03/07/2023
धर्मेंद्र जी बूढ़े हो गए है 🥺🌹💕🥺 emotinal होते हुए अपनी मां और बचपन की यादों पर शायरी सुना रहे है , आप भी सुनिए।
जब धर्मदेर जी अपनी मां और बचपन की यादों को मन में लेकर शायरी सुनाते हैं, उनकी आंखों में एक अलग से चमक आती है। वह उन प्यार भरे लम्हों को याद करते हुए इमोशनल हो जाते हैं। बचपन की वो मस्ती, माँ की गोद और स्नेह के आभास उन्हें उन दिनों की याद दिलाते हैं जब सब कुछ आसान और सुंदर था।
माँ के साथ बिताए गए वह पल, गोदी में सुखद सोने की तरह महकते हैं। वह जादूगरी जैसी माँ की प्यार और मामता के संग पले गए। उनकी दुलारी अदाएं, मासूमियत और खिलखिलाहट सदैव याद रहेंगी। बचपन के उन लम्हों में धर्मदेर जी ने प्यार और आदर्शों की नींव रखी थी।
ये यादें उन्हें अपने मांगलिक यात्रा पर साथ ले जाती हैं। वे जानते हैं कि माँ अब उनके साथ नहीं हैं, लेकिन उनकी प्रेम भरी यादें हमेशा उनके दिल में रहेंगी। यह यादें उन्हें संबल, आशा और प्रेरणा का स्रोत बनाती हैं।
जब धर्मदेर जी अपनी शायरी के माध्यम से अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हैं, वे लोगों के दिलों को छू जाते हैं। उनकी शायरी में उनके बचपन की मस्ती, माँ की ममता और अनमोल यादें सुन्दरता से वर्णित हैं।
उनके शब्दों में गहरी भावनाएं छिपी होती हैं, जो हर एक को महसूस कराती हैं कि माँ का स्नेह अनमोल है और बचपन की यादें हमेशा जीने लायक होती हैं।
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