24/03/2024
वोट केवल नाली, सडक, पेट्रोल, आलू, टमाटर, प्याज के लिए नहीं दिया जाता .
राष्ट्र की अखंडता, सुरक्षा, स्वाभिमान और धर्म के लिए भी दिया जाता है.
देश प्रेम से बड़ा कोई धर्म नहीं होता, इंसानियत से बड़ी कोई जाति नहीं होती, जय हिंद जय भारत
वोट केवल नाली, सडक, पेट्रोल, आलू, टमाटर, प्याज के लिए नहीं दिया जाता .
राष्ट्र की अखंडता, सुरक्षा, स्वाभिमान और धर्म के लिए भी दिया जाता है.
Jai hind
शहर जाकर बस गया हर शख्स पैसे के लिए ,
ख्वाहिशो ने मेरा पूरा गांव सुना कर दिया.
इस देश मे मंहगाई सिरफ प्याज सब्जी पेट्रोल डीजल फल तेल दालो के भाव से बढती है।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।
कभी मीडिया ने बताया कैसे 1 रू किलो का नमक 15 रू हो गया ।
कैसे वाशिंग पावडर के भाव भी बढाये गये और पैक छोटे होते गये।
कैसे टूथपेस्ट और साबुन छोटे होते गये ओर रेट बढते गये।
कैसे रोजगार के लिये आयोजित परीक्षाओ की फीस बढती गई।
कैसे 30 रू मे मिलने वाले जूते 130 के हो गये।
कैसे मुफ्त पिलाया जाने वाला पानी 20 रू लीटर मे बिक रहा है।
कैसे 50 रू मिलने वाली सीमेंट 300 हो गई।
कैसे सरसो का भाव वही रहा पर सरसो तेल का भाव दुगुना हो गया।
कैसे 35 हजार मे बिकने वाली मोटर सायकल 70000 हजार की हो गइ।
केसे 2 लाख 50 हजार का ट्रेक्टर 6 लाख का हो गया।
कैसे 50 पैसे की इंट 5 रू की हो गई।
कैसे 300 रू का खाद 1200 का हो गया।
कैसे 100 रू की कृषि दवा 500 की हो गई।
कैसे सोयाबीन का रेट 2800 और सोयाबीन बीज का रेट शासन से 5100 हो गया।
कैसे 3600 रू वार्षिक की बिजली एक साल मे 4200 रू वार्षिक हो गई।
कैसे कैसे कैसे कैसे?????????????????????????????
और हा आखिर कैसे बढती महँगाई मे । ।
प्याज 20-25 से 1-2 रू किलो हो गया।
कैसे 10हजार की मैथी 2000 हो गई
कैसे 7000 का मसूर 3000 हो गया।
कैसे कैसे?????????????
अब शायद आपकी समझ मे आ रहा होगा मंहगाई की हई तौबा सिर्फ कृषि उत्पादो की कीमते बढने पर होती है और चीज जो भी भाव मिले कोई बात नही।।।।।।
और तो और पानी 20 रू लीटर का बोटल वाला पीयेंगे पर दूध के 40 रू लीटर पर आंदोलन व खबर बन जायेगी।।
आखिर क्यो सब किसान व कृषि को मिटाने चले है ।।।।।।।।।।
क्यो अन्नदाता को आगे नही बड़ने दे रहे है |
महाराणा प्रताप और महाराजा सूरजमल अपनी जाती के लिए नही लड़े, उन्होंने तो भगवा उठाया था हाथ में और धर्म के लिए लड़े थे। 🚩
जय जवान जय किसान
जय हिंद
“सरकारें आयेंगी,जायेंगी, पार्टियाँ बनेंगी, बिगड़ेंगी मगर यह देश रहना चाहिए”🇮🇳: श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी।
सहज, स्पष्ट,सवेंदशील व्यक्ति, दूरदर्शी राजनेता, ओजस्वी वक्ता, विद्वान साहित्यकार, राष्ट्रवादी कवि तथा प्रखर सांसद , अटल जी का संपूर्ण जीवन राष्ट्र निर्माण में तत्पर रहा।
विरोधियों को साथ लेकर चलने की कला, व भारत में गठबंदन की सरकार का अनुभव करवाने वाले अटल बिहारी जी सबसे अलग थे।
विषम से विषम परिस्थिति का भी बड़ी सहजता से सामना करते थे।आतंकवाद मिटाने व कश्मीर्यत के मुद्दों को बड़ी सहजता से सुलझाने के उनके प्रयास प्रेरक हैं।
उनका उदारवादी दृष्टिकोण उनके महान मानवीय पक्ष को उजागर करता है।
अटल जी सदैव हमारी स्मृति में अटल रहेंगे।🇮🇳🙏
जय हिंद
जिस प्रकार हर एक व्यक्ति यह सिद्धांत दोहराता हैं कि एक देश दूसरे देश पर शासन नहीं कर सकता, उसी तरह उसे यह भी मानना होगा कि एक वर्ग दूसरे वर्ग पर शासन नहीं कर सकता। .
