षेत्र में वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित है।

दुनिया के नक्शे 😲 का अंतनुल्लरबोर क्लिफ्स दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के नुल्लरबोर मैदान में 200 किलोमीटर लंबी चट्टान है।---> स्थ...
12/01/2025

दुनिया के नक्शे 😲 का अंत

नुल्लरबोर क्लिफ्स दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के नुल्लरबोर मैदान में 200 किलोमीटर लंबी चट्टान है।

---> स्थान: चट्टानें नुल्लरबोर रोडहाउस से 20 किलोमीटर पूर्व में स्थित हैं।

---> विशेषताएं: चट्टानें 60-120 मीटर ऊंची हैं और चूना पत्थर, क्रिस्टलीय चट्टान और हवा से उड़ने वाली रेत की एक कठोर परत से बनी हैं। कुछ परतों में समुद्री जीवाश्म होते हैं।

---> गठन: चट्टानों का निर्माण तब हुआ जब ऑस्ट्रेलिया लगभग 65 मिलियन वर्ष पहले अंटार्कटिका से अलग हो गया।

11/01/2025

कन्नौज : कन्नौज रेलवे स्टेशन पर लेंटर गिरने से बड़ा हादसा, मलबे में दबे कई मजदूर, 23 लोगों को निकाला गया

11/01/2025

#लखनऊ: कक्षा 8 वीं तक के सभी स्कूलों में 14 जनवरी तक अवकाश, लखनऊ के डीएम सूर्यपाल गंगवार ने 8वीं तक के सभी सरकारी और निजी स्कूलों में 14 जनवरी तक अवकाश घोषित किया है। वहीं, 9वीं से 12वीं तक की कक्षाएं यथासंभव ऑनलाइन आयोजित की जाएंगी।

11/01/2025

मौसम अपडेट- लखनऊ: #यूपी में 02 दिन ताबड़तोड़ बारिश के आसार, लखनऊ से प्रयागराज तक मौसम मारेगा पलटी, ठंड-कोहरे के साथ बरसात का ट्रिपल अटेक होने की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग ने जारी की एडवाइजरी।

11/01/2025

आगरा पुलिस की झूठी रिपोर्ट पर हाईकोर्ट का कड़ा एक्शन, चार पुलिसकर्मी निलंबित
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आगरा : उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में पुलिस विभाग के लिए एक बड़ा झटका सामने आया है। आगरा पुलिस की ओर से हाईकोर्ट में झूठी जानकारी प्रस्तुत करने का मामला उजागर हुआ है, जिसके बाद हाईकोर्ट ने पुलिस कमिश्नर को तलब किया और चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। इस मामले ने आगरा पुलिस महकमे में खलबली मचाई है और प्रशासन के स्तर पर भी सख्त कदम उठाए गए हैं।

क्या है पूरा मामला?
यह मामला सदर थाने का है, जहां पर अंकुर शर्मा नामक एक व्यक्ति ने न्यायालय में मनोज नामक व्यक्ति के खिलाफ चेक बाउंस का मामला दायर किया था। मामले में न्यायालय से पुलिस को कई बार वारंट जारी किए गए थे, लेकिन आगरा पुलिस ने इन वारंटों को तामील नहीं किया। इसके बाद वादी अंकुर शर्मा ने इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर की।

हाईकोर्ट ने जब मामले की सुनवाई शुरू की, तो पुलिस से जवाब मांगा गया। इस पर सदर थाना पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि उन्हें वारंट प्राप्त नहीं हुए हैं। इसके बाद पुलिस कमिश्नरेट के अधिकारियों ने भी यही जानकारी हाईकोर्ट में पेश की।

हाईकोर्ट का कड़ा रुख और पुलिस की झूठी रिपोर्ट
हाईकोर्ट ने आगरा पुलिस की इस रिपोर्ट को गंभीरता से लिया और आगरा न्यायालय से आख्या (नोटिस) मांगी। न्यायालय ने तुरंत वारंट और गैर जमानती वारंट की प्रतियां हाईकोर्ट में भेजी, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि पुलिस ने गलत जानकारी दी थी।

इस पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताते हुए पुलिस कमिश्नर को तलब किया और इस मामले पर स्पष्टीकरण मांगा। हाईकोर्ट के कड़े रुख को देखते हुए पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया, और आनन-फानन में कार्रवाई शुरू कर दी गई।

चार पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई
आगरा पुलिस द्वारा झूठी रिपोर्ट भेजने के मामले में पुलिस कमिश्नर जे रविंद्र गौड़ सन्न रह गए। उन्होंने त्वरित कार्रवाई करते हुए चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। निलंबित किए गए पुलिसकर्मियों में सदर इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार, पूर्व चौकी प्रभारी सीओडी सोनू कुमार और दो कांस्टेबल शामिल हैं।

इसके साथ ही पुलिस कमिश्नर ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एडिशनल पुलिस कमिश्नर को हाईकोर्ट में भेजा, ताकि वह पुलिसकर्मियों के निलंबन की रिपोर्ट पेश कर सकें। पुलिस महकमे के उच्च अधिकारियों का ध्यान इस पर इस बात पर भी था कि कहीं हाईकोर्ट और कोई बड़ी कार्रवाई न कर दे।

पुलिस पर सवाल और प्रशासन की सख्ती
इस घटना से यह सवाल उठ रहा है कि क्या पुलिस विभाग को अपनी जिम्मेदारी पूरी ईमानदारी से निभानी चाहिए? हाईकोर्ट में झूठी रिपोर्ट भेजने का मामला सामने आने से न केवल पुलिस विभाग की छवि पर सवाल खड़े हो गए हैं, बल्कि यह भी साबित हुआ है कि जब तक सही जानकारी नहीं दी जाती, तब तक न्यायालय भी सही फैसले तक नहीं पहुंच सकता।

पुलिस कमिश्नर द्वारा कार्रवाई करना और चार पुलिसकर्मियों को निलंबित करना यह दर्शाता है कि प्रशासन इस मामले को हल्के में नहीं ले रहा है और इस पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।

आगरा पुलिस के द्वारा हाईकोर्ट में दी गई झूठी जानकारी ने पुलिस महकमे के लिए एक बड़ी चुनौती पेश की है। इस मामले के बाद न केवल आगरा पुलिस बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश पुलिस महकमे को सतर्क रहने की जरूरत है। न्यायालय के आदेशों और नियमों का पालन करने के साथ-साथ, अब पुलिस अधिकारियों को इस बात का ध्यान रखना होगा कि किसी भी गलत जानकारी के आधार पर किसी की जिंदगी और कानूनी प्रक्रिया में कोई रुकावट न आये।

07/01/2025

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Lucknow
226016

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