श्याम मीणा जालिमपुरा
सभी समाज बंधुओ को सावन के आखिरी सोमवार की हार्दिक शुभकामनाएं, आज बाबा भोलेनाथ के समक्ष बैठकर हमारे समाज और हमारे देश को मजबूती से आगे बढ़ते रहने के लिए प्रार्थना की हर हर महादेव श्याम मीणा जालिमपुरा
मत्स्य जयंती की आपको हार्दिक शुभकामनाएं भगवान हरि आप सबको स्वस्थ खुश और प्रभावशाली रखें.
पौराणिक कथा : द्रविड़ देश के राजर्षि सत्यव्रत कृतमाला नदी में स्नान कर रहे थे। जब उन्होंने अंजलि में जल लिया तो उनके हाथ में एक छोटीसी मछली आ गई। राजा ने मछली को पुन: नदी के जल में छोड़ दिया। छोड़ते ही मछली ने कहा राजा नदी के बड़े बड़े जीव छोटे जीवों को खा जाते हैं। मुझे भी कोई मारकर खा जाएगा। कृपया मेरे प्राणों की रक्षा करें।यह सुनकर राजा को बड़ा आश्चर्य हुआ। उन्होंने मछली को अपने कमंडल में डाल दिया। लेकिन एक रात में मछली का शरीर इतना बड़ गया कि कमंडल छोटा पड़ने लगा। तब राजा ने मछली को निकालकर मटके में डाल दिया। वहां भी मछली एक रात में बड़ी हो गई। तब राजा ने मछली को निकालकर अपने सरोवर में डाल दिया। अब वह निश्चिंत थे कि सरोवर में वह सुविधापूर्ण तरीके से रहेगी, लेकिन एक ही रात में मछली के लिए सवरोवर भी छोटा पड़ने लगा। यह देखकर राजा को घोर आश्चर्य हुआ। तब राजा समझ गए कि यह कोई साधारण मछली नहीं है। उन्होंने उस मछली के समक्ष हाथ जोड़कर कहा कि मैं जान गया हूं कि निश्चय ही आप कोई महान आत्मा हैं। यदि यह बात सत्य है, तो कृपा करके बताइए कि आपने मत्स्य का रूप क्यों धारण किया है?तब राजर्षि सत्यव्रत के समक्ष भगवान विष्णु ने प्रकट होकर कहा कि हे राजन! हयग्रीव नामक दैत्य ने वेदों को चुरा लिया है। जगत् में चारों ओर अज्ञान और अधर्म का अंधकार फैला हुआ है। मैंने हयग्रीव को मारने के लिए ही मत्स्य का रूप धारण किया है। आज से सातवें दिन भूमि जल प्रलय से समुद्र में डूब जाएगी। तब तक तुम एक नौका बनवा लो और समस्त प्राणियों के सूक्ष्म शरीर तथा सब प्रकार के बीज लेकर सप्तर्षियों के साथ उस नौका पर चढ़ जाना। प्रचंड आंधी के कारण जब नाव डगमगाने लगेगी तब मैं मत्स्य रूप में तुम सबको बचाऊंगा।
तुम लोग नाव को मेरे सींग से बांध देना। तब प्रलय के अंत तक मैं तुम्हारी नाव खींचता रहूंगा। उस समय भगवान मत्स्य ने नौका को हिमालय की चोटी से बांध दिया। उसे चोटी को ‘नौकाबंध’ कहा जाता है।
प्रलय का प्रकोप शांत होने पर भगवान ने हयग्रीव का वध करके उससे वेद छीनकर ब्रह्माजी को पुनः दे दिए। भगवान ने प्रलय समाप्त होने पर राजा सत्यव्रत को वेद का ज्ञान वापस दिया। राजा सत्यव्रत ज्ञान-विज्ञान से युक्त हो वैवस्वत मनु कहलाए। उक्त नौका में जो बच गए थे उन्हीं से संसार में जीवन चला।
कल्पना चावला जी आप हमारे देश का गौरव हो ..
आप को शत-शत नमन
जन्म: 17 मार्च 1962, करनाल, हरियाणा
मृत्यु: 1 फ़रवरी 2003, टेक्सास के ऊपर
कार्यक्षेत्र: अंतरिक्ष यात्री, अंतरिक्ष शटल मिशन विशेषज्ञ
कल्पना चावला भारतीय मूल की अमरीकी अंतरिक्ष यात्री और अंतरिक्ष शटल मिशन विशेषज्ञ थीं। वे अंतरिक्ष में जाने वाली द्वितीय भारतीय और प्रथम भारतीय महिला थीं। कल्पना ‘कोलंबिया अन्तरिक्ष यान आपदा’ में मारे गए सात अंतरिक्ष यात्री दल सदस्यों में से एक थीं। कल्पना की प्रथम अंतरिक्ष उड़ान एस.टी.एस. 87 कोलम्बिया शटल से 19 नवम्बर 1997 से 5 दिसम्बर 1997 के मध्य सम्पन्न हुई। उनकी दूसरी और आखिरी उड़ान 16 जनवरी 2003 को स्पेस शटल कोलम्बिया से शुरू हुई पर दुर्भाग्यवश 1 फरवरी 2003 को कोल्म्बिया स्पेस शटल पृथ्वी पर लैंड करने से पहले ही दुर्घटना ग्रस्त हो गया जिसमे कल्पना चावला समेत अंतरिक्ष यान के सभी 6 यात्री मारे गए।
भारत के ऐसे गौरव जिन्होंने अकेले ही ,भारत की आजादी दिलाने के लिए तमाम कठिनाइयों का सामना करते हुए भारत मां के तिरंगे को फतेह दिलाने के लिए दुश्मनों से जा भिड़े ,ऐसी पुण्य आत्मा के जन्म दिवस पर शत-शत नमन आपके जीवन से यह धरा गदगद हो गई .
जय हिंद जय भारत
कुछ इतिहासकारों का मानना है कि जब नेता जी ने जापान और जर्मनी से सहायता लेने का प्रयास किया था, तो ब्रिटिश सरकार ने अपने गुप्तचरों को 1941 में उन्हें खत्म करने का आदेश दिया था।[3]
नेता जी ने 5 जुलाई 1943 को सिंगापुर के टाउन हाल के सामने 'सुप्रीम कमाण्डर' के रूप में सेना को सम्बोधित करते हुए "दिल्ली चलो!" का नारा दिया और जापानी सेना के साथ मिलकर ब्रिटिश व कामनवेल्थ सेना से बर्मा सहित इम्फाल और कोहिमा में एक साथ जमकर मोर्चा लिया।
21 अक्टूबर 1943 को बोस ने आज़ाद हिंद फौज के सर्वोच्च सेनापति की हैसियत से स्वतंत्र भारत की अस्थायी सरकार बनाई जिसे जर्मनी, जापान, फ़िलीपीन्स, कोरिया, चीन, इटली, मान्चुको और आयरलैंड सहित 11 देशो की सरकारों ने मान्यता दी थी। जापान ने अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह इस अस्थायी सरकार को दे दिए। सुभाष उन द्वीपों में गए और उनका नया नामकरण किया।
1944 को आज़ाद हिंद फौज ने अंग्रेजों पर दोबारा आक्रमण किया और कुछ भारतीय प्रदेशों को अंग्रेजों से मुक्त भी करा लिया। कोहिमा का युद्ध 4 अप्रैल 1944 से 22 जून 1944 तक लड़ा गया एक भयंकर युद्ध था। इस युद्ध में जापानी सेना को पीछे हटना पड़ा था और यही एक महत्वपूर्ण मोड़ सिद्ध हुआ।
6 जुलाई 1944 को उन्होंने रंगून रेडियो स्टेशन से महात्मा गांधी के नाम एक प्रसारण जारी किया जिसमें उन्होंने इस निर्णायक युद्ध में विजय के लिए उनका आशीर्वाद और शुभ कामनाएँ मांगी।[4]
नेताजी की मृत्यु को लेकर आज भी विवाद है।[5] जहाँ जापान में प्रतिवर्ष 18 अगस्त को उनका शहीद दिवस धूमधाम से मनाया जाता है वहीं भारत में रहने वाले उनके परिवार के लोगों का आज भी यह मानना है कि सुभाष की मौत 1945 में नहीं हुई। वे उसके बाद रूस में नज़रबन्द थे। यदि ऐसा नहीं है तो भारत सरकार ने उनकी मृत्यु से संबंधित दस्तावेज अब तक सार्वजनिक नहीं किए क्योंकि नेता जी की मृत्यु नहीं हुई थी। [6]
16 जनवरी 2014 (गुरुवार) को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने नेता जी के लापता होने के रहस्य से जुड़े खुफिया दस्तावेजों को सार्वजनिक करने की मांग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई के लिए विशेष पीठ के गठन का आदेश दिया।[7]
आज़ाद हिन्द सरकार के 75 वर्ष पूर्ण होने पर इतिहास में पहली बार वर्ष 2018 में भारत के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने लाल क़िला पर तिरंगा फहराया।
जय हिंद
शत शत नमन मां जी..
माननीय प्रधानमंत्री जी, मां..शब्द में ही जैसे सृष्टि समाई है। वो दैविक शक्ति स्वरूपा होती है। भारतीय जनता पार्टी राजस्थान परिवार और प्रदेश की जनता की तरफ से मां को भावपूर्ण विनम्र श्रद्धांजलि।
सफला एकादशी, पौष, कृष्ण एकादशी की आपको हार्दिक शुभकामनाएं
जय श्री श्याम 💐🌹
प्रकृति ने अपना प्रकोप तो दिखा दिया ,अब तो किसान का एकमात्र सहारा सरकार है, अगर यह किसान के साथ खड़ी है, तो सही है ,वरना इस बार किसान त्यौहार तो क्या दो टाइम की रोटी भी नहीं खा पाएगा .
जय हिंद
सुख करता जय मोरया,
दुख हरता जय मोरया।
कृपा सिन्धु जय मोरया,
बुद्धि विधाता मोरया।
गणपति बप्पा मोरया,
मंगल मूर्ती मोरया।
गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएं
गौरव,मान- मर्यादा और आत्मसम्मान से बढ कर कीमती जीवन भी नही समझना चाहिए।" ~महाराणा प्रताप
भारत के वीर शूरवीर योद्धा, स्वाभिमान के प्रतीक, स्वतंत्रता के पुंज ,भारत मां के वीर सपूत, हमारे गुरुजी महाराणा प्रताप जी को उनके जन्मदिन अवसर पर हार्दिक शुभकामनाएं .
जय एकलिंग जी
जय मेवाड़
हर साल 14 अप्रैल को मनाई जाती है। भीमराव अंबेडकर (Bhimrao Ambedkar) की जयंती को भारत में समानता दिवस और ज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को ब्रिटिश कोलंबिया, कनाडा में 'अंबेडकर समानता दिवस' के रूप में भी मनाया जाता है। डॉ भीमराव आम्बेडकर जिन्हें डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर (Dr. Baba Saheb Ambedkar) के नाम से भी जाना जाता है, का जन्म दिन 14 को 1891 को मध्य प्रदेश के महू में हुआ था।
भारत के सबसे प्रमुख समाज सुधारकों में से एक, अंबेडकर को भारत की जाति व्यवस्था द्वारा उत्पन्न असमानताओं के खिलाफ उनकी लड़ाई के लिए जाना जाता है। एक दलित परिवार में जन्मे, अंबेडकर अपने समुदाय के शोषण और भेदभाव को देखते हुए बड़े हुए, जिससे उन्हें समानता के लिए आजीवन धर्मयुद्ध शुरू करने के लिए प्रेरणा मिली।
बाबा साहेब की पहचान एक न्यायविद, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक के रूप में रही हैं। वह संविधान निर्माता और आजाद भारत के पहले कानून मंत्री थे। देश के लिए किए गए उनके योगदान को लेकर हर साल उनकी जयंती मनाई जाती है
उत्तरप्रदेश, उतराखण्ड, गोवा और मणिपुर में भाजपा की ऐतिहासिक जीत पर उदयपुर में महापौर और भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ जश्न में।
ॐ त्र्यंम्बकम् यजामहे, सुगन्धिपुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्, मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।
आपको परिवार सहित भक्ति एवं आराधना के महापर्व महाशिवरात्रि की बहुत-बहुत हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं भगवान शिव जी से प्रार्थना है कि समस्त देशवासियों को उत्तम स्वास्थ्य, सुख एवं समृद्धि प्रदान करे
जय_महाकाल
महाशिवरात्रि का दिन आज पूरे मेवाड़ में एकलिंग जी की सवारी के साथ पूरे हर्षोल्लास से मनाया गया, इस सवारी में हमें भी शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ! जय एकलिंग जी जय मेवाड ,
सभी को महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं बाबा आपके जीवन में खुशियां और सुख समृद्धि लेकर आए हैं.
💐💐🌹🌹👏👏
धरती मां के किसान पुत्र
Kota
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